13-12-2022, 12:36 PM
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अंतरंग हमसफ़र
INDEX
अंतरंग हमसफ़र भाग 001 अंतरंग जीवन की पहली हमसफ़र रोज़ी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 002 पहली हमसफ़र - शारीरक सुखो से मेरा पहला परिचय.
अंतरंग हमसफ़र भाग 003 अंतरंग जीवन की पहली हमसफर रोज़ी के साथ पहले सम्भोग की कहानी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 004 अंतरंग जीवन की पहली हमसफर रोज़ी के साथ मानसिक सेक्स.
अंतरंग हमसफ़र भाग 005 रूबी के साथ संसर्ग, उसके बाद समूह सेक्स.
अंतरंग हमसफ़र भाग 006 टीना एक नयी कुंवारी युवती के साथ तालाब में पहला संसर्ग.
अंतरंग हमसफ़र भाग 007 साथियो की अदला बदली.
अंतरंग हमसफ़र भाग 008 सुन्दर युवती से मुलाकात.
अंतरंग हमसफ़र भाग 009 फूफेरी बहन से प्रेम का इजहार.
अंतरंग हमसफ़र भाग 010 रूबी और रोजी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 011 रूबी और रोजी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 012 रोजी, रूबी के साथ सेक्स.
अंतरंग हमसफ़र भाग 013 जेन के साथ सेक्स.
अंतरंग हमसफ़र भाग 014 जेन के साथ मुखमैथुन और सेक्स.
अंतरंग हमसफ़र भाग 015 जेन के साथ सेक्स
अंतरंग हमसफ़र भाग 016 अलका की पहली चुदाई
अंतरंग हमसफ़र भाग 017 अलका की पहली चुदाई
अंतरंग हमसफ़र भाग 018 दूसरी फूफेरी बहन के साथ सम्भोग.
अंतरंग हमसफ़र भाग 019 फूफेरी बहन के साथ सम्भोग से पहले चाटना चूमना.
अंतरंग हमसफ़र भाग 020 कुंवारी फूफेरी बहन की धुआंधार चुदाई.
अंतरंग हमसफ़र भाग 021 कमसिन फूफेरी बहनो की धुआंधार चुदाई.
अंतरंग हमसफ़र भाग 022 नयी लड़किया और तालाब पर छुप कर मस्तियो के नज़ारे.
अंतरंग हमसफ़र भाग 023 लड़कियों की तालाब पर मस्ती के मादक कामुक नज़ारे.
अंतरंग हमसफ़र भाग 024 तुम ने पुकारा और हम चले आये- लड़कियों के साथ तालाब पर मस्ती.
अंतरंग हमसफ़र भाग 025 नग्न सामूहिक कामुक खेल और मुख मैथुन.
अंतरंग हमसफ़र भाग 026 सौतेली बहने.
अंतरंग हमसफ़र भाग 027 सौत बनी साथी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 028 बॉब की रुखसाना के लिए बेकरारी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 029 सेक्स का आरंभिक ज्ञान.
अंतरंग हमसफ़र भाग 030 चुदाई के नज़ारे.
अंतरंग हमसफ़र भाग 031 प्यार का असली सबक
अंतरंग हमसफ़र भाग 032 कजिन के सहेली के साथ मेरे फूफेरे भाई की आशिक़ी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 033 रुखसाना की पहली चुदाई
अंतरंग हमसफ़र भाग 034 रुखसाना की चुदाई की कहानी जारी है
अंतरंग हमसफ़र भाग 035 हुमा की पहली चुदाई
अंतरंग हमसफ़र भाग 036 दुल्हन की लाल रंग की पोशाक में खूबसूरत हुमा.
अंतरंग हमसफ़र भाग 037 चुदाई से पहले की चूमा चाटी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 038 चिकनी संकरी और छोटी से चूत वाली हुमा की पहली चुदाई.
अंतरंग हमसफ़र भाग 039 हुमा की पहली चुदाई.
अंतरंग हमसफ़र भाग 040 हुमा की आनंदभरी चुदाई.
अंतरंग हमसफ़र भाग 041 हुमा के साथ मस्तिया जारी हैं.
अंतरंग हमसफ़र भाग 042 हुमा बहुत नाराज हो गयी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 043 सेक्सी मेजबान की टांग में क्रैम्प.
अंतरंग हमसफ़र भाग 044 सेक्सी मेजबान के साथ पहली बार संसर्ग.
अंतरंग हमसफ़र भाग 045 मेजबान के साथ संसर्ग.
अंतरंग हमसफ़र भाग 046 लिली की योनि में मेरे लंड का प्रथम प्रवेश.
अंतरंग हमसफ़र भाग 047 लिली ने सम्भोग का नया तरीका सिखाया.
अंतरंग हमसफ़र भाग 048 सरप्राइज़.
अंतरंग हमसफ़र भाग 049 सोई हुई परम् सुंदरी
अंतरंग हमसफ़र भाग 050 परम् सुंदरी का प्रभाव.
अंतरंग हमसफ़र भाग 051 वूमेन ऑन टॉप.
अंतरंग हमसफ़र भाग 052 नकली गुस्सा असली प्यार.
अंतरंग हमसफ़र भाग 053 भाग्यशाली.
अंतरंग हमसफ़र भाग 054 लिली की बहन मिली से पहली मुलाकात और आलिंगन.
अंतरंग हमसफ़र भाग 055 चलती कार में चुदाई.
अंतरंग हमसफ़र भाग 056 सामने चुदाई करते हुए देखना.
अंतरंग हमसफ़र भाग 057 तीन गर्म बहनो की चुदाई का क्रम.
अंतरंग हमसफ़र भाग 058 तीन गर्म बहनो की चुदाई का क्रम.
अंतरंग हमसफ़र भाग 059 मिली का सौंदर्य अवलोकन.
अंतरंग हमसफ़र भाग 060 मिली की सहायिका सपना की ख़ूबसूरती.
अंतरंग हमसफ़र भाग 061 सपना के नग्न सौंदर्य का निरीक्षण कर उसे सराहा.
अंतरंग हमसफ़र भाग 062 हुमा का निरिक्षण.
अंतरंग हमसफ़र भाग 063 हुमा को सजा.
अंतरंग हमसफ़र भाग 064 मिली निकली उस्ताद.
अंतरंग हमसफ़र भाग 065 मिली ने दिया पहला सेक्स ज्ञान.
अंतरंग हमसफ़र भाग 066 लिली के साथ मजे.
अंतरंग हमसफ़र भाग 067 लिली ने की लंड चुसाई.
अंतरंग हमसफ़र भाग 068 घट कंचुकी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 069 एमी और तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 070 हुमा ने की लंड चटाई
अंतरंग हमसफ़र भाग 071 अगले सत्र की तयारी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 072 मैं तरोताजा महसूस कर रहा था.
अंतरंग हमसफ़र भाग 073 ज्यादातर पशु किस आसन में सेक्स करते हैं.
अंतरंग हमसफ़र भाग 074 चॉकलेट खाने का सही तरीका.
अंतरंग हमसफ़र भाग 075 मिली खुद चुदी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 076 चकाचक माल की दावत.
अंतरंग हमसफ़र भाग 077 सपना का कौमार्य भंग
अंतरंग हमसफ़र भाग 078 पहली चुदाई के बाद का दुलार.
अंतरंग हमसफ़र भाग 079 सपना चुपके से मेरे कमरे में मेरे पास आयी और मेरे से लिपट गयी.
अंतरंग हमसफ़र भाग 080 वीसा साक्षात्कार
अंतरंग हमसफ़र भाग 081 पहली डेट
अंतरंग हमसफ़र भाग 082 सूर्यास्त
अंतरंग हमसफ़र भाग 083 चाँद की धीमी रोशनी, नदी में नाव में हम
अंतरंग हमसफ़र भाग 084 मुखमैथुन के नए पाठ
अंतरंग हमसफ़र भाग 085 कुंवारी योनि का दुर्लभ अवलोकन.
अंतरंग हमसफ़र भाग 086 कौमार्य भंग
अंतरंग हमसफ़र भाग 087 दोबारा करेंगे तो बेहतर लगेगा
अंतरंग हमसफ़र भाग 088 मैं पूरी कोशिश करूँगा
अंतरंग हमसफ़र भाग 089 लंदन की हवाई यात्रा-1
अंतरंग हमसफ़र भाग 090 जहाज के सफर में मनोरंजन
अंतरंग हमसफ़र भाग 091 हवाई यात्रा में छोटा ब्रेक
अंतरंग हमसफ़र भाग 092 एयरलाइंस की वो परिचारिका
अंतरंग हमसफ़र भाग 093 एयरलाइंस परिचारिका के साथ कार में
अंतरंग हमसफ़र भाग 094 एयरलाइंस परिचारिका के साथ कार में
अंतरंग हमसफ़र भाग 095 एयरलाइंस परिचारिका का पहला अनुभव
अंतरंग हमसफ़र भाग 096 नायाब एयरलाइंस परिचारिका
अंतरंग हमसफ़र भाग 097 आगे का सफर नए साथी के साथ
अंतरंग हमसफ़र भाग 098 नए साथी के साथ खेल
अंतरंग हमसफ़र भाग 099 हवाई यात्रा मे हस्तमैथुन
अंतरंग हमसफ़र भाग 100 इन-फ्लाइट मनोरंजन
अंतरंग हमसफ़र भाग 101 लंदन में पढ़ाई और मस्तियो की शुरुआत
अंतरंग हमसफ़र भाग 102 लंदन का ख़ास पैराडाइस मनोरजन क्लब
अंतरंग हमसफ़र भाग 103 साथी का चयन
अंतरंग हमसफ़र भाग 104 भोजन, संगीत और प्रेम का इजहार
अंतरंग हमसफ़र भाग 105 प्रेम और मस्तिया
अंतरंग हमसफ़र भाग 106 प्रेम आलिंगन और नृत्य
अंतरंग हमसफ़र भाग 107 सार्वजानिक और खुले तौर पर सम्भोग
अंतरंग हमसफ़र भाग 108 चुदाई के दौरान बिस्तर ने हवा उछाल दिया
अंतरंग हमसफ़र भाग 109 बिस्तर में लगे ताकतवार स्प्रिंगों का स्प्रिंगिंग एक्शन
अंतरंग हमसफ़र भाग 110 लंदन में पढ़ाई और मस्तिया कामुकता और ऐयाशी
अंतरंग हमसफ़र भाग 111 लंदन में पढ़ाई और मस्तिया सामूहिक ऐयाशी
अंतरंग हमसफ़र भाग 112 लंदन में पढ़ाई और मस्तिया, नफीसा का स्वागत
अंतरंग हमसफ़र भाग 113 सुंदरता, सेक्स की देवी की पुजारिन.
अंतरंग हमसफ़र भाग 114 सेक्स की देवी की पुजारिन.
अंतरंग हमसफ़र भाग 115 लंदन में पढ़ाई और मस्तिया, पुजारिन के ख़ुशी के आंसू!
अंतरंग हमसफ़र भाग 116 लंदन में पढ़ाई और मस्तिया नियंत्रण
अंतरंग हमसफ़र भाग 117 सुंदर और अध्भुत सम्भोग का आनंद
अंतरंग हमसफ़र भाग 118 अध्भुत सम्भोग का आनंद और शक्ति का संचार.
अंतरंग हमसफ़र भाग 119 लंदन में पढ़ाई और मस्तिया अरबपति की ट्रॉफी पत्नी
अंतरंग हमसफ़र भाग 120 लंदन में मस्तिया टिटियन प्रकार की लड़की
अंतरंग हमसफ़र भाग 121 लड़की या कोई हूर परी!
अंतरंग हमसफ़र भाग 122 चार प्रेमिकाओ के साथ सामूहिक सम्भोग
अंतरंग हमसफ़र भाग 123 लंदन में पढ़ाई और मस्तिया कामुक पागलपन .
अंतरंग हमसफ़र भाग 124 कामुक ख्याल
अंतरंग हमसफ़र भाग 125 लंदन में मस्तिया कामुक दृश्यम
अंतरंग हमसफ़र भाग 126 लंदन में मस्तिया और उस रात का आखिरी पहर
अंतरंग हमसफ़र भाग 127 सुबह-सुबह टहलना-कुछ-बहुत कुछ
अंतरंग हमसफ़र भाग 128 सुबह-सुबह-बहुत कुछ
अंतरंग हमसफ़र भाग 129 समारोह की प्रक्रिया
अंतरंग हमसफ़र भाग 130 सेक्स और सुंदरता की उपासक पुजारिने
अंतरंग हमसफ़र भाग 131 मैं ही क्योे?
अंतरंग हमसफ़र भाग 132 काफिला
अंतरंग हमसफ़र भाग 133 पुजारिन के उद्धारकर्ता की जय
अंतरंग हमसफ़र भाग 134 प्यार का मंदिर प्रेम भरी प्राथना
अंतरंग हमसफ़र भाग 135 स्नानागार
अंतरंग हमसफ़र भाग 136 शुद्धिकरण स्नान
अंतरंग हमसफ़र भाग 137 ऐयाशी - जब रात हैं ऐसी मतवाली तो फिर सुबह का आलम क्या होगा!
अंतरंग हमसफ़र भाग 138 जनाना स्नान्नगार
अंतरंग हमसफ़र भाग 139 प्यार की देवी
अंतरंग हमसफ़र भाग 140 स्नान और सम्भोग
अंतरंग हमसफ़र भाग 141 सफाई और स्नान
अंतरंग हमसफ़र भाग 142 विशेष समारोह आरंभ
अंतरंग हमसफ़र भाग 143 विशेष समारोह शुद्धिकरण दुग्ध स्नान
अंतरंग हमसफ़र भाग 144 विशेष समारोह - दुग्ध स्नान
अंतरंग हमसफ़र भाग 145 विशेष समारोह-प्रारम्भकर्ता या माध्यम, पहलकर्ता
अंतरंग हमसफ़र भाग 146 विशेष समारोह की मालिशकर्ता
अंतरंग हमसफ़र भाग 147 विशेष समारोह महायाजक
अंतरंग हमसफ़र भाग 148 महायाजक द्वारा सशक्तिकरण
अंतरंग हमसफ़र भाग 149 पुजारिणो द्वारा सशक्तिकरण
अंतरंग हमसफ़र भाग 150 सशक्तिकरण
अंतरंग हमसफ़र भाग 151 दावत कक्ष
अंतरंग हमसफ़र भाग 152 मार्टिनी ग्लास में नर्तकी अंतरंग हमसफ़र भाग 153 दावत - 13. मुख्य व्यंजन - 1. जूस, 2 फल. 3 स्नैक्स 4. सूप
अंतरंग हमसफ़र भाग 154 दावत - 13. मुख्य व्यंजन - 5. ऐपेटाइज़र, 6. सलाद
अंतरंग हमसफ़र भाग 155 दावत - 13. मुख्य व्यंजन 6- सलाद
अंतरंग हमसफ़र भाग 156 दावत - 13. 7 - तालू की सफाई के लिए वाइन. स्तन निरीक्षण
अंतरंग हमसफ़र भाग 157 दावत - 13. 8 मुख्य व्यंजन
अंतरंग हमसफ़र भाग 158 दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 8- मुख्य व्यंजन
अंतरंग हमसफ़र भाग 159 दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 9 शैंपेन से मुख शुद्धि -
अंतरंग हमसफ़र भाग 160 दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 10 अगली मुख्य डिश
अंतरंग हमसफ़र भाग 161 दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 10- एक बार फिर
अंतरंग हमसफ़र भाग 162 दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 -मजेदार आनद का अनुभव
अंतरंग हमसफ़र भाग 163 दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 - सामूहिक आनद का अनुभव
अंतरंग हमसफ़र भाग 164 दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 - मजेदार अनुभव
अंतरंग हमसफ़र भाग 165 दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मजेदार मीठा
अंतरंग हमसफ़र भाग 166 असुविधा को दूर करने का प्रयास
अंतरंग हमसफ़र भाग 167 दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मीठा त्यार है
अंतरंग हमसफ़र भाग 168 दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मीठा परोस दिया है
अंतरंग हमसफ़र भाग 169 मालिश
अंतरंग हमसफ़र भाग 170 सैंडविच मालिश
अंतरंग हमसफ़र भाग 171 जुड़वाँ बहनो के साथ मालिश और सम्भोग
अंतरंग हमसफ़र भाग 172 बेकरार महायाजक
मेरे अंतरंग हमसफ़र
सातवा अध्याय
लंदन का प्यार का मंदिर
भाग 41-
समारोह की तयारी
जीवा को याद था कि पहली और आखिरी बार भी उसकी इष्ट प्रेम की देवी ने ही उसकी सहायता की थी और जब उसकी दीक्षा (चुदाई) का कार्यक्रम था तब भी उसने देवी से ही प्राथना की थी की वह उसके कौमार्य की रक्षा करे और फिर जब उसके दीक्षा करता वारेन का लंड उसकी चूत के अन्दर जाने वाला था तो उसका लंड जीवा की योनि का स्पर्श करते ही बाहर ही स्खलित हो गया था। दुबारा दीक्षा करवाने के लिए जीवा और पाईथिया त्यार नहीं हुई थी और इस बात से प्रेम की देवी और मंदिर की बदनामी न हो और बात फ़ैल न जाए इसलिए जीवा को ही मुख्य महायाजक बनाया गया । फिर उसके बाद पाईथिया ने नियमो में बदलाव किया था और दीक्षाकरता के चुनाव के नियम बदल दिए थे । इसी कारन से जीवा मंदिर के शताब्दियों के इतिहास में पहली महायाजक पुजारिन थी जो की कुंवारी रहती हुई महायाजक बन गयी थी । जीवा और पाईथिया दोनों मानती थी ये सब देवी की असीम कृपा का ही नतीजा था और ये राज केवल महायाजक पाईथिया, जीवा और उसके दीक्षा करता श्रीमान वारेन को ही ज्ञात था ।
इसीलिए जीवा की चूत की कसावट कुवारी चूत वाली ही थी। फिर उसने अपनी इष्ट प्रेम की देवी से प्राथना की और उनसे थोड़ा-सी और शक्ति और सब्र माँगा और दोनों उंगलिया को अन्दर डालने के लिए जोर लगाना पड़ रहा था। चूत की कसी हुई मखमली दीवारे उसकी योनि उंगलियों को अंदर नहीं जाने दे रही थी । थक कर उसने हाथ से दाने को रगड़ना जारी रखा। इससे मिलने वाले चरम सुख की कोई सीमा नहीं थी। मुहँ से सिसकारियो का सिलसिला लगातार चल रहा था, उसका शरीर भी उसी अनुसार लय में कांप रहा था और आगे पीछे हो रहा था। अचानक उसका पूरा शरीर अकड़ गया, सिसकारियो का न रुकने वाला सिलसिला शुरू हो गया, जांघे अपने आप खुलने बंद होने लगी, दाना फूलकर दोगुने साइज़ का हो गया था लेकिन जीवा ने उसे रगड़ना अभी भी बंद नहीं किया था। दाने के रगड़ने से चूत के कोने-कोने तक में उत्तेजना की सिहरन थी। चूत की दीवारों में एक नया प्रकार का सेंसेशन होने लगा, कमर और जांघे अपने आप कापने लगी, जीवा को पता चल गया अब अंत निकट है, ये वासना के तूफ़ान की अंतिम लहर है। चूत रस तेजी से बाहर की तरफ बहने लगा। सारा शरीर कापने लगा, उत्तेजना के चरम का अहसास ने उसके शरीर पर से बचा खुचा नियंत्रण भी ख़त्म कर दिया।
कमर अपने आप ही हिल रही थी, पैर काँप रहे थे, मुहँ से चरम की आहे निकल रही थी। और फिर अंतिम झटके के साथ पूरे शरीर में कंपकपी दौड़ गयी और पूरा शरीर सोफे पर धडाम से ढेर हो गया। और फिर वह झटके खाती हुई स्खलित हुई और धीरे-धीरे वह सोफे पर पूरी तरह लेट गयी।
जीवा आनंद के सागर में गोते लगाते-लगाते लगभग बेहोशी की हालत में पंहुच गयी। धीरे-धीरे जीवा की सांसे काबू में आने लगी, चूत के दाने की सुजन कम होने लगी, स्तनों की कठोरता कम होने लगी। अपनी उखड़ती सांसे संभाले जीवा अपना स्त्रीत्व महसूस करने लगी, उसे अपने औरत होने का अहसास हुआ। चेहरे पर मुस्कराहट आयी और उसने शरीर को ढीला छोड़ दिया। उसने अपने ही चुचे और चूत का अहसास आज पहली बार किया था। उसके शरीर मेंइन अंगो के होते हुए भी आज तक इनसे अनजान थी। लेकिन उसे अभी संतुष्टि का एहसास नहीं हुआ और जब संतुष्टि देने वाले का ख्याल आया तो तुरंत उसके चेहरे पर फिर एक बार मुस्कुराहट आ गयी और उसने अपनी चूत और स्तनों को थपथपाया, पूरे बदन को सहलाया और बोली बस थोड़ा-सा इन्तजार और करो प्यारे पिया से मिलन का समय अब बिलकुल पास है ।
इसी के साथ उसने टब में डुबकी लगा दी । 22 साल की खूबसूरत जीवा स्नानागार में टब से नहाकर बाहर निकली और तेजी से खुद के नंगे बदन को तौलिये से लपेट लिया, लेकिन आईने तक आते-आते तौलिया फिसल गया।
तभी कदमो की आवाज आयी और वह परिचारिकायें मालिश का समान और दो बड़े बक्से ले कर स्नानागार में आयी। दो परिचारिकायें आयी मिशु मालिश और राशि मेकअप के लिए प्रशिक्षित थी। पाईथिया ने उन्हें जीवा की मालिश और मेकअप करने के लिए भेजा था और राशि भारतीय मूल की लड़की थी और बोली डेल्फी आप हमारे हाथो से मालिश करा ले और उबटन लगवा ले आपको बहुत अच्छा लगेगा । फिर सबसे पहले उन्होंने जीवा के जिस्म की वैक्सिंग की और-और चूत बिल्कुल क्लीन शेवड की। हालाँकि जीवा ने वैक्सिंग दो दिन पहले ही करा ली थी। लेकिन राशि जीवा की चूत को बिलकुल मक्खन चूत बनाना चाहती थी। शायद उसे किसी ने बता दिया था कि मुझे चिकनी योनि बहुत पसंद है । इसलिए उसने जीवा की चूत और गांड को क्रीम लगा के साफ़ किया और बार-बार वीट लगा कर चूत ऐसी बना दी कि कोई मक्खी भी बैठ जाये तो फिसल जाए।
और फिर उन्होंने तेल अपनी उंगलिओं में लेके जीवा के बदन पर लगाना शुरू किया, तो जीवा की जो भी झिझक थी, थकान थी और दर्द था, सब कुछ ही देर में पिघल गया। पैरों, पिंडलियों, जाँघो की थकान तो गायब हो ही गई, उसे बिकुल एकदम हल्का लगने लगा ।, । उसका हाथ जब नितंबो पर पहुँचा और उसने अपने हाथों के बीच जीवा के दोनों नितंबो को मसलना शुरू किया।
फिर राशि ने जीवा को हल्दी, चंदन और मंदिर के कुछ विशेष जड़ी बुटिया मिला उबटन लगाना शुरू किया और पहले पैरों पर लगाया फिर थोड़ा-सा एक दूसरी कटोरी से कुछ अलग-सा उबटन बूब्स के साइड में लगा दिया। वह अपने आप करवट बदल के पीठ के बल हो गयी। फिर उसने जीवा के उभारों पर कुछ और उबटन लगाया और बोली थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहना । जीवा को बहुत अच्छा लग रहा था। और फिर राशि ने सीधे जीवा के उरोजो पर और एक दूसरी कटोरी से एक अलग ढंग का उबटन ले के उसके सीने पर हल्के हाथों से लगाया। वह अनारदाने और अनार का एक ख़ास उबटन था जो बच्चे होने के बाद औरतों के सीने में कसाव और शेप के लिए इस्तेमाल होता है फिर उसे यहीं लगा हुआ छोड़ कर फिर बाकी देह में चंदन, हल्दी और जड़ी बूटियों वाला उबटन लगाना शुरू किया। एक घंटे के बाद फिर सीने पर लगा वह लेप छुड़ाया।
सीने पर वह ख़ास उबटन जब वह छुड़ाती तो राशि जीवा के सीने को सहला देती और कहती आपको मास्टर यहाँ पर कस के मसलेँगे और जीवा के निपल्स तुरंत कड़े हो गए और फिर उसने उन्हें हलके से खेंच कर बोली वह कहती, दिल्ली, मास्टर तो बहुत किस्मत वाले हैं जो उनका इतना मस्त जवानी मिली है । तभी मीशू बोली अरे मास्टर भी तो मस्त हैं । वह कितने बहदुर हैं, उन्होंने ही डेल्फी की जान बचायी है और मैंने तो ये भी सुना है उनका लिंग बाहर बड़ा लम्बा और कठोर है । और मैंने स्नानागार की एक परिचारिका को ये कहते हुए सुना था की जब मास्टर चुदाई करते हैं तो चीखे पूरे मंदिर में गूंजे लगती हैं ।
राशि बोली हाँ अरे जहाँ उनका कमरा है वहाँ से अभी भी चीखे सुनाई दे रही हैं ... मीशू बोली अरे ये तो समीना की चीखे हैं जो उनकी सेवा में है। लगता है आज समीना न्र भी होना कौमार्य मास्टर को समर्पित कर दिया है और ये बोलते हुए वह नीचे भी वह कोई मौका नहीं छोड़ रही थी, कभी उसकी कुँवारी योनि की पंखुड़ियो को सहला देती तो कभी तेल लगाने के बहाने उंगली की टिप से छेद को छु देती।
जीवा दम मस्ती से भर गयी थी और जब वह उसे सीने को छुने से मना करती तो वह और मसल के बोलती, "अर्रे डेल्फी, ये तो जवानी के फूल हैं, आपके मास्टर । आपके मसीह के खिलौने। अर्रे वह तो इतने कस-कस के मसलेंगे कि आपके पसीने छूट जाएँगे। मास्टर आपको सिर्फ़ हाथों से नही, चूसेंगे, चाटेंगे, होंठो से भी, चूमेंगे, और कच कचा के काटेंगे और अपने उस बृद्ध हथियार से पीस देंगे । चटनी बना देंगे । आप को याद नहीं है कि कैसे उनके हथियार ने एस्ट्रा की योनि के अंदर चेरी की चटनी बनायीं थी । डेल्फी अब इन कबूतरो के उड़ने के दिन आ गये और अब वे इन मस्त जोबन को वह लूट लेंगे।"
जीवा उनकी बाते सुन कर मजे लेती रही थोड़ा शरमाती, गुस्सा होने का नाटक करती पर मन ही मन सोचती कि अब कुछ पालो की बात है और फिर मैं उनकी बाहों में होंगी और वह मुझे अपने सीने में कस के भींच के, दबा के, रगड़ के मेरे साथ प्यार करेंगे। "
फिर उन्होंने जीवा को शावर चला कर उसका जिस्म मसल-मसल कर नहलाया और उसके बाद उसे विशेष ड्रेस पहना दी जिसमे कोई कपड़ा नहीं था शरीर का कोई अंग किसी वस्त्र से छिपाया नहीं था, संपूर्ण पतले शरीर पर केवल सोने के हार और गहने पहने हुए थे और कुछ बारीक सुनहरी जंजीरों के अलावा उसका सुंदर नग्न बदन देखना बहुत कामुक था।
राशि बोली मीशू आप जानती हैं मास्टर मेरी तरह एक भारतीय हैं और मैं आज की रात डेल्फी की है और मेरा सुझाव है क्यों न इन्हे हम एक दुल्हन की तरह सोलह शृंगार कर सजा दे । फिर मास्टर की हालत देखने लायक होगी ।
मीशू बोली इसके लिए हमे डेल्फी से ही आज्ञा लेनी चाहिए और बोली डेल्फी आपकी इस बारे में क्या राये है?
जीवा ने शर्मा कर अपनी सहमति गर्दन हाँ में हिला कर दे दी। फिर मीशू और राशि ने जीवा को उनके कमरे में ले गयी और जीवा का सोलह शृंगार की पूरी करना शुरू कर दिया। जीवा के शृंगार का विवरण मैं आगे करूँगा जब वह त्यार हो कर मेरे सामने आएगी
सबसे अंत में जीवा के बालो में ग्रीक गजरा सजा दिया–और गजरे ने जीवा के हुस्न और सुनहरे घने और लंबे बालो की सुंदरता को कई गुना बढ़ा दिया और बोली आज तो डेल्फी जीवा आप बहुत सुंदर लग रही है पता नहीं किस-किस पर बिजलिया गिरने वाली हैं और आज तो मास्टर को बहुत धैर्य रखने की जरूरत पड़ेगी।
कहानी जारी रहेगी