14-11-2022, 11:11 PM
थोड़ी देर मैं छत पर अपने फ्लैट में रहा। फिर मैंने एक छोटा सा शॉर्ट्स बिना अंडरवियर के पहना और नीचे आया। मैंने छोटे से शॉर्ट्स के अलावा कुछ भी नहीं पहना था। नीचे मैंने देखा प्रीति अपने कमरे में है और मंजू और नीतू आपस में बातें कर रहें है। मुझे देखकर नीतू चौंक गई। मंजू ने मेरा स्माइल के साथ स्वागत किया।
प्रीति भी घर में थी इसलिए मैं सीधा बेडरूम में चला गया। मेरे पीछे पीछे मंजू भी बेडरूम में आ गई। मंजू को मैंने गर्दन से पकड़ा और बोला कि ये नीतू को क्या समझाया, वों मान क्यों नहीं रही।
मंजू - तैयार तो पूरी नहीं हुई है लेकिन हो जाएगी। फिर मैंने उसे कहा कि नीतू को अंदर भेज और तू बाहर का ध्यान रख।
मंजू बेडरूम से बाहर निकली और ड्राइंग रूम में नीतू के पास गई। मैं बेडरूम के खिड़की में लगे पर्दे से उन दोनों को देख पा रहा था।
मंजू नीतू के पास गई और बोली - क्या हुआ, क्यों गुस्सा है सर।
नीतू - उनका मन मैं कैसे पूरा करू
मंजू - क्यों क्या दिक्कत है
नीतू - मुझे अजीब लग रहा है
मंजू - आँखे बंद कर लो और समझो जीजाजी ही है।
नीतू - मुझे शर्म आती है
मंजू - तो आँखे बंद कर लो। देखो उसको खुश रखो, सब अच्छा चल रहा है वही चलता रहेगा।
इन दोनों बहनो की लम्बी बात चल रही थी कि मैंने अंदर से आवाज दी मंजू।
मंजू और नीतू तुरंत बेडरूम में आए। दोनों चुपचाप मेरे सामने खड़े थे और नीतू जमीन की ओर अपना सर झुकाए खड़ी थी। मैंने कहा दोनों बेड पर आओ।
अब तो मंजू भी चौंक गई। उसे कोई अंदाजा भी नहीं था कि मैं दोनों को एक साथ बेड पर क्यों बुलाया? क्या मैं दोनों के साथ एक साथ सेक्स करूंगा?
नीतू भी घबराहट के साथ खड़ी थी। दोनों बहने कुछ समझ नहीं पा रही थी उन्हें क्या करना है?
मैं बेड पर लेटा हुआ था और दोनों बहने एक दूसरे का शक्ल देखे जा रहें थे। मैंने फिर उन्हें आवाज दी तो मानो जैसे उनकी नींद खुली हो दोनों धीमे कदमो से आगे की ओर बढ़ी। मंजू को मैंने अपने दायी साइड और नीतू को मैंने अपने बाए साइड बिठाया। इस तरह हम तीनो बेड के सहारे बैठ गए।
प्रीति भी घर में थी इसलिए मैं सीधा बेडरूम में चला गया। मेरे पीछे पीछे मंजू भी बेडरूम में आ गई। मंजू को मैंने गर्दन से पकड़ा और बोला कि ये नीतू को क्या समझाया, वों मान क्यों नहीं रही।
मंजू - तैयार तो पूरी नहीं हुई है लेकिन हो जाएगी। फिर मैंने उसे कहा कि नीतू को अंदर भेज और तू बाहर का ध्यान रख।
मंजू बेडरूम से बाहर निकली और ड्राइंग रूम में नीतू के पास गई। मैं बेडरूम के खिड़की में लगे पर्दे से उन दोनों को देख पा रहा था।
मंजू नीतू के पास गई और बोली - क्या हुआ, क्यों गुस्सा है सर।
नीतू - उनका मन मैं कैसे पूरा करू
मंजू - क्यों क्या दिक्कत है
नीतू - मुझे अजीब लग रहा है
मंजू - आँखे बंद कर लो और समझो जीजाजी ही है।
नीतू - मुझे शर्म आती है
मंजू - तो आँखे बंद कर लो। देखो उसको खुश रखो, सब अच्छा चल रहा है वही चलता रहेगा।
इन दोनों बहनो की लम्बी बात चल रही थी कि मैंने अंदर से आवाज दी मंजू।
मंजू और नीतू तुरंत बेडरूम में आए। दोनों चुपचाप मेरे सामने खड़े थे और नीतू जमीन की ओर अपना सर झुकाए खड़ी थी। मैंने कहा दोनों बेड पर आओ।
अब तो मंजू भी चौंक गई। उसे कोई अंदाजा भी नहीं था कि मैं दोनों को एक साथ बेड पर क्यों बुलाया? क्या मैं दोनों के साथ एक साथ सेक्स करूंगा?
नीतू भी घबराहट के साथ खड़ी थी। दोनों बहने कुछ समझ नहीं पा रही थी उन्हें क्या करना है?
मैं बेड पर लेटा हुआ था और दोनों बहने एक दूसरे का शक्ल देखे जा रहें थे। मैंने फिर उन्हें आवाज दी तो मानो जैसे उनकी नींद खुली हो दोनों धीमे कदमो से आगे की ओर बढ़ी। मंजू को मैंने अपने दायी साइड और नीतू को मैंने अपने बाए साइड बिठाया। इस तरह हम तीनो बेड के सहारे बैठ गए।