20-11-2022, 03:00 AM
में घबराता हुआ दौर कर झोपड़ी के पास गया । और मां को रोने चीखने चिल्लाने की आवाज सुनी । मैने दीवारों की छेद से देखा तो मेरी गांड सख्त हो गया ।
तूफान ने बास एक जोर का तमाचा मारा था बस एक तमाचा । और में आधी बेहोश हो कर जैसे खटिया पर गिर गई थी । मां की ऊंचाई थी 5फीट 3इंच और तूफान का ऊंचाई था 6फीट 5 इंच उसका हाथ किसी हथौड़े से कम नही था ऊपर से उसका हाथ तेज़ रफ्तार में मां की गालों में पड़ा था जो की मां की गाल लाल हो गए और सायेद सर भी सकरा गई होगी उसकी ।
और में भी हिल गया था चाह कर भी में हिम्मत नही कर पाया की तूफान से मां को बचाऊं। मेरे आंखों से आसूं निकल रहे थे ।
मां की बुरी हालत थी । वैसे तो वो भी हट्टी कट्टी गदराई हुई जवान थी लेकिन तूफान के सामने वो बेबस बेचहरा मजबूर थी जो अब गाल पर हाथ रख के रो रो के बिनती कर रही थी " छोड़ दो मुझे जाने दो । पाप लगेगा तुम्हे। जाने दो मुझे पेड़ पकड़ती हूं में तुम्हारे "
लेकिन तूफान बत्तीसी दिखा कर मां की भरा हुआ बदन को हाटों से सहलाते हुए बोल रहा था " आज मेरा दोस्त नही है । और थोड़ी देर बाद मुझे भी जाना ही कही इसलिए जल्दी में हूं । अगली बार बादल और मिल के तेरी बदन को अच्छे से चाटेंगे और चूसेंगे और तुझे भी मजा देंगे । चल पैर फैला "
ये बोल कर उसने मां कि सारी कमर तक उठा के मां की टांगे फैला दी । भले ही दिल दहेल रहा था लेकिन मां की चूत में इतने घने काले बाल देख कर मेरे मन भी अजीब सा खयाल आने लगा मां ने अपनी मोटी मोटी गोरी जांघों से चिपका के अपनी हाथ से चूत को ढक कर लज्जा बचा रही थी रो रो कर ।
और उस वक्त तूफान अपना पतलुंग खोल रहा था । और में हैरान रह गया बस इतना ही खयाल किया और सवाल किया क्या सच में इंसान का लन्ड है ये ।
किसी घोड़े या गधे की लंड की तरह फनफना रहा था । तूफान बोहोत जल्दी में था उसने मां को खटिये के किनारे तक खींचा और ढेर सारा थूक मां की चूत पर थूका और अपने सुपाड़े पर भी थूक मला और मां का हाथ हटा के जबरदस्ती मां की चूत में अपना लन्ड टीका कर सुपाड़ा अंदर घुसा दिया और मां आईईईई कर कर कराह उठी ।
और तूफान दात पीछता हुआ पैर जमीन पर टिका कर ही मां के ऊपर झुक गया और मां को बाहों में भर कर जोर से धक्का मरा । मुझे नही दिखाई पर रहा था की उसका गधे जैसा लंबा और मोटा लौड़ा कितना मां की चूत में अंदर गया था । लेकिन मां छटपटाते हुए चिल्लाई थी " आन्ह्ह्ह मररर गैईईई "
मां इधर उधर सर पटक रही थी दर्द से बिलख रही थी लेकिन तूफान है की मां को कस के धक्के लगा रहे थे । मां बिलख बिलख करते रो रही थी ।
" साली क्या टाइट चूत है तेरी रांड । मजा आ गया वे। ले रांड ले साली मादरजाट्ट कही की। साली कभी ऐसा लौड़ा लिया नही होगा । ले और ले साली फाड़ दूंगा आज तेरी"
तूफान अपने मजे में धक्के लगाते हुए गालियां दे रहा था । मेरी मां तड़प रही थी दर्द से जो हाथ पाओ मारती हुई दात काट रही थी दर्द सहने के लिए । और तूफान मेरी मां की गर्दन चूम रहा था । लेकिन एक सेकेंड के लिया भी उसने धक्के नही रोके।
मुझे बोहोत बुरा लग रहा था। लेकिन में भी मजबूर था झोपड़ी के अंदर मेरी मां तड़प रही थी दर्द से और वो गुंडा मां की चूत का मजा लिए जा रहा था ।
लेकिन कुछ भी कहो औरतों की सेहनसक्ति प्राकृतिक रूप से ज्यादा ही होती है । पिछले सायेद आधे घंटे से तूफान मन मर्जी से धक्के लगा रहा था और मां किसी तरह से सहन कर रही थी ।
तूफान इतने समय के बाद पहली बार रुका और अपना लंड निकाल के खड़ा हो गया । मां दोनों हाथ से मुंह ढक रही रही थी ।
मैने देखा तूफान का लंड गीला होकर चमक रहा था । तूफान ने मां की चूत के भगनासा पर अंगूठा रगड़ते हुए बोला " साली रांड क्या मस्त चूत है रे । "
मां का रोना अब बंद हो चुका था । मेरे पैर भी जम गए आंखे सुख गए थे पथरिया गए थे । तूफान ने फिर मां की चूत में थूका और मां की चूत में लंड टीका कर मां को बाहों भर कर कमर धकेलता गया ।
पहली बार मां की चुदाई देख रहा था वो भी जबरदस्ती तरीके से लेकिन कुछ ऐसा देखा की मुझे हेइरान कर दिया ।
जैसे तूफान ने मां की चूत मे लंड पेला मां " हाहऊऊऊ उन्ह्ह्ह " करती हुई तूफान के गले में बाहें लपेट के टांगो से तूफान की कमर लपेट ली ।
" सलीईई रांड तेरे को मजा आ रहा है अब । रुक साली बजाता हूं " और ऐसा कहता हुआ तूफान ताबड़ तोड़ धक्का लगाने लगा ।
में भी हैरान था कि जहा दर्द से बिलबिला रही थी और अब मां मजे ले रही है । सच में । मुझे विश्वास नहीं हो रहा था ।
मां सर इधर उधर पटकती हुई दोनो हाथों से तूफान को कस रही थी । और तूफान मां की मस्ती देख कर जोश में मां को गलियां दे कर चोद रहा था ।
लेकिन मां की चेहरे पर जो मस्ती थी वो मैंने कभी नही देखा था । मां काफी उत्तेजित लग रही थी और सिसकारियां मार मार के कह रही थी अब " आह्ह्ह्ह धीरे धीरे। ओन्ह्हह धीरे कीजिए । आन्ह्ह्ह नहीं। उह्ह्ह्ह ये क्या हो रहा है। उह्ह्ह्ह। "
कभी मां को इस तहत उत्तेजित और एक गुंडे से मजा लेगी ऐसा कभी सोचा नहीं था और में हैरान था ।बस अमन की कही हुई बात याद रही थी की तेरी मां अगर वाकई में 16 साल से प्यासी है तो देखना जब भी वो अब चुदेगी पूरा लंड निगल जाएगी । तू समझ नहीं पायेगा इस वक्त तेरी मां के चूत में कितनी आग लगी हुई है ।
और बिल्कुल ऐसा ही में देख रहा था और मेरा गला सुख रहा था । तूफान पागलों की तरह धक्के लगा रहा था ओर कह रहा था " ले रांड ले साली ले । मर साली तू तो पूरी रांड है अंदर से । आने दे मेरे दोस्त को दोनो मिल के तेरी बजाएंगे "
पर मेरी मां फिर भी तूफान को अपने अंदर समा लेने की कशिश करती हुई चिल्लाने लगी " इच्छ्छ आह्ह्ह्ह धीरे। उह्ह्ह धीरे कीजिए। आन्ह्ह्ह नही उह्ह्ह मर गई ।"
और अगले ही पल मां का पूरा जिस्म थर थर कांपने लगा था और मां ने तूफान के पीठ पर नाखून गाढ़ा कर चींखी थी ।
तूफान मां की सर के नीचे हाथ घुसा कर बाल कस के पकड़ा और मां की होंठ चूस के बोला " साली मजा आया । और मजा चाहिए ले "
तूफान ने फिर मां को ताबड़तोड़ चोदने लगा । मां फिर हिंगीनाने लगी मां फिर झड़ गई और इस बार तूफान भी हुंकार मारता हुआ झाड़ गया । मां भी हाफ रही थी और तूफान भी । दोनो पसीने पसीने हो गए थे ।
तूफान मां की गर्दन से पसीने चाट रहा था और मां बेसक कुछ कहें बिना आंख बंद कर रखी थी । और सकून की सांस ले रही थी । मां ने अब बाहें फैला दिए थे । जैसे वो थकान से उभर रही थी ।
तूफान ने बास एक जोर का तमाचा मारा था बस एक तमाचा । और में आधी बेहोश हो कर जैसे खटिया पर गिर गई थी । मां की ऊंचाई थी 5फीट 3इंच और तूफान का ऊंचाई था 6फीट 5 इंच उसका हाथ किसी हथौड़े से कम नही था ऊपर से उसका हाथ तेज़ रफ्तार में मां की गालों में पड़ा था जो की मां की गाल लाल हो गए और सायेद सर भी सकरा गई होगी उसकी ।
और में भी हिल गया था चाह कर भी में हिम्मत नही कर पाया की तूफान से मां को बचाऊं। मेरे आंखों से आसूं निकल रहे थे ।
मां की बुरी हालत थी । वैसे तो वो भी हट्टी कट्टी गदराई हुई जवान थी लेकिन तूफान के सामने वो बेबस बेचहरा मजबूर थी जो अब गाल पर हाथ रख के रो रो के बिनती कर रही थी " छोड़ दो मुझे जाने दो । पाप लगेगा तुम्हे। जाने दो मुझे पेड़ पकड़ती हूं में तुम्हारे "
लेकिन तूफान बत्तीसी दिखा कर मां की भरा हुआ बदन को हाटों से सहलाते हुए बोल रहा था " आज मेरा दोस्त नही है । और थोड़ी देर बाद मुझे भी जाना ही कही इसलिए जल्दी में हूं । अगली बार बादल और मिल के तेरी बदन को अच्छे से चाटेंगे और चूसेंगे और तुझे भी मजा देंगे । चल पैर फैला "
ये बोल कर उसने मां कि सारी कमर तक उठा के मां की टांगे फैला दी । भले ही दिल दहेल रहा था लेकिन मां की चूत में इतने घने काले बाल देख कर मेरे मन भी अजीब सा खयाल आने लगा मां ने अपनी मोटी मोटी गोरी जांघों से चिपका के अपनी हाथ से चूत को ढक कर लज्जा बचा रही थी रो रो कर ।
और उस वक्त तूफान अपना पतलुंग खोल रहा था । और में हैरान रह गया बस इतना ही खयाल किया और सवाल किया क्या सच में इंसान का लन्ड है ये ।
किसी घोड़े या गधे की लंड की तरह फनफना रहा था । तूफान बोहोत जल्दी में था उसने मां को खटिये के किनारे तक खींचा और ढेर सारा थूक मां की चूत पर थूका और अपने सुपाड़े पर भी थूक मला और मां का हाथ हटा के जबरदस्ती मां की चूत में अपना लन्ड टीका कर सुपाड़ा अंदर घुसा दिया और मां आईईईई कर कर कराह उठी ।
और तूफान दात पीछता हुआ पैर जमीन पर टिका कर ही मां के ऊपर झुक गया और मां को बाहों में भर कर जोर से धक्का मरा । मुझे नही दिखाई पर रहा था की उसका गधे जैसा लंबा और मोटा लौड़ा कितना मां की चूत में अंदर गया था । लेकिन मां छटपटाते हुए चिल्लाई थी " आन्ह्ह्ह मररर गैईईई "
मां इधर उधर सर पटक रही थी दर्द से बिलख रही थी लेकिन तूफान है की मां को कस के धक्के लगा रहे थे । मां बिलख बिलख करते रो रही थी ।
" साली क्या टाइट चूत है तेरी रांड । मजा आ गया वे। ले रांड ले साली मादरजाट्ट कही की। साली कभी ऐसा लौड़ा लिया नही होगा । ले और ले साली फाड़ दूंगा आज तेरी"
तूफान अपने मजे में धक्के लगाते हुए गालियां दे रहा था । मेरी मां तड़प रही थी दर्द से जो हाथ पाओ मारती हुई दात काट रही थी दर्द सहने के लिए । और तूफान मेरी मां की गर्दन चूम रहा था । लेकिन एक सेकेंड के लिया भी उसने धक्के नही रोके।
मुझे बोहोत बुरा लग रहा था। लेकिन में भी मजबूर था झोपड़ी के अंदर मेरी मां तड़प रही थी दर्द से और वो गुंडा मां की चूत का मजा लिए जा रहा था ।
लेकिन कुछ भी कहो औरतों की सेहनसक्ति प्राकृतिक रूप से ज्यादा ही होती है । पिछले सायेद आधे घंटे से तूफान मन मर्जी से धक्के लगा रहा था और मां किसी तरह से सहन कर रही थी ।
तूफान इतने समय के बाद पहली बार रुका और अपना लंड निकाल के खड़ा हो गया । मां दोनों हाथ से मुंह ढक रही रही थी ।
मैने देखा तूफान का लंड गीला होकर चमक रहा था । तूफान ने मां की चूत के भगनासा पर अंगूठा रगड़ते हुए बोला " साली रांड क्या मस्त चूत है रे । "
मां का रोना अब बंद हो चुका था । मेरे पैर भी जम गए आंखे सुख गए थे पथरिया गए थे । तूफान ने फिर मां की चूत में थूका और मां की चूत में लंड टीका कर मां को बाहों भर कर कमर धकेलता गया ।
पहली बार मां की चुदाई देख रहा था वो भी जबरदस्ती तरीके से लेकिन कुछ ऐसा देखा की मुझे हेइरान कर दिया ।
जैसे तूफान ने मां की चूत मे लंड पेला मां " हाहऊऊऊ उन्ह्ह्ह " करती हुई तूफान के गले में बाहें लपेट के टांगो से तूफान की कमर लपेट ली ।
" सलीईई रांड तेरे को मजा आ रहा है अब । रुक साली बजाता हूं " और ऐसा कहता हुआ तूफान ताबड़ तोड़ धक्का लगाने लगा ।
में भी हैरान था कि जहा दर्द से बिलबिला रही थी और अब मां मजे ले रही है । सच में । मुझे विश्वास नहीं हो रहा था ।
मां सर इधर उधर पटकती हुई दोनो हाथों से तूफान को कस रही थी । और तूफान मां की मस्ती देख कर जोश में मां को गलियां दे कर चोद रहा था ।
लेकिन मां की चेहरे पर जो मस्ती थी वो मैंने कभी नही देखा था । मां काफी उत्तेजित लग रही थी और सिसकारियां मार मार के कह रही थी अब " आह्ह्ह्ह धीरे धीरे। ओन्ह्हह धीरे कीजिए । आन्ह्ह्ह नहीं। उह्ह्ह्ह ये क्या हो रहा है। उह्ह्ह्ह। "
कभी मां को इस तहत उत्तेजित और एक गुंडे से मजा लेगी ऐसा कभी सोचा नहीं था और में हैरान था ।बस अमन की कही हुई बात याद रही थी की तेरी मां अगर वाकई में 16 साल से प्यासी है तो देखना जब भी वो अब चुदेगी पूरा लंड निगल जाएगी । तू समझ नहीं पायेगा इस वक्त तेरी मां के चूत में कितनी आग लगी हुई है ।
और बिल्कुल ऐसा ही में देख रहा था और मेरा गला सुख रहा था । तूफान पागलों की तरह धक्के लगा रहा था ओर कह रहा था " ले रांड ले साली ले । मर साली तू तो पूरी रांड है अंदर से । आने दे मेरे दोस्त को दोनो मिल के तेरी बजाएंगे "
पर मेरी मां फिर भी तूफान को अपने अंदर समा लेने की कशिश करती हुई चिल्लाने लगी " इच्छ्छ आह्ह्ह्ह धीरे। उह्ह्ह धीरे कीजिए। आन्ह्ह्ह नही उह्ह्ह मर गई ।"
और अगले ही पल मां का पूरा जिस्म थर थर कांपने लगा था और मां ने तूफान के पीठ पर नाखून गाढ़ा कर चींखी थी ।
तूफान मां की सर के नीचे हाथ घुसा कर बाल कस के पकड़ा और मां की होंठ चूस के बोला " साली मजा आया । और मजा चाहिए ले "
तूफान ने फिर मां को ताबड़तोड़ चोदने लगा । मां फिर हिंगीनाने लगी मां फिर झड़ गई और इस बार तूफान भी हुंकार मारता हुआ झाड़ गया । मां भी हाफ रही थी और तूफान भी । दोनो पसीने पसीने हो गए थे ।
तूफान मां की गर्दन से पसीने चाट रहा था और मां बेसक कुछ कहें बिना आंख बंद कर रखी थी । और सकून की सांस ले रही थी । मां ने अब बाहें फैला दिए थे । जैसे वो थकान से उभर रही थी ।