Thread Rating:
  • 2 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete)
#3
शाम होने लगी । मम्मी भी बोहोत बाटूंगी थी। रोशन अंकल को रोशन भाई साहब की रद लगाए इधर उधर की बाते करती जा रही थी अपनी मोहल्ले की तमाम बातों की पिटारा खोल रखी थी ।



एक नज़र मैने मम्मी की तरफ दिया । आज पहली बार मम्मी की हर एक अंग मैने गोर किया । मम्मी का स्वभाव हसमुख और मजाकिया थी । वो हमेशा सारी पहनती थी संस्कारी ढंग से कपड़े पहनती थी । आज भी एक ऑरेंज कलर की सारी और ब्लाउज पहनी थी । पल्लू हमेशा कंधे पर पिन लगा कर रखती थी । बालों को जुड़ा बनाए हुए गले मंगलसूत्र हाथों में दो जोड़ी चूड़ियां एक गले में चैन जो सोने के थे कानो में बाली । संपूर्ण विवाहित औरत की तरह परिधान करती थी श्रृंगार करती थी । भले ही काठ काठी चोटी थी मम्मी की लेकिन एक घरेलू औरत के हिसाब से नेहायति खूबसूरत थी । गोरा रंग सुंदर गोल मुस्कान की लालिमा मुखरा बदन भी सरहरी गदराया हुआ । कोन कहेगा की ये 43 साल की औरत हे एक जवान 22 साल के लड़के की मां हे। मम्मी की खूबसूरती ने सायेद रोशन अंकल को पहले से मोहित कर चुका हे और अब रोशन अंकल ने मौके पे चौका मारा है। लेकिन मेरा एक सवाल मन में आया की रोशन अंकल मुझसे ये सब सौदे बाजी ना कर के मम्मी को किसी और तरीके से पटाने की कशिश तो कर सकता था । घर के सदस्य की तरह आना जाना लगा रहता था ।





धीरे धीरे अंधेरा हो रहा था केबिन की लाइट जला दी हमने । और में पेशाब करने बास की चोटी से टॉयलेट में चला गया । और मेरा दिमाग तब भी खराब था । बार बार नैना की चेहरा याद आ रहा था और कमीनी उसी दिन बार बार मैसेज किए जा रही थी । और एक पल को में कल्पना में को जाता की मम्मी और रोशन अंकल डांडिया खेल रहे हे । और अगले ही पल होश में आ जाता ।


में केबिन में गया लेकिन हल्का सा दरवाजा खुला था और उसी दरार से मुझे दिखा की रोशन अंकल मम्मी के बगल में बैठ कर मम्मी को बाहों में भर के चूमने की कशिश कर रहे है और मम्मी उसको हटाने की कशिश करती हुई बोल रही थी " भाई साहब ये आप क्या कर रहे हे छोड़िए मुझे "


लेकिन रोशन अंकल मम्मी को चूमने की कशिश करते हुए बोला रहा था " रीता में तुमसे बोहोत प्यार करता हूं । तुम भी जानती हो । एक बार मुझे मौका तो दो में तुम्हे बोहोत खुश रखूंगा "



मम्मी नाराजगी दिखा रही थी लेकिन हल्ला नही कर रही थी " भाई साहब आप समझते क्यू नही। में एक जवान बच्चे की मां हूं और आप भी । छोड़िए मुझे आप बोहोत गंदे है आज पता चला । छोड़िए लोद्दू ने देख लिया तो बबाल हो जायेगा । चलिए छोड़िए मुझे । नही तो में चोर मचा दूंगी "



और मेरा दिल फटा जा रहा था । एक अजीब सा एहसास गुस्सा भी और मैने दरवाजा खोलने की आवाज की तो रोशन अंकल मम्मी से अलग हो कर बैठ गए ।




मम्मी भी खिड़की के पास चड़क गई और में सामने वाले सीट पर बैठ गया और अपने मोबाइल निकाला । कुछ देर बाद रोशन अंकल मुझे इशारों से ऊपर की बर्थ पर जाने को बोल रहा था । में नही गया तो अंकल लाल आंखे दिखाने लगे । साला में मोहल्ले में दादा बन कर फिरता था लेकिन पता नहीं क्यों रोशन अंकल से फट्टी थी मेरी । और उनकी सीट की ऊपर वाले बर्थ पर चढ़ कर नया आईफोन और हेडफोन निकल कर उसपे व्यस्त होने लगा लेकिन मेरा पूरा ध्यान नीचे ही था और चुप चुप के नीचे देख रहा था ।



रोशन अंकल मम्मी को एक नेकलेस दे रहा था । देखने में तो असली सोने की ही लग रहा था लेकिन मम्मी सर हिला के माना कर रही थी और रोशन अंकल को अपने से दूर कर रही थी ।



रोशन अंकल मुझे आवाज लगाता है में जान बूझ कर आवाज नही देता हूं । रोशन अंकल ऊपर की और झांक मार के मुझे देखता हे और मुझे कानो में हेडफोन लगाया हुआ देख कर मम्मी के बगल में बैठ कर बोला " बच्चा गाना सुन रहा हे। लाओ में पहना दून मेरी प्यारी रानी "



तब मम्मी बड़े प्यार से रोशन अंकल को समझती है " देखिए भाई साहब में आपको अपने भाई जैसा मानती हूं । सालों से हमारी अच्छी जान पहचान हे। इस सम्मान की रिश्ते को खराब मत करिए । ये कभी संभव नही है में शादी शुदा हूं एक मां हूं "



" रीता तुम उसे शादी कहती हो । में सब जानता हूं तुम्हारा पति तुमपे ध्यान नहीं देता है । में भाई साहब की अंदर की बाते सब जानता हू दिन भर क्लिनिक पर रहता है और रात को खाना खा कर सो जाता है। तुम जानती हो रीता मेरी पत्नी को मरे हुए कितने साल हो गए है। तुम नही जानती में पत्नी की प्रेम के लिए और पत्नी को प्रेम देने के लिए कितना तड़प रहा हूं । में कसम खा के कहता हूं में तुम्हे बोहोत प्यार दूंगा "



" भाई साहब तो आप दूसरी शादी कर लीजिए । ऐसे भी आप अब भी जवान दिखते है ", मम्मी बोली



" चलो में तुम्हे जवान तो लगता हूं ", रोशन अंकल अपने काले घने बालों पर हाथ फिराता हुआ बोला



तब मम्मी भी थोड़ा शरमा जाती है।


" रीता तुम पहले मेरा ये तोफा लेलो मुझे बोहोत खुशी होगी। पहले भी तो मेरे दिए हुए तोफा ले चुकी हो खुशी खुशी "


", हा भाई साहब लेकिन वो सब आपने किसी तोहार में सबके सामने दिया है । लेकिन आज में ये नही ले सकती। वैसे भी ये नेकलेस बोहोत महंगा होगा 4 , 5 लाख का होगा । घर में पूछेंगे तो में क्या जवाब दूंगी । अगर कोई साधारण गिफ्ट होता तो भाई साहब में खुशी खुशी ले लेती लेकिन इतना महंगा ना बाबा ना "



" रीता तुम ऐसा करोगे मेरे साथ । नही तुम्हे ये नेकलेस अभी मेरे सामने पहना होगा " और रोशन अंकल जबरदस्ती मम्मी के गले में नेकलेस पहनाने लगा


" ना भाई साहब ना " मम्मी माना करने लगी



पर रोशन अंकल ने पहना ही दिया किसी ना किसी तरीके से ।
[+] 2 users Like Youngsters's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete) - by Youngsters - 24-12-2022, 11:00 PM



Users browsing this thread: 3 Guest(s)