10-12-2022, 11:39 AM
पार्ट ३१: गुड न्यूज़ !
अमन मुझे बाथरूम ले गया और शावर के निचे खड़े कर के शॉवर चालू कर के चला गया.. मेरे शरीर पर शॉवर के गरम पानी से कुछ रहत आयी.. कुछ देर में अमन भी बाथरूम के अंदर आ गया ..वो पूरा नंगा था. होटल का ड्रेस वो बहार निकाल कर आया था. वो मेरे पास आया और मेरे पुरे शरीर पर साबुन रगड़-रगड़ कर लगाने लगा. उसने मेरे मम्मे पकड़ कर ...बहुत देर तक साबुन रगड़ा और उसपर लगे वीर्य और पसीना साफ़ किया. इस कारन मेरे चूचिया साफ़ हो गयी और कड़क भी.. उसने मेरी चूचिया चूसने शुरू की.. मेरे मम्मों पर बहुत सारे काटने के निशान थे..और लाल हो गए थे.. पता नहीं रातभर किन किन कमीनो ने उनको चूसा और काटा था .. फिर अमन नीचे बैठ गया.. मेरी जंघा फैला कर वह मेरी चुत साबुन से धोने लगा... मेरी चुत पूरी गीली थी और डेविड के वीर्य से भरी थी..अमन ने मेरी चुत में ऊँगली डाल कर पूरी साफ़ की. फिर उसने मुझे पीछे पलट ने को कहा और मेरी गांड साफ़ करने लगा.. उसने मेरी गांड की छेद पर साबुन लगाया वैसे मुझे थोड़ा दर्द हुआ..
अमन: मैडम आपकी गांड भी लाल है.. गोरो ने रात भर आपकी गांड भी मारी है ... इसलिए आपसे चलना नहीं हो रहा था.
मैंने कुछ नहीं कहा... वैसे अमन ने साबुन लगाकर एक ऊँगली मेरी गांड में घुसा दी..
अमन : मैडम आपकी गांड अंदर से एकदम चिकनी और चिप-चिपि हो गयी.. लगता है बहुत सारे मर्दों ने उनका वीर्य आपकी गांड में अंदर डाल दिया है.
मैं चुप रही.. ..अमन का काला कलूटा कटा हुआ लण्ड अब फनफना रहा था..और पूरा १० इंच का हो गया था..मैंने देखा वो अपने लण्ड पर साबुन लगा रहा था.. वह उठकर खड़ा हो गया और मेरी गांड की दरार पर अपना मोटा लण्ड रगड़ने लगा. उसने मुझे पीछे से कसकर पकड़ लिया और मेरे मम्मे दबाने लगा. उसका लण्ड का सूपड़ा अब मेरी गांड की छेद पर कुटाई कर रहा था. उसने दूसरा हाट निचे किया और मेरी चुत को रगड़ने लगा मेरी चुत कसमसाने लगी और फिर से पानी बहाने लगी.. साबुन लगाने से उसका लण्ड जल्दी मेरी गांड की छेद के अंदर चीरता हुआ फिसल गया..
रात भर की चुदाई से, या नशे के प्रभाव से मुझे दर्द नहीं हुआ.. और आनंद आ रहा था. अमन मेरी गांड जोर जोर से चोदने लगा..और मेरे मम्मे दबाने लगा.
अमन: रंडी..तेरी गांड तो बहुत कासी हुई..मस्त गरम है.. रात भर गोरे लोग तेरी गांड और चुत मारते रहे..
मैं; उम् अमन... कुछ भी मत कहो...
अमन: रंडी..मैंने खुद देखा..रात भर ..तू रांड बन कर सब से चुदवा रही थी.. करीब १० - १२ मर्दों ने कल रात को कई बार तेरी चुत और गांड मारी..
मैं: आह..अमन..उम् (अमन जोर जोर से मेरी गांड मार रहा था) ..धीरे...अमन कुछ भी मत कहो...मुझे याद नहीं..
अमन: उफ़..तेरी गांड कितनी गरम है.. कामिनी तुझे कैसे याद रहेगा.. तू डेविड के सात चूमा-चाटी कर के नशे में थी.. मैंने सब देखा..तुझे वही चोदने की इच्छा हो रही थी..पर कुछ कर नहीं सकता था..होटल के नियम के कारन में ग्राहक लोगों से हिल-मिल नहीं सकता ..नहीं तो नौकरी चली जाएगी..
मै: आह.. (अमन अब पूरा लण्ड बहार निकल कर फिर से मेरी गांड में डाल रहा था..पूरा लम्बा बड़ा स्ट्रोक लगा कर मेरी गांड चोद रहा था) तुम झूट बोलते हो तुम..अनीश ने मेरा ख्याल रखा होगा..
अमन जोर जोर से मेरी गांड मार रहा था.
अमन: अरे रंडी तुझे कुछ याद नहीं..उल्टा तेरा पति अनीश .. भड़वा है एक नंबर का.. एक एक फिरंगी को बुला कर तुझे चुदवा रहा था.. और तेरी चुत चाट - चाट कर साफ़ कर रहा था.
मैं: मुझे रो सिर्फ डेविड और बेन याद है ..
अमन: हाँ बाद में उन दोनों ने साथ मिलकर तेरी चुदाई की.. डेविड तेरी चुत मर रहा था और बेन तेरी गांड मार रहा था.. और उनके दोस्त तेरा मुँह चोद रहे थे..तू उनका पानी मजे से पी रही थी..हर आदमी ने कल तुझे चोदा होगा..और तूने भी हर आदमी का लण्ड का स्वाद चूस चूस कर लिया..
मैं..आह..मेरी चुत अब कसमसा रही थी.. गरम होकर पानी बहा रहे थी..
अमन ने एक हात निचे कर के ..मेरी चुत का दाना रगड़ दिया.. वैसे ही मैं...आह.........उफ़..कर के जोर से झड़ने लगी. झड़ने के कारन मेरी गांड थरथरा गयी और अमन के लण्ड को कस के जकड लिया. वैसे अमन भी आह..कराहकर मेरी गांड में झड़ गया.. मेरी गांड के अन्दर अमन के गरम पानी का अहसाह हुआ..
मैं थक गयी थी. बाथरूम की दीवाल को पकड़ कर खड़ी हो गयी..अमन का लण्ड भी मेरी गांड से बहार निकल गया.. वैसे उसने मुझे फिर से साबुन लगा कर साफ़ किया..
फिर मुझे टॉवल से सुखाया और अपने गोद में उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया. मुझे नींद आ रही थी.. मैंने अमन को मेरे ऊपर खींच लिया.. उसकी बाँहों में कसके पकड़ कर में सो गयी.
अमन के शरीर की गर्मी से मुझे सकून मिला और मैं थककर उसकी बाँहों में सो गयी..
थोड़ी देर में जब मेरी आँख खुली ..अमन मेरे लिए नाश्ता लाया था.. मुझे भूक लगी थी..मैंने पेट भर के खाया.. तभी अनीश भी रूम पर आ गया..
अनीश: आह..तुम यहाँ हो..अच्छा हुआ.. मुझे लगा डेविड के कमरे में तो नहीं चली गयी..
मैं: झूठे गुस्से में - कुछ भी..उसकी रूम में क्यों जाने लगी?
अनीश: रात भर उसको चूमती रही..मजा आया न..मस्त पार्टी रही.
मैं: हां मस्त पार्टी थी...पहले आप नहा लो..
अनीश नहाने चला गया.. मुझे अभी भी थोड़ा अस्वस्त लग रहा था. अनीश नहा कर बहार आये..
मैं: पता नहीं अभी भी थोड़ा चक्कर और भारीपन लग रहा सर में ..
अनीश; तुम रात भर डेविड को चूमती रही..और नशा करती रही..शायद इसलिए..
तभी मुझे फिर से उलटी जैसे होने लगा ..मैं बाथरूम चली गयी..
दोपहर को खाना खाने के बाद हम सोते रही.. थक गए थे.आराम की जरुरत थी.. शाम को फिर से आस पास घूमने गए. मुझे अभी भी भारीपन महसूस हो रहा था. रस्ते में एक अस्पताल आया, वैसे अनीश ने कहा..चलो संध्या..डॉक्टर को दिखा देते है..मैं तुमसे बहुत प्यार करता हू..तुम्हारी तबियत को लेकर कोई रिस्क नहीं लूंगा.
वह एक लेडी डॉक्टर थी..उसने मेरा चेक उप किया. डॉक्टर ने कहा..डरने की कोई बात नहीं है.. आप माँ बनने वाली हो. उन्होंने कुछ दवाई दी..और क्या क्या परहेज करना होगा, यह भी बताया.
मैं सुन कर सुन्न रह गयी.. पर अनीश कदम खुश हो गए.. उन्होंने मुझे गले से लगा लिया.. थैंक यू संध्या..तुमने इतनी जल्दी मुझे बच्चा दे दिया..आज तो मैं बहुत खुश हूँ..
हम होटल आ गए.. अनीश बहुत खुश थे.. उन्होंने यह खुशखबर सब को घरवालों को सुनाई.. सब मुझे बधाई दे रहे थे..
मेरे मन में कश्मकश चल रही थी.. मेरे मासिक माहवारी से पहले मुझे सिर्फ दो लोगो ने चोदा था.. अनीश ने और बंटी ने.. पर अनीश का पानी तो मेरी चुत के अंदर पूरा गया भी नहीं था..न मुझे महसूस हुआ था.. फिर यह बच्चा किस का हो सकता है ? बंटी का ?
हे भगवन..! मुझे शादी से २ दिन पहले का किस्सा याद आ गया..बंटी के सात होटल में बिताये वो पल याद आ गये..उसका वह कहना ..याद आ गया.. पूरा दृश्य मेरी आँखों के सामने आ गया !
" बंटी: - ऐसे मत कहो संध्या.. हमारा प्यार अमर रहेगा..!
मैं: बंटी मुझे वचन दो..तुम खुश रहोगे..मेरे लिये दुखी नहीं रहोगे. तू खुश तो मैं भी खुश रहूंगी. तुझे दुःख देकर मैं कभी सुखी नहीं रह पाऊँगी.
बंटी: हाँ संध्या..मैं खुश रहूँगा ओर तुझे भी खुश रखूँगा.
आह....उह....आहे भरके बंटी मेरी चूत चोद रहा था... मेरी चूत भी अब गीली हो गयी थी.. बंटी का बड़ा मोटा केला मेरी चूत को हर जगह से घिसता था, आनंद देता था. मैंने जोर से बंटी को कसमसा के पकड़ लिया...ओर उसके लण्ड पर झड़ने लगी. बंटी ने भी उसका सारा वीर्य मेरी चूत के अंदर तक ड़ाल दिया..
मेरी चूत के गहराइयों तक उसका गरम पाणी चला गया था.""
सच में मेरा और बंटी का प्यार अमर था..मैं उसके बच्चे की माँ बनने वाली हू.. यह बात अब सिर्फ मुझे पता थी. मुझे यह सब छिपाना होगा.. किसी से नहीं कहना होगा.
मैंने अनीश से कहा - अब मुझे खुद का ख्याल रखना पड़ेगा..आपको भी मेरा ख्याल रखना होगा..यह सब चुदाई और बिंदास खेल अब रोकना होगा.
अनीश ने कहा: हाँ संध्या में तुम्हारा पूरा ख्याल रखूँगा.. पर डॉक्टर ने कहा है की ७ वे महीने तक.. सेफ और हल्का सेक्स कर सकते है..
मैं: आप भी न..सब सेक्स घुसा है दिमाग में.. पर सिर्फ आपके सात. .
उन्होंने मुझे प्यार से बाँहों में ले लिया..हां सिर्फ मेरे सात..
उस रात सोते वक्त बिस्तर पर उन्होंने मुझे पूरा नंगा कर दिया ओरअपनी बाँहों में सुला लिया..वह सारी रात सिर्फ मुझे चाटते रहते..चूमते रहे..वो बहुत खुश थे..मेरी चुत मुँह में ले कर चूमते रहे..मैं २ बार झड़ गयी.. मैंने भी उनका लण्ड मुँह के अंदर तक निगल लिया ..और वह मेरे मुँह मैं झड़ गए.. मुझे उनके वीर्य का स्वाद बहुत पसंद आया मैं बहुत खुश हो गयी..
अनीश: क्या हुआ संध्या ..बहुत खुश हो
मैं; हाँ आप इतना प्यार करते हो मुज़से..खुश ही रहूंगी..और प्रेगनेंसी की वजह से पता नहीं..मुझे आपके पाणी का सव्वद बहुत अच्छा लग रहा..
अनीश खुश हो गए. अगर ऐसी बात है तो मैं तुम्हे दिन रात अपना पाणी पिलाऊंगा ..जब तक तुम्हारा मन नहीं भरता..
मैं भी खुश हो गयी..और फिर से अनीश का मोटा लण्ड चूसने लगी.. छोटे लण्ड चूसने का भी अपना आनंद होता है..पूरा मुँह में लेकर अच्छी से चूस सकते है..ना मुँह फाड़ना पड़ता है..ना गला.. !