24-11-2022, 04:29 PM
नीतू और मंजू दोनों एक दूसरे के सामने ब्रा पैंटी में बैठे थे। दोनों ने अपने दोनों हाथों से एक दूसरे को पकड़ रखा था और पीठ पर ऊँगली फेर रही थी। मैंने दोनों का सर पकड़ा और उनके होंठ से होंठ लगा दिया। दोनों एक दूसरे के होंठो को चूसने लगी। नीतू उतने अच्छे से होंठो से किस नहीं कर पा रही थी लेकिन मंजू काफी अच्छे तरीके से किस कर रही थी। एक तरह से कहा जाए तो मंजू नीतू को ट्रेनिंग दे रही हो।
नीतू और मंजू ने किस करते हुए एक दूसरे की ब्रा की स्ट्रिप खोल दी और अगले ही पल दोनों के बूब्स ब्रा के कैद से आजाद हो गए। वें दोनों अपने बूब्स को आपस में रगड़ रही थी तभी मैंने अपना शॉर्ट्स खोला और उनके बूब्स के बीच अपने लंड को ले गया। अब उनदोनो के बूब्स के बीच मेरा लंड था और मैं दोनों के सर को पकड़कर आपस में चिपकाये जा रहा था। बूब्स के रगड़न से मेरा लंड और भी रोमांचित हो रहा था। इसी में आगे पीछे करने से मेरे लंड ने वीर्य छोड़ दिया जो उनदोनो के बूब्स और पेट पर फैल गया।
मैंने नीतू को लेटा दिया और मंजू को अपने जीभ से पूरा वीर्य साफ करने को कहा जिससे मंजू ने अच्छे से किया। अब मैंने मंजू को लिटा दिया और उसके बूब्स और पेट पर फैले बूब्स को चाटने के लिए नीतू को बोला। नीतू थोड़ी शर्मा रही थी और वीर्य को चाटने से हिचक भी रही थी। मैंने उसके माथे को पीछे से पकड़ा और मंजू की शरीर की ओर दबाया। इससे बूब्स पर लगे वीर्य नीतू के होंठो से लग गए। मैं उसके सर को दबाए रखा जिससे उसने किसी तरह दबाब में मंजू के बूब्स और पेट पर फैले वीर्य को साफ किया।
अब मंजू और नीतू सिर्फ पैंटी में थी। नीतू ने चाटने में थोड़े नखरे दिखाए थे तो मैं उसको शिल्पी के कमरे की खिड़की के पास ले गया। शिल्पी और प्रीति चैन की नींद सो रहें थे। मैं नीतू को खिड़की से सटे दीवार की ओर टेढ़ा दिया और गुस्साते हुए बोला -
मैं - मादरचोद, नखरे दिखाई ना तो नंगा कर प्रीति के सामने चोदुँगा
नीतू - प्लीज ऐसे मत करना
मैं - फिर जो कहा वों क्यों नहीं की
नीतू चुप रही। वों बुरी तरह डर भी गई थी जिससे उसके बूब्स के ऊपर निप्पल्स पूरा खड़ा हो गया।
अब मै वापिस आ के सोफे पर बैठ गया। नीतू की ओर अभी भी गुस्सा दिखाते हुए बोला -
मैं - जल्दी से पैंटी उतार
मैंने सिर्फ नीतू से बोला था लेकिन मुझे गुस्से में देखकर नीतू और मंजू दोनों ने तुरंत अपनी अपनी पैंटी उतार दिए।
अब हाल में हम तीनो नंगे थे। मेरा लंड अपने फुल साइज में खड़ा होकर दोनों की चुत को मसलने के लिए तैयार था।
नीतू और मंजू ने किस करते हुए एक दूसरे की ब्रा की स्ट्रिप खोल दी और अगले ही पल दोनों के बूब्स ब्रा के कैद से आजाद हो गए। वें दोनों अपने बूब्स को आपस में रगड़ रही थी तभी मैंने अपना शॉर्ट्स खोला और उनके बूब्स के बीच अपने लंड को ले गया। अब उनदोनो के बूब्स के बीच मेरा लंड था और मैं दोनों के सर को पकड़कर आपस में चिपकाये जा रहा था। बूब्स के रगड़न से मेरा लंड और भी रोमांचित हो रहा था। इसी में आगे पीछे करने से मेरे लंड ने वीर्य छोड़ दिया जो उनदोनो के बूब्स और पेट पर फैल गया।
मैंने नीतू को लेटा दिया और मंजू को अपने जीभ से पूरा वीर्य साफ करने को कहा जिससे मंजू ने अच्छे से किया। अब मैंने मंजू को लिटा दिया और उसके बूब्स और पेट पर फैले बूब्स को चाटने के लिए नीतू को बोला। नीतू थोड़ी शर्मा रही थी और वीर्य को चाटने से हिचक भी रही थी। मैंने उसके माथे को पीछे से पकड़ा और मंजू की शरीर की ओर दबाया। इससे बूब्स पर लगे वीर्य नीतू के होंठो से लग गए। मैं उसके सर को दबाए रखा जिससे उसने किसी तरह दबाब में मंजू के बूब्स और पेट पर फैले वीर्य को साफ किया।
अब मंजू और नीतू सिर्फ पैंटी में थी। नीतू ने चाटने में थोड़े नखरे दिखाए थे तो मैं उसको शिल्पी के कमरे की खिड़की के पास ले गया। शिल्पी और प्रीति चैन की नींद सो रहें थे। मैं नीतू को खिड़की से सटे दीवार की ओर टेढ़ा दिया और गुस्साते हुए बोला -
मैं - मादरचोद, नखरे दिखाई ना तो नंगा कर प्रीति के सामने चोदुँगा
नीतू - प्लीज ऐसे मत करना
मैं - फिर जो कहा वों क्यों नहीं की
नीतू चुप रही। वों बुरी तरह डर भी गई थी जिससे उसके बूब्स के ऊपर निप्पल्स पूरा खड़ा हो गया।
अब मै वापिस आ के सोफे पर बैठ गया। नीतू की ओर अभी भी गुस्सा दिखाते हुए बोला -
मैं - जल्दी से पैंटी उतार
मैंने सिर्फ नीतू से बोला था लेकिन मुझे गुस्से में देखकर नीतू और मंजू दोनों ने तुरंत अपनी अपनी पैंटी उतार दिए।
अब हाल में हम तीनो नंगे थे। मेरा लंड अपने फुल साइज में खड़ा होकर दोनों की चुत को मसलने के लिए तैयार था।