18-11-2022, 12:36 PM
मंजू और प्रीति हाल में टीवी देख रहें थे और नीतू मेरे साथ बेडरूम में थी। नीतू की गांड की दीवारों को मैं चूम चुका था लेकिन वों मुझे इससे आगे बढ़ने नहीं देना चाहती थी या कोई डर है उसके मन में जो वों नहीं कुछ करना चाहती थी। मैं उसको तैयार कर के ही सेक्स करना चाहता था और वों भी धीरे धीरे गर्म हो रही थी।
नीतू पीठ से पूरी तरह नंगी थी और मालिश के बाद मैं भी नंगा ही था। बेडरूम में पूरी तरह सन्नाटा हो रखा था। मैंने इस चुप्पी को तोड़ते हुए नीतू को अपनी ओर खींचा। नीतू को मैंने लेटें हुए अपनी ओर खींचने पर मेरी छाती पर वों सिर रख दी। मैंने अपना हाथ उसकी पीठ पर रखा जो पूरी तरह नंगी थी। उसकी पीठ को मैं सहला रहा था और मेरे छाती पर सर रख कर वों सुकून महसूस कर रही थी। फिर मैंने लेटें लेटें ही उसके माथे पर किस किया तो वों कसकर मुझसे चिपक गई।
मैं उससे उसके परिवार और इधर उधर की बातें करने लगा और वों अब अपनी परेशानियां मुझे बता रही थी। उसके सॉफ्ट सॉफ्ट पेट पर मेरा लंड टच हो रहा था। मैंने अपने लंड को उठाके उसके नाभि के छेद पर लगा दिया।
फिर मैंने नीतू की ब्लाउज जो पीछे से फटी हुई थी उसको मैंने आगे से निकाल दिया। अब नीतू के शरीर में ऊपरी हिस्से पर सिर्फ ब्रा था। उसके डबल साइज बूब्स ब्रा से आधे बाहर निकले थे मैंने उन्हें अपने जीभ से चाटना शुरू कर दिया। उसके बूब्स को चाट कर मैंने पूरा गिला कर दिया और फिर उसको ब्रा के ऊपर से ही जोर जोर से मसलने लगा।
नीतू भी अब गर्म हो रही थी और मैं अब तेजी से उसके पेट के हिस्से को चूमने लगा। पेट को चूमते चूमते मैंने उसकी साड़ी को नीचे की ओर खिसकाया और उसके चुत के ऊपर किस करने लगा। नीतू की आह निकलने लगी लेकिन हाल में प्रीति बैठी हुई थी इसलिए वों किसी तरह बर्दाश्त कर रही थी। मैंने मंजू को मैसेज किया कि वों प्रीति को किसी बहाने से छत पर ले जाए और जब तक मैं ना कहूँ वों ऊपर ही रहें।
मंजू ने तुरंत मेरा आदेश माना और प्रीति को छत पर ले गई। अब नीचे मैं और नीतू अकेले थे। मैंने उसकी चुत के ऊपर चूमना चालू रखा और अब नीतू की सिसकारिया मेरे जोर को और बढ़ा रही थी। मैंने साड़ी को और नीचे की और धकेला और साड़ी पेटीकोट के साथ उसके घुटने पर था। नीतू ने अपने पैर से साड़ी और पेटीकोट को निकाला। अब वों बिकनी में मेरे सामने लेटी थी यानि सिर्फ ब्रा और पैंटी में।
अब मैं उसके जांघो को चूम रहा था। जांघो को चूमते चूमते मैंने उसको पीछे की ओर मोड़ा और उसकी कमर के पास जा के चूमने लगा। कमर को चाटते चाटते मैंने उसकी पैंटी नीचे की। उसके नितम्ब जो थोड़ी चौड़ी थे साथ में बिल्कुल सफेद। उन नितम्बो को मैंने कस के मसला और उस पर दो -तीन थप्पड़ मारे जिससे वों लाल लाल दिखने लगे।
अब नीतू की शरीर पर सिर्फ उसकी ब्रा थी और ब्रा में कैद थी उसकी सबसे आकर्षक, मेरे मन को जीत चुके उसके बूब्स।
नीतू पीठ से पूरी तरह नंगी थी और मालिश के बाद मैं भी नंगा ही था। बेडरूम में पूरी तरह सन्नाटा हो रखा था। मैंने इस चुप्पी को तोड़ते हुए नीतू को अपनी ओर खींचा। नीतू को मैंने लेटें हुए अपनी ओर खींचने पर मेरी छाती पर वों सिर रख दी। मैंने अपना हाथ उसकी पीठ पर रखा जो पूरी तरह नंगी थी। उसकी पीठ को मैं सहला रहा था और मेरे छाती पर सर रख कर वों सुकून महसूस कर रही थी। फिर मैंने लेटें लेटें ही उसके माथे पर किस किया तो वों कसकर मुझसे चिपक गई।
मैं उससे उसके परिवार और इधर उधर की बातें करने लगा और वों अब अपनी परेशानियां मुझे बता रही थी। उसके सॉफ्ट सॉफ्ट पेट पर मेरा लंड टच हो रहा था। मैंने अपने लंड को उठाके उसके नाभि के छेद पर लगा दिया।
फिर मैंने नीतू की ब्लाउज जो पीछे से फटी हुई थी उसको मैंने आगे से निकाल दिया। अब नीतू के शरीर में ऊपरी हिस्से पर सिर्फ ब्रा था। उसके डबल साइज बूब्स ब्रा से आधे बाहर निकले थे मैंने उन्हें अपने जीभ से चाटना शुरू कर दिया। उसके बूब्स को चाट कर मैंने पूरा गिला कर दिया और फिर उसको ब्रा के ऊपर से ही जोर जोर से मसलने लगा।
नीतू भी अब गर्म हो रही थी और मैं अब तेजी से उसके पेट के हिस्से को चूमने लगा। पेट को चूमते चूमते मैंने उसकी साड़ी को नीचे की ओर खिसकाया और उसके चुत के ऊपर किस करने लगा। नीतू की आह निकलने लगी लेकिन हाल में प्रीति बैठी हुई थी इसलिए वों किसी तरह बर्दाश्त कर रही थी। मैंने मंजू को मैसेज किया कि वों प्रीति को किसी बहाने से छत पर ले जाए और जब तक मैं ना कहूँ वों ऊपर ही रहें।
मंजू ने तुरंत मेरा आदेश माना और प्रीति को छत पर ले गई। अब नीचे मैं और नीतू अकेले थे। मैंने उसकी चुत के ऊपर चूमना चालू रखा और अब नीतू की सिसकारिया मेरे जोर को और बढ़ा रही थी। मैंने साड़ी को और नीचे की और धकेला और साड़ी पेटीकोट के साथ उसके घुटने पर था। नीतू ने अपने पैर से साड़ी और पेटीकोट को निकाला। अब वों बिकनी में मेरे सामने लेटी थी यानि सिर्फ ब्रा और पैंटी में।
अब मैं उसके जांघो को चूम रहा था। जांघो को चूमते चूमते मैंने उसको पीछे की ओर मोड़ा और उसकी कमर के पास जा के चूमने लगा। कमर को चाटते चाटते मैंने उसकी पैंटी नीचे की। उसके नितम्ब जो थोड़ी चौड़ी थे साथ में बिल्कुल सफेद। उन नितम्बो को मैंने कस के मसला और उस पर दो -तीन थप्पड़ मारे जिससे वों लाल लाल दिखने लगे।
अब नीतू की शरीर पर सिर्फ उसकी ब्रा थी और ब्रा में कैद थी उसकी सबसे आकर्षक, मेरे मन को जीत चुके उसके बूब्स।