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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
अब बेडरूम में मै पूरी तरह नंगा खड़ा था, साथ में नीतू ट्रांसपेरेंट नाईटी में लगभग नंगी, मंजू छोटी सी नाईटी में अधनंगी और बेचैन प्रीति।

प्रीति का सामना नीतू नहीं कर पा रही थी। मै यह समझ चुका था और मैंने नीतू को डॉटते हुए बोला -

मै नीतू से - तुम यहाँ खड़ी खड़ी क्या कर रही हो, जाओ फ्रेश होकर आओ।

नीतू कुछ समझ नहीं पा रही थी उसे क्या करना है? वों चुपचाप खड़ी रही तो मैंने उसको फिर से बोला। नीतू जल्दी से भागते हुए बाथरूम में चली गई।

फिर मै मंजू से - तुम एक काम करो ऊपर कमरे से कपड़े ले आओ, अभी प्रीति के साथ कॉलेज जाना है।

मंजू तुरंत सुनते ही ऊपर फ्लैट की ओर गई। अब मै नंगे ही हाल में आ गया और प्रीति को आवाज दी। प्रीति डरते डरते मेरे पास आयी तो मैंने टॉवल उसके हाथ में दिया और बोला - चल जरा पीठ पोछ मेरा।

प्रीति ने चुपचाप टॉवल लिया और मेरा सर पोंछने लगी। सर पोंछने के बाद उसने मेरा पीठ पोछा और रुक गई।

मैंने प्रीति पर चिल्लाते हुए अपने लंड की ओर इशारा करते हुए कहा - इसे क्या तेरा बाप पोछेगा।

वों कुछ समझ नहीं पा रही थी। मेरे द्वारा चिल्लाने से वों बहुत बुरी तरह डर गई। वों धीरे धीरे टॉवल मेरे लंड तक ले गई। अभी वों टॉवल को मेरे लंड के ऊपर रखकर उसको पकड़ती उससे पहले ही डर के मारे उसकी पेशाब निकल गई। प्रीति के पेशाब से उसका सलवार और पैंटी पूरा गीला हो गया। इधर पेशाब निकलते ही प्रीति रोने लगी तो नीतू भागते हुए बाथरूम से हॉल में आयी। नीतू नहाने जा रही होगी उसने नाईटी उतार रखा था और सिर्फ पैंटी उसके बदन पर थी।

प्रीति को ऐसे देखकर नीतू भी परेशान हो गई और थोड़ा मै भी डर गया । फिर भी खुद को मजबूत रखते हुए मैंने नीतू से बोला - क्या है ये?

नीतू - मै अभी साफ कर देती हूँ और फ्लोर साफ करने लगी।

प्रीति की सलवार अभी भी गीली थी। मैने उसे सलवार नीचे करने को बोला। प्रीति ने चुपचाप अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार खुलकर नीचे जमीन पर आ गिरा। समीज जो अभी भी घुटनो तक गिरा था मैंने उसको नीचे से उठाया और कमर पे बाँध दिया। कमर पर बाँधते ही मुझे उसकी पैंटी और उसके नीचे सब कुछ नंगा दिखा। उसकी पैंटी भी पूरी गीली हो चुकी थी।

अब मैंने उसकी समीज की गाँठ को कमर से खोल दिया। अब उसकी पैंटी फिर से ढक गई। मैंने फिर उससे कहा कि अपनी पैंटी उतार ले वों भी गीली हो चुकी है। वों शरमाई लेकिन मेरे दुबारे कहते ही उसने चुपचाप अपनी पैंटी नीचे कर दी। अब प्रीति की सलवार और पैंटी नीचे जमीन पर थी और प्रीति के शरीर पर सिर्फ समीज।

इतने देर में नीतू ने भी फ्लोर का पोछा मार दिया तो मैंने प्रीति के सलवार और पैंटी की ओर इशारा करते हुए नीतू से बोला - इसे ले जाओ और धो लेना। नीतू ने चुपचाप उन्हें उठाया और बाथरूम की ओर चली गई।
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 28-11-2022, 02:39 PM



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