Thread Rating:
  • 3 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
मुख्तार की जिद
#1
सबा एक हॉट औरत थी । गुदाज जिस्म , बड़े उरोज और भारी नितंब .. ऊपर से नेचुरल लाल होंठ । सबा का रंग गोरा था , साफ सुथरी उजली गोराई । सबा मोटी तो नही थी लेकिन स्वस्थ थी । लंबा कद , पतली कमर और सपाट पेट उसे उस इलाके की सबसे खूबसूरत औरत बनाते थे । उसके हसबैंड मुख्तार भाई यूं तो आइमीम पार्टी के सक्रिय सदस्य थे लेकिन सेक्सुअल मामलों में आजाद खयाल के थे । मुख्तार खान और सबा की जब नई नई शादी हुई थी , तो मुख्तार खान और सबा ने जवानी की बहुत बहार लूटी । एक रात में पांच पांच बार हमबिस्तर हुए थे दोनों । सबा जैसी खूबसूरत औरत को उन्होंने हर तरीके से भोगा । आगे से , पीछे से और मुंह से .. सबा ने भी उन्हें भरपूर जिंसी सुख दिया । समय आगे बढ़ता गया , मुख्तार भाई चालीस के हो गए । सबा दो बच्चों की मां बन गई थी , उसकी भी उम्र 31 साल हो गई थी । इधर कुछ सालों से मुख्तार भाई के अंदर वो स्टैमिना नही रह गई थी , वो जल्दी ही फारिग हो जाते थे । लिहाजा सबा छटपटाती रह जाती थी । उन्होंने हर उपाय किया , वियाग्रा खाई , आयनिक क्रीम इस्तेमाल किया लेकिन शुरुवाती दिनों का मजा उनकी लाइफ से मिसिंग था । मुख्तार मियां की एक फैंटेसी थी , सबा के एक्स के साथ थ्रीसम । पिछले दो साल से सबा और मुख्तार जब भी हमबिस्तर होते तो दोनों सबा के एक्स को फैंटासाइज करते । सबा भी इससे एक्साइट हो जाती थी और और मुख्तार के स्ट्रोक भी तेज और ताकतवर हो जाते थे , यह सोचकर की सबा अपने एक्स का ले रही है । हालांकि सबा शादी से पहले इमरान के साथ हमबिस्तर नही हुई थी , सिर्फ एक बार किसिंग और बूब प्रेसिंग तक ही उनकी प्रेम कहानी सीमित रह गई थी । लेकिन थ्रीसम के खयाल से ही मुख्तार का सेक्स रोमांच कई गुना बढ़ जाता था , इसीलिए सबा भी इस फैंटेसी में मुख्तार का साथ देती । इसके सिवा मुख्तार मियां सबा को खुश देखना चाहते थे , भले ही सबा किसी और को भोगे । सबा की भी एक फैंटेसी थी , अपनी उम्र के किसी लड़के से सेक्स करने की । सबा और मुख्तार दोनों मेच्योर्ड कपल थे , इसलिए ऐसी बातों से उन्हें कोई एतराज़ नहीं होता । चौदह साल की शादी शुदा जिंदगी ने उनके आपसी विश्वास को बहुत मजबूत कर दिया था । उनकी की जिंदगी इसी तरह से चल रही थी , लेकिन जैसे हर कुत्ते के दिन बहुरते हैं उनका भी दिन आया ।
हुआ यूं की मुख्तार को सपरिवार भोपाल से दिल्ली जाना भांजी की शादी में । दोनों बच्चों सहित रेलवे स्टेशन पर कदरन जल्दी पहुंच गए । चूंकि सामान ज्यादा था और ट्रेन भी 2 नंबर प्लेटफार्म पर आ रही थी , इसलिए दोनो 2 नंबर प्लेटफार्म डायरेक्ट पहुंच कर ट्रेन का इंतजार करने लग गए । खैर ट्रेन टाइम से आई , उनकी सीट एसी फर्स्ट टायर में थी इसलिए सामान एडजस्ट करने में दिक्कत नही आई । बोगी की दो ऊपर और एक नीचे की सीट उनकी थी , जबकि नीचे की एक सीट पर बीसेक साल का दुबला पतला लड़का बैठा । अभी मूंछें भी नहीं आई ढंग से उसकी । लड़का काफी खूबसूरत था , रणवीर कपूर टाइप का । बच्चों को ऊपर की सीट पर लिटा के मुख्तार और सबा नीचे वाली सीट पर बैठ कर बातें करने लगे । लड़का सबा को घूर के देख रहा था , खासतौर पर सबा के विशाल उरोज और भारी नितंब को । सबा को उसका घूर के देखना अच्छा नहीं लगा । बहरहाल ट्रेन चल पड़ी । लड़का अपना लैपटॉप खोल के कुछ पढ़ने लगा । लड़के का सिरहाना विंडो की तरफ था , इसलिए मुख्तार को लैपटॉप में क्या चल रहा है , विंडो में साफ दिख रहा था । लड़का इस बात से अनजान सविता भाभी को वो कॉमिक्स पढ़ रहा था , जिसमे दो नौजवान लड़के सविता भाभी को पेल रहे थे । कुछ देर बाद लड़के लैपटॉप बंद कर दिया । इस दौरान सबा भी सो गई । मुख्तार ने लड़के से पूछा " भाई साहब , क्या पढ़ रहे थे ।"
लड़का अचबका गया , शर्म और डर से उसका चेहरा लाल हो गया । मुख्तार ने मन ही मन उसके डर को भांपते हुए कहा " कोई बात नहीं , सभी पढ़ते हैं यार .हमारे जमाने में मस्तराम की किताबें पढ़ी हैं मैंने ।"
मुख्तार ने बात बढ़ाने की गरज से पूछा " क्या नाम है तुम्हारा । " जी रोहित " लड़के ने कहा ।
"रोहित तुम क्या करते हो "
"मैं मथुरा में बी टेक की पढ़ाई कर रहा हूं ।"
"मुझे भी देखने दो की तुम क्या पढ़ रहे थे ।"
लड़के ने बिना प्रतिरोध के लैपटॉप में कॉमिक्स खोल के मुख्तार के हवाले कर दिया । मुख्तार ने सविता भाभी की कॉमिक्स जैसे ही पढ़ना शुरू किया काम ज्वर से तपने लगा । कॉमिक्स खत्म होते होते मुख्तार के सर पे सेक्स सवार हो चुका था ।
"कुछ और माल है इसमें"
लड़के ने सोती हुई सबा की तरफ देखा , फिर बोला " अंकल , है लेकिन मैडम की मौजूदगी में मुझे अनकंफर्टेबल लग रहा है ।"
"अरे यार कुछ नही होता , तुम इधर आओ और मुझे कुछ और बढ़िया दिखाओ ।" कहते हुए मुख्तार ने सबा और अपने बीच जगह खाली करते हुए उसे बैठने का इशारा किया ।
रोहित हिचकिचाते हुए मुख्तार की बगल में बैठ गया । सबा अपना पैर मोड़ के सो रही थी । रोहित इस स्थिति में सबा मुख्तार के बीच में बैठा था की सबा का भारी चूतड उससे बस आधा फुट दूरी पे था और पांव उसकी पीठ से लग रहे थे । रोहित ने टिन्टो ब्रास की "ऑल लेडीज डू इट" मूवी खोल दी । मूवी इतनी हॉट थी की मुख्तार और रोहित दोनों बुरी तरह से गर्म होने लगे थे । बच्चे सो गए थे लेकिन मूवी की आवाज से सबा जग गई थी , और कनखियों से मूवी देखने लगी । मूवी में एक पेंटर एक घरेलू औरत की गान्ड को सहला रहा था , घरेलू औरत अपने खाबिंद के चोरी उस पेंटर के पास गई थी ।यह देख सबा की हालत भी खराब होने लगी । रोहित और मुख्तार इस बात से बेखबर की सबा जग गई है , मूवी देखने और अपने तने लिंग को मसलने में व्यस्त थे । बोगी में लाइट ऑफ थी । रोहित ने धीरे से अपना हाथ सलवार के ऊपर से ही सबा की की जांघ पर रखा । सबा को अजीब लगा लेकिन उसने कुछ विरोध नहीं किया । लड़के ने कुछ देर बाद सबा की गांड़ को दबाना और जांघ को सहलाना स्टार्ट कर दिया । सबा को अच्छा लग रहा था लेकिन चूंकि वो एक खानदानी औरत थी , इसलिए उसने सख्ती से लड़के का हाथ अपने चूतड से हटाया और उठ कर बैठ गई । रोहित बुरी तरह से डर गया था ।
"क्या कर हो तुम लोग , लाइट जलाओ।" सबा ने तेज आवाज में कहा और खुद ही लाइट जला दी । 
"ऐ मिस्टर तुम अपनी सीट पर जाओ , और मुख्तार आप ये किसका लैपटॉप लिए पड़े हो ।" 
रोहित शर्म और ग्लानि से लाल होकर अपनी सीट पर बैठ गया । मुख्तार ने भी लैपटॉप बंद कर दिया , और हड़बड़ाते हुए कहा "क्या हुआ ? मूवी देख रहा था ।"
"अभी मूवी देखना बंद करिए और बच्चों के बिस्तर लगाने में मेरी मदद करिए ।"
इसी बीच रोहित अपनी झेंप छुपाने के लिए बाहर चला गया ।सबा ने पूछा " कौन था ये लड़का।"
"अरे ये रोहित है , मथुरा जा रहा है । अच्छा लड़का है ।" 
"अच्छा लड़का तुम्हे ये मूवी दिखा रहा था ! उसका हाथ मेरी कमर तक पहुंच गए थे ।" सबा ने गुस्से से कहा ।
"ये साले काफिर लड़के ! इनके ऊपर विश्वाश नहीं किया जा सकता । " मुख्तार गुस्से और फ्रस्ट्रेशन में बोला ।
"क्या ?? ये लड़का * है ।" सबा हैरान होते हुए बोली । सबा ने * लड़कों के बारे जवानी के दिनों से बहुत कुछ सुन रखा था । उसकी खुद की दोस्त सुमाएरा को * लड़के को बोसा देते हुए उसने अपने आंखों से देखा था । सेक्स की एक अजीब तरंग उसके शरीर में रेंग गई , उसकी आंखों में एक अजीब सा नशा उतर आया । 
"आने दो , पूछता हूं मैं हरमजादे से ।" मुख्तार ने सबा की आंखों की मस्ती को पढ़ते हुए कहा । 
"लड़ाई मत करना , उसको समझा देना बस ।"
"क्या तुम्हे अच्छा लगा" मुख्तार ने सबा से पूछा ।
"धत ! आप भी कैसी बात करते हो ।" सबा शरमाई ।
तभी रोहित अंदर आया , मुख्तार ने उसे देखते हुए कहा 
" रोहित , मैं जानता हूं की तुम्हारी उम्र में जवानी हूल मरती है लेकिन औरतों की इज्जत करना सीखो । सबा ने बताया की तुम उसे इधर उधर छू रहे थे । यह जायज नहीं है , आरपीएफ को बुला के तुम्हारी शिकायत करूं मैं तुम्हारी "
"नहीं अंकल , प्लीज मुझे माफ कर दीजिए । मैं बहक गया था , मैं अगले स्टेशन पर उतर जाऊंगा लेकिन मुझे छोड़ दीजिए ।"
"माफ कर दीजिए , जाने दीजिए ।" सबा ने मुख्तार से कहा ।मुख्तार के दिमाग में सविता भाभी का दो लड़कों के साथ सेक्स करने का सीन अभी भी चल रहा था । मुख्तार ने कहा " सजा तो इसे मिल के रहेगी ।" रोहित तुम टॉयलेट में चलो , मैं आ रहा हूं । " रोहित कंपार्टमेंट से बाहर निकल गया ।
"सबा तुम्हे अच्छा लगा उसका छूना ।"
सबा कुछ नही बोली । 
"चलो आज एंजॉय करते हैं ।"
"कैसी बातें कर रहे हो आप , यह सब बातें सिर्फ फैंटेसी में अच्छी लगती हैं ।" सबा ने कहा ।
"सबा , मैं तुम्हे कुछ नही कहूंगा , हमारी जिंदगी ऐसे ही चलती रहेगी । प्लीज आज सेक्स के मजे लेते है ।" मुख्तार ने मिन्नत मांगने वाले लहजे में कहा । सबा असमंजस में थी । "इतना खूबसूरत लड़का लेकिन काफिर - क्या निर्दोष आंखे है उसकी , बहुत ही हॉट है ।" सबा मन ही मन सोच रही थी ।
अब मुख्तार ने सबा का हाथ पकड़ा और टॉयलेट की तरफ बढ़ गया । रोहित टॉयलेट के पास खड़ा था , मुख्तार ने उसे अंदर घुसने का इशारा किया । गलियारे में कोई नहीं था , इसलिए तीनों आराम से टॉयलेट में आ गए । सबा का मुंह मुख्तार की तरफ तो पीठ रोहित की तरफ थी ।
" रोहित , तुम्हे मेरी बीबी की गान्ड अच्छी लगती है । " उसने रोहित से पूछा , रोहित ने डर के मारे कोई उत्तर नहीं दिया ।उसने रोहित के दोनो हाथ पकड़कर सबा के पिछवाड़े पर रख दिया । सबा शर्म से मुख्तार से चिपक गई और अपना सर मुख्तार के सीने में छुपा लिया । मुख्तार ने रोहित के दोनों पंजे अपनी बीबी की गान्ड पर दबाना स्टार्ट कर दिया । रोहित डरा हुआ और असमंजस में था लेकिन ऐसी चूतड उसने सिर्फ पोर्न मूवीज में देख रखा था । गरम होकर वह सबा की गांड़ दबाने लगा, अब सबा दोनों के बीच सैंडविच बन गई थी ।रोहित की गर्म जवान सांसे उसके कंधो और गर्दन पर महसूस हो रही थी । मुख्तार ने धीरे से सबा के सलवार का नाड़ा खोल दिया । सलवार सरक कर नीचे चला गया । अब सबा का भारी नितंब रोहित के सामने था । गोरी चिट्ठी बेदाग और उभरी हुई गान्ड । रोहित को अपनी किस्मत पर विश्वाश ही नहीं हो रहा था । मुख्तार ने सबा के कुर्ते को ऊपर किया और रोहित को उसकी पीठ सहलाने और चूमने का इशारा किया। रोहित सबा की पीठ कमर और गान्ड को अपने तपते होंठो से चूमने लगा । रोहित अभी नौसिखिया था , कुंवारा था । उसके ताबड़तोड़ चुंबनों और गान्ड पर स्पर्श से सबा कामुक हो चुकी थी । रोहित लिए सबा की नग्न पीठ और नितंब किसी सपने के हकीकत में बदल जाने जैसा था ।रोहित का तना हुआ लिंग पेंट में दर्द का रहा था । यही हाल मुख्तार का भी था । मुख्तार ने सबा को रोहित की बाहों में छोड़ के अपना पैंट उतार दिया और अंडरवियर भी । उसने देखा की सबा के स्तन कुर्ते के ऊपर से ही रोहित बुरी तरह से मसल रहा है , सबा रोहित को अपने हाथ पीछे ले जाकर अपनी गांड़ से चिपकाने की कोशिश कर रही थी । सबा रोहित को नशीली आंखों से देख रही थी जैसे वह उसका पुराना प्रेमी हो । मुख्तार यह देखकर इतना गरम हो गया की उसे लगा उसका पानी निकल जाएगा ।
"सबा बेगम , लग रहा है तुम्हे यह लौंडा पहुत पसंद आ गया ।" उसने सबा को अपनी ओर खींचते हुए उसका कुर्ता भी निकाल दिया । अब सबा सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी , रोहित सबा के सपाट पेट और नाभि को जीभ से चाटने लगा । सबा जल बिन मछली की तरह छटपटाने लगी । 
"रोहित तू भी कपड़े खोल ले " मुख्तार ने रोहित को कहा । रोहित ने अपनी जीन और शर्ट तो उतार दिया लेकिन अंडरवियर उतरने में उसे शर्म आ रही थी । पतला , नौजवान और कमसिन जिस्म - न जाने सबा को इस मासूम लड़के पर बहुत प्यार आ रहा था । 
"साले तेरा हथियार भी तेरी तरह पतला तो नहीं जो इतना शर्मा रहा है । सबा जान , इसकी अंडरवियर तो उतारो ।"
सबा इतनी गर्म हो चुकी थी की वो उकडूं बैठ गई और रोहित की अंडरवियर नीचे कर दिया । रोहित का हल्लाबी लन्ड आजाद हो के सबा के चेहरे के सामने था । मुख्तार का मुंह आश्चर्य से खुला रह गया ।
"तेरा हथियार तो मेरे वाले का बाप है । तेरा ये मोटा और बड़ा माल तो सबा की बुर फाड़ देगा । क्यों सबा बेगम । " मुख्तार ने हैरान होते हुए कहा ।
"सबा इसकी आगे की चमड़ी तो हटाओ ताकि आलू जैसे फूले हुए इसके सुपाड़े का दर्शन हो । तुम लोगों में खतना नही होता न।" मुख्तार ने रोहित से पूछा ।
सबा तब तक रोहित का लिंग पकड़कर आगे पीछे करने लगी । "कितना प्यार प्यारा और मजबूत औजार है , मैंने अपनी सहेलियों से हिंदुओं के बारे में जो सुन रखा है , सही सुन रखा है ।" सबा मन ही मन ये सोच रही थी । सबा आहिस्ते से रोहित का लन्ड पीने लगी । रोहित का रोम रोम खड़ा हो गया ।
"आंटी प्लीज , आ.. आह । उह्ह्ह्ह .. आंटी बहुत मजा आ रहा है ।" रोहित अपना लिंगमुण्ड सबा के मुंह में ही आगे पीछे करने लगा ।
"सबा , वो बेचारा अभी नया है , तुम्हारे मुंह की तपिश में ही झड़ जाएगा । उसके हथियार से मजे लेना है तो तुम उसे सेक्स सिखाओ । रोहित , तू अब सबा की ब्रा खोल और उसकी चूंची देख ।" 
रोहित का तना लिंग वास्तव में सबा के मुंह उसकी जीभ की हरकतों से झड़ जाता , इसलिए सबा ने मजबूरन उसका लिंग छोड़ दिया अपनी पीठ रोहित के सामने कर दिया ताकि रोहित उसके ब्रा के स्ट्रैप खोल सके । कुछ ही सेकंड में सबा की उन्मुक्त चूची रोहित और मुख्तार दोनों को चुनौती दे रही थी । गहरे कत्थई रंग की चुचुक और उसके चारो तरफ नीले रंग का दायरा । रोहित बरबस ही सबा का स्तन पान करने लगा । सबा बेहाल हो उठी । मुख्तार ने अपना होंठ सबा के गर्म ओंठ पर रख दिया । दोनों की जीभ एक दूसरे से गुत्थम गुत्था हो रही रही थी । इधर रोहित एक चूचुक को प्यार कर रहा था , दांतो से हल्का दबा रहा था और कभी कभी सबा के विशाल स्तन अपने मुंह में लेने की कोशिश कर रहा था जबकि दूसरे चूंची को हाथ से ही मसल रहा था । धीरे धीरे वह सबा की ढोंढी की तरफ बड़ा और उसमे अपनी जीभ डाल के घूमाने लगा । सबा की तो मानो जान निकली जा रही थी , वह इस लड़के को चूमना चाहती , बोसा देना चाहती थी अपनी सहेली की तरह। मुख्तार मियां अब सबा की चूंचियों को पी रहे थे , जबकि रोहित सबा की नाभी से नीचे बढ़ रहा था , उसने सबा की हेवी चूतड से पैंटी नीचे उतार दिया , अब सबा के शरीर पर एक सूत कपड़ा नहीं था । रोहित सबा की योनि को देखना चाहता , वही योनि जिसे उसने पोर्न मूवीज और कल्पनाओं में देखकर अनगिनत बार मुठ मारी थी । मुख्तार जवान मन को बखूबी जानता था , इसलिए उसने कहा " रोहित तू टॉयलेट के फर्श पर लेट जा , और सबा तू कुतिया बनके रोहित के मुंह पर अपनी बुर ले जा ताकि वह तुम्हारी चूत ध्यान से देख सके ।" 
अब सबा और रोहित 69 पोजीशन में थे । सबा ने अपनी अंगुलियों से योनि की फांकों को अलग किया , वह रोहित को सब कुछ दिखाना चाहती थी । रोहित बावला सा उस कमल के पत्ते जैसी योनि को देख रहा था , हल्के बालों वाली गोरी योनि , जिससे पानी रिस रहा था , बीच में उभरी हुई काजू के दाने जैसी लाल रंग की भगनासा और अंत में योनि छिद्र जिसके पास में लाल भूरे रंग का गुदा द्वार । रोहित ने सबा की योनि सूंघा और किस करने लगा । " यह लड़का आज मुझे मार डालेगा " सबा ने सोचा । वह अपनी रस भरी योनि रोहित के मुंह पर रगड़ने लगी , रोहित अपनी जीभ उसके योनि छिद्र में डाल के अंदर बाहर करने लगा । सबा भी चूतड ऊपर नीचे करके उसका साथ देने लगी । इधर मुख्तार ने अपना लन्ड सबा के मुंह में दे रखा था और जीते जी जन्नत में तैर रहा था । सबा पानी पानी हो जा रही थी , रोहित उसकी गांड़ की दरारों में अंगुली डाल रहा था । सबा को रोहित की मासूमियत पर बहुत प्यार आया आया और उसने रोहित की उंगलियों को गुदा द्वार पर रख दिया । रोहित ने इशारा समझते हुए पहले एक अंगुली फिर दो अंगुली सबा की गांड़ में पेल दिया । सबा अब छूटने लगी थी । उसने पोजीशन चेंज की और बुर को रोहित के लन्ड के सीध में ले आई , रोहित का लिंग उसने अपनी योनि पर रखा और आहिस्ते आहिस्ते अंदर लेने लगी । क्योंकि रोहित का लन्ड मुख्तार से बढ़ा और मोटा था , इसलिए उसे बहुत आनंद आ रहा था । रोहित का पूरा लेने के बाद उसने अपनी चूंची रोहित के सीने पर रख दिया और रोहित के चेहरे को गर्म चुम्बन देने लगी , फिर दोनों के ओंठ आपस में मिले । दोनों एक दूसरे में इस तरह डूब गए थे की सबा को मुख्तार , जो की अब सबा के गांड़ में अपना लन्ड ठोक रहा था , का पता ही नही चला । वो सिर्फ रोहित को पूरा ले लेना चाहती थी , उसकी सिसकारियां और गांड़ की थिरकन उसकी बेचैनी बयान कर रहे थे । रोहित भी अपनी जवानी भरे दमदार स्ट्रोक से सबा को भरपूर जवाब दे रहा था । सबा की गांड़ और बुर पे दो मर्द लगातार पेल रहे , सबा सातवें आसमान में थी । मुख्तार सबा की गांड़ में झड़ रहा था , जबकि सबा की सिसकारियां अब गहरी सांसों में तब्दील होने लगी थीं । रोहित भी सबा की योनि का भरपूर मर्दन कर रहा था , सबा की बुर में उसके लन्ड के पेलने की फ्रीक्वेंसी एक पिस्टन से भी तेज हो गई थी । सबा अब झड़ने लगी , सबा उसे बुरी तरह से प्यार कर रही थी और दोनों के अंग एक दूसरे को मसल रहे थे । अचानक सबा ने रोहित के जिस्म को कस के पकड़ लिया , सबा का पूरा जिस्म कांप रहा था और वो उन्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह्ह की आवाज निकालने लगी सबा पूरी तरह से झड़ चुकी थी । वह रोहित के ऊपर भरभरा के गिर पड़ी । 
"क्या हुआ सबा , तुम्हारा पानी निकल गया ।" मुख्तार ने पूछा । सबा ने क्षीण हंसी के साथ हैं में जवाब दिया । 
"ये तो रोहित के साथ अन्याय है । ऐसा कर सबा , तू कुतिया बन जा डॉगी स्टाइल वाली , रोहित तू पीछे आ जा सबा के ।"
सबा की उभरी गांड़ देख के रोहित बौरा सा गया । गांड़ की दरारों से झांकता सबा की मखमली और खुली फांकों वाली बुर । रोहित ने सबा के पिछवाड़े से योनि पर अपना लिंगमुण्ड डाला और दो तीन ठप्पों में लिंग को चूत की गहराइयों में पहुंचा दिया और जोश के साथ सबा को पेलने लगा । शुरू में सबा को थोड़ा दर्द हुआ लेकिन उसकी जोशीली थापों से सबा फिर गर्म होने लगी , इधर मुख्तार ये कामक्रीड़ा देख पुनः उत्तेजित होने लगा था , और मुठ मरने लगा । 
"आंटी आ.. स्सा आप बहुत हॉट हो उन्ह्ह्ह्ह्ह .. आह्ह्ह ।" रोहित बोला । रोहित के धकाधक शॉट से सबा फिर से झड़ने लगी थी । रोहित भी उफ्फ ओह्ह्ह कर के सबा के बुर में अपना माल छोड़ने लगा । इधर मुख्तार ने अपना सारा बीज मुठ मारके सबा के चेहरे पर छोड़ दिया । तीनों कुछ देर तक शांत पड़े रहे । 
लगभग दस मिनट बाद तीनों कपड़े पहन अपने कंपार्टमेंट में आ गए। तीनों को कोई ग्लानि या पश्चत्ताप नही था बल्कि उनमें एक आनंदातिरेक की अनुभूति थी । बच्चे अभी भी सो रहे थे , सबा रात भर रोहित को बच्चे की तरह दूध पिलाती रही , 69 पोजीशन में रोहित का कमसिन लिंग पीती रही और उससे अपनी चूत चटवाती रही । मुख्तार और रोहित सबा की गांड़ और बुर रात भर ड्रिल करते रहे । सुबह रोहित का स्टेशन मथुरा आ गया । 
"आंटी मैं आपका ये एहसान कभी नहीं भूल पाऊंगा । अंकल आप मेरे लिए भगवान हो । मैं हस्तमैथुन करते करते स्ट्रेस में चला गया था ।"
"तुमने भी हमारी सेक्स लाइफ को रिजूवनेट किया है । मैं भी तुम्हारा अहसानमंद रहूंगा । " मुख्तार ने कहा ।
लास्ट में सबा और रोहित के बीच एक पेसनेट किस ।
लड़का विदा हो गया , मुख्तार और सबा ने मुद्दतों बाद एक दूसरे को इतने प्यार से आलिंगन किया और सो गए।
समाप्त
[+] 2 users Like Faheem's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.


Messages In This Thread
मुख्तार की जिद - by Faheem - 26-11-2022, 01:48 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)