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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
#55
मंजू अब बस एक पतली सी पैंटी में थी जो कि पहले से ही काफी छोटा था और गिला होने की वजह से और सिकुड़ सा गया था। मैंने मंजू को खड़ा किया और पीछे की ओर मोड़ा। मंजू की चूतड़े मेरे चेहरे के सामने थे। मैंने उसकी गांड में समाए पैंटी की डोरी को खींच कर छोड़ा। इससे मंजू की आह निकल गई। फिर मैंने पैंटी को नीचे सरका दिया। अब मंजू और मैं पूरी तरह छत पर नंगे थे। मैंने देखा मंजू अपने एक हाथ से अपने बूब्स को छुपाने की कोशिश कर रही थी। मैंने मंजू को हाथ बूब्स से हटाने को कहा, मंजू हिचक रही थी। मैंने उसको गुस्से भरी नजर से देखा तो हल्की सहमते हुए उसने अपने हाथ बूब्स से हटा लिए।

छत पर ओ शर्मा रही थी या डर रही थी तो मैंने उसे कम करने के लिए छत का एक राउंड मारने को कहा। मंजू ने धीमे कदमो के साथ छत का एक चक्कर लगाया और आकर मेरे गले से लग गई। उसके मेरे गले से लगने पर मेरे दोनों हाथो में उसके दोनों जांघ आ गए जिसे मैंने कस कर मसल दिया। इससे मंजू की आह निकल गई।

मंजू की चुत की गर्मी उससे बर्दाश्त नहीं हो पा रही थी।

मंजू - प्लीज नीचे चलो ना
मैं - क्यों, यहाँ क्या दिक्कत है
मंजू - मुझे यहाँ शर्म आ रही है
मैं - ठीक है फिर चल नीचे सड़क पर चलते है
मंजू - पागल हो क्या
मैं - हाँ मैं पागल हूँ और तुझे वही करना होगा जो मैं कहूंगा
मंजू  कुछ नहीं बोली

मैंने मंजू के चेहरे को अपने तीन उंगलियों से पकड़ कर अपनी ओर खींचा और बोला - बोल तुझे कोई दिक्कत है क्या?
मंजू सकपका गई। और हल्के से हाँ में सिर हिलाया।

मैं - अब मैं तुम लोगों को जैसे रखूंगा वैसे ही रहना होगा।
मंजू कुछ बोल नहीं पायी।

मैं- जवाब नहीं मिला
मंजू - जी आपकी हर बात माननी है

मैं मन ही मन खुश हुआ और ये जान रहा था कि आगे मुझे क्या करना है।

अब मैंने मंजू को फिर गोद में उठाया और उसको लेकर नीचे बेडरूम में आ गया। बेडरूम में मंजू को बेड पर पलटा और उसके ऊपर 69 की पोजीशन में आकर उसके बूब्स को जोर जोर से मसलने लगा। मंजू की सिसकारिया निकल रही थी। बूब्स को काफी देर मसलने के बाद मैं उसके निप्पल्स को चूसने लगा।

मंजू - राज, प्लीज अंदर डालो ना
मैं - कहा क्या अंदर डालू
मंजू - प्लीज अपना मेरे अंदर डालो
मैं - क्या बोली, समझ नहीं आ रहा खुल के बोलों
मंजू - अपना पेनिस मेरे अंदर डालो
मैं - अंग्रेज की औलाद, हिंदी में बोल
मंजू - प्लीज मुझे शर्म आ रही है
मैं - तो शर्म को बोल ना आए

मंजू ने अपनी आँखे बंद कर ली और फिर बोली की प्लीज अपना लंड डालो।

मैंने फिर ज्यादा जोर नहीं डाला क्योंकि सब कुछ धीरे धीरे करना था। मेरा लंड भी कब से बेचैन था उसके चुत के अंदर जाने को, मैंने भी बोला ठीक है।

मैं अपने लंड को उसकी चुत के पास रगड़ने लगा और फिर अपने लंड को उसके चुत के अंदर घुसा दिया। मंजू की चुत जो गीली हो रखी थी, उसकी वजह से लंड एक झटके में अंदर चला गया। फिर मैंने फुल स्पीड के साथ अपने लंड के धक्के उसकी चुत में मारे।
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 09-11-2022, 12:11 PM



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