07-12-2022, 08:45 PM
प्रीति ने बाहर जा कर गेट खोला तो मनीष और पीछे पीछे शिल्पी घर आ गए। वें दोनों घर के अंदर अपने अपने कमरों में गए और इधर मै तेजी से छत पर अपने फ्लैट में आ गया।
छत पर मंजू ने फ्लैट की काफी सफाई कर दी थी। उसके बाद मैंने उसको नीचे जाने को कहा और बोला प्रीति को ऊपर भेज देना।
जब मैंने बोला प्रीति को ऊपर भेजनें को तो मंजू मुझसे कुछ बोलना चाही लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हुई। वों बस इतना ही कह पायी कि प्रीति अभी बच्ची है। प्रीति अभी 18 साल की हो चुकी थी और पूरे इत्मीनान से, उसे पूरा तैयार करके मुझे उसकी चुदाई करनी थी।
मंजू नीचे आ गई। नीचे नीतू सोई हुई थी और प्रीति हाल में टीवी देख रही थी। मंजू ने प्रीति को बोला कि मैंने ऊपर बुलाया है और वों शिल्पी और मनीष के साथ बातें करने लगी। थोड़ी देर में प्रीति डरते सहमते हुए छत पर आयी।
मै अब लगभग हर वक्त नंगा ही रहता था और घर का माहौल ऐसा बना देना चाहता था कि हर वक्त सब नंगे या कम से कम कपड़े में रहें। नीतू और मंजू मेरे इस बात को धीरे धीरे मान भी रहें थे और उनका घर में कम कपड़े पहनना शुरू हो गया था।
प्रीति जब छत पर आयी तो मै नंगा सोफे पर लेटा था और टीवी पर पोर्न मूवी चला रखा था। प्रीति पोर्न देखकर शर्मा गई और मेरे सामने आकर सर झुकाएं खड़ी हो गई।
मुझे पोर्न में कोई बहुत इंटरेस्ट था नहीं, यहाँ तो हकीकत में मेरा 24 घंटे रियल पोर्न चलता था। मैंने प्रीति को दूसरे सोफा में बैठने को बोला और पोर्न मूवी दस पंद्रह मिनट तक चलती रही। वों एक फॉरेन की पोर्न मूवी थी जिसमे एक मूवी का डायरेक्टर ऑडिशन के नाम पर आयी 18 साल की एक लड़की की जबरदस्त चुदाई करता है। प्रीति भी अपनी नजर को हल्की ऊपर किए मूवी देखने लगी। जब मूवी खत्न हुई तो मैंने उससे पूछा कैसा लगा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया।
अब मै सोफे पर बैठ गया और सामने टेबल पर अपना पैर रखा। मेरा लंड एकदम सीधा तन कर खड़ा था। मैंने अपने लंड पर हाथ फेरते हुए प्रीति से बोला - खुश है ना तू
प्रीति - जी
मै - फिर मेरी बात क्यों नहीं मानी?
प्रीति - आपकी सब बात मान रही हूँ
मै - अच्छा फिर बोला था ना कम कपड़े पहना कर। यदि मेरी बात नहीं मानेगी तो मै पनिशमेंट भी दे सकता हूँ। चाहिए पनिशमेंट?
प्रीति - नहीं
मैं - आज से तेरा नंबर आ गया। जब भी तूने मेरी बात नहीं मानी तब तुझे भयंकर पनिशमेंट मिलेगी।
प्रीति सर झुकाएं खड़ी रही।
मै - अभी कितने कपड़े है तेरे शरीर पर
प्रीति - जीन्स और टॉप
मै - बस जीन्स और टॉप, और कुछ नहीं पहना
प्रीति - वों अंदर पहना हैं
मै - क्या?
प्रीति - वों अंदरररर
मै - क्या अंदर
प्रीति - ब्रा
मै - और
प्रीति - और नीचे
मै - नीचे क्या प्रीति, जल्दी बोल
प्रीति कुछ देर तक कुछ नहीं बोली।
मै - नीचे क्या बोल ना या उतरवा दूँ अभी
प्रीति - पैंटी
मै - इतना देर क्यों लगाई
प्रीति - वों शर्म आती है
मै - इसलिए तो कह रहा हूँ, तूने आज नीतू की पैंटी उतारी थी ना। इस घर के अंदर अब कोई शर्म नहीं, समझी
प्रीति - जी
मै - मैं जो कहूँ चुपचाप करो, शरमना नहीं है अब। चल इधर आ।
ऐसा कह कर प्रीति का मैंने हाथ पकड़ा और अपनी ओर खींच लिया।
छत पर मंजू ने फ्लैट की काफी सफाई कर दी थी। उसके बाद मैंने उसको नीचे जाने को कहा और बोला प्रीति को ऊपर भेज देना।
जब मैंने बोला प्रीति को ऊपर भेजनें को तो मंजू मुझसे कुछ बोलना चाही लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हुई। वों बस इतना ही कह पायी कि प्रीति अभी बच्ची है। प्रीति अभी 18 साल की हो चुकी थी और पूरे इत्मीनान से, उसे पूरा तैयार करके मुझे उसकी चुदाई करनी थी।
मंजू नीचे आ गई। नीचे नीतू सोई हुई थी और प्रीति हाल में टीवी देख रही थी। मंजू ने प्रीति को बोला कि मैंने ऊपर बुलाया है और वों शिल्पी और मनीष के साथ बातें करने लगी। थोड़ी देर में प्रीति डरते सहमते हुए छत पर आयी।
मै अब लगभग हर वक्त नंगा ही रहता था और घर का माहौल ऐसा बना देना चाहता था कि हर वक्त सब नंगे या कम से कम कपड़े में रहें। नीतू और मंजू मेरे इस बात को धीरे धीरे मान भी रहें थे और उनका घर में कम कपड़े पहनना शुरू हो गया था।
प्रीति जब छत पर आयी तो मै नंगा सोफे पर लेटा था और टीवी पर पोर्न मूवी चला रखा था। प्रीति पोर्न देखकर शर्मा गई और मेरे सामने आकर सर झुकाएं खड़ी हो गई।
मुझे पोर्न में कोई बहुत इंटरेस्ट था नहीं, यहाँ तो हकीकत में मेरा 24 घंटे रियल पोर्न चलता था। मैंने प्रीति को दूसरे सोफा में बैठने को बोला और पोर्न मूवी दस पंद्रह मिनट तक चलती रही। वों एक फॉरेन की पोर्न मूवी थी जिसमे एक मूवी का डायरेक्टर ऑडिशन के नाम पर आयी 18 साल की एक लड़की की जबरदस्त चुदाई करता है। प्रीति भी अपनी नजर को हल्की ऊपर किए मूवी देखने लगी। जब मूवी खत्न हुई तो मैंने उससे पूछा कैसा लगा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया।
अब मै सोफे पर बैठ गया और सामने टेबल पर अपना पैर रखा। मेरा लंड एकदम सीधा तन कर खड़ा था। मैंने अपने लंड पर हाथ फेरते हुए प्रीति से बोला - खुश है ना तू
प्रीति - जी
मै - फिर मेरी बात क्यों नहीं मानी?
प्रीति - आपकी सब बात मान रही हूँ
मै - अच्छा फिर बोला था ना कम कपड़े पहना कर। यदि मेरी बात नहीं मानेगी तो मै पनिशमेंट भी दे सकता हूँ। चाहिए पनिशमेंट?
प्रीति - नहीं
मैं - आज से तेरा नंबर आ गया। जब भी तूने मेरी बात नहीं मानी तब तुझे भयंकर पनिशमेंट मिलेगी।
प्रीति सर झुकाएं खड़ी रही।
मै - अभी कितने कपड़े है तेरे शरीर पर
प्रीति - जीन्स और टॉप
मै - बस जीन्स और टॉप, और कुछ नहीं पहना
प्रीति - वों अंदर पहना हैं
मै - क्या?
प्रीति - वों अंदरररर
मै - क्या अंदर
प्रीति - ब्रा
मै - और
प्रीति - और नीचे
मै - नीचे क्या प्रीति, जल्दी बोल
प्रीति कुछ देर तक कुछ नहीं बोली।
मै - नीचे क्या बोल ना या उतरवा दूँ अभी
प्रीति - पैंटी
मै - इतना देर क्यों लगाई
प्रीति - वों शर्म आती है
मै - इसलिए तो कह रहा हूँ, तूने आज नीतू की पैंटी उतारी थी ना। इस घर के अंदर अब कोई शर्म नहीं, समझी
प्रीति - जी
मै - मैं जो कहूँ चुपचाप करो, शरमना नहीं है अब। चल इधर आ।
ऐसा कह कर प्रीति का मैंने हाथ पकड़ा और अपनी ओर खींच लिया।