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Adultery स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete)
#10
रोशन अंकल सीट से उठ कर मम्मी के सामने घुटने में बैठ कर बड़ी फिक्र के साथ बोला " गुड़िया जरा दिखाओ मुझे कही कुछ चोट बोट तो नही है"



मम्मी साफ मना करती हुई बोली " नही भाई साहब नही।प्लीज अभी में ठीक नही हूं "


" गुड़िया तुम गलत समझ रही हो । में उसके लिए नही बोल वहा हूं । मुझे फिक्र हो रही हे कही घाव ना हो जाए । दिखाओ गुड़िया " रोशन अंकल मम्मी को मनाते है।



मम्मी भी सहमी हुई सकल बना लेती है। रोशन अंकल खुद मम्मी की सारी ऊपर करता है जांघें तक और धीरे से मम्मी की दोनो टांगे सीट पर उठा कर फैला देता है । मम्मी साह कर के कराह लि " उफ्फ भाई साहब टांगो में भी दर्द है"



में पहली बार मम्मी की गोरी चिकनी जांघें देख रहा था । मम्मी ने वैक्सिंग ना करते हुए भी उसकी जांघें चिकनी थी बिना बाल वाली थी । मम्मी की चूत उभरे हुए दिख रहे और कम मात्रा में बाल दिख रहे थे लेकिन लंबे लंबे ।




रोशन अंकल धीरे से मम्मी की चूत फैला के देख रहे थे और मम्मी कराहती हुई कह रही थी " आउफफफ भाई साहब आराम से । "


मम्मी की वो चेहरे देख कर में भी बहक सा गया । मम्मी के बारे में गंदी खयाल आया एक औरत की भाव की तरह मेरे मन में मेरे दिमाग में ।



" गुड़िया तुम्हारी मुनिया बोहोत सुंदर है। और हा एक और बार भाई साहब बुलाया तो में तुम्हारी मुनिया काट लूंगा "



मम्मी की चूत की अंदरूनी भाग मुझे दिखाई नही दे रही थी पर कल्पना किया की बोहोत सुंदर ही होगा लाल गुलाबी रंग की सुंदर बनवात ही होगा । और मम्मी रोशन अंकल की प्यारी धमकी सुन कर मुस्कुरा के बोली " भूल गई थी सॉरी। और आप मुझे क्यू गुड़िया बुलाते हो में क्या छोटी बच्ची हूं क्या "


रोशन अंकल मुस्कुरा के बोले " नही प्यार से बुलाता हूं । बोहोत प्यारी लगती हूं रीता तुम । मासूम प्यारी बोहोत ज्यादा प्यारी लगती हो मुझे। अच्छा तुम ऐसे ही रुकना में तुम्हारी मुनिया की तकलीफ अभी दूर कर दूंगा "



रोशन अंकल उठे मम्मी अपनी टांगे हवा में फैला के पकड़ के रखती है और रोशन अंकल अपनी बैग से एक छेहेड (honey) की छोटी सीसी निकल लेता है ।



" ये क्या है कोई दवाई है " मम्मी ने पूछा


" नही ये मधु मक्खी का शहद है। में रोज सुबह नींबू के रस के साथ लेता हूं । अभी देखना तुम कैसे आराम लोगो । "


मम्मी देखती रही रोशन अंकल की हरकतों को और रोशन अंकल मम्मी की चूत पर मधु रस यानी honey लगा के जीव से चाटने लगा । मम्मी उसे देखती रहती हे ।




और चाट चाट के कुछ देर बाद रोशन अंकल ने पूछा ।" गुड़िया दर्द तो नेही हो रहा हे । "


मम्मी शर्मीली मुस्कान से ना में सर हिला के जवाब देती हे " अच्छा लग रहा हे "




रोशन अंकल मम्मी को आंख मार देता है और मम्मी भी शर्मा जाती हे । रोशन अंकल इस बार मम्मी की जांघें पकड़ के मम्मी की चूत के छेद में जीव घुसाने की कशिश करते हुए एक अलग तरकीब से अपना जीव घुमाता हे हिलाता है।



रोशन अंकल बोहोत एक्सपेरिंस नजर आ रहे थे मेरे मन में भी खयाल आया की में भी नैना की चूत ऐसे चुसूंगा और चाटूंगा । अब तक तो मैने बस नैना की चूत पर ऊपर नीचे कर के जीव फिराते हुए चाटा था ।




मैने देखा मम्मी की आंखे बंद हो गई हे और सर पीछे की और गिरा रही हे । होठ खुल रहे थे आनंद में कामुक चेहरा बना कर हरकत दे रही थी और कभी कभी अपनी कामुक आखों की पलके धीरे से खोल के रोशन अंकल देखती हे । रोशन अंकल भी प्यार से मम्मी को सुख दे रहा था । और ये देख कर कही ना कही मेरा दिल कह रहा की इतने बुरे आदमी भी नही है रोशन अंकल । साएद अब में सामने जो हो रहा हे उसे मान चुका था । फिर भी एक उधरबुन थी क्या ये सही है या गलत । मम्मी भी अब रोशन अंकल के साथ खुश दिख रही थी । गुनेगार वो भी थी अब देखा जाय तो ।


मम्मी अब प्यार से रोशन अंकल सर की बालों पर उंगलियां फिरा रही थी । रोशन अंकल नजर ऊपर कर के मम्मी की सकून भरी कामुक चेहरे को देख कर और जीव की हरकत देता था तो मम्मी भी हल्की आह्ह्हह्ह्ह भरती ।



मम्मी को सुख मिल रहा था । लेकिन कुछ 15, 20 मिनिट बाद रोशन अंकल मुंह पोंछते हुए बोला " गुड़िया मेरा जबरा दुखने लगा है। बाद में और मजा दूंगा "


मम्मी की होठों पर मुस्कान आखों पर अजीब सी शर्म की लाली थी । और मम्मी ने भी बिना कुछ बोले अपनी सारी नीचे कर बैठ गई ।



लेकिन रोशन अंकल खड़ा हुआ और अपनी लुंगी उतार कर खड़ा हुआ । में सोचने लगा की ना मम्मी ने पैंटी पहनी थी और ना रोशन अंकल अंदर चड्डी पहना था ।



रोशन अंकल की खड़े लन्ड को देख के मम्मी की आखों ने अजीब सी शर्म की लाली और मुस्कान थी । मेरी भी नजरे टिक गई थी । क्यू की रोशन अंकल के लंद वाकई में रोशन कर देने वाला था। काफी बड़ा मोटा लंबा काला इतना काला भी नही पर साफ त्वचा का दिख रहा था। में भी सोचने लगा और खुद से तुलना करने लगा की मेरे से थोड़ा सा लंबा लग रहा हे ।



रोशन अंकल अपना लंद ममी की मुंह के सामने कर के बोला " गुड़िया थोड़ा मेरा भी प्यार कर दो ना अपनी नर्म होठों से "



मम्मी रोशन अंकल लन्ड मुट्ठी ले हे जरूर पर कहती हे " प्लीज रोशन जी मुझसे नही होगा । मुझे ये अच्छा नही लगता है "



रोशन अंकल मानाने लगे " प्लीज गुड़िया रानी । प्लीज गुड़िया थोड़ा सा प्लीज । मैने अच्छे से धोया है "



मम्मी अपनी आंखे भींच लेती और एक सांस खींच कर रोशन अंकल के लंद के सुपाड़े पर दो चुम्मी दे कर बोलती है " अब ठीक है। रोशनी इससे आगे नहीं प्लीज "



मम्मी अपने हाथो से मगर रोशन अंकल के लंद को मुठियाती रहती हे । रोशन अंकल झुक कर मम्मी की माथे पर चूम के प्यार से बोला " गुड़िया कुछ नही होता हमारा शरीर का हिस्सा ही तो हे । अपनी आंखे बंद करो सब ठीक लगेगा मन को खुला छोड़ो "



रोशन अंकल बड़े नजाकत से अपने लंद पर मधु रस सुपाड़े पर लगा कर मम्मी की आंखे अपने हाथों से बंद कर देती हे और मम्मी की सर पकड़ कर अपना लंद ममी की मुंह पर लगा देता हे मम्मी भी बिलकुल आज्ञाकारी की तरह अपनी मुंह खोल देती हे । रोशन अंकल धीरे धीरे मम्मी की सर आगे पीछे हिलाता है ।



कुछ एक दो मिनिट में मम्मी खुद दया था रोशन अंकल की कमर पर हाथ रख कर और दूसरे हाथ से रोशन अंकल लन्ड की जड़ पकड़ के आधा लंद मुंह में भर बिना कोई जीझक बिना कोई हिचकिचाहट से चूसने लगी । लेकिन मम्मी की आंखे अब भी बंद थी पर लग रहा था की उसे अच्छा लग रहा था ।




में हैरान था की रोशन अंकल कितने सुलझे हुए आदमी थे कैसे किसी को आचनी से बेहला फुसला कर प्यारी मीठी बाते और अंदाज से भी मना लेता है ।
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RE: स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete) - by Youngsters - 24-12-2022, 11:03 PM



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