11-12-2022, 01:54 PM
लाखा आगे झुक कर मां की नीचे से दोनो हाथो से चूचियां पकड़ के दबाते हुए चोदने लगता है और मां ओर मजे में जैसे आहे भरने लगी ।
और जब लाखा ने मां की बालों की चोटी पकड़ के जैसे थाप थाप कर के मां की गांड में अपना जांघें टकराते हुए तगड़े धक्के लगाने लगे तो मां हिनहिना उठी हिरण की तरह उसे बोहोत ज्यादा मजा आ रहा होगा तभी तो जोर जोर चीख रही थी सुनने वाले को लग रहा होगा बाहर की मां को दर्द हो रहा है पर में देख पा रहा था की मां की चेहरे पे कितनी मस्ती थी । और लाखा कूछी देर में झाड़ कर हाफने लगता है । मां भी धड़ाम से बिस्तर पर गिर कर आराम करने लगी ।
लाखा पेंट पहन कर मां की ठुंडी उठा कर पीले दात दिखा कर कहता है " रानी अगली बार तेरी गांड मारूंगा। चल अब कपड़े पहन तुझे उन दोनो के पास ले चलता हूं । और उन दोनो को बताना मेंरे लौड़े में कितना मजा आता है जैसे तूने मजा लिया कमर हिला हिला के रानी "
मां उसे घृणा की नजर से उसका हाथ झटक देती है और अपने फटे फूटे कपरे पहनने लगी । जब मां कपरे पहन कर तैयार हुई तो लाखा उसे अपने साथ ले गया।
और कुछ देर बाद मनोहर आया और अलमारी के लोक खोल दिया । में बाहर निकला और गुस्से में बोला " ये सब क्या हरकत हे। आप मेरी मां के साथ इतना नीच काम कैसे कर सकते है। "
" वाह उसका ससुर तेरी मां के साथ नीच काम करे तो कुछ नही में करू तो तुझे गुस्सा आ रहा है । " और फिर हास के बोला " ओह उसका ससुर ही तो तेरा बाप हे। बोला था ना साथ से वरना तू सोच भी नही सकता क्या क्या हो सकता है । जरा सोच जब दुनिया को पता चलेगा कि तू अपने ही दादाजी का बेटा तो क्या होगा । वीडियो कैमरे में तेरी मां से सच उगलना मेरी छोटी उंगली जितनी है। कही का नही रहेगा। तेरे खानदान की दौलत शोहरत सब एक झटके में चला जायेगा । समझे बच्चे । तू बस अपनी आंखो से देख जो जो होता है अपने किस्मत पे छोड़ दे । मुंह बंद रख समझा "।
में समझ गया था उसकी आंखो मे जुनून था । और ये भी समझ गया था कि हम किस तरह जाल में फांस चुके थे । और में फिर भी बिनती की " आप चाहे तो मुझे दादाजी और पापा उनलोगो से जो बदला लेना हे ले लो लेकिन औरतों को छोड़ दो । और सारे जयदात ले लो आप ।"
मनोहर हंस पड़ा और मेरा बाजू पकड़ के बोला " अरे तीनों औरते रांड है। बस फर्क इतना है कि अपने चार दिवारी में अपनी रंडीपना छुपा के रखा है और में बस बाहर निकलूंगा । देखा नही कैसे लाखा के लौड़े पे पानी फेक रही थी कैसे मजे से चिल्ला रही थी । देखा नही क्या मजा नही आया क्या अपनी मां की चुदाई देख कर हाहाहा।"
मेरी नज़रे शर्म से झुक गई बोलने को था नही अब और में सर पकड़ कर चेयर पर बैठ गया । मनोहर बोला " यही बिस्तर पर सो जा । तुझे खुला छोड़ रहा हूं लेकिन ये मत समझना तुझपे नजर नही रहेगी ।"
मनोहर शराब की बॉटल खोल के बैठ गया और मोबाइल में कोई पुराना फिल्म देखने लगा । में क्या करता खाली सुन्यों को निहार रहा था । बैठे बैठे काफी रात हो गई थी लेकिन मुझे नींद कहा आने वाली थी ।
दूसरे सुबह और भी बुरा हुआ । नजाने किस पापो की फल हमे मिल रहा था । दूसरे दिन मां चाची और मामी तीनो के साथ बोहोत अत्याचार हुआ बोहोत ब्याभिचार हुआ । मनोहर ने मुझे तंबू से बहार ले गया था । और मुझे पता लगा किस तम्बू के अंदर तीनों औरतों रखा है। लेकिन मैने देखा उस तंबू के अंदर पांच छे आमदी घुसता और तीनों ।औरतों की दर्द भरी चीखे सुनाई देने लगा बाहर तक । ये सिलसिला तकरीबन तीन चार घंटे तक चला था और उस तीन चार घंटे में तम्बू के अंदर 15 आदमी का आना जाना हुआ । में मनोहर से पेड़ पकड़ के बिनती कर रहा था पर वो मेरी विनती पर मजाक उड़ाते हुए हास रहा था ।
दूसरा दिन भी निकल गया । मनोहर ने मुझे कहा " अब दो दिन तक तीनों औरतों को आराम दिया जायेगा । तू शिंता मत कर हम उनका पूरा खयाल रखेंगे ।"
" मुझे उनसे मिलना है। प्लीज मिलने दो " मैंने अनुरोध किया
" आज नही दो दिन बाद ।"
मोनोहोर ने मुझे तंबू के अंदर ले गया लेकिन इस बार मुझे कुर्सी पर बांध कर कही चले गए वो और रात तक बापच लोटे और में दिन भर भूखा रहा ।
और जब लाखा ने मां की बालों की चोटी पकड़ के जैसे थाप थाप कर के मां की गांड में अपना जांघें टकराते हुए तगड़े धक्के लगाने लगे तो मां हिनहिना उठी हिरण की तरह उसे बोहोत ज्यादा मजा आ रहा होगा तभी तो जोर जोर चीख रही थी सुनने वाले को लग रहा होगा बाहर की मां को दर्द हो रहा है पर में देख पा रहा था की मां की चेहरे पे कितनी मस्ती थी । और लाखा कूछी देर में झाड़ कर हाफने लगता है । मां भी धड़ाम से बिस्तर पर गिर कर आराम करने लगी ।
लाखा पेंट पहन कर मां की ठुंडी उठा कर पीले दात दिखा कर कहता है " रानी अगली बार तेरी गांड मारूंगा। चल अब कपड़े पहन तुझे उन दोनो के पास ले चलता हूं । और उन दोनो को बताना मेंरे लौड़े में कितना मजा आता है जैसे तूने मजा लिया कमर हिला हिला के रानी "
मां उसे घृणा की नजर से उसका हाथ झटक देती है और अपने फटे फूटे कपरे पहनने लगी । जब मां कपरे पहन कर तैयार हुई तो लाखा उसे अपने साथ ले गया।
और कुछ देर बाद मनोहर आया और अलमारी के लोक खोल दिया । में बाहर निकला और गुस्से में बोला " ये सब क्या हरकत हे। आप मेरी मां के साथ इतना नीच काम कैसे कर सकते है। "
" वाह उसका ससुर तेरी मां के साथ नीच काम करे तो कुछ नही में करू तो तुझे गुस्सा आ रहा है । " और फिर हास के बोला " ओह उसका ससुर ही तो तेरा बाप हे। बोला था ना साथ से वरना तू सोच भी नही सकता क्या क्या हो सकता है । जरा सोच जब दुनिया को पता चलेगा कि तू अपने ही दादाजी का बेटा तो क्या होगा । वीडियो कैमरे में तेरी मां से सच उगलना मेरी छोटी उंगली जितनी है। कही का नही रहेगा। तेरे खानदान की दौलत शोहरत सब एक झटके में चला जायेगा । समझे बच्चे । तू बस अपनी आंखो से देख जो जो होता है अपने किस्मत पे छोड़ दे । मुंह बंद रख समझा "।
में समझ गया था उसकी आंखो मे जुनून था । और ये भी समझ गया था कि हम किस तरह जाल में फांस चुके थे । और में फिर भी बिनती की " आप चाहे तो मुझे दादाजी और पापा उनलोगो से जो बदला लेना हे ले लो लेकिन औरतों को छोड़ दो । और सारे जयदात ले लो आप ।"
मनोहर हंस पड़ा और मेरा बाजू पकड़ के बोला " अरे तीनों औरते रांड है। बस फर्क इतना है कि अपने चार दिवारी में अपनी रंडीपना छुपा के रखा है और में बस बाहर निकलूंगा । देखा नही कैसे लाखा के लौड़े पे पानी फेक रही थी कैसे मजे से चिल्ला रही थी । देखा नही क्या मजा नही आया क्या अपनी मां की चुदाई देख कर हाहाहा।"
मेरी नज़रे शर्म से झुक गई बोलने को था नही अब और में सर पकड़ कर चेयर पर बैठ गया । मनोहर बोला " यही बिस्तर पर सो जा । तुझे खुला छोड़ रहा हूं लेकिन ये मत समझना तुझपे नजर नही रहेगी ।"
मनोहर शराब की बॉटल खोल के बैठ गया और मोबाइल में कोई पुराना फिल्म देखने लगा । में क्या करता खाली सुन्यों को निहार रहा था । बैठे बैठे काफी रात हो गई थी लेकिन मुझे नींद कहा आने वाली थी ।
दूसरे सुबह और भी बुरा हुआ । नजाने किस पापो की फल हमे मिल रहा था । दूसरे दिन मां चाची और मामी तीनो के साथ बोहोत अत्याचार हुआ बोहोत ब्याभिचार हुआ । मनोहर ने मुझे तंबू से बहार ले गया था । और मुझे पता लगा किस तम्बू के अंदर तीनों औरतों रखा है। लेकिन मैने देखा उस तंबू के अंदर पांच छे आमदी घुसता और तीनों ।औरतों की दर्द भरी चीखे सुनाई देने लगा बाहर तक । ये सिलसिला तकरीबन तीन चार घंटे तक चला था और उस तीन चार घंटे में तम्बू के अंदर 15 आदमी का आना जाना हुआ । में मनोहर से पेड़ पकड़ के बिनती कर रहा था पर वो मेरी विनती पर मजाक उड़ाते हुए हास रहा था ।
दूसरा दिन भी निकल गया । मनोहर ने मुझे कहा " अब दो दिन तक तीनों औरतों को आराम दिया जायेगा । तू शिंता मत कर हम उनका पूरा खयाल रखेंगे ।"
" मुझे उनसे मिलना है। प्लीज मिलने दो " मैंने अनुरोध किया
" आज नही दो दिन बाद ।"
मोनोहोर ने मुझे तंबू के अंदर ले गया लेकिन इस बार मुझे कुर्सी पर बांध कर कही चले गए वो और रात तक बापच लोटे और में दिन भर भूखा रहा ।