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Adultery मेरी पेहेलवान बीवी वैशाली और उसके वासना (complete)
#20
करीब एक घंटे बाद वैशाली घर लौटी फाइल मेरे हाथो में देते वक्त उसकी नजरे झुकी थी । बस नमी आवाज में इतना कहा कि " में सोने जा रही हूं । वो कार की टायर पंचर हो गई थी इसलिए देर हो गई । सुबह बात करते हे । आप मेहमानों को संभाल लेना "



वो मेरे हाथ में फाइल दे कर चली गई । वो अकेली आई थी उसके साथ कोई ड्राइवर नेही दिखा मुझे यानी एक्सि भी उसके साथ गया था जो सायेद अपने रास्ते पर उतर चुका होगा । मगर वैशाली ने पूरी सावधानी रखी थी की जिस हाल में गई थी उसी हाल में आई थी यानी की उसके कपड़े उसके मेकअप सब सही थी ।




में मेहमानों के साथ काम खतम करता हूं । बच्चे तब भी पार्टी में थे तो में पार्टी बंद करवा देता हूं । बच्चो के कुछ दोस्त घर पे ही रह जाता हे । तब तक सुबह हो रही थी करीब 5 बज चुके थे ।



में बेडरूम में जाता हूं । देखता हूं वैशाली उसी कपड़े में सो गई हे । दिनभर की पार्टी की तैयारी की थकान और उस गोरे के साथ चूदाई कर के आई हुई थकान उसकी गहरी नींद में दिखाई दे रही थी । मुझसे रहा नही जा रहा था उसको सवाल पे सवाल करने का मन हो रहा था । और में पेहले की तरह बागिरा होता तो सायेद से अब तक मेरे आखों के सामने वैशाली की लाश होती । लेकिन समय के साथ में काफी बदल चुका था गुस्सा समझदारी में बदल गया था ।



में वोही वैशाली के पेड़ो के पास बैठ कर अतीत की यादों में खो गया । मुझे भी थकान के कारण नींद आने लगी थी और में भी कब लेट कर सो गया पता नही चला था ।





सुबह 10 बज चुका था । मेरी नींद खुली और में बाथरूम गया । बाथरूम में वैशाली थी नंगी वो अपनी कपड़े बाल्टी पर डूबो के धो रही थी । उसने अभी तक नहाया नही था ।


उसने मुस्कुरा के बोली " उठ गए । बच्चो को उठा दो पता नही नीचे हल में किस किस बच्चे सो रहे हे अभी तक। "



में बाथरूम से निकला और दिमाग कुछ आया । मैने कुछ सोच के एक मेन पावर टेबलेट ली एक तरह का ड्रग नशे के साथ साथ यौन उत्तेजना भी 100 गुना बढ़ा देती है जो की मेरे लिए खतरनाक था ।




में अपनी कपड़े उतारे और बाथरूम में घुस गया । वैशाली को बाहों में भर लिया वो खिखिलाने लगी और हस्ती हुई बोली " क्या कर रहे हो सुबह सुबह । हटो बच्चे नीचे है।"



में उसकी जिस्म की खुशबू सूंघता हूं । उसकी मादक जिस्म से पसीने की और बू और उसकी बदन की नेचुरल मेहैक आ रही थी । मुझे मेहसूस हो रहा था उसकी बदन पर अभी भी उस गोरे की चूमने की मसलने स्पर्श चनी हुई है।

एक अजीब सा कान वासना जाग उठा जो में जिंदगी में पहली बार मेहसूस कर रहा था । वैशाली को बाहों में भर कर चूमने की कशिश कर रहा था ।



वैशाली हस्ती हूई मुझे मना कर रही थी " हटो नहाने तो दो । ब्रश भी नही किया अब तक मैने "



मुझे याद आया इसी मुंह से उसने गोरे को किस किया था उसका लंद चूसा था । और में उसकी आखों में देख कर कहता हूं " वैशू तुम्हे पता हे मैने अपने केबिन में केमेरा लगाया हे और माइक भी "

ये सुन के उसके चेहरे पर फिका रंग चढ़ गया आंखे खुली की खुली रह गई उसकी वो मिनियाने लगी " के के क्या "



में उतावला था " हां । मैने सब देखा और सुना भी । बस हमारे रिश्ते की वास्ता तुम अब मुझसे जूठ मत बोलना "



वैशाली की आखों से आसूं झरने लगे । वो फुबक फूबक कर रोने लगी मेरे छीने पर । में उसकी बालों को सहलाते हुए कहा । मेरे आवाज में दुख दर्द था मेने कहा " वैशू उसके लिए मैने कभी तुम्हे माना नही किया था । पर तुमने मुझसे छिपाया। चलो इस बात को में माफ कर देता हूं । पर तुमने उससे प्यार किया । पता हे जब तुम उससे आई लव यू कह रही थी मुझे कितना दर्द हुआ "




वैशाली मेरे चेहरे को पकड़ के बिलख बिलख के रो रो कर बोली " नही जान ऐसा नही है। में में । में उससे प्यार नही करती वो वो । जान प्लीज माफ कर दो । वो वो बस । में बस आपसे प्यार करती हूं "



" नही तुम जूठ बोल रही हो । तुम उससे प्यार करती हो जिस तरह से तुम उसके साथ काल रात थी । बच्चा भी कहेगा की तुम उससे प्यार करती हो "



" नही नही ये ऐसा नही है जान।  पता नही कैसे हो गया । ओह जान मुझे माफ कर दो । कसम से में उससे दुबारा कभी नही मिलूंगी । कसम से बच्चो कि कसम खा के कहता हूं । गलती हो गई में उससे दुबारा मिलने नही वाली थी पर वो वो "


वैशाली रुक गई और मैंने उसकी बात पूरी की " पर उसके गोरे लाल लंद का स्वाद तुम्हारी बूर में लत लग चुका है ना । देखा था काल कैसे उसका लन्ड तुम्हारी बूर में घुसते ही तुम जन्नत की सैर कर रही थी । कैसे आहे भरी थी आह्ह्हह्हह्ह । हा बोहोत मजा आया होगा न तुम्हे वैशू "



वैशाली की आंखे बड़ी हो गई । कुछ बोल नही पा रही थी बस ना में सर हिला रही थी । मेरे चेहरे पर अब गुस्सा दिखाई दे रहा था उसे । वो भी दर गई थी मुझसे ।



में उसकी चूचियां मसलते हुए बोला " तुझे पीछे से पकड़ के तेरी कबूतरों क्या मसला उसने रे । बोहोत मजा आया था ना तुझे "



वैशाली मेरे पेड़ो पर गिर कर हाथ जोड़ कर माफी मांगने लगी रो रो कर बोली " मुझे माफ कर दो । चाहो तो मुझे पीटो जो भी सजा देना है दो पर मुझे माफ कर दो । में बच्चो की कसम खा के कहती हूं में जान बूझ के नही किया पता नही कैसे हो गया । प्लीज विश्वास करो मेरा दुबारा उससे कभी नही मिलूंगी "


मुझे उसकी जुबान पर विश्वास हो रहा था । में जानता था उसे इतने साल बिताए हे। वासना में वो बेहैक सकती है पर जान बूझ के ऐसा कभी नही कर सकती वो । कमसे कम अपने बच्चे के लिए तो नही।



मैने उसे उठा के खड़ा किया और बाहों में भर कर उसकी ठंडी प्यार से ऊपर उठा के बोला " ठीक है माफ किया । तुम उससे दुबारा कभी नही मिलोगी "


वैशाली को राहत मिलती है और मेरी आंखों में देख कर कहती है" कभी नही। पक्का वादा"


और अपनी कान पकड़ती है । मेरे चेहरे हसी आती है उसकी मासूमियत देख कर ।



में उसको चूमने लगा उसकी होंठ चूसने लगा । वो भले ही साथ नही दे रही थी पर मुझे अपने बाहों में जकड़ रही थी ।


उसने मेरा खड़ा लन्ड पकड़ा और देख के बोला " आपने वो ड्रग ली है "


में जवाब नही दिया पर वो समझ गई और उसे तब मेरी फिक्र होने लगी । तब उसने मुझे दाता" आप पागल हो क्या । आपको पता हे आपके लिए जान लेवा है। फिर भी "


मेरे लिए इतना फिक्र कर रही थी और मेरे गुस्ताख पर उसे गुस्सा आ रही थी । मैने उसकी टांगे उठाई और उसकी चूत में अपना लंद डालने ही वाला था की वो गुस्से में बोली " मरना चाहते हो आप । फिर से रीढ़ की हड्डी तुड़वाना चाहते हो आप "



में भी छोटा मुंह कर के बोला " ये अब एक घंटे तक शांत नही होगा "



" ठंडे पानी से नहा लो आप "



वो अब मुझे ही गुस्सा दिखाने लगी । लेकिन उस गुस्से में मेरे लिए फिक्र थी उसकी । वो शावर ऑन कर के नहाने लगी तो में भी मस्ती के मूड में उसका शावर बंद कर दिया और उसको पकड़ के उसकी पेट और गले ने गुदगुदी करने लगा । उसको गुदगुदी होती थी और वैसे मूड पर भी उसकी हसी निकल गई ।



" प्लीज जानू । अब ले लिया है तो ले लो ना मेरा "


वैशाली प्यार से मुझे चूमती है और मुझे कमोड में बिठा देता है और दोनो टांगे फैला के मेरा लन्ड अपनी चूत में ले कर धीरे धीरे उछलने लगे और मेरे सर को अपनी दोनो चुचियों में दबा कर मेरे गेल में बाहें कस लेती है।



वो उछलती रही कमर गोल गोल घुमाती रही पर उसका मूड जरा भी नही बनी।  सिर्फ मुझे खुश कर रही थी मेरे लंद को मजा ज़रूर मिल रहा था पर दिल को आनंद नही दे रहा था मेरा भी । काल रात के मेरे जैसा ही समान आकार की लन्ड ले कर मजे से चीख चीख कर उस गोरे को मजा दे कर आई थी । क्या फर्क था बस गोरे का लंद मेरे से सिर्फ गोरा था । लेकिन उस दवाई के कारण मेरा लन्ड मजबूत था फिर भी वैशाली को जरा भी मजा नही आ रही थी ।



में उसकी चूचियां चूसता हुआ बोला " एक्सी के साथ तुम्हे बोहोत मजा आता है ना । जब वो तेज़ धक्के लगाते हे तो तुम्हारी बोहोत चीखे निकलती है "




वैशाली मेरे मुंह पर हाथ रख कर प्यार से कहती हे" प्लीज गंदी बाते नही। और आप प्लीज खुद को ऐसे नीचा मत समझो । एक वक्त था में अपनी चीखे रोक नही पाती थी और आप मेरी मुंह में कपड़े ठूस के मेरी जम कर लेते थे "



" हा क्या दिन थे । तुम्हे याद हे वो ट्रेन में रात को तुम्हारी मुंह दबा कर किया था फिर भी दूसरे बर्थ की बुद्धि को मेरे धक्कों की आवाज सुन के क्या कहा था "



वैशाली को हसी आई और बोली " हा वो मुझे हमेशा याद रहेगी । क्या बोली थी बुद्धि ने की बेटा मुंह की आवाज तो बंद कर दी लेकिन अपनी कमर हिलाने की आवाज कैसे बंद करोगे । क्या खा के आए हो इतना भी सब्र नहीं हो रहा है। हा हा "



हम दोनो हस पड़े। मेरा निकल ही नहीं रहा था और बाद में वैशाली ने चूस के सारा मलाई पी गई मेरा ।
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RE: मेरी पेहेलवान बीवी वैशाली और उसके वासना - by Youngsters - 22-12-2022, 06:15 PM



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