21-11-2022, 03:47 PM
(06-06-2022, 06:09 PM)neerathemall Wrote: रात भर मैं दीपिका और उसकी गदराई जवानी और लाजवाब हुस्न के बारे में सोचता रहा और उसे हासिल करने का तानाबाना बुनता रहा. उस रात बहुत ही मुश्किल से नींद आई. अंत में सोचते सोचते मेरा लौड़ा अकड़ गया और मुझे मुठ मार कर उसको शांत करना पड़ा.started reading the story today. superb beginning and love the plot. thanks neerathemall ji
अगले रोज़ सुबह 8.30 बजे मेरे फोन की घंटी बजी.
मैंने हेलो बोला तो उधर से बहुत ही रसीली मधुर आवाज आई- राज जी, नमस्कार, मैं दीपिका बोल रही हूँ.
मैं- नमस्कार भाभी जी, कहिये कैसी हैं आप?
दीपिका- राज जी, आपसे कुछ पूछना था, वो कामवाली बाई मिल जाएगी क्या?
मैंने कहा- जी, जो कामवाली बाई मेरे यहाँ काम करती है उसी को बोल दूंगा.
उसने पूछा- वो कितने पैसे लेगी? यहाँ तो हम 5000 रुपये महीना देते हैं.
मैंने कहा- मैं उससे कम में ही करवा दूँगा.
दीपिका कहने लगी- आप तो सब कुछ बहुत ही सस्ते में करवा रहे हो.
वो फिर बोली- राज जी, कामवाली बाई से बोलकर मकान साफ करवा दें तो अच्छा होगा, क्योंकि मैं चाहती हूँ कल सांय तक शिफ्ट कर लें.
मैंने कहा- दोपहर तक साफ सफाई हो जायेगी, आप आ जाएं.
दीपिका कहने लगी- एक बात और पूछनी थी?
मैं- जी हाँ पूछिये.
दीपिका- आप उस दिन इतने नाराज क्यों हुए थे?
मैंने कहा- दीपिका जी, मैं लेडीज की इज्जत करता हूँ और आपके हस्बैंड आपसे बद्तमीज़ी से पेश आ रहे थे जो मैं सहन नहीं कर पाया था.
दीपिका- राज जी, आप बहुत अच्छे इंसान हैं, सबको अपना बना लेते हो.
मैं- मैंने किसको अपना बनाया है?
दीपिका इस बात पर कुछ देर चुप रही.
मैंने फिर कहा- आपने बताया नहीं दीपिका जी?
दीपिका धीरे से बोली- मुझे नहीं पता, अब फोन पर कैसे बताऊं?
मैं- चलो, आ कर बता देना. वैसे आपके हस्बैंड घोष बाबू कहाँ हैं?
दीपिका- वो तो 8.00 बजे ऑफिस पहुंच जाते हैं. राज जी, आप जल्दी में तो नहीं हो?
मैं- बस ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था.
दीपिका- वापस कब तक आते हैं?
मैं- 6.00 बजे तक.
दीपिका- ठीक है, सांय को मिलते हैं.
मैं- ओके, बॉय.
दीपिका के उसी दिन शिफ्ट करने की बात सुनकर मैं खुशी से झूम उठा और रह रह कर मैं उन बातों को याद करता रहा जो बातें मेरे और दीपिका के बीच हुई थी.
सायं को जब मैं सोसाइटी में पहुंचा तो उनका सामान ट्रक से उतर चुका था.
मैंने कहा- आप रात को सोने का कुछ सामान ठीक से सेट कर लीजिये, बाकी सुबह देख लेंगें.
उसी समय मैंने सोसाइटी के सुपरवाइजर को तीन चार मजदूर टाइप के लड़कों को लेकर आने को कहा.
और उसको कहा कि आज और कल में जितना सामान सेट हो सकता है कर दें और ध्यान रखें कि मैडम को ज्यादा काम न करना पड़े.
उन्होंने दो-तीन घंटे में सारा घर सेट कर दिया.
इस बीच मैं भी दीपिका की हेल्प करवाता रहा.
हेल्प करते हुए हमारे हाथ और बदन कई बार आपस में टकराते रहे और हम एक दूसरे का साथ पाकर रोमांचित होते रहे.
दीपिका ने एक लूज़ पाजामा तथा टीशर्ट पहन रखी थी जिसमें से उसके थरथराते चूतड़ और हिलती हुई बड़ी चूचियाँ मेरे लण्ड को भड़काने के लिए काफी थीं.
खाना हमने उस सांय होटल से मंगवा कर मेरे कमरे में बैठ कर खा लिया.
अगले रोज मुझे सुबह ही दो दिन के टूर पर जाना था. जब मैंने दीपिका को टूर पर जाने की बात बताई तो वह बोली- आपके कारण दो दिन का काम कल दो घंटों में हो गया, अब ये तो ऑफिस जा रहे हैं और आप टूर पर?
मैंने कहा- आपको जो भी दिक्कत हो आप मुझे फोन पर बताती रहना, मैं सब कुछ कर दूंगा.
दीपिका उदास हो गई.
मैंने कहा- क्या बात है दीपिका जी, मुझ पर विश्वास नहीं है क्या?
दीपिका बोली- वो बात नहीं है, चलो आप जाइये. आपका टूर पर जाना भी जरूरी है.
मैं टूर पर चला गया.
दीपिका मुझे हर घंटे दो घंटे बाद अपनी प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन आदि की दिक्कतें बताती रही और मैं उसकी दिक्कतें दूर करता रहा.
दो दिन में सारा घर सेट हो गया.
तीसरे दिन सांय 7 बजे मैं टूर से अपने कमरे पर पहुंच गया और होटल से खाना मंगवा कर और खाकर सो गया.
अगले रोज दोपहर को दीपिका का फोन आया- राज जी, आप आज दफ़्तर से जल्दी आ जाना, शाम को आपको डिनर पर बुलाने घोष बाबू को भेजूंगी, मना मत कीजिएगा.
मैंने कहा- ठीक है, मैं आ जाऊँगा.
मैं 4 बजे ही आ गया.
4.30 पर घोष बाबू मेरे कमरे में आये और बोले- दादा, आपको आज रात डिनर हमारे साथ करना है, हमने मेरे कोलकाता के एक फ्रेंड बनर्जी और उसकी वाइफ संजना को भी बुलाया है, आप आएंगे न?
मैंने पूछा- कोई खास बात है क्या?
घोष- नहीं बस मिलकर बैठेंगे, खाना पीना हो जाएगा, आप ड्रिंक्स वैगरह ले लेते हैं या नहीं?
मैंने कहा- दादा, थोड़ी बहुत कभी-कभार ले लेता हूँ, लेकिन आप लोगों के बीच में मैं बैठकर क्या करूँगा, आप एन्जॉय करिये, थैंक्स.
वो बोले- इसका मतलब है कि आप हमें अपना नहीं समझते और अभी तक मुझसे नाराज हैं. ठीक है, कोई बात नहीं, मैं दीपिका को बोल देता हूँ. ये डिनर हमने आपको थैंक्स करने के लिए ही अरेंज किया था, आप नहीं आएंगे तो मैं बनर्जी और संजना को भी मना कर देता हूँ.
मैंने कहा- ठीक है, बताइये कितने बजे आना है?
घोष- बस आप 6.00 बजे तक आ जाएं, वे लोग तो पहुंचने वाले ही हैं.
मैंने कहा- ठीक है, मैं आ जाऊंगा.
घोष चला गया.
मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि चलो आज संजना से भी मुलाकात हो जाएगी. मैंने चाय पी और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया.
नहाने के बाद मैंने बॉडी पर अच्छे से एक खुशबूदार लोशन लगाया, जीन्स और एक बहुत ही सेक्सी, सामने से डीप कट की टीशर्ट पहनी जिसमें मेरे छाती के बाल दिखते थे. मैंने जान बूझकर नीचे अंडरवेयर और बनियान नहीं पहनी.
अंडरवीयर पहनने से मेरा लण्ड मुड़ जाता है और ज्यादा दिखाई नहीं देता लेकिन न पहनने से लण्ड पट की ओर सीधा हो कर अपना साइज ठीक रखता है.