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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
#74
सुबह  6 बजे मेरे रूटीन में शामिल हो गया नीचे के बेडरूम से ऊपर के बेडरूम में नंगे आना और आ के लेट जाना। फिर 7 बजे शिल्पी आती, उसके साथ आठ बजे तक मजे लेता फिर ओ कॉलेज और मै 10 बजे तक ऑफिस।

आज मै ऑफिस नहीं जाने का सोचा। शिल्पी के जाने के बाद मै उसी तरह नंगे हालत में सोफे पर आकर बैठ गया और टीवी देखने लगा। मंजू और शिल्पी के साथ मेरा रूटीन कुछ ऐसा हो गया था कि डिनर के बाद जो नंगा होता ओ सुबह ऑफिस जाते वक्त ही कपड़े पहनता  उससे भी अधिक मजा आता आपके साथ आपका पार्टनर भी नंगी रहती हो और ओ भी अलग अलग पार्टनर।

इस तरह आज का दिन भी था। बस अंतर यह था कि आज मै ऑफिस नहीं जा रहा था सो मैंने कपड़े पहनने की जरूरत नहीं समझी। सोफे पर बैठकर सामने टेबल पर टांग पर टांग रखकर मै मजे के साथ टीवी देख रहा था। लगभग 9 बजे ब्रेकफास्ट के लिए मंजू की कॉल आयी। नीचे नीतू और प्रीति भी थे तो मैंने मंजू से कहा कि ऊपर ही भेज देना और मै आज ऑफिस नहीं जा रहा। नीतू की ख़ूबसूरती और जिस्म पर तो मै फ़िदा था लेकिन नीचे जाने का मेरा मन नहीं हुआ। प्रीति भी थी और दो दो नए माल। मेरा लंड भी मन ही मन सोचने लगा था कि कैसे मौका मिले इनके चुत में प्रवेश का। मैंने एक बात नोटिस कि थी कि नीतू की ब्लाउज थोड़ी छोटी होती थी और बड़े बड़े बूब्स की वजह से ब्लाउज के नीचे से बूब्स का निचला हिस्सा दिख रहा होता जिसे साड़ी का पल्लू छुपा रहा होता। 


मेरा ध्यान टीवी देखने में था तभी मुझे किसी के आने की आहट हुई। मुझे लगा ब्रेकफास्ट लेकर मंजू आ रही होगी और मै बेफिक्र होकर नंगे ही टीवी देखता रहा। मेरा ध्यान टीवी की ओर था और गेट की ओर मेरा पीठ था। कोई पीछे से देखे तो यही लगेगा सामान्य रूप से कोई बंदा शॉर्ट्स पहन कर ऊपर नंगा टीवी देख रहा होगा। टीवी देखते हुए मुझे यह एहसास हो गया कि शायद मंजू ब्रेकफास्ट लेकर ऊपर आयी है और वों टेबल पर रखकर मेरे पास आकर मेरे लंड के ऊपर बैठ जाएगी। लेकिन मुझे आवाज आयी सर नमस्ते तो मै चौंक गया। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो पीछे नीतू खड़ी थी। नीतू ने ब्रेकफास्ट टेबल पर रख दिया था और शायद मुझे बताना चाह रही थी ये बात। उसे मेरा शर्टलेस होना शायद अजीब लग रहा था लेकिन मै तो यहाँ बिल्कुल नंगा था। नीतू को देखकर मै भी चौंक गया लेकिन अगले ही पल मैंने खुद को संभाला। मेरे मन में आया जिस हसीना के बूब्स मै दो दिन से आधा अधूरा कुछ खुला कुछ बंद चोरी चोरी देख रहा था आज मौका है उसे अपना लम्बा लंड दिखाने का और यह समझने का ककि वों कितनी देर जा सकती है।

मैंने नीतू के "नमस्ते सर" के जवाब में नमस्ते बोला और कहा-

मै - तुम कैसे, सब ठीक है ना
नीतू - जी
मै - आइये बैठीए।

फिर मै जानबुझ कर नीतू को अपना हल्का तना हुआ लंड दिखाते हुए  तेजी से सामने बेड पर रखे टॉवल को उठाया और खुद से लपेट लिया। फिर मै बोला - सॉरी वों मै अकेला ही रहता हूँ इसलिए कई बार नहाने के बाद नंगा ही बाहर आ जाता हूँ फिर ऑफिस के लिए रेडी होता हूँ। आज ऑफिस नहीं जाना था सो ऐसे ही बैठा रहा गया।

नीतू जो मुझे इस हालत में देख कर चौंक गई थी वों मेरे सामने आ कर बैठ गई। मैंने टॉवल को कुछ इस तरह लपेटा कि मै नंगा भी ना कहलाऊ और जिसे जो जब दिखाना चाहूं, दिखा भी सकू।
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 14-11-2022, 12:00 AM



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