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Adultery पूरा परिवार फंसा गुंडों की तंबू में
#17
दूसरे दिन मुझे तीनों औरतों से मिलने दिया गया । तीनों औरते एक तंबू में थे । और उनको कपड़े दिए गए थे तीनों सारी में थे लेकिन तीनों तम्बू की गर्मी में तप रहे थे । एक छोटा सा तंबू जिसमे एक लोग के लिए मुश्किल और ऊपर से महल जैसे एसी के कमरे में रहने वाली औरते आज इस हालत में हे की किसी तरह बस सांस ले रही है ।




जैसे तीनों औरते ने मुझे देखा और मुझे गले से लगा लिया " ओह लल्ला तू ठीक तो है ना । कहा रखा था तुझे और तुन्हारे पापा चचा मामा वो सब कहा है । तुझे मारा तो नही ना " 




मैने तीनो शांत करवाया और विश्वास दिलाया कि में सही सलामत हूं । मैने तीनों की आंखों में देखा और मुझे मेहसूस हुआ तीनों कितनी तकलीफ में है । चाची और मामी मुझे अपने बेटे से ही मानती थी । मुझे देख कर तीनों थोड़ा सकूंह राहत मिली । 



मैने तीनों की हाथ पकड़ के बोला " पापा उन लोगो को कहा रखा है मुझे नहीं पाता। बस बताया कि वो लोग भी ठीक है " 




" लल्ला ये लोग हमसे क्या चाहते है। क्यू हमे ऐसे बंदी बना के रखा है क्या तेरे दादाजी से पैसा चाहिए इनलोगो को " मां बोली ।



मेरा मुंह लटक गया क्या जवाब देता । और चाची मेरा मुंह पकड़ के ऊपर उठा के पूछा " लल्ला क्या हुआ क्या बात है बोलो हमे।" 



वो लोग भाप लिए कुछ बुरा ही चाहते हे हमसे । 


ना बता के भी क्या फायदा और बता के भी क्या फायदा तो मैने बताने लगा " वो जो बुद्धा हे मनोहर एक समय में दादाजी का बोहोत जिगड़ी दोस्त हुआ करता था । पता नही पर मनोहर ने बताया कि दादाजी और वो बिजनेस पार्टनर थे लेकिन दादाजी ने उन्हें धोखे से उससे हिस्से की प्रॉपर्टी अथॉरिटी सब कुछ छीन लिया और इसमें पापा और चाचा का हाथ भी है उसने ऐसा बोला । इसलिए वो हमसे बदला लेना चाहते है " 



चाची हैरानी से मुझे देखने लगे जबकि मां और मामी सर झुकाए बैठी थी जैसे वो लोग पहले से ही जानते हो । मैने मां से पूछा " मां बताओ क्या ये सच है । मनोहर ने कोई सारे सबूत दिखाए है मुझे " हाला की के बनी बनाई जूठ बोल रहा था मुझे भी यही लगता था और लगा की मां जानती है।




और मेरा अंदाजा सही था पर कुछ और ही जानने को मिला । मामी और मां एक दूसरे को देखने लगी और आखों इशारों में कुछ बात हुई उन दोनो की ।



मामी एक गहरी सांस ले कर बोली " लल्ला तुझे अब सच जानना चाहिए। अब वक्त आ गया है । हां ये सच है पर सायेद मनोहर को भी पूरी सच्चाई नहीं पता है। में बताती हूं । बात उन दिनों की है बोहोत साल पहले तब तो तुम्हारी मां की भी शादी नही हुई थी तुम्हारे पापा से । मेरी नई नई शादी हुई थी तब तेरे मामा से । तुम्हारे नाना भले ही तुम्हारे दादाजी के दोस्त हुआ करते थे पर तुम्हारे दादाजी के अंदर काम किया करते थे और तुम्हारे दादाजी और मनोहर तब पार्टनर्स थे । कहानी बोहोत है पर शॉर्ट में बता देती हूं तुझे । लालच में तुम्हारे दादाजी ने मनोहर को धोखा देने का प्लान बनाया और इस प्लान में तुम्हारे पापा चाचा और तुम्हारे मामा और तो और तुम्हारे नाना भी शामिल हो गए । बदले में तुम्हारे दादाजी ने तुम्हारे नाना और मामा को एक मील उनके नाम कर दिया था और मनोहर को धोखा दे कर बेसहारा छोड़ दिया था । बोहोत गलत किया था उनके साथ ।" 



मामी बोलते बोलते चुप हो गई । चाची को अब गुस्सा आने लगा " अब उनकी पापों का फल हम भुगत रहे है । " 



कुछ पल शांति साह गया किसी के मुंह से कुछ शब्द नही निकला । और चाची ने कुछ याद कर के बोला " लल्ला तुमने बताया नही की वो लोग क्या बदला चाहते हे ।" 



" वो । वो मनोहर अपनी हिस्से का आधी जयदात चाहता है और । और वो " में उसके आगे बोल नही पाया ।



" लल्ला और क्या । और क्या चाहता हे " मां ने पूछा


में बोला " वो जब तक यहां रखेंगे तब तक आप तीनों के साथ गलत काम करेगा " 



तीनों औरते समझ गए । तीनों की होंठ चील गए नजरे शर्म से झुक गई । 


मे आगे कुछ बोलने से शर्मा रहा था और वो तीनो भी । और फिर कुछ देर शांति चाह गया और फिर चाची बोली " फिर हमे छोड़ देंगे "

 

में सर हिला के बताया " मुझे ऐसा ही बोला " 



मां मुझे गले लगा लिए और आसूं बहा के बोली " माफ करना बेटा तेरी रक्षा नही कर पाई में ।" 


में बोला " नही मां । रक्षा तो मुझे करनी चाहिए आप तीनों की"



चाची मेरा माथा सहला के बोला " हमारा लल्ला अब बड़ा हो गया है " 



" लल्ला और भी कुछ बताया है क्या " मामी ने पूछा लेकिन उसकी बातो की जिज्ञासा में समझ गया 



और में भी बोल दिया " हां । आप लोगों की वीडियो । वो जब हमारे होटल में आप लोग जाते हो । और वो । आप लोग जो अदला बदली करते हो । उसका वीडियो बनाया है मनोहर ने । और और बोला हे की मेरा । मेरे असली असली बायोलॉजिकल फादर मेरे दादाजी हे ।" 



तीनो की आंखे ऐसे बड़े हो गई की पलके झपकाना ही भूल गई । मां की आंखों में आसूं थे एक दर एक खोफ थी । और मां कुछ आगे बोले तो में ही बोला " मां में आपसे कभी इस बात से गुस्सा नही होऊंगा । आप शिंता मत करो । में अच्छे से जानता हू  की आप तीनों औरते कितनी मजबूर और लाचार है । जो भी आपके साथ हुए हे दादाजी चाचा पापा या मामा जिसने भी हो । मुझे विश्वास है आपकी नादानी और औरत होने का फायदा उठाया है । एक तरह से आप तीनों शोकेस ही हो उन लोगो के लिए । महंगे से महंगे सारी खर्चा पानी देते तो है लेकिन इतज्जत नही। उठ बोलो तो उठो बैठ बोलो तो बैठो। आप लोग ये मत सोचिए की मुझे किसी बात से बुरा लगेगा या गुस्सा होगा और ना ही आप तीनों से में नफरत करूंगा । आप तीनों से में हमेशा में प्यार और इतज्जत करूंगा । मुझे दिल से बिस्वास है की आप तीनों कभी गलत नही थे और ना होंगे " 



मेरी बाते सुन के तीनो मुझे गले लगा लेती है। और में कुछ घंटे उन तीनों के साथ रहा और फिर मुझे अलग किया गया । 
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RE: पूरा परिवार फंसा गुंडों की तंबू में - by Youngsters - 11-12-2022, 01:55 PM



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