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Adultery पूरा परिवार फंसा गुंडों की तंबू में
#8
मां अभी भी सुबह की निकली हुई सारी में थी । मां हमेशा सारी ही पहनती थी जो काफी महंगे महंगे सारी पहनना पसंद करती थी । और गेहने भी पहनी हुई रही कलाई में चूड़ियां गले में हार कानो में झुमके और पेड़ो में पायेल। मां सारी थोड़ी खराब दिख रही थी उनकी चेहरे पर आसूओ से भरी दाग फैली हुई काजल बालो का गुच्छा भी बिखर गई है। मां की हाईट 5 फीट 2 इंच थी और ऊंची हिसाब से उनकी गदराया हुआ मांचल भरा हुआ गोरा बदन जो काफी आकर्षक अपनी उम्र से छोटी लगती थी मां को वजन कुछ 65 किलो थी ।और ये बुद्धा आज मेरी ही आखों के सामने मां के साथ दुष्कर्म करने पूरा उतरा था । 




मेरा दिल तहेश नेहेश हो रहा था मजबूर आंखो में देख रहा था । मनोहर जबरदस्ती मेरी मां को बाहों में भर कर मां की उभरी हुई गांड सारी में दावाने की कशिश कर रहा था और मेरी मां उसे धकेलने कि कशिश कर रही थी  । 


तो मनोहर को आया गुस्सा " साली अपने ससुर के साथ तो नखरा नही करती रांड । " और उल्टे सीधे हाथो से मां की गाल पर दो थप्पड़ मार दिए । 


मां बौखला गई और मेरे आंखों से आसू निकल रहे थे । मां फुबक फूबक के रोना शुरू कर दिया । मनोहर ने मां की सारी खींचने लगा मां ने आबरू बचाने की कशिश की पर मां नाकाम रही ।


मां अपनी छीने पर हाथ रख के सर झुकाए शर्म से रोए जा रही थी और मनोहर के हाथो में मां की सारी । और मां की भरा हुआ यौबन देख कर हवास की नज़रों से घूरने लगा जैसे शेर को शिकार मिला । 




तम्बू में ही एक छोटा सा खटिया था और उसमे मां को धकेल के लिटा देता है। मां रेहम की भिंख मांगने लगी " प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो । प्लीज मुझे जाने दो में शरीफ घराने की औरत हूं "


मनोहर हंस के बोला " शरीफ और तू। जो अपने ससुर से बच्चा पैदा करवाती है । ज्यादा भली मत बन तेरी कुंडली पता है मुझे । चुप छाप मेरा साथ दे वरना तेरे बेटे को मार दूंगा "



मां शर्म से पानी हो गई सच्चाई सुन के और मजबूर हो कर सुबक सुबक कर लेटी रही । और मनोहर जो मेरे दादाजी के उम्र का था अपना धोती और कुर्ता खोल के बनियान और कच्चे में आ जाता है और मुंह लालच की पानी चुस्की लेते हुए मां के पेटीकोट धीरे धीरे उठा कर मां की गोरी पिंढीलिया चूमने लगता है और सेहलाते हुए कहता हे " रानी क्या चिकनी टांगे है तेरी आह मजा आ गया "



मुझे भी मां की वैक्सिंग की हुई टांगे दिखाई दे रहा था और शर्म से आंखे घुमा लेता था पर पता नही क्यू देखने की एक तलब सा था की मनोहर क्या करता है मेरी मां के साथ । 


मनोहर मां की पेटीकोट धीरे धीरे ऊपर उठाते हुए मां की टांगे चूम रहा था और मां की मोटी मोटी झांघो को चूम चूम के पेटीकोट की डोरी को गांठ खोल देता है और मां रो रो कर अपनी पेटीकोट कस के पकड़ लेती है पर मनोहर मां की पेटीकोट जबरन उतार फेक देता है । और मां की काली पैंटी के ऊपर से ही मां की चूत को मुंह में भर कर खाने लगता हे चाट चाट कर और मां रो रो कर मनोहर की सर पकड़ कर हटाने की कशिश करती रहती हे ।



बूढ़े में इतना ताकत था की मुझे आचार्य हो रहा था । उसने मां की पेंटी फाड़ दी । मैने देखा की मां की चूत बालों से भरी हुई है । काले घने झांटों से देख लगता है एक देर इंच के बाल थे जो साएड कोई महीनो से साफ नहीं किए होंगे मां ने । और मनोहर ने जी भर के मां की चूत हाथो से खोल के देख रहा था जो मुझे दिखाई नही दे रहा था । मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे अपनी मां को पहली बार नंगा देख रहा था कैसा अजीब सा लग रहा था जो मेरे पास शब्द नहीं है बयान करने के लिए ।



मां टांगे चिपकाने की कशिश करी तो मनोहर ने मां को जांघ पर मार कर और काट कर निशान बैठा दिए मां भी मजबूर हो कर छुप रहना ही भला समझा ।



मनोहर भूखे कुत्ते की तरह मां की झांटों में मुंह घुसा कर मां की चूत की छेद ढूंढ कर चाटने लगा चूसने लगा । मां अब हार मान कर चेहरे पर हाथ रख कर मूह छुपाए सुबक सुबक के रोने लगी । 



और मनोहर मां की रोने पर खुश होता हुआ मां की जिस्म को मसल मसल कर चाट चूस कर भोग रहा था और बोल रहा था " विश्वनाथ तेरे घर की औरतों के अपना रांड बनानूंगा अब तू देखता जा मेरी रानी को तूने चुरा लिया था अब देख तेरी घर में कैसे में छेद करता हूं " 


में समझ गया था और देख पा रहा था कि हमारा सत्यानाश हो रहा है एक एक पाई इतज्जत नीलम होने जा रहा था । एक बार तो खयाल आया कि बाहर निकल के मनोहर को जान से ही मार दू क्या लेकिन अगले ही पल समझादारी का खायाल आया की बहार जो इतने लोग बंदूक लिए पेहरे दे रहे है उन लोगो से कैसे बचूं । सच जानने के बाद ना मेरे पापा से ना मेरे चाचा  ना मेरे मामा से कोई अब खास फिक्र था लेकिन में जानता था ये तीनो औरते निर्दश हे जो मेरा दिल कह रहा था की ये तो बस कटपुतली है इन तीनों की जान की फिक्र मुझे ज्यादा हो रही थी ।
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RE: पूरा परिवार फंसा गुंडों की तंबू में - by Youngsters - 11-12-2022, 01:52 PM



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