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Adultery पूरा परिवार फंसा गुंडों की तंबू में
#19
रात करीब 10 बज रहे थे । मनोहर बोला जा तीसरे तंबू की छेद से देख अपनी हसीन चाची की सुहागरात । 



" आप मुझे ये सब क्यू दिखाते है" मैने सवाल किया 


पर मनोहर हंसा और मुझे इशारे से जाने को बोला । में बाहर निकला और पहली बार मेरे दिमाग में खयाल आया की क्या में यहां से तीनो औरतों को ले कर भाग सकता हूं । पर सारों और देखा हर तंबू में दो पहरेदार बंदूक लिए और पूरे एरिया को घेरा बना के 20 - 25 आदमी बंदूक लिए । किसी किले से कम नही था ।



में तीसरे तंबू की पीछे की खिड़की से देखने लगा । तंबू के अंदर लाइट जली हुई थी । नीचे गद्दा बिछा हुआ था और फूलों से साझा हुआ एक अच्छी महक आ रही थी । 



अंदर चाची थी जो लाल सारी ब्लाउज में थी । और एक आदमी था दरासल वो एक गोरा चिट्ठा लंबा चौड़ा काफी हैंडसम लड़का था । मुझे वो इन्ही में से कोई गुंडे नही लगे पता नही कोन था । 



वो चाची के बिल्कुल करीब बैठा था और चाची के बदन को सेहला रहा था । तो चाची खिचक रही थी और बोल रही थी " प्लीज मुझे आराम चाहिए मेरा शरीर बोहोत दर्द कर रहा है । प्लीज काल । प्लीज" 



मेरी ही उम्र का लड़का दिख रहा था और वो मुस्कुराता हुआ चाची के करीब आ रहा था और चाची की गुलाबी गालों में उंगलियां फिरा रहा था । लेकिन वो प्यार से चाची को माना रहा था " फिक्र मत करो में तुम्हे जरा भी दर्द नही दूंगा । बिलकुल आराम से करूंगा तुम्हे भी मजा आयेगा " 


तो चाची रूवानी सी हो कर बोली " तुम दिखने में भले और अच्छे लग रहे हो कोन हो तुम । तुम इनमे से तो नही हो । प्लीज समझो ना मेरी बात को । मेरी ना अंदर बोहोत दर्द है । प्लीज काल । काल में माना नही करूंगी । अब तो बस यही काम रह गया है सबको खुश करना । प्लीज काल तुम्हे खुश कर दूंगी प्लीज आज नही।" 



लड़का बोला " में मनोहर दादाजी का पोता हूं । सगा वाला नही हूं मेरे दादाजी मनोहर दादाजी के छोटे भाई है। यार तुम भी मुझे समझो ना मुझे तुम्हे देखते ही तुमपे दिल आ गया है। में कह रहा हूं ना में तुम्हे जरा भी दर्द नही दूंगा। ये देखो मेरे पास लुब है उससे तुम्हे जरा भी दर्द नही होगा ।" 


उसने जेब से एक लुब्रिकेंट निकाल के दिखाया। और तभी लाखा तंबू के अंदर आ गया लेकिन उसके साथ चाचा भी थे जो बंधे हुए और उनका मुंह भी बंधा हुआ था । और लाखा ने चाचा को वोही पे एक कुर्सी पर बांध दिया । और बोला " देख वे भवड़े। बड़ा सोक है ना घर के बीवीया अदला बदली करने का। अब देख अपनी आंखों से अपनी बीवी की गैर मर्दों से चुदाई करवाते हुए । बड़ी मस्त है तेरी बीवी आज दोपहर को ही पेला था अब भी मेरा पानी तेरी बीवी की चूत की गहराई में होगी । " 



लाखा बाहर चला गया । चाचा के आंखों में बेबसी और गुस्सा था चटपटा रहा था । और चाची अपने ही पति को सामने देख कर शर्म से कमजोर पड़ गई । और इसका फायदा इस लड़के ने उठाया उसने चाची के ऊपर चढ़ के चाची को चूमने लगा । चाची कमजोर हो कर हार मान ली शर्म से आंखे बंद कर ली। 


और वो लड़का चाची की रसीली गुलाबी होंठ जो लाल लिपस्टिक से मिचिरि की तरह लग रही थी चूस चूस के रस निचोड़ने लगा । बड़े ही प्यार से चाची की होंठ चूस रहा था वो और चाची की जुल्फों से खेल रहा था । 


और फिर चाची को बिठाया को चाची शर्म से आंखे खोल नही पा रही थी । लड़के ने चाची की गहने उतारने लगे । 


एक एक कर के गहने उतारने के बाद चाची को पेट के बल उल्टा लेटा दिया । गर्मी के कारण चाची की ब्लाउज बगल से नेही पीठ पर कुछ हिस्सा गीले हो चुके थे पसीने से । पीठ पर पसीने की बूंदे थी जो चाची की बदन और मादक लग रही थी । लड़का चाची की बदन से महक सूघने लगा और चाचा की तरफ देखते हुए बोला " रानी तेरी महक कामाल की है। सेक्सी एकदम । "


चाचा गुस्से से चटपटा रहे थे । 


लड़का झुक कर चाची के पीठ चाटने लगा और दात भी हल्के हल्के से गढ़ाने लगा । और चूम चूम के चाची की मादक हल्के सर्वी से आकर्षक कमर की पसीने की बूंदे भी चाट गया । और चाची की सारी उतार कर पेटीकोट भी उतार दिया । चाची अंदर पेंटी नहीं पहनी थी । उसकी झांघे और टांगे इतनी चिकनी थी की चमक रही थी और उभरी चूत भी चिकनी थी एक बाल नही थी । 


लड़के ने चाचा की तरफ देखते हुए चाची की टांगे कंधे पर ले कर चाची की चूत चाटने लगा । चाची आंखे बंद किए पड़ी रही । लड़का बोहोत देर तक चाची की चूत चाट कर चूत के बीच से जीव फिराते हुए चाची की मखमली पेट पर आ कर चाची की पेट चाटने लगा और दोनो हाथ ऊपर कर के चाची की मुलायम चूचियां मसलने लगा । 
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RE: पूरा परिवार फंसा गुंडों की तंबू में - by Youngsters - 11-12-2022, 01:56 PM



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