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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
#50
मंजू ने थोड़ी जबरदस्ती से अपना छोटा पैक खत्म किया। मैंने भी अपने दो पैक तब तक खत्म कर लिए। हमने थोड़ी देर ऐसे ही इधर उधर की बातें की ताकि मंजू नार्मल हो जाए।

थोड़ी देर में कमरे का माहौल नार्मल हो गया। अब मैंने मंजू को खड़ा किया और उसके पीछे आ गया। मंजू ने बैकलेस ब्लाउज पहना हुआ था जो सिर्फ एक डोरी की नोक पर टीका था।

मैंने मंजू को दीवाल के सहारे टिकाया और उसकी पीठ के ऊपरी हिस्से या यूँ कहे सर का पिछला हिस्सा जहाँ जहाँ खत्म होता है वहाँ किस किया। फिर मैंने उसके बालो को अपनी मुट्ठी में समेटते हुए उसका सर आगे की ओर झुकाया और उसके गर्दन को जीभ से चाटने लगा। मगर्दन पर लगातार चूमने से मंजू की सिसकारिया निकल रही थी। पूरे पीठ को मैं लगातार चूमता रहा और मंजू लगातार सिसकारिया लेती रही। फिर उसकी पूरी पीठ चूमने के क्रम में उसके ब्लाउज का डोर आया जिसे मैंने खोल दिया और मंजू की पूरी पीठ नंगी हो गई।

ब्लाउज कुछ इस तरह का था-

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इस पतली डोर के खुलते ही मंजू के स्तन को ब्लाउज का सिर्फ ऊपरी हिस्सा ढक रहा था। इस तरह मैंने उसे कमर तक चूमा। मंजू का पिछला हिस्सा जो कि कमर से ऊपर पूरा नंगा था उसे मैंने जमकर रगड़ा। फिर मैंने मंजू को अपनी ओर मोड़ा और उसकी साड़ी के पल्लू को नीचे की ओर गिराया। क्लीवेज दिखाता ब्लाउज जिसकी डोर पहले ही पीछे से हट चुकी थी ओ बस मानो किसी तरह मंजू के बूब्स को ढँक पा रहा था। ओ ढक क्या रहा था, ब्लाउज होने के बाबजूद आधा बूब्स दिख ही रहा था जो उसको और सेक्सी बना रहा था और मेरा लंड पूरा तन के खड़ा था। मेरे लंड के अकड़पन को मंजू का शरीर भी महसूस कर पा रहा था।

अब मैंने फिर मंजू के सिर को बालो से पकड़ कर पीछे की ओर धकेला और उसके चेहरे के नीचे से गालों को चूमना स्टार्ट किया। मेरी जीभ लगातार मंजू के अंगों को चूम रही थी या यूँ कहे उसकी उत्तेजना को बढ़ा रही थी। आज मैं मंजू के साथ बिल्कुल निफिक्र होकर खेलना चाह रहा था। जीभ से गर्दन चूमते चूमते मैंने अचानक उसको उठाया और बेड पर रखा।

बेड पर रखने से मंजू की साड़ी का पल्लू जो पहले ही नीचे गिरा था, उसकी साड़ी और पेटीकोट भी अस्त व्यस्त हो गई और दोनों घुटने तक ऊपर उठ गए। इधर उसका ब्लाउज किसी तरह उसके बूब्स से चिपका रहा। फिर मैं भी मंजू के शरीर के ऊपर चढ़ा और उसके छाती के पास जा के अपने जीभ से उसकी छाती को चाटने लगा। मंजू की उत्तेजना लगातार बढ़ती जा रही थी। उसके बूब्स पर ब्लाउज मानो इस वक्त एक रुमाल जैसा था जो बस यह साबित कर रहा था की बूब्स अभी छुपे हुए है और इस हालत में बूब्स और भी मादक लग रहें थे। फिर मैंने अपने जीभ को बूब्स वाले हिस्से को छोड़ कर पेट पर ले आया और उसके पेट को चाटना जारी रखा। साथ ही मैंने अपना एक हाथ ब्लाउज के नीचे डाला और उसके बाए बूब्स को अपने हाथों में पकड़ने की कोशिश की। उसके फुल साइज बूब्स जिनका साइज 36 होगा तो पकड़कर मैं मसलने लगा। बूब्स को मसलने से मंजू की आह आह की चीख निकल रही थी।

मैंने उसके दोनों बूब्स को जमकर मसला जिससे ओ पूरी तरह मदहोश थी और उसके मन में अभी किसी तरह का भय दूर दूर तक नहीं था।  इसी दौरान मैंने उसके ब्लाउज को भी फेक दिया और अब मंजू कमर के ऊपर पूरी तरह नंगी थी।

अब मैं मंजू के शरीर से उतर कर बेड पर लेट गया और मंजू को अपनी ओर खींचा। अब मंजू मेरे ऊपर थी और एक समझदार पार्टनर की तरह ओ जानती थी कि उसे अब क्या करना है।

मंजू ने मेरे चेहरे को चूमना स्टार्ट किया। फिर ओ कमर के पास अपनी उंगलियां ले गई और बड़े ही सेक्सी अंदाज़ में ऊँगली फेरते हुए टीशर्ट को ऊपर किया और निकाला। फिर ओ मेरे बनियान को निचले हिस्से से ऊपर की ओर ले जाने लगी और साथ में मेरे पूरे पेट को ओ अपने जीभ से चाटने लगी। जीभ से चाटते चाटते ओ बनियान को गर्दन तक ले गई और फिर उसे भी निकाल फेका। अब हम दोनों कमर के ऊपर नंगे हो चुके थे और दोनों एक दूसरे के शरीर को आपस में रगड़ रहें थे।
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 03-11-2022, 09:42 AM



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