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Adultery पूरा परिवार फंसा गुंडों की तंबू में
#21
दूसरे दिन मनोहर से में बोला " मुझसे ये सब देखा नही जा रहा है अब बोहोत हो गया आपकी मकसद तो अब पूरा हो गया हमे अब जाने दीजिए। कमसे कम मुझे ये सब तो मत दिखाये " 




मनोहोर ने तब कुछ जवाब नही दिया उसके चेहरे पर गहरी सोच की भाव थे मुझे एक उम्मीद दिखाई दी की वो अब हमे जाने देगा । 



वो मुझे तंबू के अंदर ले गया और दो ग्लास में दो पेग बनाया । और मुझे पीने को बोला । मैं कभी कबर थोड़ा बोहोत दोस्तो के साथ ओकेजनोली पी लेता था फिर भी में इनकार किया पर मनोहर ने जोर दिया और में एक पेग पी गया ।



और फिर दो पेग तीन पैग चार पेग मुझे जबरदस्ती पिलाया और जब मुझे नशा चढ़ गया तब मनोहर ने अपनी चाल चली ।



" बच्चा तू जवान हो गया है अब । लेकिन तूझे देख के लगता नहीं की तू जवान हो गया है । तेरा अंदर हलचल होता है की नही। खड़ा भी होता है के नही " मनोहर हंस पड़ा 



मुझे मेरी इंसल्ट तीर की सुभा और में भी नशे में जोश में बोला " ये क्या बकवास है मेरा सब कुछ नोर्मल हे। सब कुछ ठीक है आइंदा मेरे से इस तरह से बात मत करना "



" अच्छा अच्छा तू तो बेटा भड़क गया । एक बात बता तुझे तेरी मां चाची मामी की इतनी चुदाई देखी । इतनी गर्म माल है उन्हें देख के तुझे कुछ नही हुआ । कमसे कम तेरी मामी और चाची को देख कर तो कुछ हलचल कुछ गर्मी तो मेहसूस हुई होगी । वो तो तेरी जन्म देने वाली सगे मां नही है। एक कहावत हे लंड ना मासी ना बुआ देखता है देखता है तो उनकी गुफा " मनोहर हंस पड़ा 



अब में कैसे बताऊं की मामी चाची क्या मां की चुदाई देख कर उसे नंगी देख कर में भी कामुक भावनाओ में वेह गया था । मेरी नज़रे अपने आप झुक गया 



लेकिन मनोहर जैसे इंसान मेरी मन की दशा अच्छी तरह से समझ गया और धीरे से बोला " तेरी सेटिंग करा दूं तेरी मामी से बोल। चाची से भी करवा सकता हूं तेरी " 



एक पल के लिए लालच तो जगा था पर में भला बुरा समझता था और बखेड़ा नही करना चाहता था । वैसे ही तीनो औरते बोहोत झेल चुकी है। तो में साफ इंकार किया " नही मुझे किसी के साथ कुछ भी नही करना है बस हम छोड़ दो " 



" अरे शर्मा क्यू रहा है। तेरी मामी को भी नही पता चलेगा ।बोल उसकी आंखो में पट्टी बांध देंगे । बोल करवा दूं बच्चे " 



" नही बोला ना नही" में डटे रहा 


" जैसी तेरी मर्जी । में तेरी जगह होता ऐसे सोने पे सुहागा मौका नही गवाता " 



मनोहर तम्बू से बाहर चला गया । 



ऐसे ही और 20 दिन निकल गए । और मनोहर ने मेरी और मेरी और उसकी शर्तो के मुताबिक हमे छोड़ने का फैसला किया । में बोहोत खुश हुआ और मनोहर ने मुझे तैयार होने को कहा और उसने बोला की मेरे लिए सब कुछ सेट कर रखा है । 




में खुशी खुशी तीनो औरतों की तंबू में गया और बताया तो तीनों औरते खुशी से झूम उठे लेकिन जब मैने कंडीशन बताई तो तीनों मुरझा गए ।




मैने बताया " मनोहर सिर्फ हम चारो को ही छोड़ रहे हे । हमारा घर हमारी प्रोपर्टी सब कुछ हमसे ले लिया हे उसने । और हमारे लिए हमारे सिटी से हजार किलोमीटर दूर रहने का इंतजाम कर दिया है। और बाकी सब से हम कभी दुबारा मिल भी नही पाएंगे "



" और बाकी का क्या । क्या उनको मार देंगे " मां काफी दुखी हो कर बोली 


" नहीं उनको बाद में छोड़ देंगे कंगाल बना के जैसे मनोहर को छोड़ा था दादाजी और उनलोगो ने वैसे " मैने साफ जूठ बोला जो इस बारे में मनोहर से मेरी कोई ठीक से बात नहीं हुई थी ।




" लल्ला जो भी हो हमारे पति है । हम ऐसे उन्हे छोड़ के कैसे जा सकते है। एक काम कर तू जा हमारी आधी ज़िंदेगी तो चली गई अब बची अधि जिंदगी गुजार लेंगे किसी तरह । तू जा लल्ला " चाची बोली ।



" हां लल्ला तू जा । तुम्हारी पूरी जिंदगी पड़ी है । हमारी चिंता मत कर तू । तू जा " मां भी मेरे गाल चूम के बोली ।



मेरे आंखो में आसू आ गए और बोला " अपने पतियों की गुनाहों की सजा आप लोग भला क्यू झेलना चाह रहे हों। आप लोग बोहोत भली हो । पर में भी आप लोगो को बेवजह सजा भुगतने नही दूंगा । अगर आप लोग मेरे साथ नही चलेगी तो ने भी नही जाऊंगा । आप तीनों की कसम में तभी जाऊंगा जब आप तीनो जाएगी मेरे साथ " 


में एक जवाब दे कर तम्बू से बाहर आ गया । तीनो औरते मुझे पुकारते रहे और में नही पलटा । सीधा मनोहर की तम्बू में घुसा । मनोहर ने पूछा क्या हुआ तो मैंने सारे बात बताया और उसने भी बोल दिया की " जैसी तुम लोगो की मर्जी पर तेरे दादाजी और उन तीन हरामियों को में अभी तो नही छोड़ सकता जब तक मेरी जुटी ना चाटे ।"



दो दिन और निकल गए तीसरे दिन अचानक लाखा आया और बोला " चल तुम चारों को छोड़ के आता हूं । और मुझे कुछ सूंघा दिया । और में सायेद बेहूस हो गया था । 
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RE: पूरा परिवार फंसा गुंडों की तंबू में - by Youngsters - 13-12-2022, 01:37 PM



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