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Adultery स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete)
#12
केबिन में बैठा था मोबाइल में खोया हुआ था पर ध्यान उन दोनो पर ही था । दोनो नॉर्मली बात चीत पर लगे हुए थे । मम्मी को तो कुछ नही पता था पर रोशन अंकल को सब पता था और मेरी तरफ एक शरारत मुस्कान दे रहे थे । और में भी मन ही मन बोल रहा था हसो अंकल मैंने भी आपकी बेटी की ली है।



बास ढाबे पे रुक जाता हे और प्लान के अनुसार दोनो ही भूख नही हे कर के बहाना मार कर रुक जाता है। और में जल्दी से ढाबे पे जा कर जल्दी जल्दी में खाना खाता हूं फिर भी मुझे 20 मिनिट लग ही जाता है। मे भी जान नही पा रहा था की अंकल और मम्मी की चूदाई देखने को क्यू इतना तड़प रहा था में। उन दोनो के लिए में खाना पैक कर के लाता हूं । और केबिन का दरवाजा धीरे से हल्का खोलता हूं परदे की आड़ में मुझे सारा नजारा दिखने लगता हे ।




दोनो ही नंगे थे । मम्मी नंगी हुस्न देख कर मेरे मुंह में भी पानी आ जाता है इस बार मम्मी की जिस्म देख कर मेरा खड़ा हो जाता है और में खुद को कंट्रोल नही कर पाता हूं । मम्मी की बाल खुले हुए थे कितनी हसीन कामुक लग रही थी । गले में इस बार सिर्फ मंगलसूत्र थे हाथो मे चूड़ियां थी और कानो में भी बाली । लेकिन मम्मी की पेड़ो में नई मॉडर्न डिजाइन की पायल देखता हूं सायेद अंकल ने अभी अभी दिए होंगे ।



रोशन अंकल मम्मी को सीट पर लेटा कर मम्मी की बदन को चूम रहे थे । मेने देखा मम्मी की छाती उसकी गोल गोल ठोस चूचियां रोशन अंकल की सलाइवा से चमक रही है। मम्मी कामुक दिख रही थी उत्तेजित थी ।



मेरे जाते ही दोनो चुम्मा चाटी पर लग गए थे सायेद। और अब दोनो तैयार हे घुसाने और घुसवाने के लिए । अंकल अपने लंद पे मधु रस (honey) सीसी पूरी खतम कर देता है मम्मी की चूत पर भी मल देता है । रोशन अंकल मम्मी की टांगो के बीच घुटने रख के बोला " गुड़िया डाल दूं अंदर "



और मम्मी मासूमियत से लेकिन कामुकता से जवाब देती है " आराम सेहह्हह डालियेगा रोशन जी उम्म्ह्ह्ह्ह "


रोशन अंकल मम्मी की कामुकता देख कर और उत्तेजित हो जाता हे वैसे मम्मी की उस अदाह पर मेरी लन्ड भी उछल पड़े थे पेंट के अंदर । में मजबूर हो गया था अपनी ही होठ चाटने को ।


रोशन अंकल मम्मी की चूत पर लन्ड टिका कर कमर दबाते हुए मम्मी की ऊपर गिर जाता हे और मुंह से " आह्ह्ह्ह्ह् रीता मेरी गुड़िया "



और मम्मी भी तिलमिला जाती हे रोशन अंकल को बाहों में जकड़ कर कराहती हे " आईआईआई । उफ्फ उफ्फ । रोशन जी "




मम्मी मुंह फूला कर कुछ देर अपनी दर्द को बर्दास्त करने की कशिश करती हे। दिख रहा था मम्मी को कितना दर्द मेहसूस हुआ होगा। रोशन अंकल मम्मी की माथा चूम के मम्मी की माथा सेहलाते हुए धीरे धीरे धक्का लगाना चालू करता है। मम्मी भी सांस रोक रोक कर आहे भर भर कर बर्दास्त करती है.


" गुड़िया बोहोत ज्यादा दर्द हो रहा हे तो रहने देते है ये आखरी बार थोरी है"


मम्मी आंख बंद ही रखती हुई कहती है " रोशन जी इस सुख से में भी अनजान थी । काल जब आपने पहली बार मुझसे जबरदस्ती की थी तब मुझे सिर्फ और सिर्फ दर्द हुआ । लेकिन दूसरी बार से अब तक बोहोत मजा आ रहा है। और आपकी प्यार करने की तरीके से रोशन जी उफ्फफ्फफ्फ में बता नही सकती में कितनी खुश हूं । "




" लेकिन तुम्हे दर्द हो रहा हे ना "


मम्मी तब मुस्कुरा के कहती है " मजा भी तो आता हे आपकी नागराज से । "


मम्मी शर्म से मुंह छुपा ली । रोशन अंकल मुस्कुराते हुए धक्के लगाए जा रहे थे अब । ममी को बेसक अब दर्द से ज्यादा दस गुना मजा आ रही थी सायेद दर्द भी खतम हो गई थी । मम्मी काम सुख में कसमसा रही थी और सिसकारियां भर रही थी ।



दोनो बेखबर मजा उठने लगे । इतना उत्तेजित थे की दोनो पसीने पसीने होने लगे । मम्मी की चेहरे पसीने से और गाल लाल लाल हो गई थी आखों की पलके कभी बंद कभी खुल रही थी । केबिन में दो पंखा था ऊपर लेकिन बोहोत छोटा पंखा था और एक पंखा तो धीमा चलता था ।



मम्मी रोशन अंकल को अपने बाहों में भींच रही थी जिसके कारण उनकी कलाई की चूड़ियां खनक रही थी । रोशन अंकल रात की तरह उग्र नही हो रहे थे प्यार से मम्मी की चूदाई कर रहे थे ।


" गुड़िया मेरी आखों में देखते रहो"


" नही जी शर्म आती हे "


" फट्ट देखो ना गुड़िया "


मम्मी कामुक आंखो से रोशन अंकल की और देखती रहती है । रोशन अंकल ममी की आखों में देख कर रुक जाता हे और फिर कस कर एक धक्का मार के रुक जाता हे । मम्मी चीखती हे " ओन्ह्छ रोशन जी "



और रोशन अंकल वैसे ही तीन धक्का मारता है और मम्मी तीनो बार चिल्लाती हे मजे में । लेकिन रोशन अंकल फिर एक दम से रुक ही जाता हे । और मम्मी आखिर पूछती हे " क्या हुआ रोशन जी"



तब रोशन अंकल शरारत से मुस्कुराता है और कहा " मुझे मनाओ फिर करूंगा "


मम्मी मुस्कुराती हुई अपने टांगो से रोशन अंकल का कमर बांध कर अपनी टांगे से टांगे रगड़ती हुई कहती हे " मजाक नही रोशन जी बच्चा आ जाएगा "


" ना मुझे मनाओ"


" आप बड़े नटखट हे जी । " मम्मी रोशन अंकल के गाल चूम चूम के पीठ सेहलाटी हुई कामुक अंदाज से कहती है " उह्ह्ह्ह्ह रोशन जी करिए ना । मूड चला जायेगा आआह्ह्हह्ह् । प्लीज रोशन जी "


रोशन अंकल मुस्कुरा के कहता है " थोड़ा मान गया और थोड़ा "



मम्मी भी मस्ती में रोशन अंकल का कान मोड़ोड़ देती हे और अंकल की आखों में देख कर कहती है " रोशन आई लव यूं। प्लीज करिए ना प्लीज "



" ये हुई ना बात मेरी गुड़िया । गुड़िया थोड़ा तेज करू गुड़िया । "


" रोशन जी में चल भी नहीं पाऊंगी " मम्मी मासूमियत से कहती हे



" प्लीज ना गुड़िया " अंकल भी बच्चो जैसा मांग करता हे



मम्मी रोशन अंकल की बगल से हाथ घुसा कर अंकल की पीठ कस के पकड़ कर हिम्मत दिखा के कहती है " रोशन जी में भी आपको खुश करना चाहती हूं । "


" अगर तुम्हे बर्दास्त नही होगा तो तब बता देना गुड़िया "


" नही रोशन जी में एक औरत हूं । और औरत हर दर्द बददस्त कर सकती है । आप रात वाला उस तरीके से करिये अंदर तक डालिए मीठा दर्द के साथ बोहोत मजा आता है "
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RE: स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete) - by Youngsters - 24-12-2022, 11:04 PM



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