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Adultery बरसात की वो रात
#2
अरे पर आप लोगो को परेशानी होगी उनकी वाइफ बोली
मेने कहा अरे परेशानी कैसी आप लोगो का ही घर है और यह कह कर मैने अपने नोकर को आवाज दी वो आया और उसको सामान ले कर उपर चलने को बोला मैने उनको बताया की हम लोग यहाँ नहीं रहते है और यह घर खाली है वो लोग अंदर आये और उन्होंने आकर जब घर अंदर से देखा तो वो खुश हो गए  हो भी क्यों ना घर था ही इतना अच्छा वो लोग थक गए थे मैने उनसे कहा की आप लोगो ने कुछ खाया या नहीं कुछ खाना बनवा दू इतने में अंकल बोले यार सुमित बहुत थक गया हु और बिना गला गिला किये मज़े नहीं आयेगे कुछ व्यवस्था हो जाएगी क्या मैने कहा जरूर (हम लोग राजपूत है और हमारे यहाँ शराब पीना चलता है) मैने बहार आकर अपने नौकर को सामान लाने भेज रहा था तो अंकल आगये और उन्होंने उसको क्या कहा पता नहीं पर वो हस दिया मेने अंकल के लिये 1 बाटल मंगवाई और मेरे लिए ३ बियर मंगवाई अंकल नहाने चले गए मै खाने की व्यवस्था मै लग गया इतने मै अंकल की वाइफ रागिनी मेरे पास आई और बोली मै इनके पिने की आदत के कारण बहुत ही दुखी हु कही भी शुरू हो जाते है  मैने कहा अरे कोई बात नहीं हमारे यहाँ तो यह चलता रहता है बताये आप क्या खायेगे वो बोली क्या क्या है यहाँ  मैने कहा आपको जो भी चाहिए वो सब मिल जायेगा घर वाले अक्सर पार्टी करते है तो यहाँ सब सामान है आप बोले जो बोलोगे वो बन जायेगा वो बोलने मै शर्मा रही थी तो मैने उनको पूछा आपको एग चलते है वो बोली हा चलते है तो मैने उनको कहा ओके तो एग करी और चपाती चलेगी वो बोली ओके चलेगी मै किचन मै आ गया बहार फिर पानी आने लगा था वो भी मेरे साथ साथ किचन मै आ गई उसके बदन की क्या खुशबू थी खुले बाल उसकी सुदरता में चार चाँद लगा रहे थे टी शर्ट में उसके बूब्स बहुत ही प्यारे लग रहे थे उसके पीछे के पर्वत भी जरूरत से ज्यादा बहार निकल रहे थे खाने का काम वेसे भी मुझे मेरे नोकर की पत्नी राधा को देना था पर वो उसके बच्चे को सुलाने में  लगी थी उसको पता था की अगर मै रात मै अकेला रुकता हु और उसके पति को दारू के लिए पैसे देता हु मतलब की उसकी चूत को मेरी सेवा करना है वो बहुत ही मस्त माल है में उसके आने तक थोडा बहुत काम करने के मूड मै था ताकि खाना जल्दी बन जाये परन्तु मुझे तो खाने के बदले कुछ और ही खाना था रागिनी मेरे पास मै ही खडी थी मैने सामान लेने के बहाने उसकी पीछे से निकलते हुवे अपनी एक उगली उसकी गांड को रगड़ते हुवे बहार की तरफ गया  मैने यह भी नहीं देखा की उसकी प्रतिक्रिया क्या है मै बहार आया जहा अंकल बैठे थे नौकर आ गया था वो ऐसी व्यवस्था करने मै बहुत ही ज्यादा माहिर था सो उसने पूरी व्यवस्था कर दी थी बाहर पानी भी तेज हो गया था अंकल ने कहा की आ जाओ तुम भी तो मैने मना कर दिया कि मै नहीं लेता हु वो बोले अरे यार मज़ा नहीं आएगा बिना कंपनी के तो मैने मेरे नोकर को कहा की तू इनका साथ दे देना वो दोनों पिने बैठ गए 8.30 बजने वाले थे हमारे यहाँ 8.30  बजे लाइट जाती है 2 – 3 मिनिट के लिए तो मै वापस किचन मै आ गया मैने देखा की रागिनी खिड़की से बहार की और देख रही है मेने पूछा क्या देख रही है आप तो वो बोली पता है सुमित ऐसे मौसम मै नहाने का बहुत मन होता है गिरते पानी मै नहाओ तो मैने कहा तो आप नहा लो मै बात करते करते उसके बहुत पास आ गया था उसकी गांड और मेरे लंड के बिच में बस  वो बोली कहा वो सामने जहा कच्ची जमीं है पूरी कीचड़ मै नहीं हो जाऊगी मैने उनको कहा अरे उपर छत है ना आप आराम से नहा सकती हो वो देखो वो उपर की और जो बहार निकला हुवा हिस्सा दिख रहा है न वो ही है छत यह कहते हुवे मैने अपना लंड उनकी गांड में दबा दिया वो असहज हो गई और थोडा आगे हो गई पर खिड़की वाला हिस्सा आ जाने से वो आगे नहीं हो पाई मेने उनकी गांड में अपने लंड को दबाते हुवे कहा वो देखो वो रही छत जहा आप आराम से पानी में भीगते हुवे नहाने का मज़ा ले सकती है
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RE: बरसात की वो रात - by rajathakur - 06-12-2022, 09:39 AM



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