12-11-2022, 12:45 PM
ये सब विचार मेरे मन में चल ही रहें थे तभी शिल्पी बोल पड़ी कि मै जो दूसरा बेड मनीष के रूम में रखा है उस पर सो जाउंगी। मै खुश हुआ। फिर मै और मंजू एक साथ सोए।
मंजू अब मेरी रखैल बन कर रह रही थी। हम दोनों एक साथ सोते और फिर रूटीन में चुदाई का कार्यक्रम चल रहा था। रात में दो बजे मेरी नींद खुली तो मैं शिल्पी के कमरे के सामने से गुज़रा तो मैंने देखा नीतू और प्रीति सो रही है। नाईट बल्ब की आती हल्की हल्की रोशनी में यह साफ दिख रहा था कि प्रीति अपने सलवार कमीज में सोई है और नीतू साड़ी में। ये क्या, नीतू जो साड़ी ढीले तरीके से पहनती थी ओ कहीं कहीं पेटीकोट से अलग हो रखे है जिस वजह से पेटीकोट उसका नजर आ रहा था। साड़ी के हल्के खुल जाने और ढीले होने की वजह से साड़ी ऊपर आ रखा था लगभग घुटनो तक। नीतू काफी ज्यादा गोरी थी लेकिन घुटने से नीचे का जो हिस्सा अभी दिख रहा था ओ कुछ ज्यादा ही नाईट बल्ब की रोशनी में चमक रहा था। पल्लू ब्लाउज का साथ छोड़ बेड पर गिरा हुआ था जिससे उसकी डबलसाइज बूब्स को कैद रखने में ब्लाउज को संघर्ष करना पर रहा था। ब्लाउज पर देखते देखते मेरी नजर पड़ी दोनों बूब्स के बीच जहाँ ब्लाउज के बीच के एक -दो बटन खुले हुए थे। इसे देखकर मन तो हो रहा था कि जैसे अंदर जाऊ और ब्लाउज खोल कर उसके बूब्स को मसल दूँ और सारे दूध पी जाऊ।
इन हसीन दृश्यों को देखते देखते मेरा लंड फिर से टाइट हो गया। मै इन दृश्यों में खो सा गया था। नीतू की हर सांस के साथ उसके बूब्स हिलते जो मेरे होश को उड़ा रहें थे। मै बेखबर नीतू को देखे जा रहा था तभी मुझे अचानक एहसास हुआ कि किसी ने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ा।
मंजू अब मेरी रखैल बन कर रह रही थी। हम दोनों एक साथ सोते और फिर रूटीन में चुदाई का कार्यक्रम चल रहा था। रात में दो बजे मेरी नींद खुली तो मैं शिल्पी के कमरे के सामने से गुज़रा तो मैंने देखा नीतू और प्रीति सो रही है। नाईट बल्ब की आती हल्की हल्की रोशनी में यह साफ दिख रहा था कि प्रीति अपने सलवार कमीज में सोई है और नीतू साड़ी में। ये क्या, नीतू जो साड़ी ढीले तरीके से पहनती थी ओ कहीं कहीं पेटीकोट से अलग हो रखे है जिस वजह से पेटीकोट उसका नजर आ रहा था। साड़ी के हल्के खुल जाने और ढीले होने की वजह से साड़ी ऊपर आ रखा था लगभग घुटनो तक। नीतू काफी ज्यादा गोरी थी लेकिन घुटने से नीचे का जो हिस्सा अभी दिख रहा था ओ कुछ ज्यादा ही नाईट बल्ब की रोशनी में चमक रहा था। पल्लू ब्लाउज का साथ छोड़ बेड पर गिरा हुआ था जिससे उसकी डबलसाइज बूब्स को कैद रखने में ब्लाउज को संघर्ष करना पर रहा था। ब्लाउज पर देखते देखते मेरी नजर पड़ी दोनों बूब्स के बीच जहाँ ब्लाउज के बीच के एक -दो बटन खुले हुए थे। इसे देखकर मन तो हो रहा था कि जैसे अंदर जाऊ और ब्लाउज खोल कर उसके बूब्स को मसल दूँ और सारे दूध पी जाऊ।
इन हसीन दृश्यों को देखते देखते मेरा लंड फिर से टाइट हो गया। मै इन दृश्यों में खो सा गया था। नीतू की हर सांस के साथ उसके बूब्स हिलते जो मेरे होश को उड़ा रहें थे। मै बेखबर नीतू को देखे जा रहा था तभी मुझे अचानक एहसास हुआ कि किसी ने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ा।