11-12-2022, 01:54 PM
दो दिन के बाद यानी तीसरे दिन । रात को मेहफील जमाया एक बड़ा तंबू लगाया गया और सजाया गया । उस तम्बू में लखा और मोनोहोर था । मुझे दो आदमी आ के उस तंबू के अंदर ले गया ।
" आओ बच्चे आओ । " मोनोहोर ने मुझे अपने पास गद्दे पर बैठाया वो तकिए पे एक लगा के बैठा हुआ था
" मुझे येहा क्यू ले कर आए " मैंने पूछा ।
" चुप मदरचोद सरदार से सवाल करता है " लाखा ने मेरे सर पर मार कर बोला ।
मनोहर ने लाखा को इशारा किया और एक जोड़ी कपड़े दी और एक पॉलिथिन भी । " ले ये पहन चुप छाप"
मैने देखा की उन लोगो की तरह ही खाकी वर्दी थी टोपी थी और नकली दारी मूसे जो काफी भद्दा था । में वर्दी को देख कर सोचने लगा ये सब क्या अब और क्या करने वाले है। पर में जानता था ना तो नही कर सकता इसलिए पहन लिया और एक तरफ चुप चाप बैठ गया।
और थोड़ी ही देर बाद दो आदमी आए । सूट बूट पहना हुआ लेकिन पगड़ी देख कर ही पता चल गया था की दोनो आदमी सरदार थे ।
मनोहर ने आओ भोगोट स्वगोत करी उन दोनों आदमी की
। और शराब की पार्टी शुरू हो गई । वो लोग बाते कर रहे थे कोड वार्ड में लेकिन फिर भी में समझ गया थोड़ा बोहोत की दोनो सरदार बिजनेस मैन है और उनका 80 करोड़ रुपए कही फंसा है जो मनोहर से मदद मांगने आए है। और मनोहर ने भी 20 % बदले में मांग लिया और दोनो बिजनेस मैन मान भी गए ।
थोड़ी देर में लाखा ने मां चाची और मामी को तंबू के अंदर ले आया । में देख के हैरान रह गया । तीनो मा
मादारजात नंगी पर गहने से अलंकित। मेकअप से लाल लिपस्टिक से पोत रखा था । मेरा दिल दहल गया अब इन तीनों से क्या करवाने वाले है ये लोग ।
चाची और मामी को पहली बार नंगा देख रहा था में । तीनों की हाइट एक समान थी पर मामी थोड़ा ज्यादा भाड़ी जिस्म की थी उसके बाद मां भारी थी और फिर चाची। तीनों देख के सबके आंखो में चमक आ गई ।
मनोहर के इशारे से गाना लगाया लाखा ने तीनों नंगी औरतों को नाचने को बोला । तीनों औरते शर्म से बेबस मुंह लटकाए खड़ी थी और लाखा ने साबूक से तीनों औरतों की गांड पर बरसा के लाल कर दिए तो तीनो औरते नाचने लगे बेबसी से । में देख पा रहा था तीनों औरतों की आंखों में आसूं। बेबस हो कर नाच रही है । जब भी वो तीनों ढीली पड़ जाती तो लाखा साबुक से बार करते और तीनो औरते कमर मटका के ठुमके लगाने लगती । उनकी दर्द देख कर मुझे बोहोत दुख हो रहा था जब भी थास कर के मार पड़ती उनकी गांड पर तो मेरा शरीर कांप उठता ये मेहसूस कर के की उनको कितना दर्द हो रहा है ।
धीरे धीरे मेहफील जमती गई। पर तीनों औरते ने मुझे नही पहचाना मैने टोपी नीचे कर के चेहरे पर अंधेरा कर लिया था और दारी मूचे थी । कूची देर में मनोहर तीनों औरते के साथ नाचने लगा और उन्हें देख कर दोनो सरदार भी नाचने लगा और तीनों औरतों के बदन सेहला कर लुफ्त उठाने लगे नशे में । तीनों औरते बेबस हो कर अपना शर्म बचाने की नाकाम कशिश कर रही थी ।
" आओ बच्चे आओ । " मोनोहोर ने मुझे अपने पास गद्दे पर बैठाया वो तकिए पे एक लगा के बैठा हुआ था
" मुझे येहा क्यू ले कर आए " मैंने पूछा ।
" चुप मदरचोद सरदार से सवाल करता है " लाखा ने मेरे सर पर मार कर बोला ।
मनोहर ने लाखा को इशारा किया और एक जोड़ी कपड़े दी और एक पॉलिथिन भी । " ले ये पहन चुप छाप"
मैने देखा की उन लोगो की तरह ही खाकी वर्दी थी टोपी थी और नकली दारी मूसे जो काफी भद्दा था । में वर्दी को देख कर सोचने लगा ये सब क्या अब और क्या करने वाले है। पर में जानता था ना तो नही कर सकता इसलिए पहन लिया और एक तरफ चुप चाप बैठ गया।
और थोड़ी ही देर बाद दो आदमी आए । सूट बूट पहना हुआ लेकिन पगड़ी देख कर ही पता चल गया था की दोनो आदमी सरदार थे ।
मनोहर ने आओ भोगोट स्वगोत करी उन दोनों आदमी की
। और शराब की पार्टी शुरू हो गई । वो लोग बाते कर रहे थे कोड वार्ड में लेकिन फिर भी में समझ गया थोड़ा बोहोत की दोनो सरदार बिजनेस मैन है और उनका 80 करोड़ रुपए कही फंसा है जो मनोहर से मदद मांगने आए है। और मनोहर ने भी 20 % बदले में मांग लिया और दोनो बिजनेस मैन मान भी गए ।
थोड़ी देर में लाखा ने मां चाची और मामी को तंबू के अंदर ले आया । में देख के हैरान रह गया । तीनो मा
मादारजात नंगी पर गहने से अलंकित। मेकअप से लाल लिपस्टिक से पोत रखा था । मेरा दिल दहल गया अब इन तीनों से क्या करवाने वाले है ये लोग ।
चाची और मामी को पहली बार नंगा देख रहा था में । तीनों की हाइट एक समान थी पर मामी थोड़ा ज्यादा भाड़ी जिस्म की थी उसके बाद मां भारी थी और फिर चाची। तीनों देख के सबके आंखो में चमक आ गई ।
मनोहर के इशारे से गाना लगाया लाखा ने तीनों नंगी औरतों को नाचने को बोला । तीनों औरते शर्म से बेबस मुंह लटकाए खड़ी थी और लाखा ने साबूक से तीनों औरतों की गांड पर बरसा के लाल कर दिए तो तीनो औरते नाचने लगे बेबसी से । में देख पा रहा था तीनों औरतों की आंखों में आसूं। बेबस हो कर नाच रही है । जब भी वो तीनों ढीली पड़ जाती तो लाखा साबुक से बार करते और तीनो औरते कमर मटका के ठुमके लगाने लगती । उनकी दर्द देख कर मुझे बोहोत दुख हो रहा था जब भी थास कर के मार पड़ती उनकी गांड पर तो मेरा शरीर कांप उठता ये मेहसूस कर के की उनको कितना दर्द हो रहा है ।
धीरे धीरे मेहफील जमती गई। पर तीनों औरते ने मुझे नही पहचाना मैने टोपी नीचे कर के चेहरे पर अंधेरा कर लिया था और दारी मूचे थी । कूची देर में मनोहर तीनों औरते के साथ नाचने लगा और उन्हें देख कर दोनो सरदार भी नाचने लगा और तीनों औरतों के बदन सेहला कर लुफ्त उठाने लगे नशे में । तीनों औरते बेबस हो कर अपना शर्म बचाने की नाकाम कशिश कर रही थी ।