06-11-2022, 12:45 PM
पार्ट २९: अमानुल्ला मसाजर ने पति के सामने चोद दिया !
मुझे थोड़ा अस्वस्थ लग रहा था. थोड़ी से उलटी हो गयी.
अमन : सर लगता है मैडम को नशा हो गया, इसलिए अस्वस्थ लग रहा. इनको थोड़ा आराम की जरुरत है.
अनीश: हाँ संध्या थोड़ा पानी पी लो. ठीक लगेगा.
अमन: सर मैडम को थोड़ा पैर ऒर शोल्डर की मसाज कर के देता हूँ..थोड़ा ठीक लगेगा.
अनीश: हाँ.. कर दो जल्दी से..कहा करोगे मसाज.
अमन: वहा नारियल के पेड़ के पीछे त्तते की छोटी सी दीवाल लगायी है..कोई देख नहीं पायेगा. मैं वहा पर चटाई और चादर बिछा कर आता हूँ.
अनीश मुझे पीठ पर अपने हातों से सहला रहा था. मुझे अस्वस्थ लग रहा था. मुझे ऒर अनीश को काफी नशा भी हो गया था. तभी अमन आया..चलो मैडम..सब रेडी है..
अनीश मुझे सहारा देकर नशे की हालत में धीरे धीरे नारियल के पेड़ की पीछे ले कर गये. वहा अमन ने निचे बहुत बड़ी चटाई बीघा दी थी ऒर उसपर मोटी चादर ऒर बाजू में कुछ टॉवल ऒर मसाज का तेल रखा था.
मैं उसपर लेट गयी. अमन मेरे पैरों पर तेल लगाकर मालिश करने लगा. मेरे तलवों पर तेल लगाकर अपने बड़े खुरदूरे हाथ से रगड़ने लगा.
अमन: सर मैडम की टॉप पर तेल लग जायेगा. क्या इसको निकाल ले.
अनीश: हाँ, निकाल लो. नयी है ख़राब हो जाएगी.
अमन ने मेरा टॉप निकाल लिया ऒर मेरे मम्मों पर टॉवल रख कर ढक दिया.
अनीश: अमन तुम्हारे कपड़ो पर भी तेल लग जायेगा..तुम भी निकाल लो.
अमन : जी सर (अमन ने अपना शर्ट निकाल दिया..उसका गठीला बदन था..ऒर बॉलों वाला शरीर था, उसने पैंट निकाल दी. अब वो सिर्फ उसकी टाइट ब्रीफ्स में था. भरी मासलदार जांघों में उसके लण्ड का उभार बहुत बड़ा था.
अनीश: अमन तेरी बॉडी तो मस्त है.. रोज जिम में जाता है?
अमन: हाँ सर, होटल की जिम है. मेरी शिफ्ट ख़तम होने के बाद रोज २ घंटे कसरत करता हूँ.
अमन ने मेरा एक पैर उठाकर अपनी गोदी में ले लिए ऒर दोनों हातों से तेल लगाकर मसाज करने लगा. जब भी वह अपने हाथ मेरे घटने से निचे रगड़ता, मेरा पैर उसकी ब्रीफ्स के ऊपर उसके लण्ड को छू जाता. उसके लण्ड के उभार के स्पर्श से मेरे शरीर में करंट दौड़ जाता. अमन ने अब मेरे दूसरा पैर उठा लिया ऒर तेल लगाने लगा.
अनीश: मैडम अब कैसे लग रहा हैं..(मेरा पैर उसके ब्रीफ्स को छू रहा था)
मैं: आह..! बहुत मस्त लग रहा अमन... आपके हातों में जादू है. (अमन खुश हो गया ..जोर से मेरा पैर निचे की ऒर खिंचा ऒर मेरा पैर उसके गरम, कड़क लण्ड को दबा दिया, मैंने देखा की उसका लण्ड अब ब्रीफ्स में कड़क हो गया था. इधर अनीश का लण्ड भी उसकी ब्रीफ्स में उछल रहा था..बड़ा उभार बन गया था)
फिर अमन उठकर मेरे सर के पास बैठ गया ऒर मेरे कंधो - ऒर गले पर तेल डाल कर मसाज करने लगा. गले से उसका हात फिसल कर कभी- कभी मेरे मम्मों को छू जाता. मेरी चूचियां अब उसके हातों के स्पर्श से कड़क हो गयी थी. अब वह मेरे पेट पर बहुत सारा तेल डाल दिया ऒर मसाज करने लगा. उसके कारन उसको मुझ पर झुकना पड़ता ऒर उसकी ब्रीफ्स मेरे चहरे के ऊपर आ जाती. उसकी ब्रीफ्स से मुझे उसके लण्ड ऒर पेशाब की बदबू आ रही थी. एक दो बार उसकी ब्रीफ्स का उभार मेरे ओंठों ऒर चहरे पर फिसल गया.
अनीश सब आंखें फाड़ कर देख रहा था. उसको मजा आ रहा था. वह अपनी शॉर्ट्स के ऊपर से अपना लण्ड सहला रहा था.
आमना: मैडम अब ठीक लग रहा हैं ?
मैं: हाँ अब ठीक लग रहा हैं.
अनीश: ठीक हैं मैडम अब आप पलट कर सो जाओ. सर..आप की फेनी बची हैं..क्या आप उसको ख़तम करना चाहेंगे.
मैं पलटकर सो गयी. अमन फिर से मेरे पैरों के पास आ गया. अमन अब मेरे जांघों पर तेल लगा रहा था. अनीश फेनी पिने अपने टेबल पर चला गया.
अमन: मैडम आपकी स्कर्ट पर तेल लग जायेगा, इसको उतर देता हूँ.
मेरे जवाब की प्रतीक्षा किये बिना, अमन ने मेरा स्कर्ट पकड़ लिया ऒर उसके सात मेरी पैंटी भी निचे खींच ली. मैंने भी गांड ऊपर कर के उसको मेरी पैंटी ऒर स्कर्ट निकालने को आसानी कर दी. अमन ने मेरी गांड पर छोटा सा नैपकिन रख कर ढक दी. अब मैं बिलकुल नंगी सोई थी. अमन मेरी गांड पर तेल डाल कर मेरे नितम्ब दबा रहा था. अमन के मर्दाने हात मेरे शरीर को अजीब सुख दे रहे थे. मैं अब बहुत गरम हो गयी थी. मैं कमजोर पड़ रही थी. उस स्थिति में अमन मेरे सात कुछ भी करता तो मैं मना नहीं करती. मेरी पीठ को भी अमन ने अच्छी से तेल से रगड़ा ..ऒर फिर से मुझे सीधे सोने को कहा.
अब जब में सीधे सो गयी तो मेरी बूब्स ऒर गांड का नेपकिन साइड में गिर गया. इस बार अमन ने उसे ढका नहीं. मैं उसके सामने पूरी नंगी सोई थी. मैं घूर-घूर कर उसके नंगे बदन को देखती ऒर उसकी ब्रीफ्स को. उसकी ब्रीफ्स..कुछ गीली हो गयी थी - precum के कारन. अब अमन मेरे मम्मे के आजु बाजू मसाज करने लगा. वह मेरे पेट से लेकर जांघों तक अपने हात लेकर जाता. पर उसने अभी तक ना मेरे निप्पल्स को छुआ था, ना मेरी चुत को. मेरी चुत बहुत गरम हो गयी थी. गीली हो गयी थी.
तभी अनीश वहा पर अपना गिलास लेकर आ गया ऒर मेरे बाजू में बैठ गया.
अनीश: अरे वाह ! अमन तू तो मस्त मसाज दे रहा है. संध्या तेल में चमक रही हैं. बहुत खूबसूरत लग रही हैं. क्या कहते हो अमन?
अमन: हाँ सर , मैडम बहुत खूबसूरत है.. आप बहुत लकी हो. (अमन अब मेरे जांघों के बिच हात फेर रहा था)
अनीश: हाँ..अच्छी से मसाज करो वहा अमन..देखो..संध्या की चुत कैसे पाणी टपका रही हैं.
अमन: जी सर..इतनी खूबसूरत चुत मैंने पहली बार देखी. ऐसी चुत तो यह जो बीच पर विदेशी महिलाये हैं , उनकी भी नहीं होती. मैंने बहुत सारी विदेशी औरतों को मसाज किया ऒर उनकी चुत बहुत पास से देखी हैं, मैडम की चुत बहुत सुन्दर ऒर फुल्ली हुई हैं.
ऒर वह फिर से मेरे जांघों के बिच तेल डाल कर मसाज करने लगा. पर अभी भी उसने मेरी चुत को छुआ नहीं था. मुझे बड़ी शर्म आ रही थी. अपने पति अनीश के सामने में किसी पराये मर्द के सामने पूरी नंगी थी. ऒर वह मेरे शरीर , मेरे आंग को छू रहा था, रगड़ रहा था, मसल रहा था. मैं बहुत उत्तेजित हो गयी थी. अनीश को कभी नशा हो गया था. वह आंखे फाडफाडकर अमन को मुझे रगड़ता देख रहा था. मैंने अनीश का हात अपने हात में पकड़ लिया. अनीश ने मुझे देखा..बोले - कुछ सोचो मत, सिर्फ आनंद लो.
अनीश: अमन यह बात अच्छी नहीं. संध्या पूरी नंगी हैं ऒर हम लोग नहीं.हम सब को नंगा हो जाना चाहिए.
ऐसे बोल कर अनीश ने अपनी शॉर्ट्स निकाल दी. शार्ट निकालते जी उसका लण्ड फनफनाकर आसमान को देखने लगा..पूरा १८० डिग्री तन कर खड़ा था. अमन ने भी अपनी ब्रीफ्स निकाल दी. उसका कटा हुआ काला लण्ड - नाग की तरह फुफकार रहा था. उसका लण्ड उसके घुटने तक आ रहा था १०-११ इंच का बड़ा जहरीला अजगर लग रहा था.
अनीश: अमन तेरा लण्ड तो बहुत बड़ा ऒर मोटा है.. संध्या तुम भी देखो..हात लगा कर .
मैंने बेशरम होकर अमन का लण्ड पकड़ लिया..उसका लण्ड मेरे एक हात में नहीं समां रहा था. उसकी लण्ड के टोपे से precum की शहद जैसे चिपचिपी बुँदे जमा हो गयी थी. अमन अभी भी मेरे जांघों के बीच, मेरी चुत के आजु बाजू तेल लगाकर मसाज कर रहा था. मैंने मेरे दोनों पैर उठाकर अपनी छाती से लगा दिये. इस के कारन मेरी चुत ऊपर खुलकर आ गयी. अनीश ने मेरी चुत पर हात रखकर सहलाने लगा. अमन ने वैसे उसका हात निकाल दिया.
अमन: रुको सर..थोड़ा देर..
मैं सिसक रही थी..तड़प रही थी..नशा हो रहा था -- फेनी का ऒर चुदने का ..
मैं: आह..उफ़....अब डाल दो
अमन: कैसे लग रहा मैडम...
मैं: बहुत मस्त..आह....अब अंदर डाल दो..प्लीज..
अमन: क्या डालना हैं मैडम ? अंदर मतलब कहा ..?
मैं: चोद दो मुझे...डाल दो अंदर..
अमन: अंदर मतलब बताओ मैडम.. क्या है?
मैं: मेरी चुत..उसमे डाल दो..आह..उह..
अमन अभी भी मेरी चुत के आजु बाजू तेल से रगड़ रहा था..मेरी चुत गीली हो रही थी. मैं पागलों जैसे छटपटा रही थी.
अमन: क्या डालना है मैडम आपकी चुत में.. ठीक से बता दो..
मैं: लण्ड डाल दो..जल्दी से..मेरी चुत में आग लग गयी हैं..
अमन: किसका लण्ड. डालना है मैडम ,,..साहब का ..या मेरा...
मैं: तेरा डाल से..मेरी चुत की मसाज तेरे लण्ड से कर दे..
मैंने ऐसा कहते ही अमन ने अपना लण्ड मेरी चुत पर रख कर धक्का मार दिया...उसका आधा कटा हुआ लण्ड मेरी चुत में चला गया.
मैं: आह...उफ़...अनीश...
अनीश सिर्फ फटी आँखों से देख रहा था. उसको अपेक्षित नहीं था की उसका खेल यह रंग लाएगा. वह अपने लण्ड को पकड़कर हिला रहा था.
अनीश: अमन चोद दे इसकी चुत..इस रंडी की चुदाई कर दे अच्छी से...
अनीश के मुँह से यह सुन कर मैं हैरान हो गयी. मुझे अंदाजा था की अनीश को मेरा नंगे शरीर का प्रदर्शन कर के अच्छा लगता है..पर उसको ऐसे मुझे पराये मर्द से चुदता देख आनंद आएगा यह मुझे अपेक्षित नहीं था. अमन का कटा हुआ लण्ड मेरे चुत की अंदर की दिवार छू रहा था...ऒर रगड़ रहा था..मैं इस सब घटना से इतनी जोश में आ गयी..मैं अमन के लण्ड पर अपनी चुत का पाणी छोड़ने लगी. मैं कांप गयी..वैसे अमन ने मुझे झुक कर .मेरे ओंठों को चूसना शुरू किया.. मैं आह..उफ़..कर के ३-४ मिनट तक उसके लण्ड पर झड़ती रही..ऒर उसका लण्ड अब मेरे चुत के पाणी से पूरा गिला ऒर चिकना हो गया था. अमन अब फिर से उठा, मेरे पैर ऊपर अपने कन्धों पर ले लिए ऒर धीरे धीरे अपना लण्ड पूरा अंदर घुसाकर आगे पीछे चोदने लगा. मेरी चुत की चिकनाहट से उसका पूरा ११ इंच का लण्ड मेरी चुत में घुस रहा था.
अमन: कैसे लग रहा मैडम.. कैसा हैं मेरा लण्ड..
मैं: आह अमन..तुम्हारा लण्ड तो बड़ा अजगर हैं..मेरी चुत खा लेगा..
अमन: वाह रानी... तेरी चुत भी बहुत मस्त गरम ऒर कसी हुई हैं. अनीश, मेरा इतना बड़ा ऒर मोटा लण्ड बहुत कम औरतें पूरा चुत के अंदर तक लेती है.. पर तेरी बीवी तो मेरा पूरा लण्ड आसानी से निगल गयी. लगता हैं इसकी चुत बहुत भुकी हैं ऒर इसने बड़े बड़े लण्ड खाये है.
अनीश: हाँ अमन इसकी चुत बहुत भुकी है. पर शादी की पहली रात यह कुंवारी थी. इसकी सील मैंने तोड़ी थी. बहुत खून बहा था.
अमन चुत का खिलाडी था. उसने मेरी चुत को देखकर पहचान लिया था की..लम्बी रेस की घोड़ी है ऒर बहुत सारे लण्ड का स्वाद चख चुकी हैं.
आमना: बता भुकी चुत.. किसके लण्ड से ज्यादा मजा आता है..मेरे या तेरे पति के..
(अमन मुझे प्यार से चोद रहा था..उसका लण्ड मेरी चुत के अंदर तक जा रहा था)
मैं: आह अमन तेरा लण्ड..अंदर तक जाता है,,
अमन: तेरे पति का लण्ड तो बहुत छोटा है .. बच्चे की तरह.. इतना लण्ड तो मेरा १० साल की उम्र में था..
मैं: हाँ एकदम छोटा सा बच्चे का लण्ड है..
अमन: बोल किसका लण्ड चाहीये तुझे.. मेरा या अनीश का
(अमन की भाषा अब बदल गयी थी..वो मुझे पहले ही रांड बोल चूका था. अब अनीश भी साहब से सिर्फ अनीश बन गया था. वह हम दोनों पर हावी हो रहा था. उसका प्रभुत्व दिखा रहा था. वह अब लम्बे लम्बे स्ट्रोक लगा कर मेरी चुत की कुटाई कर रहा था. मेरी चुत उसकी कुटाई से पीस रही थी..गीली हो रही थी. पाणी का झरना बहा रही थी )
मैं: तेरा लण्ड अमन..मुझे तेरा लण्ड चाहिए.
अमन: देख अनीश..तेरी बीवी मेरी रांड बन गयी..क्या करू..तू चोदेगा या मैं चोदू.?
अनीश: तू चोद दे उसको..इसकी चुत की आग शांत कर दे..मेरे ६ इंच की नुन्नी से इसकी प्यास नहीं बुझने वाली. तेरा ११ इंच के गधे जैसे लण्ड से इसको चोद दे.
अमन: हाँ पर अगर मैं इसको चोदूँगा तो मेरा माल भी इसकी चुत के अंदर डाल दूंगा. क्या तुझे मुल्ले के कटे हुए लण्ड का पाणी तेरी संस्कारी बीवी की चुत में डालना पसंद आएगा.
अनीश: हां अमन..डाल दो ..तेरे कटे लण्ड का पाणी इसकी गरम चुत में डाल दे..
अमन अब जोर जोर से मेरी चुत को चोद रहा था..उसकी बड़ी बड़ी लटकी हुई गोटिया..मेरी गांड पर..थप..थप..थप..की आवाज कर रही थी. मैंने अनीश को मेरे तरफ खींच लिया..ऒर उसका लण्ड अपने मुँह में ले लिया .. उसका लण्ड पूरा गले तक चूसने में मजा आता था..छोटा था पर मोटा लोल्लिपोप था. मैं उसकी गोटियां भी चाटने लगी.
अमन: आह..क्या मस्त चुत है..कसी हुई..गरम.. मेरा पाणी निकाल जायेगा. अनीश इसकी चुत में पाणी गिरा दू.?
अनीश; हाँ डाल दे अमन..इसकी चुत तेरे पाणी से गिला कर दे..
अमन: हाँ पर इसकी चुत साफ़ भी तू ही करेगा..चाट कर. तुझे इसकी चुत में से मेरा माल चाटकर साफ़ करना पड़ेगा.
अनीश: हाँ मैं मेरी बीवी की चुत चाट कर साफ कर दूंगा अमन..डाल दे अब इसकी चुत में अपना पाणी. इसकी चुत की प्यास बुझा दे..
मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ.. अनीश सब करने को राजी हो गया था. अमन एक प्रौढ़ परिपक्व ऒर अनुभवी आदमी था. उसने अनीश की मानसिकता ऒर उसकी कमजोरी आसानी से पकड़ ली थी. ऒर मेरी भी.
अमन अब जोर जोर से मुझे चोदने लगा..मैं गरम होकर तड़प रही थी..मैंने कसकर अपने पैरों मैं अमन की गांड जकड ली...ऒर फिर से उसके लण्ड पर झड़ने लगी..अमन भी आह..ले रांड..ले मेरे लण्ड का रस..
तभी अनीश भी..उह...हाँ पीला दे इसको..मुल्ले कटे लण्ड का रस..इसकी चुत भीगा दे..ऒर अनीश मेरे मुँह में झड़ने लगा..
मेरी चुत से बहुत सारा पाणी का झरना बहा ऒर अमन के लण्ड को भिगाकर पूरा गिला कर दिया..अमन..ने १०-१५ झटके लगा लगा कर मेरे चुत के अंदर उसके पाणी का फंवारा उड़ाया. उसका गरम गाढ़ा पाणी मेरे चुत के अंदर तक चला गया.. उसकी गर्माहट मुझे मेरी चुत के अंदर महसूस हुई. अनीश ने भी उसका सारा माल मेरे मुँह में डाल दिया था. मैं बड़े प्यार से उसके लण्ड को चूस रही थी ऒर उसका गाढ़ा वीर्य पी रही थी. अमन वैसे ही कुछ देर तक मेरे ऊपर पड़ा रहा.. फिर उसने धीरे से अपना लण्ड बहार निकाल लिया..मेरी चुत से उसका पाणी निचे बहने लगा..तभी अनीश वहा आ गया ऒर मेरी चुत चाटने लगा. मेरी चुत को चाट चाट कर वह सारा पाणी..मेरी चुत ऒर अमन के लण्ड से निकला हुआ - चाट कर साफ कर दिया. उसने मेरे चुत के अंदर भी जीभ डाल कर उस मुल्ले का सारा पाणी पी लिया. अनीश बहुत खुश लग रहा था.
अमन ने गीले टॉवल से मेरा सारा शरीर पोंछ डाला. अमन एक प्रोफेशनल मसाजर था. उसको कहा कैसे बोलना ऒर व्यवहार करना यह ठीक से पता था.
अमन: सर खुश हो ना .. कोई गलती तो नहीं. अगर कोई गलतु हुई होगी तो माफ़ कर देना.मेरा काम बस आप लोगों की सेवा करना है.
अनीश: अमन बहुत मजा आया.. कोई गलती नहीं हुई. सब एकदम ठीक हुआ.
अमन: सर अब सूरज ढलने वाला हैं..आप सनसेट का नजारा देख सकते या बीच पर फिर से एन्जॉय कर सकते हैं.
अनीश: हम बीच पर चले जायेंगे फिर से. संध्या अब तू सिर्फ स्कर्ट पहन लो..पैंटी मत पहनो. अमन तुम संध्या की पैंटी ले कर जाओ ..रूम में रख देना.
अमन खुश हो गया. उसने मेरी पैंटी ख़ुशी से ले ली.
हम धीरे धीरे बीच पर चले गए. सनसेट देखने काफी लोग आ गए थे. सब फिरंगी थे.. ऒर लगभग नंगे या नहीं के बराबर कपडे थे. अनीश मुझे पाणी के अंदर..ले गए. अभी भी हम थोड़ा नशे में थे.. उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिए ऒर प्यार करने लगा. पाणी में मेरी स्कर्ट ऒर टॉप मेरे अंगों से चिपक गयी. मेरे गीले कपड़ो में मेरा नंगा शरीर पूरा दिख रहा था.
अनीश: संध्या ..तुम खुश हो ना. तुझे बुरा नहीं लगा ना.
मैं: अनीश आप मेरे पति हो. आप बोलो..क्या आप खुश हो
अनीश: हाँ संध्या. मैं बहुत खुश हूँ. तुम्हे ऐसे लोगों के सामने नंगा दिखाने मैं मुझे बहुत ख़ुशी मिलती है.. तुम इतनी सुन्दर हो. मुझे बहुत गर्व होता है जब कोई दूसरा मर्द तुम्हे लालची नजर से देखता है, या चोदता हैं.
मैं: मुझे यह ठीक नहीं लगता अनीश. पर तुम मेरे पति हो..मैं तुम्हारा पूरा साथ दूंगी.
अनीश ने मेरी स्कर्ट के अंदर हात डाल कर मेरे चुत के अंदर एक ऊँगली डाल दी. मैं भी उसका लण्ड सहलाने लगी. अनीश का लण्ड अब फिर से तन कर खड़ा हो गया था. तभी हमने देखा..हमारे पास एक बहुत ही सुन्दर ऒर जवान फिरंगी जोड़ा था. वह एक दूसरे को चुम रहे थे. औरत उस आदमी की गर्दन पर लटक रही थी. अपने दोनों पैरों से उस आदमी की कमर को जकड कर बैठी थी ऒर समुद्र के पाणी में उसके लण्ड पर बैठ कर उछल रही थी. यह देखकर हम ऒर गरम हो गए. उनको देखकर हम भी एक दूर को चूमने लगे ऒर अनीश ने मेरा पूरा स्कर्ट ऊपर कर दी ...पाणी के लहरों में मेरी स्कर्ट ऊपर हो जाती ऒर मेरी खुली गांड ऒर चुत दिख रही थी. मैंने भी अनीश की शॉर्ट्स नीच कर दी ऒर उसके लण्ड को सहलाने लगी.
तभी पाणी के लहरों की बहाव से वो जोड़ा हमारे पास आ गया . उनकी उम्र कुछ २०-२१ लग रही थी. दोनों के बाल सुनहरे थे. बहुत सुन्दर कसा हुआ शरीर था. ग्रीक बूत की तरह तराशा संगमरमर का बदन, गहरी नीली-हरी ऑंखें..जैसे स्वर्ग से कोई सुन्दर गन्धर्व ऒर अप्सरा आये हो. उन्होंने मुस्कराकर हमें - हाई किया. हमने भी गर्मजोशी से जवाब दिया.
आदमी: (इंग्लिश मैं) - सनसेट का नजारा बहुत सुन्दर है. आप दोनों बहुत सुन्दर लग रहे हो.
अनीश: हाँ सच मैं बहुत सुन्दर है. आप दोनों भी सुन्दर हो. कहा से हो.
अब वह दोनों हमारे बहुत पास आ गए. वह औरत वैसे ही उस आदमी पर लटक कर उसके लण्ड पर बैठी थी समुद्र की लहरों के साथ वो उसके लण्ड पर ऊपर निचे उछलती.
आदमी ने आगे हाथ बढ़ाया : मेरा नाम बेन हैं ऒर यह मेरी गर्लफ्रेंड सारा हैं. हम दोनों इसराइल से हैं.
अनीश: मेरा नाम अनीश है, यह मेरी पत्नी संध्या हैं. हम बंगलोर से हैं. क्या आप इसी होटल में रुके हैं.
बेन: हाँ हम इसी होटल में हैं. हमारा १५ लोगों का ग्रुप हैं.
तभी एक तेज लहर आयी.. ऒर बेन ने ऊपर उछल कर..सारा की चुत में फिर से अंदर तक अपन लण्ड घुसा दिया.. उसका लण्ड सारा की चुत मैं था, इसलिए लम्बाई पता नहीं चल रही थी पर..बहुत मोटा लग रहा था.
यह देख कर अनीश भी जोश में आ गया..उसने भी मुझे कन्धों तक उठा दिया ऒर मेरे दोनों पैर कमर पर ले लिए ऒर मेरी चुत में अपना लण्ड घुसा दिया.
यह देखकर बेन ऒर सारा भी बहुत खुश हो गए : उसने अंगूठा दिखा कर - चियर्स ! किया
अब समुद्र के पाणी के तेज लहरों में बेन ऒर अनीश दोनों उछल उछल कर आसानी से चुदाई कर रहे थे. बेन ने मुझे देखा. उसकी हरी आँखों में मैं खो गयी. वो चोद सारा को रहा था पर आँखें मुझसे लड़ा रहा था. मैं भी अनीश के लण्ड पर उछल उछल कर चुद रही थी, पर बेन की आँखों से खुद को चुदवा रही थी. उसी मदहोशी में मैं अनीश के लण्ड पर झड़ने लगी..आह..ओह्ह.......ओह अनीश..
उधर सारा भी बेन के लण्ड पर झड़ने लगी..ऒर बेन भी कराहने लगा : ..आह..येह.. फक यू बेबी .. फक योर इंडियन पुस्सी..उसकी चुत में झड़ गया.
सारा तो इस्राइली थी. फिर बेन ने उसको ..फक योर इंडियन पुस्सी .. क्यों कहा..वह यह सब मेरी तरफ देख कर बोल रहा था. क्या उसको मेरी चुत लेनी थी.?
बना: मजा आ गया अनीश. आप दोनों बहुत सेक्सी ऒर सुन्दर कपल हो.
अनीश: थैंक यू बेन. आप दोनों भी बहुत मस्त हो. तुम दोनों से मिलकर बहुत ख़ुशी हुई.
बेन: हमारा ग्रुप रात को यहाँ पार्टी करने वाले है. क्या आप आयेंगे?
अनीश: अगर आप को कोई दिक्कत नहीं तो जरूर आयेंगे. ऐसे भी हम दोनों अकेले हैं.
बेन खुश हुआ...ओके अनीश एंड संध्या..आपको पार्टी में मिलते है. ऒर हाँ पार्टी ड्रेस कोड सिर्फ स्विमिंग ड्रेस हैं आप दोनों ठीक रात को ९ बजे आ जाना. उन नारियल के पेड़ के पास.
नारियल के पेड़ के जिक्र से मैं शर्मा गयी. मुझे अमन की चुदाई याद आ आयी.
हम धीरे धीरे पाणी से बहार आने लगे. बेन की शॉर्ट्स अभी भी निचे घुटने तक थी. उसका पूरा लण्ड दिख गया. सुकड़ कर भी वो अच्छा ६-7 इंच का खूबसूरत मोटा गोरा गुलाबी लण्ड था. उसका लण्ड भी अमन की तरह कटा हुआ था. मुझे देखकर बेन ने आँख मारी ऒर अपनी शॉर्ट्स धीरे से ऊपर कर दी. मैं शर्मा कर मुस्करा दी.