Thread Rating:
  • 19 Vote(s) - 1.68 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
मजे-लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय-मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

भाग-29

अंतराक्षरी का खेल




जिस दिन से वे दोनों हमारे घर पहुँचे, मुझे ऐसा लग रहा है कि इनायत मुझे घूर रही थी औरमुझे अपनी और आकर्षित करने को कोशिश कर रही थी और विशेष रूप से मेरी जनघो पर उसकी आँखे घूमती रहती थी हालाँकि दिन में मैंने अपने सैदव खड़े रहने वाले सदाबहार लंड को छिपाने के लिए डबल अंडरवीयर पहनता था और जब हमारी आँखें कभी-कभार मिल जाती थी और मैंने पाया वह मुझे आक्रामक तरीके से घूरती थी मैंने सोचा कि शायद ये सिर्फ मेरी कल्पना हो सकती है और शायद ये उसका स्वाभाव था।

मुझे भी इनायत उसकी बड़ी चूचियों और खूबसूरती के कारण आकर्षक लगी थी और मुझे लगता है कि वह भी मेरे बारे में ऐसा ही महसूस करती थी और जब मैंने अब्दुल की बातो के सिरों को इनायत की हरकतों से जोड़ा तो मुझे पूरा विश्वास हो गया की इनायत मेरे से चुदने के लिए कुछ ज्यादा ही उत्सुक थी।

अगली सुबह अब्दुल ने कहा कि उसे अपने व्यापार के लिए दूसरे शहरों में जाना है लेकिन हमने उसे अगले कुछ दिनों के लिए रुकने के लिए कहा और कुछ उसे रुकने के लिए मनाने में कामयाब रहे और कहा की रात को कुछ खेल खेलेंगे और तब इनायत ने कहा की रात में अंतराक्षरी खेलेंगे । तो अब्दुल रुकने के लिए मान गया क्योंकि उसे अंतराक्षरी का खेल बहुत अजीज था और वह फ़िल्मी गानो का बहुत शौकीन था ।

हाँ हाँ ! खूब गुजरेगी और मजा आयेगा जब मिल बैठ कर खेलेंगे चार यार !

इनायत भी इस पर बहुत खुश हुई और उसने मुझे गले लगाने की कोशिश की , उसने मुझे मुझसे ज्यादा देर तक थामे रखा। उसने अपने स्तनों को मेरी छाती से कसकर दबाया और उसने मुझे अंत में अपनी योनि क्षेत्र को मेरे लंड पर दबा दिया। मैं सारा से कुछ नहीं छिपाता था मैंने सारा से इसका जिक्र किया तो वह बोली ये तुम्हारा वहम है । वह अब्दुल से बहुत प्यार करती है और एक बार इमरान ने इसे छेड़ा था तो वह उसे से लड़ पड़ी थी । वैसे भी तुम्हारी साली है और साली तो आधी घर वाली होती है ।

उस रात हम अन्तराक्षरी खेलना शुरू कर रहे थे, मैं सिंगल सोफे पर पीठ करके बैठा था।

इनायत मेरी पार्टनर बनी और फिर सारा इस गेम के लिए अब्दुल को पार्टनर बनी। इनायत आकर मेरी टांगों के बीच बैठ गई। मेरी बीवी सारा और उनके पति हमारे सामने सोफे पर बैठे हुए थे अब पहले तो इसमें कुछ भी असामान्य नहीं लगता। हम सब एक दूसरे के साथ बहुत खुल गए थे और कुछ सेक्सी चुटकुले आपस में सुनाने लग गए थे।

जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता है, इनायत लगातार मेरे करीब आती गयी। इनायत और मेरी बेगम सारा के काफी बड़े और गोल चूतड़ हैं। इस विभाग में वे दोनों लगभग एक समान हैं। आखिरकार उसके चूतड़ मेरे लंड को छूने लगे। दिन में मैं डबल अंडरवियर पहन कर लंड को दबा कर रखता था लेकिन रात ने घर आने के बाद मैं अपने लंड को अंडरवियर से मुक्त कर देता हूँ और मैं उसके नितम्बो के स्पर्श को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करता रहा लेकिन मेरे लंड ने इस स्पर्श का जवाब देना शुरू कर दिया। जितना अधिक मैं इसे अनदेखा करने की कोशिश कर रहा था, यह उतना ही कठोर होता जा रहा था।

वह लंड का स्पर्श होने पर पीछे को होती थी और मुझे पता था कि वह इसे महसूस कर रही है। मुझे नहीं पता था कि क्या करना चाहिए। मैंने सारा की तरफ देखा। उसने इसे अनदेखा करने का संकेत दिया लेकिन इनायत बार-बार पीछे होती रही फिर उसने गांड को थोड़ा हिलाया जैसे कि वह आराम कर रही ही और उसने लंड को अपनी गांड की दरार में दबा लिया। फिर जब एक मैंने मुश्किल शब्द से गाना सही ढंग से गाया, तो उसने अपने हाथों को ताली बजाई और लंड को अपने नितम्बो के खिलाफ दबाते हुए ऊपर और नीचे उछलने लगी। मुझ पर अब ज़ोर का ज़ुल्म हो गया था।

सारा इनायत की इस उछलने पर मुस्कुराई और कहा कि इनायत तुम अभी भी बच्ची की तरह ही उछल रही हो लेकिन मैं जानता था की इनायत स्पष्ट रूप से जानबूझकर ऐसा कर रही थी, इसलिए खेल में एक बिंदु पर जब मेरी बेगम सारा और इनायत के पति सही गीत गाने के लिए बातचीत में व्यस्त थे, मैं आगे झुक गया और इनायत के कान में फुसफुसाया "इनायत ये तुम क्या कर रही हो?"

"मैं खेल जीतने की कोशिश कर रही हूँ, क्या यह मजेदार नहीं है। ऐसा लगता है कि मुझे काफी अच्छा साथी मिला है और मैं बहुत आरसे के बाद सारा और अब्दुल को हरा पाऊंगी," वह बोली।

"आप को मालूम है कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूँ। अब इसे बंद करो।"

"ओह, तुम्हारा मतलब यह है?" और अपने नितम्ब को मेरे लंड पर दबा कर सहला दिया। "अरे, मुझे नहीं पता था कि मेरी दोस्त सारा इतनी भाग्यशाली थी, मुझे जलन हो रही है।"

इसके साथ ही हमारी बारी आ गयी थी और हमें खेल पर ध्यान देना था। हमने खेलना जारी रखा और फिर इनायत ने घोषणा की कि वह कुछ खाना और पीना चाहती है और उसने पुछा किसी और को तो कुछ नहीं चाहिए? मैंने सोचा, अगर इनायत उठी तो सारा और अब्दुल को मेरा कठोर लंड दिखेगा। सारा की मुझे चिंता नहीं थी क्योंकि वह मेरी हालत जानती थी और उसे इनायत की हरकते भी दिख रही थी। लेकिन मैं इस बात से चिंतित था कि अगर अब्दुल ने इसे नोटिस किया तो क्या होगा।

इसलिए, मैंने जल्दी से बोला मुझे भी कुछ मिलेगा और अब्दुल ने भी अपना सर हिलाया और कहा " कुछ देर का ब्रेक । प्रिय सारा आप सब के लिए कुछ ले आओ। " सारा उठ कर रसोई में चली गयी और अब्दुल उसके साथ उसकी मदद करने के लिए चला गया।

हमारा ये खेल हाल में हो रहा था जिसमे से हम उन्हें रसोई में देख सकते थे। मैं इस अवसर पर इनायत के कान में फिर से फुसफुसाता हूँ, "इनायत, बस करो इसे रोको। आप हमें परेशानी में डाल दोगी।"

"क्यों आपको ऐसा क्यों लगा? मुझे तो ऐसा लगता है कि आप इसका आनंद ले रहे हैं। आमिर तुम जो कह रहे हो उसके उल्ट तुम्हारा अंग व्यवहार कर रहा है । तुम उसे नियंत्रित नहीं कर सकते हो? क्या हम बस मजाक कर रहे हैं। क्या ये सिर्फ खेल ही है। सच मे आमिर आपके पास वास्तव में एक मजबूत हथियार है," और वह वास्तव में फिर से मेरे लंड को जोर से अपनी गांड से दबाने लगी।

फिर मैने जो किया वह मुझे नहीं करना चाहिए था लेकिन मुझे ये हरगिज पसंद नहीं था क्योंकि वह मुझसे सता रही थी और उत्तेजित कर रही थी।

जारी रहेगी
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 19-11-2022, 07:57 AM



Users browsing this thread: 6 Guest(s)