12-11-2022, 09:26 AM
मैं नीचे उतरा तो मुझे देख रमेश बाहर आया और मुझे नमस्ते किया और पूरे सम्मान के साथ अपने फ्लैट के अंदर लाया। अंदर दो लेडीज आई हुई थी। मंजू ने भी मुझे देख कर फॉर्मेलिटी में नमस्ते किया।
रमेश और मंजू मुझे पूरा भाव दे रहें थे इस वजह से वे दो लेडीज भी मुझे ही देख रही थी
मंजू ने हमारा परिचय कराया। मंजू ये है मेरी दीदी नीतू और ये दीदी की बेटी प्रीति। मैंने नीतू को नमस्ते बोला तो उन्होंने भी अपने दोनों हाथ जोड़ लिए। मंजू ने प्रीति को इशारा किया तो उसने मेरे पैर छुए।
नीतू जो मंजू की बड़ी बहन है ओ बहुत ही ज्यादा गोरी बदन की महिला है। नीतू की हाइट लगभग 5'7" होगी। उसकी उम्र लगभग 44-45 साल थी लेकिन ओ एक नेचुरल ब्यूटी वाली महिला थी। उसके बूब्स काफी बड़े बड़े थे और पूर्णतः गांव के तरीके से उसने साड़ी पहनी हुई थी।
साथ में प्रीति थी नीतू की बेटी। नीतू भी ऐसा लग रहा था गाँव में रही हो। उसके नैन नक्श काफी तीखे थे और उसमे उसकी गोराई चार चाँद लगा रहा था। प्रीति ने एक सलवार समीज पहना हुआ था जिसमे समीज उसके घुटनो तक आ रहा था। उसके बूब्स बहुत ही छोटे छोटे थे।
उन दोनों के सामने रमेश और मंजू ने मुझे बहुत वैल्यू दी। अब रमेश की नौकरी लगवाई भी मैंने ही थी और जब तक मैं चाहूं ओ जॉब उतने ही वक्त की थी। रमेश और मंजू नीतू और प्रीति के सामने मेरी तारीफ कर रहें थे जो धीमे धीमे उनके मन में मेरे लिए वैल्यू बढ़ा रहा था। थोड़ी देर नीचे रुकने के बाद मैं छत पर अपने फ्लैट में आ गया। लगभग 4 बजे शाम में रमेश सहारनपुर के लिए निकला।
शाम के 7 बज गए होंगे, मैं नीचे आया। शिल्पी, मनीष, मंजू, नीतू और प्रीति नीचे बैठे हुए थे और आपस में बातें कर रहें थे। मुझे देखते ही सब अपनी जगह से खड़े हो गए।
मैं - बैठो बैठो
मंजू - हाँ आप भी बैठो हमारे बीच
मैं 3 सीट वाली सोफा जिसके दोनों किनारे पर मंजू और नीतू बैठे थे उनके बीच में बैठ गया। मंजू ये देख कर खुश हो गई लेकिन नीतू थोड़ी सहम गई। मैं ये देख रहा था। नीतू ने अभी भी साड़ी पहनी हुई थी ढीली ढीली सी और अपने बड़े बड़े स्तनों को ब्लाउज और उसके ऊपर साड़ी के पल्लू से धका हुआ था फिर भी उसके बूब्स इतने बड़े थे कि मानो बाहर आने को बेताब।
मैं मनीष से - क्यों मनीष आज जिम नहीं जाना
मनीष - नहीं भैया आज संडे को बंद रखता है ओ जिम
मैं (मन ही मन )- मादरचोद बहनचोद इसके सामने ही सबकी चुदाई करनी होगी।
फिर सब से बात हुई जिसमे मैं समझा कि प्रीति पूरे 18 साल की कच्ची कली है जिसने पिछले वर्ष 12वी पास किया। उसके गाँव में कॉलेज नहीं इसलिए पिछले वर्ष ओ कहीं एडमिशन नहीं ले सकी। मेरठ में ओ लोग किसी कॉलेज में उसका एडमिशन कराना चाहते है लेकिन उसके 12 में नंबर काफी कम है और फिर एक साल का गैप भी। कल से ओ लोग कॉलेज में एडमिशन की भाग दौर करेंगे।
इन सब के बीच डिनर का टाइम हो गया। सबने डिनर किया। मैं सोच रहा था आज mai कहा किसके साथ सोऊंगा?
तभी मंजू ने शिल्पी से कहा कि, नीतू दीदी और प्रीति तुम्हारे कमरे में जो डबल बेड है उस पर सो जाएंगी।
लेकिन अब शिल्पी कहा सोएगी, मेरे मन में यह बात दौरी? क्या शिल्पी मंजू के साथ सोएगी? यदि ऐसा हुआ तो मै उन दोनों के बीच या तन्हा छत पर अपने फ्लैट में?
रमेश और मंजू मुझे पूरा भाव दे रहें थे इस वजह से वे दो लेडीज भी मुझे ही देख रही थी
मंजू ने हमारा परिचय कराया। मंजू ये है मेरी दीदी नीतू और ये दीदी की बेटी प्रीति। मैंने नीतू को नमस्ते बोला तो उन्होंने भी अपने दोनों हाथ जोड़ लिए। मंजू ने प्रीति को इशारा किया तो उसने मेरे पैर छुए।
नीतू जो मंजू की बड़ी बहन है ओ बहुत ही ज्यादा गोरी बदन की महिला है। नीतू की हाइट लगभग 5'7" होगी। उसकी उम्र लगभग 44-45 साल थी लेकिन ओ एक नेचुरल ब्यूटी वाली महिला थी। उसके बूब्स काफी बड़े बड़े थे और पूर्णतः गांव के तरीके से उसने साड़ी पहनी हुई थी।
साथ में प्रीति थी नीतू की बेटी। नीतू भी ऐसा लग रहा था गाँव में रही हो। उसके नैन नक्श काफी तीखे थे और उसमे उसकी गोराई चार चाँद लगा रहा था। प्रीति ने एक सलवार समीज पहना हुआ था जिसमे समीज उसके घुटनो तक आ रहा था। उसके बूब्स बहुत ही छोटे छोटे थे।
उन दोनों के सामने रमेश और मंजू ने मुझे बहुत वैल्यू दी। अब रमेश की नौकरी लगवाई भी मैंने ही थी और जब तक मैं चाहूं ओ जॉब उतने ही वक्त की थी। रमेश और मंजू नीतू और प्रीति के सामने मेरी तारीफ कर रहें थे जो धीमे धीमे उनके मन में मेरे लिए वैल्यू बढ़ा रहा था। थोड़ी देर नीचे रुकने के बाद मैं छत पर अपने फ्लैट में आ गया। लगभग 4 बजे शाम में रमेश सहारनपुर के लिए निकला।
शाम के 7 बज गए होंगे, मैं नीचे आया। शिल्पी, मनीष, मंजू, नीतू और प्रीति नीचे बैठे हुए थे और आपस में बातें कर रहें थे। मुझे देखते ही सब अपनी जगह से खड़े हो गए।
मैं - बैठो बैठो
मंजू - हाँ आप भी बैठो हमारे बीच
मैं 3 सीट वाली सोफा जिसके दोनों किनारे पर मंजू और नीतू बैठे थे उनके बीच में बैठ गया। मंजू ये देख कर खुश हो गई लेकिन नीतू थोड़ी सहम गई। मैं ये देख रहा था। नीतू ने अभी भी साड़ी पहनी हुई थी ढीली ढीली सी और अपने बड़े बड़े स्तनों को ब्लाउज और उसके ऊपर साड़ी के पल्लू से धका हुआ था फिर भी उसके बूब्स इतने बड़े थे कि मानो बाहर आने को बेताब।
मैं मनीष से - क्यों मनीष आज जिम नहीं जाना
मनीष - नहीं भैया आज संडे को बंद रखता है ओ जिम
मैं (मन ही मन )- मादरचोद बहनचोद इसके सामने ही सबकी चुदाई करनी होगी।
फिर सब से बात हुई जिसमे मैं समझा कि प्रीति पूरे 18 साल की कच्ची कली है जिसने पिछले वर्ष 12वी पास किया। उसके गाँव में कॉलेज नहीं इसलिए पिछले वर्ष ओ कहीं एडमिशन नहीं ले सकी। मेरठ में ओ लोग किसी कॉलेज में उसका एडमिशन कराना चाहते है लेकिन उसके 12 में नंबर काफी कम है और फिर एक साल का गैप भी। कल से ओ लोग कॉलेज में एडमिशन की भाग दौर करेंगे।
इन सब के बीच डिनर का टाइम हो गया। सबने डिनर किया। मैं सोच रहा था आज mai कहा किसके साथ सोऊंगा?
तभी मंजू ने शिल्पी से कहा कि, नीतू दीदी और प्रीति तुम्हारे कमरे में जो डबल बेड है उस पर सो जाएंगी।
लेकिन अब शिल्पी कहा सोएगी, मेरे मन में यह बात दौरी? क्या शिल्पी मंजू के साथ सोएगी? यदि ऐसा हुआ तो मै उन दोनों के बीच या तन्हा छत पर अपने फ्लैट में?