22-11-2022, 07:58 PM
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
विवाह
CHAPTER-1
PART 44
जो तुमको हो पसंद
मरीना ने मेरे वीर्य को सब जगह से चाट लिया और बोली-मास्टर! मुझे आपका वीर्य बहुत स्वादिस्ट लगा मैं उसे बर्बाद कैसे होने देती।
मैं: तुम बहुत शरारती ही मरीना! जब मेरा लंड तुम्हारे मुँह में गले तक जा रहा था तो तुम्हारा सांस घुट रहा था पर फिर भी तुम मजे से मेरा लंड चूस रही थी।
मरीना:-मास्टर! मुझे आपके लंड की गंध भी बहुत पसंद है।
मैंने उससे पूछा कि उसे कैसा लगा?
मरीना-मैंने जो सोचा था, वह उससे 1000 गुना बेहतर था, मास्टर। यह शानदार था!
मैं-यह अच्छा इसलिए भी है क्योंकि मुझे सबसे अच्छी अंगरक्षिका और सेविका मिली है।
मैंने उसे लेटा दिया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ दिया।
मरीना-मास्टर, मैं आपकी सेक्स गुलाम हूँ, मुझे चोदो, मास्टर।
वो घुटनो पर बैठी हुई मुझसे हाथ जोड़ते हुए चुदाई के लिए भीख मांग रही थी।
मैं-मरीना तुमने अपने मालिक को प्रसन्न और संतुष्ट किया है। बताओ मरीना! तुम्हे क्या चाहिए?
मरीना-मैं चाहती हूँ कि आप हमेशा के लिए मेरे मालिक बनो और मुझे अपनी सेवा का अवसर देते रहो। कृपया मुझे चोदो, मास्टर।
वो बार-बार मुझसे हाथ जोड़ते हुए उसे चोदने के लिए भीख मांग रही थी।
मैंने मरीना को उठाकर कसकर गले लगाया और उससे वादा किया कि वह हमेशा के लिए मेरी सेवा में रहेगी और मैं उसका मालिक। "चाहे कुछ भी हो जाए, मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगा। मैं तुमसे प्यार करता हूँ, मेरी प्यारी मरीना।"
मरीना-कृपया मुझे चोदो, मास्टर।
वो बार-बार प्राथना कर रही थी।
मैं-ये तो आपको मिलेगा ही क्योंकि आपने इसे पहले ही अर्जित कर लिया है। कुछ और मांगो।
मरीना-मास्टर, मेरा एक अनुरोध है।
मैं-हाँ, बेबी।
मरीना-मैं चाहती हूँ कि मुझे ये पल हमेशा के लिए याद रहे। मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे पहली बार दूसरी लड़की के सामने चोदो।
इससे पहले मैं कुछ कहता तभी कमरे का दरवाजा खुला और मेरी सचिव हेमा ने कमरे में प्रवेश किया। वह भी नग्न थी, केवल कुछ गहनों ने उसके निप्पल और चूत को ढँका हुआ था। नाक में नथ, माथे पर टीका पट्टी बालो में गजरा, मेकअप में हेमा बहुत सुंदर की लग रही थी
हेमा जब उसने कक्ष में प्रवेश किया ( फोटो आमिर भाई के सौजन्य से)
मरीना-ये कैसी रहेगी, मास्टर?
मैं-सेक्सी! मेरी सेविका, सेक्सी।
मरीना-मास्टर वह मेरी कजिन बहन है । उसे भी साथ में आने दो॥
जब हेमा अंदर आई तो हेमा की आवाज़ कमरे के अंदर गूँजी "तुम कैसे इतनी स्वार्थी हो गयी मरीना? जब हम दोनों ने मास्टर की सेविकाएँ है, तो पुरस्कार भी हम दोनों में बटना चाहिए?" मैं मरीना के पास खड़ा हो गया।
अब तक हेमा बिस्तर पर पहुँच चुकी थी। उसने मेरे सीने पर हाथ फेरा और मेरे निपल्स के चारों ओर अपनी उंगलियाँ चलाना जारी रखा।
मैंने मरीना को कसकर गले लगाया और उसकी पीठ पर हाथ फेर दिया। मैं उसकी पीठ के पीछे चला गया और उसे पीछे से गले लगा लिया। मैंने उसके नितम्बो को और उसके स्तनों को दबाया और निचोड़ा और उसके कंधे और गर्दन पर चुंबन किये और हाथों से उसके स्तन के साथ खेल रहा था। मरीना ने अपना सर मेरे कंधे पर ढीला छोड़ दिया, हमारे ओंठ जुड़ गए और हम वापस चुंबन करने लगे।
2012 gti 0 60 time
मैंने मरीना को अपनी और घुमाया, उसकी आँखों में देखा भाव जबकि मेरे हाथ उसके स्तन टटोल रहे थे। हेमा मेरा लंड सहलाने लगी तो मैंने उसे आँख मारी
मरीना बोली, "लेकिन दीदी, आपको तो लड़किया हमेशा ज्यादा पसंद रही हैं हमने हमेशा एक-दूसरे से प्यार किया है।" बोलते समय वह हेमा को कम और मेरी तरफ ज्यादा देख रही थी, मेरे लंबे, मोटे डिक और उसके पीछे लटके हुए गोल अंडकोष को घूर रही थी।
अब तक हेमा बिस्तर पर पहुँच चुकी थी। उसने मेरे सीने पर हाथ फेरा और मेरे निपल्स के चारों ओर अपनी उंगलियाँ चलाना जारी रखा।
हेमा ने जवाब दिया, ' मैं लड़कियों को पसंद करती थी। लेकिन मास्टर ने मुझे बदल दिया है। " उसने आगे कहा कि वह भी अब मुझे बहुत पसंद करती है और जिस दिन पहली बार उसने मुझे ईशा के साथ देखा था तब से वह मेरे से प्यार करती है।
मेरी मांसल भुजाओं और चौड़ी छाती को देखने के बाद हेमा किसी और चीज़ पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकी। हेमा फर्श पर घुटने टेककर बैठ गई और मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया। मेरा लंड पकड़कर हेमा ने कहा, "मरीना मेरी बहन लगता है तुम्हे देख मास्टर बहुत उत्तेजित हैं। मास्टर की टांगो के बीच बड़े नाग के जैसा लंड पहले से कितना बड़ा और लम्बा लग रहा है । जब उस दिन मैंने मास्टर के लंड की मालिश की थी ये तब से और लम्बा और बड़ा हो गया है।"
हेमा ने मेरे अंडकोष को अपनी उंगलियों के घेरे में रखते हुए बोलना जारी रखा, "मरीना देखो प्यार के इन फलों को, ये भी कितने बड़े हो गए हैं। मैं अपनी योनी के अंदर इस बड़े अजगर को ले जाने के लिए बेहद ललचा रही हूँ।"
मरीना मेरी और हेमा की तरफ मुड़ी और उसने मुझे अनुरोध किया!
मरीना-मास्टर आपसे प्राथन है कि आप आज हम दोनों के साथ सेक्स करे।
मरीना ने अपने स्तन मेरे छाती के खिलाफ रगड़े और फिर उसका हाथ मेरे पेट पर होते हुए मेरी जांघो के बीच में गया और मेरे अंडकोषों को सहलाने लगी और फिर दोनों को तौलने लगी जैसे जांच रही हो इनमे कितना रस है। फिर मरीना ने भी मेरे लंड और अंडकोषो पर हाथ फेरा, "मुझे पूरा विश्वास की ये प्यार के फल बेहद रसीले हैं और इनमे इतना रस होगा कि इनसे हम दोनों अपनी प्यास बुझा सकें?"
मरीना मेरे ऊपर झुक कर मेरी छाती, कंधों और बाजुओं पर अपने नर्म हाथों को फिराने लगी। तभी मरीना के घुटने हेमा के गोल नितंबों से छू गये, हेमा के बदन में इससे कंपकपी-सी दौड़ गयी।
मैंने हेमा को ऊपर उठाया और उसके गालो पर किश किया और चाटने लगा और दोनों एक दुसरे के साथ चिपक गए और लिप किस करने में लग गएl
हम एक-दूसरे की बांहों में समा गए और कुछ मिनटों के लिए ऐसे ही किस करते रहे। मैं उसे देखता रहा, वह बहुत सुंदर थी। उसके स्तन पूरे भरे हुए हैं पर उनमें जरा-सी भी शिथिलता और ढलकाव नहीं था।
कुछ देर बाद मैंने उसके शरीर को छेड़ना शुरू कर दिया हम दोनों ने अपने जीभ के सामंजस्य के साथ एक दुसरे को चूमा। जब तक हम चूमा चाटी कर रहे थे मेरे हाथ उसके स्तन और निपल्स को दबा और प्यार से सहला रहे थेl मैं किस करता हुआ उसके स्तन से उसकी गर्दन तक फिर उसके कानों तक और फिर उसके होंठों को चूमा चाटा और किश किया। फिर मैंने उसके स्तन और निप्पलों को चाटता और चूसने लगा। मैं महसूस कर रहा था कि वह और अधिक उत्तेजित हो रही थी।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
VOLUME II
विवाह
CHAPTER-1
PART 44
जो तुमको हो पसंद
मरीना ने मेरे वीर्य को सब जगह से चाट लिया और बोली-मास्टर! मुझे आपका वीर्य बहुत स्वादिस्ट लगा मैं उसे बर्बाद कैसे होने देती।
मैं: तुम बहुत शरारती ही मरीना! जब मेरा लंड तुम्हारे मुँह में गले तक जा रहा था तो तुम्हारा सांस घुट रहा था पर फिर भी तुम मजे से मेरा लंड चूस रही थी।
मरीना:-मास्टर! मुझे आपके लंड की गंध भी बहुत पसंद है।
मैंने उससे पूछा कि उसे कैसा लगा?
मरीना-मैंने जो सोचा था, वह उससे 1000 गुना बेहतर था, मास्टर। यह शानदार था!
मैं-यह अच्छा इसलिए भी है क्योंकि मुझे सबसे अच्छी अंगरक्षिका और सेविका मिली है।
मैंने उसे लेटा दिया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ दिया।
मरीना-मास्टर, मैं आपकी सेक्स गुलाम हूँ, मुझे चोदो, मास्टर।
वो घुटनो पर बैठी हुई मुझसे हाथ जोड़ते हुए चुदाई के लिए भीख मांग रही थी।
मैं-मरीना तुमने अपने मालिक को प्रसन्न और संतुष्ट किया है। बताओ मरीना! तुम्हे क्या चाहिए?
मरीना-मैं चाहती हूँ कि आप हमेशा के लिए मेरे मालिक बनो और मुझे अपनी सेवा का अवसर देते रहो। कृपया मुझे चोदो, मास्टर।
वो बार-बार मुझसे हाथ जोड़ते हुए उसे चोदने के लिए भीख मांग रही थी।
मैंने मरीना को उठाकर कसकर गले लगाया और उससे वादा किया कि वह हमेशा के लिए मेरी सेवा में रहेगी और मैं उसका मालिक। "चाहे कुछ भी हो जाए, मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगा। मैं तुमसे प्यार करता हूँ, मेरी प्यारी मरीना।"
मरीना-कृपया मुझे चोदो, मास्टर।
वो बार-बार प्राथना कर रही थी।
मैं-ये तो आपको मिलेगा ही क्योंकि आपने इसे पहले ही अर्जित कर लिया है। कुछ और मांगो।
मरीना-मास्टर, मेरा एक अनुरोध है।
मैं-हाँ, बेबी।
मरीना-मैं चाहती हूँ कि मुझे ये पल हमेशा के लिए याद रहे। मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे पहली बार दूसरी लड़की के सामने चोदो।
इससे पहले मैं कुछ कहता तभी कमरे का दरवाजा खुला और मेरी सचिव हेमा ने कमरे में प्रवेश किया। वह भी नग्न थी, केवल कुछ गहनों ने उसके निप्पल और चूत को ढँका हुआ था। नाक में नथ, माथे पर टीका पट्टी बालो में गजरा, मेकअप में हेमा बहुत सुंदर की लग रही थी
हेमा जब उसने कक्ष में प्रवेश किया ( फोटो आमिर भाई के सौजन्य से)
मरीना-ये कैसी रहेगी, मास्टर?
मैं-सेक्सी! मेरी सेविका, सेक्सी।
मरीना-मास्टर वह मेरी कजिन बहन है । उसे भी साथ में आने दो॥
जब हेमा अंदर आई तो हेमा की आवाज़ कमरे के अंदर गूँजी "तुम कैसे इतनी स्वार्थी हो गयी मरीना? जब हम दोनों ने मास्टर की सेविकाएँ है, तो पुरस्कार भी हम दोनों में बटना चाहिए?" मैं मरीना के पास खड़ा हो गया।
अब तक हेमा बिस्तर पर पहुँच चुकी थी। उसने मेरे सीने पर हाथ फेरा और मेरे निपल्स के चारों ओर अपनी उंगलियाँ चलाना जारी रखा।
मैंने मरीना को कसकर गले लगाया और उसकी पीठ पर हाथ फेर दिया। मैं उसकी पीठ के पीछे चला गया और उसे पीछे से गले लगा लिया। मैंने उसके नितम्बो को और उसके स्तनों को दबाया और निचोड़ा और उसके कंधे और गर्दन पर चुंबन किये और हाथों से उसके स्तन के साथ खेल रहा था। मरीना ने अपना सर मेरे कंधे पर ढीला छोड़ दिया, हमारे ओंठ जुड़ गए और हम वापस चुंबन करने लगे।
2012 gti 0 60 time
मैंने मरीना को अपनी और घुमाया, उसकी आँखों में देखा भाव जबकि मेरे हाथ उसके स्तन टटोल रहे थे। हेमा मेरा लंड सहलाने लगी तो मैंने उसे आँख मारी
मरीना बोली, "लेकिन दीदी, आपको तो लड़किया हमेशा ज्यादा पसंद रही हैं हमने हमेशा एक-दूसरे से प्यार किया है।" बोलते समय वह हेमा को कम और मेरी तरफ ज्यादा देख रही थी, मेरे लंबे, मोटे डिक और उसके पीछे लटके हुए गोल अंडकोष को घूर रही थी।
अब तक हेमा बिस्तर पर पहुँच चुकी थी। उसने मेरे सीने पर हाथ फेरा और मेरे निपल्स के चारों ओर अपनी उंगलियाँ चलाना जारी रखा।
हेमा ने जवाब दिया, ' मैं लड़कियों को पसंद करती थी। लेकिन मास्टर ने मुझे बदल दिया है। " उसने आगे कहा कि वह भी अब मुझे बहुत पसंद करती है और जिस दिन पहली बार उसने मुझे ईशा के साथ देखा था तब से वह मेरे से प्यार करती है।
मेरी मांसल भुजाओं और चौड़ी छाती को देखने के बाद हेमा किसी और चीज़ पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकी। हेमा फर्श पर घुटने टेककर बैठ गई और मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया। मेरा लंड पकड़कर हेमा ने कहा, "मरीना मेरी बहन लगता है तुम्हे देख मास्टर बहुत उत्तेजित हैं। मास्टर की टांगो के बीच बड़े नाग के जैसा लंड पहले से कितना बड़ा और लम्बा लग रहा है । जब उस दिन मैंने मास्टर के लंड की मालिश की थी ये तब से और लम्बा और बड़ा हो गया है।"
हेमा ने मेरे अंडकोष को अपनी उंगलियों के घेरे में रखते हुए बोलना जारी रखा, "मरीना देखो प्यार के इन फलों को, ये भी कितने बड़े हो गए हैं। मैं अपनी योनी के अंदर इस बड़े अजगर को ले जाने के लिए बेहद ललचा रही हूँ।"
मरीना मेरी और हेमा की तरफ मुड़ी और उसने मुझे अनुरोध किया!
मरीना-मास्टर आपसे प्राथन है कि आप आज हम दोनों के साथ सेक्स करे।
मरीना ने अपने स्तन मेरे छाती के खिलाफ रगड़े और फिर उसका हाथ मेरे पेट पर होते हुए मेरी जांघो के बीच में गया और मेरे अंडकोषों को सहलाने लगी और फिर दोनों को तौलने लगी जैसे जांच रही हो इनमे कितना रस है। फिर मरीना ने भी मेरे लंड और अंडकोषो पर हाथ फेरा, "मुझे पूरा विश्वास की ये प्यार के फल बेहद रसीले हैं और इनमे इतना रस होगा कि इनसे हम दोनों अपनी प्यास बुझा सकें?"
मरीना मेरे ऊपर झुक कर मेरी छाती, कंधों और बाजुओं पर अपने नर्म हाथों को फिराने लगी। तभी मरीना के घुटने हेमा के गोल नितंबों से छू गये, हेमा के बदन में इससे कंपकपी-सी दौड़ गयी।
मैंने हेमा को ऊपर उठाया और उसके गालो पर किश किया और चाटने लगा और दोनों एक दुसरे के साथ चिपक गए और लिप किस करने में लग गएl
हम एक-दूसरे की बांहों में समा गए और कुछ मिनटों के लिए ऐसे ही किस करते रहे। मैं उसे देखता रहा, वह बहुत सुंदर थी। उसके स्तन पूरे भरे हुए हैं पर उनमें जरा-सी भी शिथिलता और ढलकाव नहीं था।
कुछ देर बाद मैंने उसके शरीर को छेड़ना शुरू कर दिया हम दोनों ने अपने जीभ के सामंजस्य के साथ एक दुसरे को चूमा। जब तक हम चूमा चाटी कर रहे थे मेरे हाथ उसके स्तन और निपल्स को दबा और प्यार से सहला रहे थेl मैं किस करता हुआ उसके स्तन से उसकी गर्दन तक फिर उसके कानों तक और फिर उसके होंठों को चूमा चाटा और किश किया। फिर मैंने उसके स्तन और निप्पलों को चाटता और चूसने लगा। मैं महसूस कर रहा था कि वह और अधिक उत्तेजित हो रही थी।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार