11-12-2022, 01:50 PM
सायेद पापा और चाचा ने स्वीकार कर लिया अपना गुनाह इस लिए चाचा ने बोला " ताऊ आप हम दोनो पकड़ो लेकिन बाकी सबको जाने दो । ये सब ने आपका कुछ नही बिगाड़ा है"
तो मोनोहोर ने बोला " बिगाड़ा तो मैंने भी कुछ नही और ना मेरे परिवार ने । लेकिन मेरे परिवार ने जो कष्ट जेला है वो कष्ट तेरे परिवार वाले झेलना पड़ेगा । बदला बदला होता हे ईट से मारोगे तो पत्थर से जवाब पाना स्वाभाविक है। है की नही बच्चा"
मोनोहोर ने मेरे तरफ इशारा कर के बोला । अब भला मे क्या बोलता।
" लाखा जाओ इन तीनों को दूसरे तम्बू में अच्छे से बांध के रखो । " मोनोहोर ने आदेश दिया ।
लाखा ने बहार आवाज लगाई तो दो आदमी घुस आए और पापा चाचा मामाजी तीनो को घसीट के ले जाने लगे ।
पापा चाचा और मामा चिल्लाते रह गए की क्या करने वाले हो । छोड़ दो इनको । लेकिन उन तीनो को पता नही बाहर कहा ले के गए अब ।
अंदर तंबू में वो बुद्धा मनोहर कुर्सी पर टेक लगाए बैठा और मां में चाची और मामी जो अभी भी हमारे हाथ बंधे हुए है। मनोहर ने लाखा को हमारे हाथ खोलने को बोला । तो लाखा ने हमारे हाथ खोलते हुए धमकी दी " अगर कोई भागने की कोशिश की या फिर कोई भी होशियारी दिखाई तो तुम सब भी अपने ड्राइवर के साथ पोहोच जाओगे "
" अरे लाखा ये लोग कुछ नही कोरेंगे । ये जितना हमारे साथ कॉपरेट करेंगे उतना ही इनलोगो के लिए अच्छा होगा ।" मनोहर बुद्धा बोला ।
और वैसे भी हम कर भी क्या सकते है जो खोफ दिलों दिमाग में छाया था मकसूद के खून से चने लठ पठ लाश को देख के हम होशियारी दिखाने की हालत में नही थे ।
तो मोनोहोर ने बोला " बिगाड़ा तो मैंने भी कुछ नही और ना मेरे परिवार ने । लेकिन मेरे परिवार ने जो कष्ट जेला है वो कष्ट तेरे परिवार वाले झेलना पड़ेगा । बदला बदला होता हे ईट से मारोगे तो पत्थर से जवाब पाना स्वाभाविक है। है की नही बच्चा"
मोनोहोर ने मेरे तरफ इशारा कर के बोला । अब भला मे क्या बोलता।
" लाखा जाओ इन तीनों को दूसरे तम्बू में अच्छे से बांध के रखो । " मोनोहोर ने आदेश दिया ।
लाखा ने बहार आवाज लगाई तो दो आदमी घुस आए और पापा चाचा मामाजी तीनो को घसीट के ले जाने लगे ।
पापा चाचा और मामा चिल्लाते रह गए की क्या करने वाले हो । छोड़ दो इनको । लेकिन उन तीनो को पता नही बाहर कहा ले के गए अब ।
अंदर तंबू में वो बुद्धा मनोहर कुर्सी पर टेक लगाए बैठा और मां में चाची और मामी जो अभी भी हमारे हाथ बंधे हुए है। मनोहर ने लाखा को हमारे हाथ खोलने को बोला । तो लाखा ने हमारे हाथ खोलते हुए धमकी दी " अगर कोई भागने की कोशिश की या फिर कोई भी होशियारी दिखाई तो तुम सब भी अपने ड्राइवर के साथ पोहोच जाओगे "
" अरे लाखा ये लोग कुछ नही कोरेंगे । ये जितना हमारे साथ कॉपरेट करेंगे उतना ही इनलोगो के लिए अच्छा होगा ।" मनोहर बुद्धा बोला ।
और वैसे भी हम कर भी क्या सकते है जो खोफ दिलों दिमाग में छाया था मकसूद के खून से चने लठ पठ लाश को देख के हम होशियारी दिखाने की हालत में नही थे ।