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Adultery स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete)
#5
बास एक बार फिर चल पड़ी । हम तीनो सोने के लिए तैयार हुए में भी ऊपर की बर्थ पर चढ़ गया ।


" मुझे लाइट में सोने की आदत नही । लोद्दु बेटा लाइट बंद कर दूं " रोशन अंकल बोला ।


मेरे मुंह से भी निकल गया की " हां अंकल"


मुझे भी लाइट में सोने आदत नही थी और ये बात मम्मी को पता थी । रोशन अंकल ने लाइट बंद कर दिया । पता नही मेरी भी क्या खुजली मची की में जानना चाहता था की आगे क्या होता हे और मैने मोबाइल की ब्राइटनेस एकदम कम कर दी । बार बार में नीचे देख रहा था और हर बार अंकल को अपने बर्थ पर पाया । तो एक समय में में भी नीचे देखना छोड़ दिया । नया आईफोन मिला था उसी में ध्यान लग गया।




करीब 12 बजे मुझे एक थोरी जोर की आक्क्ककह्ह्हह्ह्ह कर के आवाज सुनाई दी । मेरे कान खड़े हो गए थे और ने नीचे देख रहा था लेकिन इतना अंधेरा की कुछ नही दिखाई दे रहा था ।



लेकिन अंकल की दबी दबी आवाज सुनाई दी " क्या कर रही थी हो । बच्चा जाग जायेगा "





कुछ पल तक फिर कोई आवाज नही पर में इंटेजार में था की कोई और आवाज सुनाई दे क्या और तभी मेरी मम्मी की दबी दबी आवाज सुनाई दी " उह्ह्ह् मां। निकालिए निकालिए भाई साहब प्लीज प्लीज । आह्ह्ह्ह्ह नही नही में मर जाऊंगी आह्ह्हह् नही । उफ्फफ्फ ओह।"



मुझे समझने ने देर नही लगी और में रोशन अंकल को गलियां देने लगा मन में की साला ठरकी इतनी जल्दी मेरी मम्मी की चूत छेद करना भी शुरू कर दिया। और में सोचने लगा की मम्मी भी क्या कुंवारी दुल्हन की तरह दर्द में तड़प रही है ।




" अभी आराम हो जाएगा रीता । उमाहहह" रोशन अंकल फुसफुसाते हुए मम्मी को माना रहे थे ।




और फिर एक बार कोई भी आवाज आना बंद हुआ । लेकिन कुछ दो मिनिट में ही मम्मी की फिर हल्की आवाज आई " उह्ह्ह्ह्ह भाई साहब । प्लीज । प्लीज भाई साहब बस कीजिए। उह्ह्ह्ह्ह भाई साहब । सच्ची में बोहोत लग रही हे। उह्ह्ह्ह्ह नही। भाई साहब नही"




और जवाब में रोशन अंकल की धीमी आवाज आता है " देखा रीता इस उम्र में तुम्हारी गुफा होना चाहिए लेकिन देखो तुम्हारी मुनिया कैसे टाइट हे । आज के बाद तुम खुश रहोगी रीता । मेरी डार्लिंग उम्हाह उम्हाह्ह "




और मम्मी भी कहती हे " बस कीजिए भाई साहब आआह्ह्ह्ह । नहीं ना । उह्ह्ह्ह्ह ना भाई साहब प्लीज । मुझसे नही होगा प्लीज "


" थोड़ा तो बर्दास्त करो रीता । कितना प्यार करता हूं तुमसे और तुम मेरे लिए इतना नही कर सकती "



उसके बाद दोनों को कोई आवाज नहीं आई । कुछ दिखाई भी नही दे रहा था । पता नही रोशन अंकल मम्मी को चोद रहा था या फिर रुक गया था ।


करीब 5 मिनिट बाद मम्मी की हल्की हल्की बीच बीच में रुक रुक कर आवाज आने लगी " आआह्ह्ह्ह्ह । उन्ह्ह्ह । उम्म्ह्ह । उम्म्ह्ह्ह्ह । आह्ह्हः । ओह"



ये आवाज मम्मी की सुखद कामुक आवाज लगी मुझे । और नाचते हुए भी मम्मी आवाज सुन के उत्तेजित हो गया था । एक अजीब सा माहोल था एक अजीब सा फीलिंग थी । हमारा पड़ोसी अंकल मेरी मम्मी को मेरी मौजूदगी में चोद रहा था और मम्मी को अब मजा भी आ रही थी । उसकी आवाज में तो ऐसा ही लग रहा था । कैसा एक संजोग होगा अपनी ही मम्मी की कामुक आवाज धीमी ही सही पर सुन पा रहा था । में जवान खून का था खुद को काबू नही कर पाया ।




और कुछ आधे घंटे बाद मम्मी की दबी दबी उम्मम उम्मम्म्म आवाज सुनाई दी । ऐसा लग रहा था उसकी मुंह दबाया गया है ।



" देखा निकला पानी । आराम मिल रहा है ना मेरी प्यारी रीता। ऐसे ही तुम्हे मजा दूंगा में " रोशन अंकल की आवाज़ सुनाई दी



और में समझ गया की मम्मी वाकई में झाड़ गई हे । क्यू वो हाफ रही थी गहरी सांस लेने की मुझे आहत हो रही थी ।



कुछ देर तक फिर कुछ सुनाई नहीं दिया । और ऐसे ही एक घंटे तक कोई आवाज नही आई ।


और एक घंटे के बाद मम्मी की फीस फीस आवाज आई " जाइए आप वाहा अपने सीट पर । लोद्दू सुसु करने उठ जाता हे"


" मन नही कर रहा हे रीता तुमसे अलग होने का " रोशन अंकल बोल रहे थे ।


" जाइए आप । एक तो आपने जबरदस्ती मुझे बर्बाद कर दिया कही मुंह दिखाने लायक नही छोड़ा आपने। ऊपर से लोद्दू को पता चल गया तो में जीते जी मर जाऊंगी "


तभी में उठने की आहत दी लेकिन मैने दोनो को थोड़ा समय दिया और नीचे उतर के लाइट ऑन कर के बोला " में सुसु कर के आता हूं "



लेकिन मैने ध्यान दिया की रोशन अंकल अपने सीट पर सिर्फ लुंगी में थे और मम्मी अपनी सीट पर सारी पहनी हुई अपने बदन को पूरी तरह से ओढ़ रखी थी जिसका मतलब साफ था मम्मी ने ब्लाउज पहनने को समय नही मिला । दोनो ने कोई जवाब नही दिया ।
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RE: स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete) - by Youngsters - 24-12-2022, 11:01 PM



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