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Adultery पूरा परिवार फंसा गुंडों की तंबू में
#4
तो हम सब एक एक कर के नीचे उतरे । और हम सबका पीछे से हाथ और मुंह बांध दिया । एक आदमी आगे चल रहा था और हम उसके पीछे चलने को बोला गया बाकी दो बंदूक लिए हमारी पीछे । और एक को लीडर से आदेश मिला था की बस को और मकसूद की लाश को ठिकाने लगा दी । 





हम चल रहे थे जंगलों के बीच । आंखे खुले हुए थे पर फिर भी हमे पता नही चल रहा था कि किस रास्ते से कहा हम जा रहे थे दिमाग में तो खोफ था । क्या करेंगे यही ख्याल आ राहा था । ऊंचे घने पेड़ों के बीच झाड़ियों के बीच पता नेही कहा कहा से ले जा रहे थे । करीब दो किलोमीटर जाने के बाद हम एक चोटे छोटे तंबू से बने कैंप मिला । जिसमे ओर भी लोग बंदूक लिए पेहरे दे रहे थे । 



सब लोग हमें देखने लगे । और हमारे पीठ पर धक्का मार कर एक तंबू के अंदर कर दिया और सिर्फ लीडर ही अंदर आ गया और बोला " सरदार ले आया पकड़ के " 



अब तक हम उसे सरदार समझ रहे थे लेकिन अंदर चेयर पर असली सरदार बैठा था । और उसकी पीठ हमारी तरफ थी । वो व्हील चेयर को घुमाते हुए बोला " अरे वाह लाखा इतनी जल्दी ले आया "



लाखा मुस्कुराते हुए बोला " जाल तो आपने बिछाया था हमे तो बस जाल से मछली निकालना था "


लेकिन तभी पापा और चाचा सोक्ड हो कर एक साथ बोले " मनोहर ताऊ " 


ये क्या सामने जो बुद्धा बैठा था उसे पहचानते है पापा और चाचा । ये क्या सीन हे भाई । 



" ओह तो तुम दोनों को में अब भी याद हूं । मुझे लगा 20 साल हो गए तो मुझे भूल गए होंगे । लेकिन भूले नहीं या भूलने नही दे रहा है " और मोनोहोर ठहाका मार के हसने लगा ।



" ताऊ ये सब क्या है हमें इस तरह पकड़ के क्यू ले आया " पापा थोड़े गुस्से में बोले 




मोनोहोर को जैसे पापा की बात कानो में घुसी ही नहीं उसने बड़ी आराम से सिगार जलाया और धूवा उड़ाते हुए मेरे तरफ इशारा कर के बोला " तू विश्वनाथ का एकलौता पोता है ना " 



में बस उसे घूरता ही रेह गया । 

वो फिर बोला " लड़के तू तो अभी अंडे से भी नही निकला है। ये दुनिया बोहोत जालिम है पता है। तेरे दादाजी की और तेरे ये पापा और चाचा की कुकर्म की सजे में तुझे खमाखा खींच ले आया " 


" ये क्या वकवाश कर रहे हो ताऊ " चाचा ने धमकी की तरह कहा 



" लाखा तुझे सबकुछ पता हे। अगर ये दोनो ऊंची आवाज में बोले या फिर एक भी जूठ बोले तो ये तीनों औरतों की एक एक कर खोपड़ी उड़ा देना " मोनोहोर ताऊ ने लाखा को इशारे से बोला ।



और लाखा ने इस बार एक पिस्तौल ले के मां की कनपटी पर तान दी मैने देखा मां दर के मारे कांप रही थी । 


पाप और चाचा के चेहरे पर शिंता के भाव बढ़ रहे थे । 


" क्या नाम है तेरा बच्चा " मोनोहोर ने मेरा नाम पूछा 


तो मे थूक गटक के बोला " चंद्र " 



उसने मेरे तरफ इशारे कर के बोला " चंद्र। हम्म्म तेरे दादाजी ने रखा है ना तेरा नाम । अच्छा है अच्छा छोड़ ये सब तुझे पता है में एक जमाने में तेरे दादाजी का जिगरी दोस्त हुआ करता था । बचपन से ले कर जवानी तक हमने साथ साथ घूमे फिरे बड़े हुए । जान छिड़कते थे हम एक दूसरे के ऊपर । लेकिन तेरा दादाजी वो जहरीला सांप हे जो अपने फायदे के लिए किसी को भी डंस सकता है । मेरे पिताजी और तेरे पिताजी दोनो मिल कर धर्मशाला चलाते थे लेकिन जमाना बदला तो हम दोनों ने मिल कर व्यापार शुरू कर दिया जी तोड़ मेहनत की दोनो ने मिल कर । लेकिन मुझे नही पता था कि वो सिर्फ अपने लिए ही मेहनत कर रहा था । धोखे से मेरा अंगूठा छाप लेता रहा मुझे पढ़ना लिखना नहीं आता था और ये काम तेरे पापा और चाचा से करवा रहा था । और एक धोखे की बात तो मैने माफ कर दी है। वो है तेरी दादी। तेरी दादी और में एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन तेरे दादा ने उसे भी बेहका के उसे अपने जाल में फांसा कर शादी कर ली । दोस्त का घर बच रहा है इसी बात पर मैंने गुस्सा थूक दिया । लेकिन जब तेरे दादाजी ने मुझे व्यापार से धोखे से बेदखल कर दिया तो में मेरी परिवार सड़क पर आ गए और मुझे मजबूर हो कर एक मुजरिम बनना पड़ा जिसमे में 7 साल जेल जा कर आया हूं । अब तू ही बता की मुझे क्या करना चाहिए ।" 



में पापा और चाचा की तरफ देखने लगा और पापा कुछ बोलने ही वाले थे की तभी मोनोहोर बोला " लाखा अगर एक भी जूठ बोला तो त्रिगार दबा देना " 


पापा और चाचा मुंह लटका लिए । और मुझे साफ साफ जवाब मिल रहा था । अब तक तो में भी सीख चुका था की व्यापार में जूठ ना बोलो तो व्यापार धराम से गिरेगा । लेकिन जो सुना मैने वो जूठ नहीं दगा दे बोहोत बड़ी धोका है खट्टा आम मीठा बोल के बेचने वाले चोटी मोती बात नहीं। देखा जाय तो मोनोहोर का गुस्सा सही है । 
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RE: पूरा परिवार फंसा गुंडों की तंबू में - by Youngsters - 11-12-2022, 01:50 PM



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