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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
#64
जिम से मनीष भी आ गया। आते ही उसने मुझे देखा और थैंक यूँ बोला। मैंने मुस्कुरा कर कहा, मजा आया ना?

मनीष ने जी में जवाब दिया और फिर बोला कि मैं फ्रेश होकर आता हूँ। मनीष को भी कंट्रोल में रखना था और साथ ही मंजू और शिल्पी के बारे में यह सोचना था कि इन दोनों के साथ अलग अलग रिलेशनशिप मैनेज करूंगा या दोनों के साथ एक साथ गैंग बैंग करू?

खैर मैंने सब कुछ वक्त पर छोड़ दिया। अभी दोनों के साथ जितना मजा ले सकता था लेना था। हमलोगो ने साथ मस्ती करते हुए डिनर किया। फिर हसीं मजाक की बातें हुई फिर सब लोग सोने जाने लगे। मैं छत पर सोने की ओर बढ़ा और लगभग 5-10 मिनट में जैसे ही शिल्पी और मनीष सोने के लिए गए, मैं नीचे आया और बेडरूम में चला गया।

अब मैं और मंजू एक कपल की तरह डेली रात में सोने लगे। ओ मेरी रखैल बन रही थी और मुझे उसके साथ खुलकर मस्ती करनी थी। पूरी रात मेरे और मंजू के बीच चुदाई का राउंड चला। सुबह 6 बजे मैंने अलार्म लगाया।

6 बजे मोबाइल के वाइब्रेट होते ही मेरी नींद खुली। मैं और मंजू एक दूसरे से चिपक कर सोए हुए थे और दोनों पूरी तरह नंगे थे। मैंने मंजू को बाय बोला और उसी तरह नंगा ही छत पर चला गया।

छत पर मैंने अपने फ्लैट के बेडरूम में जाकर नंगा लेट गया। नींद तो खुल गई थी इसलिए बेड पर लेटा था तभी किसी के आने की आहट सुनाई दी। यह शिल्पी होगी इसलिए मैं उसी तरह नंगा ही लेटा रहा और सोने की एक्टिंग करने लगा। शिल्पी ही थी और शिल्पी आते ही मेरे लंड को पकड़ कर जोर से हिलाया और फिर मेरे बाजू में आकर लेट गई। शिल्पी मेरे कहे अनुसार सिर्फ एक पतली सी शॉर्ट्स और शार्ट टॉप पहन रखी थी। मैंने उसके कपड़े उतारे और फिर चुदाई का दो राउंड उसके साथ पूरा किया।

इस तरह पूरे हफ्ते मेरा यह रूटीन चलता रहा। रात में मैं मंजू के साथ सोता, सुबह 6 बजे छत पर फ्लैट में आता जहाँ 6 से 8 शिल्पी के साथ वक्त बिताता और उसके बाद पूरे दिन ऑफिस। ऑफिस से आने के बाद मंजू और शिल्पी के साथ मौज मस्ती और डिनर।

रमेश का सहारनपुर गए एक हफ्ते हो गए। आज शनिवार दोपहर में रमेश मेरठ पहुँचता और फिर रविवार शाम में उसे सहारनपुर लौटना था।

शनिवार शाम में रमेश मुझसे मिला। मेरे सामने आते ही ओ मेरे पैर छूने लगा तो मैंने उसे रोकते हुए पूछा -

मैं - कैसे हो रमेश
रमेश - जी सब ठीक है। अमन जी आपकी बहुत तारीफ करते है और मेरा ख्याल रखते है।
मैं (हसते हुए )- हाँ सही से काम करो तो अच्छी ग्रोथ हो जाएगी।

फिर मैंने रमेश से कहा कि चलो अभी फैमिली को टाइम दो, मैं कल बात करता हूँ। इसके बाद मैं छत पर आ गया। आज मैं लगातार की भाग दौर के बीच खुद को आराम दिया।


कई दिनों बाद मैंने ओ रात अकेली गुज़ारी। अगले दिन सुबह मैं नीचे उतरा तो देखा मंजू के घर दो लेडी आयी हुई है।
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 11-11-2022, 11:56 PM



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