11-12-2022, 01:49 PM
जुलाई का महीना था छुट्टी का महीना । और हर साल की तरह हम घूमने जाने की प्लान करने लगे । लेकिन इस बार दादाजी नेही जाने वाले थे क्यू की हाल ही में उनके घुटनो का ऑपरेशन हुआ है और उसे चलने फिरने में दिक्कत आ रही थी तो दादीजी भी रुक गई उनकी देख भाल के लिए । तो अब हम बाकी सब जाने वाले थे ।
तारीख ताई हो गई और जगाह भी हो हमारे सिटी से करीब 200 किलोमीटर दूर । जो एक पहाड़ी हील स्टेशन था जिसने देखने को मठ मंदिर हरियाली नेशनल पार्क और भी बोहोत कुछ कुल मिला कर पिकनिक स्पॉट था । हमारे पास एक कैंपपींग बस था जो हर तरह की सुविधा के अनुसार मोडीफाई किया हुआ बस था । बाथरूम से किचेन तक सोने से ले कर बैठने तक विलासिता सुविधा थी ।
तो जुलाई के 4 तारीख को हम निकल पड़े । मैं और मेरे मां पापा, चाचा चाची, मामा मामी और हमारा ड्राइवर मकसूद। सफर 4 से 6 घंटे की होने वाली थी और हम सुबह को 9 बजे निकले थे । में सबसे आगे को ड्राइवर की सीट पर बैठा था क्यू की एक अकेला में ही नजवान लड़का था और में आईपैड ले कर सफर इंजॉय कर रहा था । बस एक मुश्किल थी बीच बीच में कही कही जगह इंटरनेट स्पीड काफी स्लो होते जा रहा था।
पीछे मेरे पापा चाचा और मामाजी व्हिस्की के बॉटल खोल के एंजॉय कर रहे थे और बाकी तीनों औरते टच पत्ते खेल कर सफर का इंजॉय कर रहे थे । हांसी की गूंज गप्पे मारने की गूंज और स्टीरियो पर 90s की गाने बज रहे थे ।
मकसूद से कभी कबार में बात कर लिया करता जब भी मेरा इंटरनेट नही चलता । मेरा बोहोत मन हो रहा था सेक्स स्टोरीज पढ़ने का लेकिन वो कटाई संभव नहीं था। कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी जिसके साथ चैटिंग करते जाऊ।
दोपहर को हमने बस रोक कर धावे पर खाना खा कर हम फिर निकल पड़े । इस बार में पीछे को सीट जो एक तरह से सिंगल बेड था उसपे लेट के जाने लगा ।
एक जगह बस रुकी तो पापा ने मकसूद से पूछा कि क्यूं बस रुकी तो मकसूद ने कहा कि आगे सिक्युरिटीवाले बता रहा है की हाइवे जाम हो गया है हम लेफ्ट से जा के आगे की हाईवे पकड़ना पड़ेगा । बस के आगे सिक्युरिटीवाले इशारा कर रहे थे । तो पापा ने जवाब दिया की हा ले चलो बस को उसी रास्ते । तो मकसूद ने लेफ्ट की कच्ची रास्ते से ले जाने लगा ।
तारीख ताई हो गई और जगाह भी हो हमारे सिटी से करीब 200 किलोमीटर दूर । जो एक पहाड़ी हील स्टेशन था जिसने देखने को मठ मंदिर हरियाली नेशनल पार्क और भी बोहोत कुछ कुल मिला कर पिकनिक स्पॉट था । हमारे पास एक कैंपपींग बस था जो हर तरह की सुविधा के अनुसार मोडीफाई किया हुआ बस था । बाथरूम से किचेन तक सोने से ले कर बैठने तक विलासिता सुविधा थी ।
तो जुलाई के 4 तारीख को हम निकल पड़े । मैं और मेरे मां पापा, चाचा चाची, मामा मामी और हमारा ड्राइवर मकसूद। सफर 4 से 6 घंटे की होने वाली थी और हम सुबह को 9 बजे निकले थे । में सबसे आगे को ड्राइवर की सीट पर बैठा था क्यू की एक अकेला में ही नजवान लड़का था और में आईपैड ले कर सफर इंजॉय कर रहा था । बस एक मुश्किल थी बीच बीच में कही कही जगह इंटरनेट स्पीड काफी स्लो होते जा रहा था।
पीछे मेरे पापा चाचा और मामाजी व्हिस्की के बॉटल खोल के एंजॉय कर रहे थे और बाकी तीनों औरते टच पत्ते खेल कर सफर का इंजॉय कर रहे थे । हांसी की गूंज गप्पे मारने की गूंज और स्टीरियो पर 90s की गाने बज रहे थे ।
मकसूद से कभी कबार में बात कर लिया करता जब भी मेरा इंटरनेट नही चलता । मेरा बोहोत मन हो रहा था सेक्स स्टोरीज पढ़ने का लेकिन वो कटाई संभव नहीं था। कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी जिसके साथ चैटिंग करते जाऊ।
दोपहर को हमने बस रोक कर धावे पर खाना खा कर हम फिर निकल पड़े । इस बार में पीछे को सीट जो एक तरह से सिंगल बेड था उसपे लेट के जाने लगा ।
एक जगह बस रुकी तो पापा ने मकसूद से पूछा कि क्यूं बस रुकी तो मकसूद ने कहा कि आगे सिक्युरिटीवाले बता रहा है की हाइवे जाम हो गया है हम लेफ्ट से जा के आगे की हाईवे पकड़ना पड़ेगा । बस के आगे सिक्युरिटीवाले इशारा कर रहे थे । तो पापा ने जवाब दिया की हा ले चलो बस को उसी रास्ते । तो मकसूद ने लेफ्ट की कच्ची रास्ते से ले जाने लगा ।