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Adultery बरसात की वो रात
#5
- मैने अपनी टी शर्ट निकल दी और अपना सीना उनके सामने कर दिया वो पागलो की तरह मुझे मारने लगी उनके दोनों हाथ मेरे बदन पर टकरा रहे थे मै कुछ नहीं बोला बस उनकी मार खाता रहा वो मारते मारते थक गई तो रोने लगी और सोफे पर बैठ गई  
- मै उनके पास गया घुटनों के बल बेठा और उनके चेहरे को उपर उठा कर बोला मैने आपको कहा था ना कि आखे पानी बहाने के लिए नहीं होती है और यह कहते हुए अपनी जबान से उनके आसू को चाट गया और उनको कहा पानी बहाने की जगह निचे है उपर नहीं
- उन्होंने मेरी और थोडी देर देखा और बोली बहूत बेशरम हो उनका हाथ मेरे सर के उपर गया और उन्होंने मेरे सर को पकड़ कर अपनी दोनों पाव के बिच में जोर से दबा कर बोली तो ले चाट ले यहाँ का भी पानी    
- मैने सर को उपर करके कहा – आं.....टी.....
- वो बोली आंटी गई तेल लेने मुझे रागिनी बोलो
- मैने रागिनी के मुह को हाथ में लेकर किस करने लगा इस बार मै किस कम कर रहा था रागिनी ज्यादा कर रही थी हम दोनों सुब कुछ भूल कर बस एक दुसरे को किस करने में लगे थे मेरा हाथ उसके बदन से खेलने लगा था उसकी छाती के नरम नरम उभार मेरे हाथो में समा गए थे वो मेरे हाथो में मचल रही थी मैने उनको अपनी गोद में उठा लिया और अपने रूम में ले गया मैने उसको अपने बिस्तर पर सुला दिया में भी पास मै लेट गया मेरे हाथ उसके बदन पर घुमने लगे थे मेने सबसे पहले उसके नाईट सूट का कुरता निकाला उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी में उसके उपर झुक गया और उसके होठों पर किस किया में उसके चहरे पर किस किये जा रहा था उसके आखे उसकी नाक पर किस करते हुवे मैने उसके मुह में अपनी जबान डाल दी और उसके मुह को चूसने लगा था  मेरे हाथ उसके बूब्स पर घूम रहे थे मेने उनको मसलना शुरू कर दिया था उसकी सासे भरी हो रही थी उसका एक हाथ मेरे लंड पर आकर उसको मसलने लगा था और दूसरा हाथ मेरी पीठ पर घूम रहा था मेने थोडा निचे आते हुवे उसके बूब्स को अपने मुह में लेकर चुसना और चाटना शुरू कर दिया था में उसके दोनों प्यारे प्यारे उभारो को बारी बारी से अपने मुह में लेकर चूस रहा था और उसकी निप्पल पर काटता जा रहा था मेरी जबान उसके बदन पर घूम रही थी मेने उसकी चूत पर हाथ रख कर उसकी चूत को मसल दिया  वो मेरे सर पर अपना हाथ घुमा रही थी मेने अपने हाथ से अपने और उसके सारे कपडे निकल दिए मेरे लंड को रागिनी ने अपने हाथो में ले लिया और उसको सहलाने लगी में उसके बदन को चाटता हुवा निचे होता जा रहा था उसकी कमर उसका पेट उसकी बाहें उसका हाथ उसकी उगली हर जगह मेरे होठ अपने निशान छोड़ रहे थे मेरे होठों ने निचे आकर उसकी चूत पर अधिकार कर लिया में उसको अपनी जबान से चोदने लगा उसके मुह से आवाज आ रही थी वो अपने हाथो से मेरे सर को अपनी चूत में दबा रही थी उसने दोनों पाव चौड़े हो गए थे जिससे उसकी चूत के दरवाजे और खुल गए थे और मेरी जबान उसकी चूत के अंदर तक घूम रही थी मेने आज तक राधा या किसी काम वाली को ही चोदा था इस लिए कभी भी में उसंकी चूत नहीं चाटता था हा कभी कभी राधा की चूत पर किस जरूर कर दिया था पर आज में जी भर कर चूत को चाटने में लगा था मेरे मुह से लार होठों से होती हुई उसकी चूत में जा रही थी वो अपनी गांड को उपर करके हिलाने लगी जेसे मेरी जबान को और अंदर तक मेरे हाथ उसके बूब्स को मसल रहे थे उसका बदन अकड़ने लगा था और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो रही थी तो मेने देर नहीं करी और उसके उपर आ गया मेने मेरे लंड को उसकी चूत पर रखा और उसकी चूत में अंदर तक उतर दिया मै उसकी चूत में जोर जोर से धक्के लगा रहा था उसके बूब्स मस्त तरीके से हिल रहे थे जेसे पानी से भरी दो प्लास्टिक की थेली को उसकी छाती पर रख दिया हो मैने चुदाई करते हुवे उसको उठाया और अपने पाव पर बैठा लिया मेरे धक्के उसको मस्त कर रहे थे लेकिन उसको बैठे बैठे चुदाई कराने में परेशानी हो रही थी तो में लेट गया और वो मेरे उपर आ गई मेरा हाथ उसकी कमर पर था में उसको उपर निचे कर रहा था वो मेरे लंड से मस्त हो कर चुदवा रही थी हमको लगभग 7 – 8 मिनिट हो गए थे वो दो बार पानी छोड़ चुकी थी वो बुरी तरह थक गई थी मेरा होने वाला था मेने अपनी स्पीड बड़ा दी उसकी ऐसी हालत हो गई थे जेसे उसके शारीर में जान ह ना हो उसमे अपने पुरे बदन को मेरे ही हवाले कर दिया था और फिर मेरा भी होने वाला था मैने उसकी चूत में अपना सारा माल निकाल दिया वो बुरी तरह थक कर मेरे उपर ही लुडक गई मै उसको धीरे धीरे सहलाते हुए किस करने लगा उसकी आखो में फिर आसू आ गये मैने उसको कहा अरे ये आखो से पानी फिर क्या कहा ना कि आखो से पानी नहीं निकालते हे पानी तो ........ उसके अपने होठों से मेरी आवाज को अंदर हे रोक दी चुदाई करते समय मैने रागिनी की दो बाते नोट की थी एक तो वो चुदाई के समय कुछ भी बोलती नहीं थी और दूसरी वो खुल कर चुदाई नहीं करती थी पहली बार तो मेने उसका बलात्कार ही किया था परन्तु अभी तो उसकी भी मर्जी शामिल थी परन्तु फिर भी उसकी चुदाई में वो मज़ा नहीं था हमको चुदाई किये हुए दस मिनिट हो गए थे हम दोनों चिपक कर बाते कर रहे थे और मै उसके बदन को सहला रहा था
- मैने उसको कहा भूख नहीं लग रही है खाना खाना है न  
- वो बोली बहुत थक गई हु
- थकान उतारने का एक तरीका हे मेरे पास मैने कहा
- वो बोली क्या ?
- मैने कहा अंकल की बोटल से एक घुट ले लो
- ह........... ट................... मै नहीं पीती
- कभी टेस्ट भी नहीं करी
- नहीं हा बियर जरूर पी है पर वो कभी नहीं पी
- तो बियर पियोगी
- वो होती तो पी लेती पर वो तो इन्होने मगवाई ही नहीं होगी ये कहते है की ये तो औरतो का कोल ड्रिंक है
- आपको पीना है ? मैने उसकी और देख कर कहा
- वो बोली ओके बियर हो तो पी लूगी पर एक शर्त पर  
- मैने पूछा क्या
- उन्होंने मेरे लंड को पकड़ कर मसलते हुवे कहा की आज के बाद मुझे अकेले मै कभी आप नहीं कहोगे
- मैने कहा ओके जान चलो आब खाना गरम कर ले
- उसने कहा ओके मै भी तुम्हारे अंकल को देख कर आती हु
वो उनके रूम मै चली गई 12.20 हो गए थे और में किचन में आ गया मैने आते ही सबसे पहले बियर की बची हुई चारो केन निकाली और उसमे थोड़ी थोड़ी व्हिस्की मिला दी मैने खाना गरम करके रागिनी का इंतजार करने लगा समय बारह बज कर तीस मिनीट से ज्यादा हो गये थे मै रागिनी के रूम की और गया तो देखा की रागिनी ने अंकल के सारे कपडे निकाल दिए थे और अंकल को बिना कपडे के कर दिया था मै रुक कर उसको देखने लगा फिर उसने अपने पर्स से लिपस्टिक निकाल कर होतो पर लगाई और अंकल के बदन पर किस करने लगी उनके गालो पर सिने पर उसने 10-12 किस किये फिर उसने अंकल के लंड को हाथ मै लिया और उस पर भी किस किये और फिर होठों की लिपिस्टिक को साफ़ करके अंकल को रजाई ओडा कर बहार आ गई और रूम के दरवाजे को बहार से बंद कर दिया
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RE: बरसात की वो रात - by rajathakur - 08-12-2022, 09:58 AM



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