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Thriller जंग, मोहब्बत और धोखा
#7
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हम दोनों वापिस उसी टेबल पर आ कर बैठ गये। शिराज़ी ने इशारे से पीने के लिए दो बीयर के ग्लास मंगवा लिए और एक बार फिर से हम पीने बैठ गये। …अली भाई, आप गुम सुम से लग रहे हो। क्या बात है? …कुछ नहीं भाईजान। बस आज अपना घर याद आ रहा है। …चलिए भाई आज दिल बहलाने के लिए नाइटकल्ब के अन्दर चलते है। …नहीं यही बैठते है। पता चला कि वह शेख कौन था? …अरे भाईजान हमें क्या मतलब। यहाँ तो हर रोज़ दर्जनों मे ऐसे लोग आते है। अपने पैसे केसिनो और लड़कियों पर लुटा कर यह शेख लोग दो चार दिन मे वापिस चले जाते है। किस-किस के बारे मे जानने की कोशिश करें। सच पूछे तो भाईजान मुझे इन लोगों से खासी चिड़ है। हम काफी देर रात तक साथ बैठ कर बियर पीते हुए जिन्दगी की कहानी एक दूसरे को सुनाते रहे। वह दुबई का रहने वाला था। स्पेन घूमने आया था लेकिन एक स्पेनिश लड़की के चक्कर मे पड़ कर यही का हो कर रह गया था। अब तो साल दो साल मे वह एक बार वह अपने परिवार वालों मिलने जाता है। अपनी सेना की नौकरी के बारे छिपा कर मैने उसे अपने बारे मे भी सब कुछ बता दिया था कि कैसे मेरा पूरा परिवार अमरीका मे जा कर बस गया और मै काम के सिलसिले मे उनसे दूर होता चला गया था। निकाह के बारे मे पूछने पर एक बार फिर से अपने काम की वजह बता कर उसकी बात को टाल गया था। हमने साथ खाना खाया और फिर मै अकेला बोट हाउस की ओर चल दिया।

अंधेरा गहरा हो गया था। सड़क पर भीड़ भी छँट गयी थी। मै टहलते हुए वापिस लौट रहा था कि तभी मेरा सामना उन्हीं युवकों के साथ हो गया जिन्हें मैने फ्रेया के लिये धमकाया था। वह सड़क पर लगी हुई बेंच पर बैठे हुए शराब पी रहे थे। उनके साथ तीन अर्धनग्न विदेशी युवतियाँ भी बैठी हुई थी। …हे ओल्ड मेन। उसी बिगड़े हुए युवक ने मुझे आवाज लगायी। इस वक्त मै किसी बहस मे नहीं पड़ना चाहता था इसीलिए उसको अनसुना करके मै अपनी राह पर बढ़ गया। वह मेरे पीछे-पीछे तेजी से आया और मेरी गरदन पकड़ कर बोला… तुझे सुनाई नहीं देता। रुक तुझे एक सबक सिखाना है। मै कुछ कहता उससे पहले उसके दोस्त भी नजदीक आ गये थे। …देखो मेरी तुम्हारी कोई दुश्मनी नहीं है। उसके हाथ को झटक कर मै आगे बढ़ने के लिए जैसे ही कदम बढ़ाया तभी उसका एक दोस्त मेरे सामने आ गया… ओल्ड मेन, जिम्मी तुमसे कुछ कह रहा है। सभी नशे मे धुत थे और अपने साथ खड़ी हुई युवतियों के लिए इस वक्त मुझे अपने मनोरंजन का साधन बनाने मे लगे हुए थे।
उन युवतियों पर एक सरसरी नजर डाल कर मैने धीरे से कहा… आप लोगों ने बहुत पी रखी है। मेरा रास्ता छोड़ दो तो हम सभी के लिए अच्छा होगा। जाओ और इनके साथ ऐश करो। तभी वह बिगड़ैल युवक एक बार फिर से मेरी गरदन पकड़ कर बोला… ओल्ड मैन, मै आज तुम्हें एक ऐसा सबक दूँगा कि फिर कभी अपनी जिंदगी मे तुम मेरा रास्ता रोकने की कोशिश नहीं करोगे। एकाएक मेरा हाथ हिला और उसकी कलाई पर जकड़ गया। जब तक कोई समझ पाता तब तक उसकी कलाई पकड़े मै अपनी एड़ियों के बल पर घूम चुका था। कुछ टूटने की हल्की सी आवाज हुई और जिम्मी के मुख से एक हृद्यविदारक चीख निकल गयी। वह अपनी कलाई पकड़ दर्द से दोहरा हो कर जमीन पर लोट गया। उसके दोस्तों को तो जैसे साँप सूंघ गया था। वह अपनी जगह पर जड़वत खड़े रहे और जिम्मी सड़क पर दर्द से दोहरा हो रहा था। …अच्छा होगा इसे तुरन्त अस्पताल ले जाओ। इसकी कलाई टूट गयी है। इतना कह कर मै आगे बढ़ा तो उसके दोस्तों को होश आया और मेरी ओर झपटे लेकिन तब तक मै उनके लिए तैयार था। मेरा जूता सबसे नजदीक युवक के टाँगों के जोड़ पर लगा और वह अपना पाँव पकड़ कर सड़क पर बैठ गया। मेरा मुक्का एक युवक के जबड़े पर पड़ा तो वह झूमता हुआ अपने साथी से टकरा गया। तीन युवक जमीन पर पड़े हुए दर्द से कराहते देख कर बाकी बचे हुए युवक मुझे छिटक कर दूर खड़े हो गये थे। मैने धीरे से खड़ी हुई युवतियों से कहा… इन्हें अस्पताल ले जाओ। इतना कह कर मै उन्हें वहीं छोड़ कर आगे बढ़ गया।
पहले मै अपने अकेलेपन के कारण खोया हुआ महसूस कर रहा था लेकिन उन युवकों की वजह से एक बार वापिस मै अपने असली स्वरूप मे आ गया था। मै एक सैनिक था और अब मै जल्दी से जल्दी वापिस काम पर लगना चाहता था। सुबह मै देर से उठा और अपने नित्य कामों से निवृत हो कर मन ही मन एक निश्चय कर चुका था। उसका ख्याल मेरे जहन मे बस कर रह गया था। कुछ भी करके मुझे एक बार फ्रेया से मिलना था। मै तैयार हो कर हिल्टन ग्रांड होटल की जाने के लिये निकला ही था कि मेरे मोबाइल की घंटी बज उठी। …हैलो। …मेजर तुम अगली फ्लाइट पकड़ कर अबू धाबी पहुँचों। …जी सर। इतनी बात करके दूसरी ओर से लाइन कट गयी। एक ही पल मे फ्रेया का ध्यान हवा मे काफुर हो गया और मै जल्दी से अपना जरूरी सामान बाँधने मे जुट गया। कुछ ही देर मे हाउस बोट के मालिक के पास जा कर सारा हिसाब करके मै शिराज़ी से मिलने उसके रेस्त्राँ चला गया। उसने कुछ देर पहले ही अपना रेस्त्राँ खोला था और उसके लोग वहाँ की सफाई मे लगे हुए थे। मुझे देखते ही उसने चहकते हुए अंदाज मे कहा… आओ अली भाई क्या बात है आज इतनी सुबह कैसे? …भाईजान, मुझे यह जगह छोड़ कर आज ही जाना पड़ेगा। आफिसवालों ने मेरी छुट्टी कैंसिल कर दी है और मुझे फौरन लौटने का निर्देश मिला है। जाने से पहले मै आपका शुक्रिया अदा करना चाहता था इसीलिए यहाँ चला आया। 
…आओ जाने से पहले यहाँ की काफी पी लो। आज तक तुमने यहाँ पर सिर्फ बीयर पी है। उसने किसी को इशारा किया और कुछ ही समय मे काफी के दो मग हमारे सामने रखे हुए थे। …क्या तुम्हें पता चला कि आधी रात को किसी शराबी ने यहाँ के बड़े प्रतिष्ठित व्यक्ति मिगुअल करेरा के लड़के की हड्डियाँ तोड़ डाली। उसके साथ घूम रहे दोस्तों को भी बड़ी बेदर्दी से मारा-पीटा गया था। …मुझे पता नहीं। पर यह मिगुअल करेरा कौन है? …वह कोई कोलम्बियन है जिसने कुछ ही सालों मे स्पेन मे अपना करोबार काफी फैला लिया है। कल रात से सिक्युरिटी उसी पर्यटक को ढूँढने मे लगी हुई है। मै इतना तो समझ गया था कि वह पर्यटक कौन था लेकिन यह वक्त शिराज़ी को बताने का नहीं था। …उस शेख का कुछ पता चला? …हाँ, वह अमीरात के सात अमीरों मे से एक था। आज के अखबार मे उसकी तस्वीर छपी हुई है। वह रस अल-खैमाय का अमीर इब्ने मुशारत उल मोहम्मद बिन खुम्म है जो अपने परिवार के साथ आजकल स्पेन घूमने आया हुआ है। यह नाम मेरे कानों मे पिघले हुए सीसे समान लग रहा था। मेरी बदलती हुई भावभंगिमा को देख कर शिराज़ी ने कहा… क्यों अचानक उसका नाम सुनने से क्या हुआ?  मैने जल्दी से कहा… कुछ नहीँ, बस वहाँ के नागरिकों के उपर इन अमीरों के जुल्म अचानक याद आ गये। अब मुझे चलना चाहिए। मै अब जल्दी से जल्दी यहाँ से निकलना चाहता था। खुदा हाफिज़ कह कर मै वहाँ से एयरपोर्ट की ओर चल दिया।
एयरपोर्ट पर मुझे कोई खास परेशानी पेश नहीं आयी। यूएन के पासपोर्ट के कारण सब काम आसानी से हो गया था। शाम तक मै एमिरेट्स की फ्लाइट से अबू धाबी की ओर जा रहा था। जिस लड़की को कुछ देर पहले तक मै भुला पाने मे अस्मर्थ पा रहा था अब वह एकाएक दुश्मन लगने लगी थी। वह उसी आदमी की लड़की थी जिसने मुझे कसाई का नाम दिया था। उस आदमी की वजह से मेरे सैन्य जीवन का अन्त हो गया था। वैसे तो मेरा आमना-सामना उस आदमी के साथ कभी नहीं हुआ था लेकिन कल रात को  मैने उस पहली बार देखा था। मुझे जनरल मोर्गन की बात याद आ गयी कि यह सब बेहद लालची लोग है जो अपने लालच के लिए किसी भी हद तक गिर सकते है। इन्ही विचारों के साथ आधी रात को मै अबु धाभी के एयरपोर्ट पर उतरा था। 
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RE: जंग, मोहब्बत और धोखा - by Virafghan - 20-12-2022, 05:32 PM



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