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Adultery स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete)
#7
" आजा गुड़िया में तुम्हे सुलाता हूं "



" हटिए आप । जाइए आप । में बास से कूद जाऊंगी "



पता नही रोशन अंकल ने क्या किया की मम्मी खिलखिला कर हस पड़ी " हटिए "



" अच्छा रीता तुम्हे कैसा लगा "



" एक दम घटिया । आपके जैसा बुरे आदमी इस दुनिया में नही है। 100 कमीनें मरे होंगे तब उनकी कमी पूरी करने के लिए आपका जन्म हुआ होगा "



" बाप रे इतनी बुरी बद्दूवा । रीता प्लीज सच बताओ ना थोड़ा सा भी तुम्हे अच्छा नही लगा "



मम्मी कुछ जवाब नही देती ।


" तुम ऐसे नही मानोगी । तुम्हारी फिर से ठुकाई करनी पड़ेगी "


मम्मी हस्ती हुई बोलती है ", अच्छा अच्छा । थोड़ा थोड़ा "



" बस थोड़ा थोड़ा । तुम "



" ही ही । बच्चा जाग जायेगा "


" तुम बताओ "


मम्मी की तब गंभीर आवाज आती हे " सच बताऊं। पहले बोहोत बुरा लगा मुझे । आपसे बोहोत नफरत हुई घिन होने लगी थी आपसे "


" फिर रीता "



" फिर कुछ नही"


" आआह्ह्ह्हह्ह । उह्ह्ह्ह्ह इतनी जोर से क्यू दबाते हो आप "



" रीता सच में में तुमसे प्यार करता हूं बोहोत दीनो से तुम्हे पाना चाहता था । अगर मुझे तुम्हारी जिस्म ही चाहता तो मुझे कोई मौके मिले थे तुम्हारी रेप करने का । घर पे तुम अकेली रहती हो तुम्हारी सास तो लेती रहती हे "


" तो ये क्या था ये भी तो एक तरह से जबरदस्ती ही थी ना भाई साहब ",


" इसके लिए में दिल से माफी मांगता हूं । पर में और बर्दास्त नही कर पाया "




में सोचने लगा साला सच में ये ठरकी मम्मी से प्यार करता हे । हरकतों से बातों से तो ऐसा ही लग रहा हे । अब तक तो मैने भी ध्यान नही दिया की मम्मी और बाबा का रिश्ता कैसा हे लेकिन आज समझ पा रहा था की सिर्फ नाम का रिश्ता है साएद। और मम्मी भी जिस्म से नही प्यार कि भी भूखी हे।



" गुड़िया बोलो ना कैसा लगा मेरे साथ "



" आप ना बड़े वो हो । अच्छा लगा बोहोत अच्छा । पता हे 5 सालों से मैने नही किया वो मुझ्पे 5 सालो से एक बार भी उस तरह से ध्यान नही दिया । "


" में जानता था । ऐसा ही होता हे कुछ मर्द घर की दाल से ऊब जाता हे । और क्या क्या अच्छा लगा मेरे साथ "


" सभी । आपने मेरे शरीर की हर हिस्से को चूमा बोहोत अच्छा लगा । और वो भी "


" वो भी क्या रीता बताओ ना "



" हाय आप कितने बेशर्म हो। हटिए । जाइए सो जाइए सोने दीजिए मुझे "



फिर कुछ हाथा पाई होने की और दोनो की हसी की गूंज उठी । और दोनो चुप हो गए ।



" तुम्हे मेरे प्यार का वास्ता रीता बोलो ना वो क्या "



" में आपकी प्यार को नही मानती "


" नही मानती "


" नही "

" नही मानती सच में "


" हिहिहि नही "



दोनो गुड्डा गुड्डी की तरह खेल रहे थे ऐसा लग रहा था ।


लेकिन अचानक मम्मी की कराह निकली " आआक्कककक । आअआऊहह्ह्ह । उह्ह्ह्ह्ह । सच में फाड़ दी "


" बोला था बोल दे गुड़िया "


" आपको मुझे तड़पा तड़पा के दर्द देने में मजा आ रहा हे " मम्मी कराहती हुई बोली


" गुड़िया औरतों को चूत में दर्द अच्छा ही लगता है। "



" उफ्फ में सब समझती हूं "


" क्या समझती हो गुड़िया "


" आपा मर्दों को मर्दानगी दिखाने में बड़ा मजा आता हे । बड़ा सकून मिलता है ना आप लोगो को । उह्ह्ह्ह्ह कितना जल रहा हे "



" तो गुड़िया मेरी मर्दानगी कैसी लगी तुम्हे हम्मम "



मम्मी भी अब खुलकर बेशर्म हो कर जवाब दे रही थी । उसकी काम वासना ने उसकी शर्म खोल दी है।
मम्मी जवाब देती है " मान गई में आपकी भाई साहब अह्ह्ह "


" क्या मान गई गुड़िया रानी "

" आप बोहोत बड़े मर्द है। दिल से कह रही हूं । काश में आपकी बीवी होती आउह्ह्ह । में एक जवान बच्चे की मां हूं फिर भी आपने मेरी मुनिया लाल कर दी लगता है अंदर से सुंजा दिया । आपके हथियार सच में बोहोत बड़े हे फाड़ दी मेरी बोहोत अंदर गई हे उच्च थोड़ा रुकिए "



" गुड़िया में तो रुका हुआ ही हूं । तुम ऊपर हो तुम्हे करना है"



रोशन अंकल ने साएद मम्मी को उपच चढ़ा लिया होगा । मेरे मन भी उत्तेजना और उग्र भाव आ रहे थे और मेरा सोच कह रहा अब। चोद दे मम्मी की चूत फाड़ दे । चोद चोद के लाल कर दे अंकल । पता नही मम्मी की कामुक आहे सुन के साएद में पागल हो गया था आखिर मर्द जात ही हू।
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RE: स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete) - by Youngsters - 24-12-2022, 11:02 PM



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