13-11-2022, 11:29 AM
नीतू को देखने में मै खोया हुआ था। मेरा लंड उसको देखते देखते टाइट हो कर बड़ा हो गया था तभी मुझे यह एहसास हुआ कि किसी नरम हाथों ने मेरे लंड को पकड़ा। अचानक से नीतू से मेरा ध्यान हटा और मैंने देखा कि मेरे बाजू में मंजू खड़ी है।
हम दोनों बेडरूम में नंगे ही सोए थे और अभी नीतू को हम दोनों नंगे ही सोते हुए देख रहें थे। मैंने मंजू को वही नीचे बैठाया और अपना तना लंड उसके मुँह में डाल दिया। मंजू नीचे बैठ कर पूरे जोश के साथ मेरे लंड को अंदर बाहर करने लगी। मै भी नीतू के बूब्स को देखता हुआ अपने लंड के धक्के की रफ्तार बढ़ाते जा रहा था। ऐसा करते करते मैंने पूरा वीर्य मंजू के मुँह में छोड़ दिया।
अब मेरे ऊपर नीतू का खुमार था और मुझे किसी तरह इस डबल साइज बूब्स का मजा लेना था।
उसी जोश में मैंने मंजू की फिर जोरदार चुदाई की और फिर दोनों निढाल हो कर नंगे ही सो गए। अगले दिन नीतू और प्रीति के साथ कुछ कॉलेजो में एडमिशन के लिए गई लेकिन कम नम्बर और 1साल की गैप की वजह से सभी ने मना कर दिया।
शाम में मै घर आया तो मंजू और शिल्पी ने मुझे यह बात बताई। डिनर के बाद मै मंजू के साथ और बाकी सभी जैसे पिछली रात को सोए थे सो गए।
बेडरूम में मैंने नीतू का टॉपिक स्टार्ट किया।
मै - क्या हुआ नीतू आज उदास थी?
मंजू - हाँ, सब कॉलेज वाले मना कर रहें है एडमिशन के लिए
मै - क्यों
मंजू - नम्बर काफी कम है 12th में
मै - कितने है
मंजू - 40
मै - ओह्ह, जब इतनी कमजोर है फिर एडमिशन क्यों दिलाना चाहते है
मंजू - दीदी का मन है कि उसकी बेटी ग्रेजुएशन कर ले तभी शादी करू
मै - उससे क्या होगा
मंजू - दीदी ने खुद पढ़ाई नहीं की इसलिए ओ अपनी लड़की को पढ़ाना चाहती है
मै - अच्छा और प्रीति का क्या मन है?
मंजू - गाँव में पढ़ नहीं पाती थी, उसका भी मन है पढ़ने का
मै - फिर तो कम नम्बर के साथ मुश्किल है उसका एडमिशन
मंजू - आप देखो ना कुछ उपाय हो जाए
माहौल थोड़ा टेंशन जैसा बन रहा था तो मै उसको नार्मल करते हुए बोला नीतू चाहे तो मै सोच सकता हूँ।
मंजू - दीदी तो चाहती है।
मै - एडमिशन नहीं, नीतू ये चाहे कि मै एडमिशन हो जाए किसी तरह ये सोचू तो मै उपाय ढूंढ सकता हूँ।
मंजू - और ओ कैसे होगा
मै - ओ नीतू समझें।
मंजू - प्लीज
मै - मंजू प्लीज तुम्हे नहीं नीतू को करना है। तुम बस नीतू से यह कह देना कि मुझे किसी भी तरह मना ले तो म एडमिशन करवा दूँगा।
इसके बाद हमारा नाईट का प्रोग्राम चला और सुबह मै छत पर अपने कमरे में चला गया।
अब मुझे इंतजार था कि क्या जो मैंने कहना चाहा, ओ मंजू नीतू से कह पायेगी और क्या नीतू तैयार होगी? यदि नीतू तैयार नहीं हुई और निराश होकर नीतू और प्रीति वापिस चले गए तो?
हम दोनों बेडरूम में नंगे ही सोए थे और अभी नीतू को हम दोनों नंगे ही सोते हुए देख रहें थे। मैंने मंजू को वही नीचे बैठाया और अपना तना लंड उसके मुँह में डाल दिया। मंजू नीचे बैठ कर पूरे जोश के साथ मेरे लंड को अंदर बाहर करने लगी। मै भी नीतू के बूब्स को देखता हुआ अपने लंड के धक्के की रफ्तार बढ़ाते जा रहा था। ऐसा करते करते मैंने पूरा वीर्य मंजू के मुँह में छोड़ दिया।
अब मेरे ऊपर नीतू का खुमार था और मुझे किसी तरह इस डबल साइज बूब्स का मजा लेना था।
उसी जोश में मैंने मंजू की फिर जोरदार चुदाई की और फिर दोनों निढाल हो कर नंगे ही सो गए। अगले दिन नीतू और प्रीति के साथ कुछ कॉलेजो में एडमिशन के लिए गई लेकिन कम नम्बर और 1साल की गैप की वजह से सभी ने मना कर दिया।
शाम में मै घर आया तो मंजू और शिल्पी ने मुझे यह बात बताई। डिनर के बाद मै मंजू के साथ और बाकी सभी जैसे पिछली रात को सोए थे सो गए।
बेडरूम में मैंने नीतू का टॉपिक स्टार्ट किया।
मै - क्या हुआ नीतू आज उदास थी?
मंजू - हाँ, सब कॉलेज वाले मना कर रहें है एडमिशन के लिए
मै - क्यों
मंजू - नम्बर काफी कम है 12th में
मै - कितने है
मंजू - 40
मै - ओह्ह, जब इतनी कमजोर है फिर एडमिशन क्यों दिलाना चाहते है
मंजू - दीदी का मन है कि उसकी बेटी ग्रेजुएशन कर ले तभी शादी करू
मै - उससे क्या होगा
मंजू - दीदी ने खुद पढ़ाई नहीं की इसलिए ओ अपनी लड़की को पढ़ाना चाहती है
मै - अच्छा और प्रीति का क्या मन है?
मंजू - गाँव में पढ़ नहीं पाती थी, उसका भी मन है पढ़ने का
मै - फिर तो कम नम्बर के साथ मुश्किल है उसका एडमिशन
मंजू - आप देखो ना कुछ उपाय हो जाए
माहौल थोड़ा टेंशन जैसा बन रहा था तो मै उसको नार्मल करते हुए बोला नीतू चाहे तो मै सोच सकता हूँ।
मंजू - दीदी तो चाहती है।
मै - एडमिशन नहीं, नीतू ये चाहे कि मै एडमिशन हो जाए किसी तरह ये सोचू तो मै उपाय ढूंढ सकता हूँ।
मंजू - और ओ कैसे होगा
मै - ओ नीतू समझें।
मंजू - प्लीज
मै - मंजू प्लीज तुम्हे नहीं नीतू को करना है। तुम बस नीतू से यह कह देना कि मुझे किसी भी तरह मना ले तो म एडमिशन करवा दूँगा।
इसके बाद हमारा नाईट का प्रोग्राम चला और सुबह मै छत पर अपने कमरे में चला गया।
अब मुझे इंतजार था कि क्या जो मैंने कहना चाहा, ओ मंजू नीतू से कह पायेगी और क्या नीतू तैयार होगी? यदि नीतू तैयार नहीं हुई और निराश होकर नीतू और प्रीति वापिस चले गए तो?