27-11-2022, 02:28 AM
मेरे अंतरंग हमसफ़र
सातवा अध्याय
लंदन का प्यार का मंदिर
भाग 38
सैंडविच मालिश
कुछ पल के लिए अलीना मेरे सामने घुटनों के बल खड़ी हो गयी।
"कसान तुम ये पीछे से कर सकती हो? मेरा मतलब पीछे बैठ कर" ।
उसने ऐसा मुँह बनाया जैसे उसे कुछ समझ नहीं आया।
मेरा मतलब अगर तुम मास्टर की मालिश पीछे से करोगी तो मुझे कंफर्टेबल रहेगा।"
कसान मेरे पीछे बैठ गयी और अपनी अलीना ने नंगी चूचियों को अपनी हथेलियों में भर लिया, ये देख मेरे बदन में कंपकपी दौड़ गयी।
उत्तेजना से मेरा लंड भी ऐंठ गया जिसे देख कसान ने मेरा लंड पकड़ लिया और इसे सहलाने लगी।
और साथ में मैंने अलीना के स्तन दबाये तो अलीना भी कराह उठी "ऊऊहह......उम्म्म्मममम......" कसान अपनी गोल चूचियों को धीरे से पकड़ और उनमें तेल लगा रही थी और तेल लगाने के बाद वह उन्हें मेरी पीठ पर ज़ोर से दबाने लगी फिर मैं मेरे सम्मन बैठी अलीना के तने हुए निपल्स को गोल-गोल घुमाने लगा और मरोड़ने लगा और मनमर्ज़ी से दबा रहा था ।
मैंने अलीना के नरम होंठो से अपने होंठ मिलाकर चूमना शुरू किया। अलीना भी मेरा साथ देने लगी और मैं अपना हाथ उसके योनि पर ले गया औरउसे सहलाने लगा ।
उधर जब कसान अलीना के स्तनों के साथ खेलने लगी तो अलीना उत्तेजना से पागल हो गयी। कसान अपनी दोनों हथेलियों से अलीना की चूचियों की कभी हल्के से कभी ज़ोर से मालिश कर रही थी ।
"उम्म्म्मममह...............आआहह.................."
मैं अलीना के गोल सुडोल उरोज़ों पर हाथ फेरता हुआ बोला, " वाह! भगवान् ने क्या फुर्सत के समय तुम्हारा शानदार बदन तराशा है और उसके उरोज़ों को मुंह में कर चूसने लगा।
फिर मैं बेड पर लेट गया और अलीना से बोला, " अब तुम ऊपर आओ और उसे प्यार करो।
अलीना तुरंत उठी और मेरी टांगो के बीच में आकर बैठ गयी और मेरे तेल से सने लण्ड को मुठी में भींच कर उसकी चमड़ी ऊपर नीचे करने लगी।
मैंने बोला अलीना इसे थोडा होंठो से भी प्यार करो। जितना इसे खुश करोगी। उस से दोगुनी ख़ुशी तुम्हे ये देगा।
अलीना फिर लण्ड की चमड़ी निचे करके उसके गुलाबी सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी। उसकी जीभ का स्पर्श से मैं इस सुनहरी पल का आनंद ले रहा था। अब 5-7 मिनट लण्ड चूसते रहने की वजह से
मुंह दुखने लगा, ऊपर से उसके लण्ड की नसे फूलने की वजह से सुपाड़ा भी फूल चूका था और उसके मुंह में घुसने में दिक्कत हो रही थी। औ उसके गोरे चिट्टे दूध से भरे उरोज़ हिल रहे थे। काफी समय हिलने जुलने ने अब अलीना थक कर चूर हो गयी। मैं साथ-साथ उसके स्तनों को भी दबा रहा था जिससे उसकी हालत खराब हो गयी कांपती हुई झड़ गयी।
उधर अलीना कसान की चूचियों को भी साथ-साथ मसल रही थी । अलीना ने अपने तेल लगे हाथों से कसान के निपल्स को उछालना शुरू कर दिया और दो अंगुलियों के बीच में दबाकर कसान के तने हुए निपल्स को मरोड़ने लगी । "अरे, ये तुम क्या कर रही हो?"
अलीना कसान, टोको मत। तुम्हे मालूम है ये खास किस्म की मालिश है। अब दोनों एक दुसरे के स्तनों से मनमर्ज़ी से खेल रही थी, कभी उन्हें उछालती, कभी पकड़ लेती, कभी मसल देती । इससे दोनों मस्त हो रही थी और उसको देख मुझे उत्तेजना आ रही थी
कसान और अलीना का चेहरा लाल हो गया और उनकी साँस भी जोर-जोर से चल रही थी। उनकी साँसों के साथ-साथ उनकी चूचियाँ भी उठ-बैठ रही थी। एक साथ दो जोड़ी चूचियाँ एक साथ उठ-बैठ रही थीं और साँसें गर्म हो रही थीं। क्या हसीन नज़ारा था। और मैं बीच-बीच में दोनों के बदन पर और चूची हाथ पर फेर रहा था।
कसान के तीखे नोकदार पतले-पतले होंठ देखकर मेरा लंड भी व्यग्र हो उठ कर कठोर हो गया था कसान के नाजुक मुलायम हाथ, लंबी-लंबी उंगलियाँ मेरे बदन पर चलने लगी मैं अपना लिंग पकड़ धीरे-धीरे सहलाने लगा। मेरी आँखें बंद थीं और मैं बाकी दुनिया से पूरी तरह से बेखबर था इसलिए जब मैंने अपनी गेंदों पर गर्म हाथ में महसूस किया तो जैसी मैंने उम्मीद की थी वहाँ न जाने कहाँ से समीना प्रगट हुई।
जब मैंने समीना को फर्श पर मेरे अंडकोष को सहलाते हुए देखा तो मेरी आँखें खुली और चौंक गईं।
"मैंने आपसे पहले भी कहा था आपको इसे स्वयं करने की आवश्यकता नहीं है," उसने अपने चेहरे पर एक तेज मुस्कान के साथ कहा, "मैंने कहा था कि अगर आप कुछ चाहते हैं तो मुझे बुला लीजिये" ।
मैंने मुस्कुरा कर कहा इसी लिए तो मैंने ये किया था क्योंकि मैं यही चाहता था तुम मेरे पास यहाँ आओ और मेरा लंड चूसो और इसके साथ ही, वह नीचे झुक गई और उसकी जीभ की नोकसे मेरे लंड में गुदगुदी की। जैसे ही मेरे शरीर में वासना की विद्युत धारा प्रवाहित हुई, मैं उछल पड़ा और उसने मेरे हाथों को अपने हाथों से बदल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी। उसकी जीभ घुंडी पर नाच रही थी। मेरे हाथ उसके स्तनों पर चले गए, उसकी नौकरानी की पोशाक के नीचे मैंने उसके स्तनों को धीरे से मालिश करना शुरू कर दिया। जैसे ही मैंने निप्पल पर ब्रश किया और अपनी उंगलियों से उसे फड़फड़ाया, मैंने उसकी कराह सुनी।
मेरे एक हाथ ने कपड़े में एक रास्ता खोज लिया था और मैंने दुसरे हाथ से कुछ डोरिया खींची और अब समीना मेरे सामने पूरी नग्न हो गयी और अब उसकी योनि के चिकने मांस पर मेरा दूसरा हाथ अपना रास्ता बना रहा था और जब मेरे पहले हाथ को उसका निप्पल मिला तो मैंने उसे सहलाना और मोड़ना शुरू कर दिया। मैंने समीना को घुमाया और उसके ओंठ अब मेरे ओंठो में थे और मेरा एक हाथ उसके स्तनों पर था और दुसरे से मेरे ऊँगली उसकी तंग योनि के साथ खेल रही थी जैसे-जैसे उसका ऑर्गेज्म करीब आया उसकी कराह बढ़ती गई-वह हांफने लगी और उसे पता था कि क्या हो रहा है। जैसे ही उसका बदन काम्पा आओर अकड़ा उसने अपनी टाँगे चिपका ली और उसने मेरे ओंठो को अपने मुंह में बंद कर लिया और-और तब तक मेरे जीभ चूसती और चाटती रही।
समीना को मेरा लिंग सहलाता देख कसान ने मुस्कुराते हुए आँखों को छोटा किया, अपने होंठों को कामुक अंदाज में दांतों से काटा और मुझे आँख मार दी।
अब मेरा रुक पाना मुश्किल हो गया, मैंने समीना के स्तनों को काटना चाटना शुरू कर दिया। वह अचानक हुए हमले से थोड़ा कसमसाई पर बहुत जल्दी मेरा प्रतिउत्तर देने लगी, जिससे मुझे लगा कि शायद वह भी यही चाहती थी।
उसने मेरे बाल नोचने शुरू कर दिये। मेरी थकान गायब हो गयी थी और इस बीच अलीना के चेहरे से पता लग रहा था वह भी अब तरोताजा हो गयी थी मैंने उसे थोड़ा वाक्य और देने का फैसला किया और सरक कर समीना के पास चला गया मैंने उसके मुंह में अपनी जीभ घुसा दी, उसने भी ऐसा ही किया और हम बदहवास होकर चुम्बन करने लगे
कसान थोड़ा डांटते हुए बोली आप दोनों थोड़ा इंतजार करो हमे मालिश पुरी कर लेने दो । समीना हड़बडा कर आई और मेरे पीछे से लिपट गई.
हम तीनों ही मुस्कुरा उठे।
मैं दोनों तरफ से नाजुक बदन के बीच आनंद ले रहा था। मेरे आगे छाती पर कसान के स्तन थे और में कसान को किस कर रहा था और मेरी पीठ पर समीना के स्तन मेरी पीठ को रगड़ रहे थे पी और समीना का एक हाथ मेरे लंड पर था और दूसरा हाथ मेरे कंधो को सहला रहा था और मेरे हाथ कसान की पीठ को सहला रहे थे इसी को सैंडविच मसाज कहते हैं।
मैं तीन अप्सराओं के बीच कामदेव बनकर स्वर्ग का सुख भोग रहा था। एक तरफ गद्देदार भरे हुए स्तन थे तो दूसरी तरफ नोकदार छोटी चूचियों का आनन्द...
मैंने पीछे पलटने जैसा होकर गर्दन मोड़ कर समीना को चुम्बन दिया और मेरा तना हुआ दस इंच लंबा और तीन इंच का मोटा लिंग कसान के पेट के पास टकराया।
अब अमीना भी मेरा पास आ कर किस करने लगी और मैंने बारी-बारी से तीनो को पकड़ कर किश किया, कुछ देर हम चारो एक दुसरे को ऐसे ही प्यार करते रहे और मैं एक हाथ से कभी समीना या कसान या कभी अलीना के स्तनों से खेलता रहा और तीसरी को किश करता रहा तीनो ने मेरा पूरा साथ दिया।
मैंने कसान को अपने पास खींचा और उसकी नंगी टांगों पर अपना हाथ आहिस्ते से फिराया और योनि पर ले जाकर हल्के से दबाव डाला, कसान के मुंह से सिसकारी निकल गई-इस्स्स
और मेरे हाथों के ऊपर हाथ रखकर और दबाने लगी... पर मैंने हाथ हटा लिया ।
मैं, अलीना, समीना और कसान मादरजात नग्न अवस्था में पड़े थे। मैंने पहली बार तीनो की योनि में हाथ फिराया और खुश होकर बोला क्या कयामत की बनावट है यार, इतनी मखमली, रोयें तक नहीं हैं! वाह मजा आएगा!
ऐसा कहते हुए मैंने उसकी पहले से गीली हो चुकी समीना की योनि में अपनी एक उंगली डाल दी।
वो इस हमले के लिए तैयार नहीं थी और चिहुंक उठी, लेकिन फिर अगले हमले का इंतजार करने लगी।
अब समीना का हाथ मेरे सख्त मूसल से लिंग को सहलाने लगा थाl साथ ही मैं उसके जिस्म का हर अंग चुम्बन से सराबोर कर रहा था। उसकी योनि तो कब से उसके लिंग के लिए मरी जा रही थी और अब उसकी कौमार्य को भंग करने का वक्त भी आ ही गया था।
मैं उसके पैरों की तरफ घुटनों के बल बैठ गया और मैंने उसके दोनों पैरों को फैला कर योनि को बड़े प्यार से सहलायाl वह तड़प उठी।
फिर मैंने योनि पर एक चुम्बन अंकित किया, उसके शरीर के रोयें खड़े हो गए और फिर अपने लंड को योनि के द्वार पर टिका कर समीना पर झुक गया। मैंने ताकत लगाई लेकिन लण्ड अंदर नहीं जा रहा थाl कुंवारी योनि बहुत टाइट थी l मैंने अपनी उंगलियों से योनि के मुँह को खोला और लण्ड के सुपांडे को अन्दर फसा दिया समीना कराहने और ओह्ह्ह आह करने लगी l
मैंने थोड़ी ताकत लगाई और अपना लगभग चौथाई लिंग योनि की दीवारों से रगड़ते हुए अंदर चला गयाl मैंने एक और धका लगाया, उसकी झिल्ली को फाड़ते हुए लण्ड अन्दर पेवस्त करा दिया।
वो दर्द के मारे बिलबिला उठी और छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी। पर मैंने उसे दबोच लिया और उसके उरोजों को दबाते हुए एक और जोर का झटका दिया और अपने लिंग को जड़ तक समीना की योनि में बिठा दिया।
वह रो पड़ी है मर गयी बहुत दर्द हो रहा हैl हाय मेरी फाड़ डाली पर मैंने हंसते हुए कहा-क्यों जानेमन.l कैसा लगा?
उसने मरी-सी आवाज में कहा-मास्टर आपने तो मुझे मार डालने का पक्का इरादा कर रखा है? आराम-आराम से कीजिये! एक तो इतना बड़ा ा है उस पर इतनी जोर से घुसा डाला और मुझे लगभग मार ही डाला वह रोते हुए बोली।
मेरा जवाब था पहली बार में थोड़ा दर्द तो होगा ही ना, अभी थोड़ी देर में कहोगी। कि जोर-जोर से मारो!
आपने तो मेरी जान ही निकाल दी, थोड़ा धीरे चोदो सारा माल आपका ही है
अब मैं लंड को अंदर डाल कर आराम करने लगा और समीना को किस करने लगाl मैं उसके होंठ चूसने लगा। यह पहला प्रवेश चूत और लंड के पहले मिलाप की घड़ी होती हैl लण्ड और चुत को एक दूसरे को पहचानने का और एडजस्ट करने का समय होता है। मेरी गुरु मिली के मुताबिक़ इस वक्त कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए और चूत और लंड को एक दुसरे से जान पहचान और मिलने जुलने का पूरा मौका देना चाहये।
मैं समीना के को होटों पर चुम्बन और मम्मों को चूसने में लग गया। थोड़ी देर में समीना सामान्य हो गयी।
मैंने फिर एक बार अपना पूरा लिंग ' पक्क.l की आवाज के साथ बाहर खींच लिया। किसी मशरूम की तरह दिखने वाला लिंग का अग्र भाग योनि से बाहर आ गया.l मुझे बड़ा मजा आया। लण्ड खून में सना हुआ था।
फिर मैंने योनि को अपने लिंग के अग्र भाग से सहलाया और एक ही बार में अपना तना हुआ लिंग योनि की जड़ तक बिठा दिया। इस अप्रत्याशित प्रहार से समीना लगभग बेहोश सी हो गई, पर कमरा 'आहह ऊहह..' की आवाजों से गूंज उठा। परन्तु मैं जानता था कि यह उसकी प्रथम चुदाई है ऐसा तो होना ही था, अभी थोड़ी देर बाद यह खुद ही जोर लगाने लगेगी और चूतड़ उछाल उछाल कर चुदवाएगी।
मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किए, लण्ड उसकी चुत को चीरता हुआ जड़ तक पूरा 10 इंच अंदर चला गयाl आआहहह! ऊउम्म्मम म्म्मम! आईईईईईईई! माँम्म्म्म्म् म्माआआ!
उसके मुँह से दर्द भरी परन्तु उत्तेजनापूर्ण आवाजें निकलने लगी। लगभग पाँच मिनट बाद जब मेरा पूरा लन्ड उसकी बुर में हिचकोले खाने लगाl वह भी चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी बुर में मेरा लण्ड लेने लगी।
अब वह मेरे लण्ड को सुपारे से ले कर टट्टों तक उछल-उछल कर चुदवा रही थी। उधर कसान और अमीना अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थीl दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाये जा रही थी तथा मुँह से उत्तेजनापूर्ण अजीब अजीब आवाजें आआहहह... ऊऊउउउम्म्म म्म्मम... आईईईईई -सीईईईसीई... आआ... निकाले जा रही थी। उसे देख कर लग रहा था कि वह अभी समीना को हटा कर खुद चुदवाने की इच्छा रखती थी .
सामना की योनि टाईट थी, लण्ड भी अटक अटक के जा रहा था l मैं अब अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी बुर में लंड डाल रहा था l हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थीl आईईईईईई -सीईईईसीई... आ! .
करीब दस पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद उसकी बुर अब पूरे मजे से मेरे लन्ड लील रही थी और वो- चोद डालो, फ़ाड डालो, आज पूरी तरह से फ़ाड दो मेरी बुर को, और जोर जोर से मारो, पूरा डाल दो मेरे राजा!
अचानक उसने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरु कर दियाl मैं समझ गया कि अब इसकी बुर ने पानी छोड़ रही ही मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार धीरे धीरे कम कर दी। दो मिनट बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गई, उसका बदन कांपने लगा फिर ऐंठ गया उसकी बुर ने अपना पानी छोड़ दिया था। मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और कमी कर दीl
मैं उसके मम्मे सहला रहा था,मैंने उसकी जाँघें ऊपर उठायीं तो देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी। उसमें खून और समीना का पानी दोनों टपक रहे थे।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
सातवा अध्याय
लंदन का प्यार का मंदिर
भाग 38
सैंडविच मालिश
कुछ पल के लिए अलीना मेरे सामने घुटनों के बल खड़ी हो गयी।
"कसान तुम ये पीछे से कर सकती हो? मेरा मतलब पीछे बैठ कर" ।
उसने ऐसा मुँह बनाया जैसे उसे कुछ समझ नहीं आया।
मेरा मतलब अगर तुम मास्टर की मालिश पीछे से करोगी तो मुझे कंफर्टेबल रहेगा।"
कसान मेरे पीछे बैठ गयी और अपनी अलीना ने नंगी चूचियों को अपनी हथेलियों में भर लिया, ये देख मेरे बदन में कंपकपी दौड़ गयी।
उत्तेजना से मेरा लंड भी ऐंठ गया जिसे देख कसान ने मेरा लंड पकड़ लिया और इसे सहलाने लगी।
और साथ में मैंने अलीना के स्तन दबाये तो अलीना भी कराह उठी "ऊऊहह......उम्म्म्मममम......" कसान अपनी गोल चूचियों को धीरे से पकड़ और उनमें तेल लगा रही थी और तेल लगाने के बाद वह उन्हें मेरी पीठ पर ज़ोर से दबाने लगी फिर मैं मेरे सम्मन बैठी अलीना के तने हुए निपल्स को गोल-गोल घुमाने लगा और मरोड़ने लगा और मनमर्ज़ी से दबा रहा था ।
मैंने अलीना के नरम होंठो से अपने होंठ मिलाकर चूमना शुरू किया। अलीना भी मेरा साथ देने लगी और मैं अपना हाथ उसके योनि पर ले गया औरउसे सहलाने लगा ।
उधर जब कसान अलीना के स्तनों के साथ खेलने लगी तो अलीना उत्तेजना से पागल हो गयी। कसान अपनी दोनों हथेलियों से अलीना की चूचियों की कभी हल्के से कभी ज़ोर से मालिश कर रही थी ।
"उम्म्म्मममह...............आआहह.................."
मैं अलीना के गोल सुडोल उरोज़ों पर हाथ फेरता हुआ बोला, " वाह! भगवान् ने क्या फुर्सत के समय तुम्हारा शानदार बदन तराशा है और उसके उरोज़ों को मुंह में कर चूसने लगा।
फिर मैं बेड पर लेट गया और अलीना से बोला, " अब तुम ऊपर आओ और उसे प्यार करो।
अलीना तुरंत उठी और मेरी टांगो के बीच में आकर बैठ गयी और मेरे तेल से सने लण्ड को मुठी में भींच कर उसकी चमड़ी ऊपर नीचे करने लगी।
मैंने बोला अलीना इसे थोडा होंठो से भी प्यार करो। जितना इसे खुश करोगी। उस से दोगुनी ख़ुशी तुम्हे ये देगा।
अलीना फिर लण्ड की चमड़ी निचे करके उसके गुलाबी सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी। उसकी जीभ का स्पर्श से मैं इस सुनहरी पल का आनंद ले रहा था। अब 5-7 मिनट लण्ड चूसते रहने की वजह से
मुंह दुखने लगा, ऊपर से उसके लण्ड की नसे फूलने की वजह से सुपाड़ा भी फूल चूका था और उसके मुंह में घुसने में दिक्कत हो रही थी। औ उसके गोरे चिट्टे दूध से भरे उरोज़ हिल रहे थे। काफी समय हिलने जुलने ने अब अलीना थक कर चूर हो गयी। मैं साथ-साथ उसके स्तनों को भी दबा रहा था जिससे उसकी हालत खराब हो गयी कांपती हुई झड़ गयी।
उधर अलीना कसान की चूचियों को भी साथ-साथ मसल रही थी । अलीना ने अपने तेल लगे हाथों से कसान के निपल्स को उछालना शुरू कर दिया और दो अंगुलियों के बीच में दबाकर कसान के तने हुए निपल्स को मरोड़ने लगी । "अरे, ये तुम क्या कर रही हो?"
अलीना कसान, टोको मत। तुम्हे मालूम है ये खास किस्म की मालिश है। अब दोनों एक दुसरे के स्तनों से मनमर्ज़ी से खेल रही थी, कभी उन्हें उछालती, कभी पकड़ लेती, कभी मसल देती । इससे दोनों मस्त हो रही थी और उसको देख मुझे उत्तेजना आ रही थी
कसान और अलीना का चेहरा लाल हो गया और उनकी साँस भी जोर-जोर से चल रही थी। उनकी साँसों के साथ-साथ उनकी चूचियाँ भी उठ-बैठ रही थी। एक साथ दो जोड़ी चूचियाँ एक साथ उठ-बैठ रही थीं और साँसें गर्म हो रही थीं। क्या हसीन नज़ारा था। और मैं बीच-बीच में दोनों के बदन पर और चूची हाथ पर फेर रहा था।
कसान के तीखे नोकदार पतले-पतले होंठ देखकर मेरा लंड भी व्यग्र हो उठ कर कठोर हो गया था कसान के नाजुक मुलायम हाथ, लंबी-लंबी उंगलियाँ मेरे बदन पर चलने लगी मैं अपना लिंग पकड़ धीरे-धीरे सहलाने लगा। मेरी आँखें बंद थीं और मैं बाकी दुनिया से पूरी तरह से बेखबर था इसलिए जब मैंने अपनी गेंदों पर गर्म हाथ में महसूस किया तो जैसी मैंने उम्मीद की थी वहाँ न जाने कहाँ से समीना प्रगट हुई।
जब मैंने समीना को फर्श पर मेरे अंडकोष को सहलाते हुए देखा तो मेरी आँखें खुली और चौंक गईं।
"मैंने आपसे पहले भी कहा था आपको इसे स्वयं करने की आवश्यकता नहीं है," उसने अपने चेहरे पर एक तेज मुस्कान के साथ कहा, "मैंने कहा था कि अगर आप कुछ चाहते हैं तो मुझे बुला लीजिये" ।
मैंने मुस्कुरा कर कहा इसी लिए तो मैंने ये किया था क्योंकि मैं यही चाहता था तुम मेरे पास यहाँ आओ और मेरा लंड चूसो और इसके साथ ही, वह नीचे झुक गई और उसकी जीभ की नोकसे मेरे लंड में गुदगुदी की। जैसे ही मेरे शरीर में वासना की विद्युत धारा प्रवाहित हुई, मैं उछल पड़ा और उसने मेरे हाथों को अपने हाथों से बदल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी। उसकी जीभ घुंडी पर नाच रही थी। मेरे हाथ उसके स्तनों पर चले गए, उसकी नौकरानी की पोशाक के नीचे मैंने उसके स्तनों को धीरे से मालिश करना शुरू कर दिया। जैसे ही मैंने निप्पल पर ब्रश किया और अपनी उंगलियों से उसे फड़फड़ाया, मैंने उसकी कराह सुनी।
मेरे एक हाथ ने कपड़े में एक रास्ता खोज लिया था और मैंने दुसरे हाथ से कुछ डोरिया खींची और अब समीना मेरे सामने पूरी नग्न हो गयी और अब उसकी योनि के चिकने मांस पर मेरा दूसरा हाथ अपना रास्ता बना रहा था और जब मेरे पहले हाथ को उसका निप्पल मिला तो मैंने उसे सहलाना और मोड़ना शुरू कर दिया। मैंने समीना को घुमाया और उसके ओंठ अब मेरे ओंठो में थे और मेरा एक हाथ उसके स्तनों पर था और दुसरे से मेरे ऊँगली उसकी तंग योनि के साथ खेल रही थी जैसे-जैसे उसका ऑर्गेज्म करीब आया उसकी कराह बढ़ती गई-वह हांफने लगी और उसे पता था कि क्या हो रहा है। जैसे ही उसका बदन काम्पा आओर अकड़ा उसने अपनी टाँगे चिपका ली और उसने मेरे ओंठो को अपने मुंह में बंद कर लिया और-और तब तक मेरे जीभ चूसती और चाटती रही।
समीना को मेरा लिंग सहलाता देख कसान ने मुस्कुराते हुए आँखों को छोटा किया, अपने होंठों को कामुक अंदाज में दांतों से काटा और मुझे आँख मार दी।
अब मेरा रुक पाना मुश्किल हो गया, मैंने समीना के स्तनों को काटना चाटना शुरू कर दिया। वह अचानक हुए हमले से थोड़ा कसमसाई पर बहुत जल्दी मेरा प्रतिउत्तर देने लगी, जिससे मुझे लगा कि शायद वह भी यही चाहती थी।
उसने मेरे बाल नोचने शुरू कर दिये। मेरी थकान गायब हो गयी थी और इस बीच अलीना के चेहरे से पता लग रहा था वह भी अब तरोताजा हो गयी थी मैंने उसे थोड़ा वाक्य और देने का फैसला किया और सरक कर समीना के पास चला गया मैंने उसके मुंह में अपनी जीभ घुसा दी, उसने भी ऐसा ही किया और हम बदहवास होकर चुम्बन करने लगे
कसान थोड़ा डांटते हुए बोली आप दोनों थोड़ा इंतजार करो हमे मालिश पुरी कर लेने दो । समीना हड़बडा कर आई और मेरे पीछे से लिपट गई.
हम तीनों ही मुस्कुरा उठे।
मैं दोनों तरफ से नाजुक बदन के बीच आनंद ले रहा था। मेरे आगे छाती पर कसान के स्तन थे और में कसान को किस कर रहा था और मेरी पीठ पर समीना के स्तन मेरी पीठ को रगड़ रहे थे पी और समीना का एक हाथ मेरे लंड पर था और दूसरा हाथ मेरे कंधो को सहला रहा था और मेरे हाथ कसान की पीठ को सहला रहे थे इसी को सैंडविच मसाज कहते हैं।
मैं तीन अप्सराओं के बीच कामदेव बनकर स्वर्ग का सुख भोग रहा था। एक तरफ गद्देदार भरे हुए स्तन थे तो दूसरी तरफ नोकदार छोटी चूचियों का आनन्द...
मैंने पीछे पलटने जैसा होकर गर्दन मोड़ कर समीना को चुम्बन दिया और मेरा तना हुआ दस इंच लंबा और तीन इंच का मोटा लिंग कसान के पेट के पास टकराया।
अब अमीना भी मेरा पास आ कर किस करने लगी और मैंने बारी-बारी से तीनो को पकड़ कर किश किया, कुछ देर हम चारो एक दुसरे को ऐसे ही प्यार करते रहे और मैं एक हाथ से कभी समीना या कसान या कभी अलीना के स्तनों से खेलता रहा और तीसरी को किश करता रहा तीनो ने मेरा पूरा साथ दिया।
मैंने कसान को अपने पास खींचा और उसकी नंगी टांगों पर अपना हाथ आहिस्ते से फिराया और योनि पर ले जाकर हल्के से दबाव डाला, कसान के मुंह से सिसकारी निकल गई-इस्स्स
और मेरे हाथों के ऊपर हाथ रखकर और दबाने लगी... पर मैंने हाथ हटा लिया ।
मैं, अलीना, समीना और कसान मादरजात नग्न अवस्था में पड़े थे। मैंने पहली बार तीनो की योनि में हाथ फिराया और खुश होकर बोला क्या कयामत की बनावट है यार, इतनी मखमली, रोयें तक नहीं हैं! वाह मजा आएगा!
ऐसा कहते हुए मैंने उसकी पहले से गीली हो चुकी समीना की योनि में अपनी एक उंगली डाल दी।
वो इस हमले के लिए तैयार नहीं थी और चिहुंक उठी, लेकिन फिर अगले हमले का इंतजार करने लगी।
अब समीना का हाथ मेरे सख्त मूसल से लिंग को सहलाने लगा थाl साथ ही मैं उसके जिस्म का हर अंग चुम्बन से सराबोर कर रहा था। उसकी योनि तो कब से उसके लिंग के लिए मरी जा रही थी और अब उसकी कौमार्य को भंग करने का वक्त भी आ ही गया था।
मैं उसके पैरों की तरफ घुटनों के बल बैठ गया और मैंने उसके दोनों पैरों को फैला कर योनि को बड़े प्यार से सहलायाl वह तड़प उठी।
फिर मैंने योनि पर एक चुम्बन अंकित किया, उसके शरीर के रोयें खड़े हो गए और फिर अपने लंड को योनि के द्वार पर टिका कर समीना पर झुक गया। मैंने ताकत लगाई लेकिन लण्ड अंदर नहीं जा रहा थाl कुंवारी योनि बहुत टाइट थी l मैंने अपनी उंगलियों से योनि के मुँह को खोला और लण्ड के सुपांडे को अन्दर फसा दिया समीना कराहने और ओह्ह्ह आह करने लगी l
मैंने थोड़ी ताकत लगाई और अपना लगभग चौथाई लिंग योनि की दीवारों से रगड़ते हुए अंदर चला गयाl मैंने एक और धका लगाया, उसकी झिल्ली को फाड़ते हुए लण्ड अन्दर पेवस्त करा दिया।
वो दर्द के मारे बिलबिला उठी और छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी। पर मैंने उसे दबोच लिया और उसके उरोजों को दबाते हुए एक और जोर का झटका दिया और अपने लिंग को जड़ तक समीना की योनि में बिठा दिया।
वह रो पड़ी है मर गयी बहुत दर्द हो रहा हैl हाय मेरी फाड़ डाली पर मैंने हंसते हुए कहा-क्यों जानेमन.l कैसा लगा?
उसने मरी-सी आवाज में कहा-मास्टर आपने तो मुझे मार डालने का पक्का इरादा कर रखा है? आराम-आराम से कीजिये! एक तो इतना बड़ा ा है उस पर इतनी जोर से घुसा डाला और मुझे लगभग मार ही डाला वह रोते हुए बोली।
मेरा जवाब था पहली बार में थोड़ा दर्द तो होगा ही ना, अभी थोड़ी देर में कहोगी। कि जोर-जोर से मारो!
आपने तो मेरी जान ही निकाल दी, थोड़ा धीरे चोदो सारा माल आपका ही है
अब मैं लंड को अंदर डाल कर आराम करने लगा और समीना को किस करने लगाl मैं उसके होंठ चूसने लगा। यह पहला प्रवेश चूत और लंड के पहले मिलाप की घड़ी होती हैl लण्ड और चुत को एक दूसरे को पहचानने का और एडजस्ट करने का समय होता है। मेरी गुरु मिली के मुताबिक़ इस वक्त कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए और चूत और लंड को एक दुसरे से जान पहचान और मिलने जुलने का पूरा मौका देना चाहये।
मैं समीना के को होटों पर चुम्बन और मम्मों को चूसने में लग गया। थोड़ी देर में समीना सामान्य हो गयी।
मैंने फिर एक बार अपना पूरा लिंग ' पक्क.l की आवाज के साथ बाहर खींच लिया। किसी मशरूम की तरह दिखने वाला लिंग का अग्र भाग योनि से बाहर आ गया.l मुझे बड़ा मजा आया। लण्ड खून में सना हुआ था।
फिर मैंने योनि को अपने लिंग के अग्र भाग से सहलाया और एक ही बार में अपना तना हुआ लिंग योनि की जड़ तक बिठा दिया। इस अप्रत्याशित प्रहार से समीना लगभग बेहोश सी हो गई, पर कमरा 'आहह ऊहह..' की आवाजों से गूंज उठा। परन्तु मैं जानता था कि यह उसकी प्रथम चुदाई है ऐसा तो होना ही था, अभी थोड़ी देर बाद यह खुद ही जोर लगाने लगेगी और चूतड़ उछाल उछाल कर चुदवाएगी।
मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किए, लण्ड उसकी चुत को चीरता हुआ जड़ तक पूरा 10 इंच अंदर चला गयाl आआहहह! ऊउम्म्मम म्म्मम! आईईईईईईई! माँम्म्म्म्म् म्माआआ!
उसके मुँह से दर्द भरी परन्तु उत्तेजनापूर्ण आवाजें निकलने लगी। लगभग पाँच मिनट बाद जब मेरा पूरा लन्ड उसकी बुर में हिचकोले खाने लगाl वह भी चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी बुर में मेरा लण्ड लेने लगी।
अब वह मेरे लण्ड को सुपारे से ले कर टट्टों तक उछल-उछल कर चुदवा रही थी। उधर कसान और अमीना अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थीl दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाये जा रही थी तथा मुँह से उत्तेजनापूर्ण अजीब अजीब आवाजें आआहहह... ऊऊउउउम्म्म म्म्मम... आईईईईई -सीईईईसीई... आआ... निकाले जा रही थी। उसे देख कर लग रहा था कि वह अभी समीना को हटा कर खुद चुदवाने की इच्छा रखती थी .
सामना की योनि टाईट थी, लण्ड भी अटक अटक के जा रहा था l मैं अब अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी बुर में लंड डाल रहा था l हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थीl आईईईईईई -सीईईईसीई... आ! .
करीब दस पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद उसकी बुर अब पूरे मजे से मेरे लन्ड लील रही थी और वो- चोद डालो, फ़ाड डालो, आज पूरी तरह से फ़ाड दो मेरी बुर को, और जोर जोर से मारो, पूरा डाल दो मेरे राजा!
अचानक उसने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरु कर दियाl मैं समझ गया कि अब इसकी बुर ने पानी छोड़ रही ही मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार धीरे धीरे कम कर दी। दो मिनट बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गई, उसका बदन कांपने लगा फिर ऐंठ गया उसकी बुर ने अपना पानी छोड़ दिया था। मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और कमी कर दीl
मैं उसके मम्मे सहला रहा था,मैंने उसकी जाँघें ऊपर उठायीं तो देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी। उसमें खून और समीना का पानी दोनों टपक रहे थे।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार