11-12-2022, 01:51 PM
मोनोहोर ने फिर बोला लाखा को " लाखा तीनों औरतो दूसरे तंबू में ले जाओ और खातिरदारी करो जब तक में ना काहू सिर्फ पहरेदारी करना "
में बोला " कहा ले जा रहे हो इन्हे नही जो भी बात करनी है सांमने करो "
मेरी बात सुनता कौन लाखा जबरदस्ती तीनों औरतों को ले जाने लगा और तीनो औरते दर के मारे रो रही थी ।
मनोहर ने मुझे अपने पास पड़ी कुर्सी पर इशारे से बैठने को कहा लेकिन में दर रहा था पर मनोहर ने एकदम नरमी से बोला " बच्चे डरो मत मेरा तुम किसी कि भी जान लेने का इरादा नहीं है । मुझे बास किसी और तरीके से बदला पूरा करना है। बैठो तुम मेरे पोते जैसे हो बैठो कुछ बातें करते है "
में दर दर के बैठा और मेरी नजर टेबल पर रखी एक फोटो पर पड़ी उस फोटो में बिल्कुल मेरे ही उम्र के लड़के फोटो थी । और मेरी नजर पकड़ कर मनोहर ने फोटो को हाथ में उठा कर एक गम की खायाल से बोला " मेरा पोता हैं। पिछले साल ही सड़क हादसे में मुझे छोड़ कर चला गया "
में समझ नही पा रहा था की में दुख जता के कुछ बोलूं या फिर चुप रहू तो मुझे कुछ समझ नही आया और में चुप ही रहा ।
मनोहर ने मेरे लिए साय बनाई और मेरे साथ जान पेहचान की बाते की क्या पढ़ रहा हूं क्या नेही इन्ही सब बाते पूछा और फिर उसने आचली मुद्दा छेड़ा।
" बच्चे तुम्हे अपनी मां अच्छी लगती है या चाची या फिर तुम्हारी मामी " उसके लहजे में एक अजीब सा भाव था ।
पहले तो मुझे कुछ समझ नहीं आया पर जब समझ में आया तो मेरे दिमाग में ये चल रहा था ठरकी बूढ़ा ये क्या पूछ रहा है ।
मनोहर हसने लगा मेरी चेहरे की भाव देख के । और बोला " बच्चे तेरे घर ने कुछ ऐसे राज हे जो तुम्हे नही पाता "
में उसके बाते कुछ समझ नहीं पा रहा था और सोच में पड़ गया था की मेरे घर के क्या राज है ।
और मनोहर ने मेरी सोच आचान कर दी । उसने बताया " बच्चे तुम्हे पता हे की तुम्हारे मां चाची और तेरी मामी ये तीनो कभी तेरे पापा की तो कभी तेरे चाचा की तो कभी तेरे मामा की पत्नी बनती है । मतलब साफ तौर पे काहू तो अदला बदली "
में ये सुन के शोक गया । मुझे विश्वास नहीं हो रहा था और सोच रहा की ये बुद्धा उल्टी सीधी बाते कर के मुझे गुमराह करना चाहता है। पर मन के अंदर से एक बात खल रही की अक्सर मां पापा चाचा चाची और मामा मामी घर से बहार जाते रात भर गायब रहते में पूछता तो किसी काम से बाहर या किसी की प्रति अटेंड करने का बोल देता हे ।
" हा हा । तुझे विश्वास नही हो रहा है ना तो ये देखो । अपने आंखों से देखो। " और मनोहर ने अपने लैपटॉप से कुछ एक दो मिनिट की वीडियो क्लिप दिखाई जिसमे मां मामा के साथ और पापा चाची के साथ और चाचा मामी के साथ हमबिस्तर होते हुए ।
ये सब देख कर में सर सकरा गया क्यू की सभी वीडियो क्लिप मुझे ओरिजिनल लगे और हमारी ही होटल रूम का दृश्य था सबके सब । और सबसे बड़ी बात ये लगी की मां मामा के साथ जो सगे भाई बहन थे । में कुछ कहना चाह रहा था पर मेरे मुंह से शब्द फूट नही रहे थे मेरी आंखे जम गई थी लैपटॉप की स्क्रीन पड़।
" ये है तुम्हारे खानदान के रहैश्य बेटा । तेरे दादाजी के और भी कांड है पर उससे मुझे कोई लेना देना नही ।" मनोहर ने बोला
फिर भी में बोला " ये ये । सब जूठ है आप ये जूठे वीडियो क्लिप दिखा रहे हो "
" ठीक है तो अभी तेरी मामी चाची और तेरी मां से बुलवाता हूं सच एक दो ही तो थप्पड़ मारना हे " मनोहर ने बोला
में दर गया " नही नही। ठीक है। पर आप । आपको इससे क्या "
वो हंस पड़ा और बोला " मुझे इससे क्या । मेरा इससे कुछ फर्क नही पड़ता बस तुम्हे सच्चाई बता के तुम्हे सतर्क कर रहा हूं की तुम्हारे रगों में किस गंदे खानदान का खून दौर रहा है ये बता रहा हूं । अच्छा तुम्हे एक बात पता है की तुम्हारे चाचा चाची का कभी कोई बच्चा क्यू नही है "
उसने ऐसा सवाल किया की में समझ गया कि इसमें में भी कोई ना कोई राज है।
उसने बताया " क्यू की तेरे दादाजी के बीज खत्म हो गए थे तब तक । तेरे दादाजी इच्छा थी कि खानदान की चिरांग तेरे दादाजी के बीज से पैदा हो । मतलब समझा बच्चे। तू अपने बाप का नही तेरे दादाजी ने तेरी मां की कोख भरा तब तू पैदा हुआ हे। और जब तेरी चाची से दूसरा चिराग निकालने की बारी आई तो तेरे दादाजी के लोटे से पानी खतम हो चुका था । "
" क्या " मेरे दिमाग में झटके पे झटके लग रहे थे और पता नही उस वक्त में सब कुछ धीरे धीरे सच मान रहा था ।
मन में खायाल भी आ रहा था की सब बोलते थे की में बिल्कुल दादाजी की तरह दिखता हूं। मेरे रोगों में खून तेजी से दौर रहे दिमाग के नशे उभर आए थे जैसे । क्या सच में मेरा खानदान ऐसा है । पत्नियां अदल बदल करना वो ठीक है आज कल बोहोत ऐसा होता है लेकिन कोई ससुर अपनी बहु की कोख भरना । में उलझन उलझ सा गया था ।
मुझे भी अब बोहोत कुछ जानना था और मनोहर के आगे मेरा थोड़ा दर खतम हो गया था और मैने सीधा पूछा की " आप किस तरह से बदला लेना चाहते हे । क्या करना चाहते ही हमारे साथ अगर हमारी जान नही लेनी है तो । और आपको पता है मेरे दादाजी को अब तक पता चल चुका होगा की हम गायब है और आपको पता ही होगा की मेंरे दादाजी को पोहोच कहा तक है।" मेने भी थोड़ी चालाकी दिखाई ।
पर मनोहर नजाने कब से प्लान कर रखा था वो दो कदम आगे था उसने बोला " तेरे घर पे भी मेरा एक फौज है जो मेरी एक कॉल से तुम्हारे दादाजी और दादीजी की सर पे गोली थोक देगा । तुम्हारे दादाजी और दादीजी अपने ही घर में कैद है। तेरे दादाजी की तड़प मुझे सकून पोहोछा रहा है "
मेरे पास सवाल करने को कुछ था नही अब । मेरा सर झुक गया अपने आप ।
तो मनोहर ने बोला " बच्चे तेरे पास दो रास्ते है। पेहला तू अगर साथ दे तो बात ज्यादा नही बिगड़ेगी। और दुसरा तुमलोग कही भी मुख दिखाने लायक नही रहोगे "
" आपका साथ मतलब किस काम में " मैने पूछा
तो उसने बताया " तेरे दादाजी ने तुझे बारिश सुना है जो सारी जयदात आगे जा के तेरे नाम हो जायेगा जब तू व्यापार में शामिल होगा अपने खानदानी व्यापार। उसमे से आधा में लूंगा जिसमे तेरे और तेरे दादाजी की साइन चाहिए होगी और एक महीने तक तेरी मां चाची और तेरी मामि मेरी रखैल बनेगी बोहोत दिनों से बिस्तर की सुख नही लिया है मैंने। और अगर तू साइन देने से मना करता है तो मेरे पास और टेढ़ी उपाय है। जिसमे में तुम्हारे पूरे जयदात हरप लूंगा और तीनों औरतों को किसी कोठे में बेच दूंगा और ब्लू फिल्म बना के पूरी दुनिया को दिखाऊंगा "
में दंग रह गया ।
" बोल तुम्हे मंजूर हे "
" आप आधी जयदात ले लो चाहे तो उससे ज्यादा ले लो पर मां चाची और मामी को छोड़ दो प्लीज " मैने रहम की गुहार लगाई
पर मनोहर हंस पड़ा " कोई गुंजाइश ही नहीं "
में समझ चुका था की में जितना भी गिरगिराऊ ये बुड्ढा मानने वाला है नहीं। में चुप था और उसने मेरी चुप्पी को हां मान लिया ।
में बोला " कहा ले जा रहे हो इन्हे नही जो भी बात करनी है सांमने करो "
मेरी बात सुनता कौन लाखा जबरदस्ती तीनों औरतों को ले जाने लगा और तीनो औरते दर के मारे रो रही थी ।
मनोहर ने मुझे अपने पास पड़ी कुर्सी पर इशारे से बैठने को कहा लेकिन में दर रहा था पर मनोहर ने एकदम नरमी से बोला " बच्चे डरो मत मेरा तुम किसी कि भी जान लेने का इरादा नहीं है । मुझे बास किसी और तरीके से बदला पूरा करना है। बैठो तुम मेरे पोते जैसे हो बैठो कुछ बातें करते है "
में दर दर के बैठा और मेरी नजर टेबल पर रखी एक फोटो पर पड़ी उस फोटो में बिल्कुल मेरे ही उम्र के लड़के फोटो थी । और मेरी नजर पकड़ कर मनोहर ने फोटो को हाथ में उठा कर एक गम की खायाल से बोला " मेरा पोता हैं। पिछले साल ही सड़क हादसे में मुझे छोड़ कर चला गया "
में समझ नही पा रहा था की में दुख जता के कुछ बोलूं या फिर चुप रहू तो मुझे कुछ समझ नही आया और में चुप ही रहा ।
मनोहर ने मेरे लिए साय बनाई और मेरे साथ जान पेहचान की बाते की क्या पढ़ रहा हूं क्या नेही इन्ही सब बाते पूछा और फिर उसने आचली मुद्दा छेड़ा।
" बच्चे तुम्हे अपनी मां अच्छी लगती है या चाची या फिर तुम्हारी मामी " उसके लहजे में एक अजीब सा भाव था ।
पहले तो मुझे कुछ समझ नहीं आया पर जब समझ में आया तो मेरे दिमाग में ये चल रहा था ठरकी बूढ़ा ये क्या पूछ रहा है ।
मनोहर हसने लगा मेरी चेहरे की भाव देख के । और बोला " बच्चे तेरे घर ने कुछ ऐसे राज हे जो तुम्हे नही पाता "
में उसके बाते कुछ समझ नहीं पा रहा था और सोच में पड़ गया था की मेरे घर के क्या राज है ।
और मनोहर ने मेरी सोच आचान कर दी । उसने बताया " बच्चे तुम्हे पता हे की तुम्हारे मां चाची और तेरी मामी ये तीनो कभी तेरे पापा की तो कभी तेरे चाचा की तो कभी तेरे मामा की पत्नी बनती है । मतलब साफ तौर पे काहू तो अदला बदली "
में ये सुन के शोक गया । मुझे विश्वास नहीं हो रहा था और सोच रहा की ये बुद्धा उल्टी सीधी बाते कर के मुझे गुमराह करना चाहता है। पर मन के अंदर से एक बात खल रही की अक्सर मां पापा चाचा चाची और मामा मामी घर से बहार जाते रात भर गायब रहते में पूछता तो किसी काम से बाहर या किसी की प्रति अटेंड करने का बोल देता हे ।
" हा हा । तुझे विश्वास नही हो रहा है ना तो ये देखो । अपने आंखों से देखो। " और मनोहर ने अपने लैपटॉप से कुछ एक दो मिनिट की वीडियो क्लिप दिखाई जिसमे मां मामा के साथ और पापा चाची के साथ और चाचा मामी के साथ हमबिस्तर होते हुए ।
ये सब देख कर में सर सकरा गया क्यू की सभी वीडियो क्लिप मुझे ओरिजिनल लगे और हमारी ही होटल रूम का दृश्य था सबके सब । और सबसे बड़ी बात ये लगी की मां मामा के साथ जो सगे भाई बहन थे । में कुछ कहना चाह रहा था पर मेरे मुंह से शब्द फूट नही रहे थे मेरी आंखे जम गई थी लैपटॉप की स्क्रीन पड़।
" ये है तुम्हारे खानदान के रहैश्य बेटा । तेरे दादाजी के और भी कांड है पर उससे मुझे कोई लेना देना नही ।" मनोहर ने बोला
फिर भी में बोला " ये ये । सब जूठ है आप ये जूठे वीडियो क्लिप दिखा रहे हो "
" ठीक है तो अभी तेरी मामी चाची और तेरी मां से बुलवाता हूं सच एक दो ही तो थप्पड़ मारना हे " मनोहर ने बोला
में दर गया " नही नही। ठीक है। पर आप । आपको इससे क्या "
वो हंस पड़ा और बोला " मुझे इससे क्या । मेरा इससे कुछ फर्क नही पड़ता बस तुम्हे सच्चाई बता के तुम्हे सतर्क कर रहा हूं की तुम्हारे रगों में किस गंदे खानदान का खून दौर रहा है ये बता रहा हूं । अच्छा तुम्हे एक बात पता है की तुम्हारे चाचा चाची का कभी कोई बच्चा क्यू नही है "
उसने ऐसा सवाल किया की में समझ गया कि इसमें में भी कोई ना कोई राज है।
उसने बताया " क्यू की तेरे दादाजी के बीज खत्म हो गए थे तब तक । तेरे दादाजी इच्छा थी कि खानदान की चिरांग तेरे दादाजी के बीज से पैदा हो । मतलब समझा बच्चे। तू अपने बाप का नही तेरे दादाजी ने तेरी मां की कोख भरा तब तू पैदा हुआ हे। और जब तेरी चाची से दूसरा चिराग निकालने की बारी आई तो तेरे दादाजी के लोटे से पानी खतम हो चुका था । "
" क्या " मेरे दिमाग में झटके पे झटके लग रहे थे और पता नही उस वक्त में सब कुछ धीरे धीरे सच मान रहा था ।
मन में खायाल भी आ रहा था की सब बोलते थे की में बिल्कुल दादाजी की तरह दिखता हूं। मेरे रोगों में खून तेजी से दौर रहे दिमाग के नशे उभर आए थे जैसे । क्या सच में मेरा खानदान ऐसा है । पत्नियां अदल बदल करना वो ठीक है आज कल बोहोत ऐसा होता है लेकिन कोई ससुर अपनी बहु की कोख भरना । में उलझन उलझ सा गया था ।
मुझे भी अब बोहोत कुछ जानना था और मनोहर के आगे मेरा थोड़ा दर खतम हो गया था और मैने सीधा पूछा की " आप किस तरह से बदला लेना चाहते हे । क्या करना चाहते ही हमारे साथ अगर हमारी जान नही लेनी है तो । और आपको पता है मेरे दादाजी को अब तक पता चल चुका होगा की हम गायब है और आपको पता ही होगा की मेंरे दादाजी को पोहोच कहा तक है।" मेने भी थोड़ी चालाकी दिखाई ।
पर मनोहर नजाने कब से प्लान कर रखा था वो दो कदम आगे था उसने बोला " तेरे घर पे भी मेरा एक फौज है जो मेरी एक कॉल से तुम्हारे दादाजी और दादीजी की सर पे गोली थोक देगा । तुम्हारे दादाजी और दादीजी अपने ही घर में कैद है। तेरे दादाजी की तड़प मुझे सकून पोहोछा रहा है "
मेरे पास सवाल करने को कुछ था नही अब । मेरा सर झुक गया अपने आप ।
तो मनोहर ने बोला " बच्चे तेरे पास दो रास्ते है। पेहला तू अगर साथ दे तो बात ज्यादा नही बिगड़ेगी। और दुसरा तुमलोग कही भी मुख दिखाने लायक नही रहोगे "
" आपका साथ मतलब किस काम में " मैने पूछा
तो उसने बताया " तेरे दादाजी ने तुझे बारिश सुना है जो सारी जयदात आगे जा के तेरे नाम हो जायेगा जब तू व्यापार में शामिल होगा अपने खानदानी व्यापार। उसमे से आधा में लूंगा जिसमे तेरे और तेरे दादाजी की साइन चाहिए होगी और एक महीने तक तेरी मां चाची और तेरी मामि मेरी रखैल बनेगी बोहोत दिनों से बिस्तर की सुख नही लिया है मैंने। और अगर तू साइन देने से मना करता है तो मेरे पास और टेढ़ी उपाय है। जिसमे में तुम्हारे पूरे जयदात हरप लूंगा और तीनों औरतों को किसी कोठे में बेच दूंगा और ब्लू फिल्म बना के पूरी दुनिया को दिखाऊंगा "
में दंग रह गया ।
" बोल तुम्हे मंजूर हे "
" आप आधी जयदात ले लो चाहे तो उससे ज्यादा ले लो पर मां चाची और मामी को छोड़ दो प्लीज " मैने रहम की गुहार लगाई
पर मनोहर हंस पड़ा " कोई गुंजाइश ही नहीं "
में समझ चुका था की में जितना भी गिरगिराऊ ये बुड्ढा मानने वाला है नहीं। में चुप था और उसने मेरी चुप्पी को हां मान लिया ।