13-12-2022, 01:38 PM
में हैरान था पर में क्या करता मामी की हुकुम थी और मैने एक बैंगन उठाई मेने जान बूझ कर मेरे लंड से बड़ा बैंगन उठाया और पहले धीरे धीरे मामी की चूत में धीरे धीरे कर के डाला और अंदर बाहर किया और फिर अचानक से जोर जोर से मामी की चूत में बैंगन तेजी से घुसाने लगा ।
मामी अपनी टांगे पकड़ के फैलाती हुई " आ । आ आ । आ । आह्ह्ह्ह । आन्न । आ ।आ " कर के चीखने लगी ।
उसका चेहरा लाल हो गई थी मुंह से लाल निकल आ थी । आंखो आनंद मस्ती सुख की अनुभूति और कूची देर में उसने अपना शर्मसुख से मेरा हाथ भीगो देते है और तेज तेज हाफने लगी ।
में बैंगन एक तरफ रख के मामी को छेड़ते हुए बोला " लगता है आपको लाखा की याद आ रही हे"
मामी समझ गई मेरा मतलब लेकिन उसे नही पता था कि मुझे सब पता है तो तो थोरी हैरान हुई और शर्म भी आने लगी ।
तो मैने ही बोला " आप बुरा मत मानना वो मनोहर मुझे आप सबकी वो सब दिखाता था जबरदस्ती छुप चुप कर "
मामी मेरा हाथ पकड़ के खींचा और मेरा लन्ड अपनी चूत पर रगड़ती हुई बोली " कोई बात नहीं लल्ला तूने जान बूझ के थोरी देखा था ।"
में भी मामी के साथ खुल गया और बोला " वैसे आप तीनो भी कम नही थे । पहले तो रोना धोना करते थे लेकिन फिर खूब मजा लेते थे "
मामी शर्म से चेहरा नीचे कर के फिर मेरा छाती चूम के बोली " अच्छा तुम लोगो का लंड मजे लेने के लिए है और हम औरतों का चूत मजे लेने के लिए नही बनी क्या । अच्छा छोड़ ये सब अब ऐसा कर पूरा जोर से घुसाना और बाहर निकाल कर फिर जोर से घुसा देना "
में बोला " लाखा ऐसा करता था "
मामी मेरे गाल पर हल्के से सपाट लगा के होंठ काट के बोली " बदमाश । वैसे सही कहा पता नही चक्की का आता खाता था । बच्चरदानी तक ठोकर मार कर हालत खराब करता था कमीना "
" और आपको मजा भी तो आता था । " में मुस्कुरा के बोला और जोर से झटका मार के फिर पूरा निकाला और फिर झटका दिया ।
मामी भी मजे से नसीली आंखे से मुझे निहारती हुई आहे भरने लगी । कुछ देर बाद मुझे और कंट्रोल नही हुआ और में मामी को बाहों में भींच कर झाड़ गया । मामी भी मुझे बाहों में भर कर चूम कर बोहोत प्यार दिया ।
मामी अपनी टांगे पकड़ के फैलाती हुई " आ । आ आ । आ । आह्ह्ह्ह । आन्न । आ ।आ " कर के चीखने लगी ।
उसका चेहरा लाल हो गई थी मुंह से लाल निकल आ थी । आंखो आनंद मस्ती सुख की अनुभूति और कूची देर में उसने अपना शर्मसुख से मेरा हाथ भीगो देते है और तेज तेज हाफने लगी ।
में बैंगन एक तरफ रख के मामी को छेड़ते हुए बोला " लगता है आपको लाखा की याद आ रही हे"
मामी समझ गई मेरा मतलब लेकिन उसे नही पता था कि मुझे सब पता है तो तो थोरी हैरान हुई और शर्म भी आने लगी ।
तो मैने ही बोला " आप बुरा मत मानना वो मनोहर मुझे आप सबकी वो सब दिखाता था जबरदस्ती छुप चुप कर "
मामी मेरा हाथ पकड़ के खींचा और मेरा लन्ड अपनी चूत पर रगड़ती हुई बोली " कोई बात नहीं लल्ला तूने जान बूझ के थोरी देखा था ।"
में भी मामी के साथ खुल गया और बोला " वैसे आप तीनो भी कम नही थे । पहले तो रोना धोना करते थे लेकिन फिर खूब मजा लेते थे "
मामी शर्म से चेहरा नीचे कर के फिर मेरा छाती चूम के बोली " अच्छा तुम लोगो का लंड मजे लेने के लिए है और हम औरतों का चूत मजे लेने के लिए नही बनी क्या । अच्छा छोड़ ये सब अब ऐसा कर पूरा जोर से घुसाना और बाहर निकाल कर फिर जोर से घुसा देना "
में बोला " लाखा ऐसा करता था "
मामी मेरे गाल पर हल्के से सपाट लगा के होंठ काट के बोली " बदमाश । वैसे सही कहा पता नही चक्की का आता खाता था । बच्चरदानी तक ठोकर मार कर हालत खराब करता था कमीना "
" और आपको मजा भी तो आता था । " में मुस्कुरा के बोला और जोर से झटका मार के फिर पूरा निकाला और फिर झटका दिया ।
मामी भी मजे से नसीली आंखे से मुझे निहारती हुई आहे भरने लगी । कुछ देर बाद मुझे और कंट्रोल नही हुआ और में मामी को बाहों में भींच कर झाड़ गया । मामी भी मुझे बाहों में भर कर चूम कर बोहोत प्यार दिया ।