Thread Rating:
  • 11 Vote(s) - 1.91 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
#63
मंजू मनीष के साथ जिम जाने के लिए निकली। मंजू ने जीन्स टॉप और मनीष ने जिम के कपड़े पहन लिए। दोनों के निकलते ही मैं और शिल्पी ही घर में थे। जैसे ही घर से वे निकले, मैंने घर का दरवाजा बंद किया।

अंदर आते ही मैंने शिल्पी को अपने गले से लगा लिया। फिर हम दोनों ने एक दूसरे के होंठो को चूमना शुरू किया। हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े जैसे मानो दो प्रेमी वर्षों बाद मिले हो। हम एक दूसरे को चूमे जा रहें थे और शायद 15-20 मिनट्स हो गए होंगे, मेरे मोबाइल पर घंटी बजी। मैंने देखा मंजू की कॉल है।

मंजू ने यह बताने को कॉल किया था कि मनीष को जिम में एडमिशन मिल गया है और जिम वाले ने कुछ पैसे नहीं नहीं मांगे। मैं मन ही मन सालों कितने कंजूस हो।

फिर मंजू सीधे घर को आती, मैंने उससे कुछ स्नैक्स और डिनर के लिए कुछ अच्छा लाने को कहा। अब मंजू के घर आने में ज्यादा वक्त नहीं लगता। मैंने तुरंत शिल्पी की शॉर्ट्स उतारी और अपनी शॉर्ट्स भी। शिल्पी भी लंड लेने को तैयार बैठी थी और मैं भी।

हम दोनों ने चुदाई का एक क्विक राउंड पूरा किया और फिर दोनों ने अपने अपने शॉर्ट्स पहन लिए। इतने देर में डोरवेल बजा और देखा कि मंजू आ गई। दोनों मां बेटी एक दूसरे के सामने सच नहीं आने देना चाह रही थी।

मैंने शॉर्ट्स बिना अंडरवियर के पहना था और लंड पूरा टाइट खड़ा था। मैंने शॉर्ट्स के ऊपर सोफे पर रखा एक पिल्लो रख लिया और शिल्पी गेट खोलने बाहर को गई। शिल्पी और मंजू अंदर आए। मंजू ने जो सामान लाया ओ शिल्पी को दिया किचन में रखने के लिए और सोफे पर मेरे बगल में बैठ कर पिल्लो को हटा दिया और बोला -

मंजू - क्या छिपा रहे हो?
मैंने तुरंत अपना शॉर्ट्स नीचे किया और बोला - छिपा नहीं दिखा रहा हूँ, लो खेलो।

मंजू ने तुरंत लंड पर हाथ मारते हूँ कहा अंदर करो, अभी शिल्पी भी है देख लेगी। मैं मुस्कुराया लेकिन अपने लंड को अपने शॉर्ट्स के बाहर ही निकाले रखा, अपनी उंगलियों को उसपर फेरते हुए बोला जिसे देखना है देख ले, मुझे कोई परेशानी नहीं है।

मंजू बेचैन हो रही थी और उसी बेचैनी में मैंने उसकी समीज के ऊपर से चिकोट काटी। फिर मैंने मंजू को अपनी ओर खींचा।

मंजू कोई देख ना ले इस डर से कपकपा रही थी तभी मैंने उसके गालों को चूम लिया। मंजू घबराहट में कुछ समझ नहीं पा रही थी कि क्या करना है तभी शिल्पी अपने कमरे से निकली।

मेरा लंड शॉर्ट्स के ऊपर ही था तभी मंजू ने जल्दी से टॉवल मेरे लंड के ऊपर फेका और खड़ी हो गई। टॉवल ने सही समय पर मेरे लंड को ढक लिया। मंजू शिल्पी से कुछ पूछी और किचन की ओर बढ़ी। मैंने शिल्पी को कहा कि जा मंजू की किचन में मदद कर और मैं उन दोनों के पीछे पीछे किचन में आ गया।

किचन में मंजू तेजी से डिनर रेडी कर रही थी और शिल्पी उसे मदद कर रही थी। उनदोनो के पीछे जा कर मै बीच में खड़ा हो गया। ममेरा एक हाथ मंजू के कंधे के ऊपर और दूसरा शिल्पी के कंधे के ऊपर था।

मैं दोनों के कभी कंधे दबा देता और दोनों के साथ एक दूसरे के सामने नज़दीक और उन दोनों को फ्रैंक करने की कोशिश करने लगा। तभी डोरबेल बजा।
[+] 1 user Likes raj4bestfun's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 11-11-2022, 08:37 PM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)