02-11-2022, 01:35 PM
मंजू अपने सेक्सी ट्रांसपेरेंट साड़ी और स्लीवलेस बैकलेस ब्लाउज में थी। आज मंजू के कमरे में, उसके बेडरूम में ही मुझे उसके साथ सुहागरात मनाना है।
मंजू ने कमरे में घुसते ही कमरे को अंदर से लॉक किया और मेरे बगल में आकर लेट गई। उसने अपने सर को मेरे कंधे पर रखा और पूछा कि शिल्पी और मनीष को कुछ शक तो नहीं हुआ। मैं मंजू की ओर मुड़ा और उसकी पीठ पर हाथ रखते हुए हसते हुए कहा पता लग भी गया तो क्या हुआ?
मंजू थोड़ी डर गई थी और बोली नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए।
मैं - कुछ नहीं होगा। मैं शिल्पी और मनीष से बात कर लूंगा।
ऐसा बोला कर मैंने मंजू के माथे पर किस किया। मंजू की आँखे बंद हो गई और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और "आई लव यूँ " बोला। मैं भी उसको कस के पकडे रहा और मन ही मन सोच रहा था कि साला मैं दोनों मां बेटी (मंजू और शिल्पी ) को एक साथ चोदना चाहता हूँ और ये है कि इतना डर रही है।
मेरे दिमाग में अब मनीष को और शिल्पी को कैसे मैनेज करना है ये चल रहा था। मंजू भी थोड़ी मन में डरी हुई थी इसलिए मैंने उसे खुद से पकडे रखा। फिर मैंने उससे कहा कि तुम टेंशन ना लो और खुद से अलग किया।
ओ मेरे तरफ उम्मीदभरी नज़रों से देख रही थी और मैं उसको लगातार यह समझाने की कोशिश कर रहा था कि कुछ नहीं होगा। एक औरत के मन में सबसे बड़ा डर यही होता है कि कोई बात उसके पति या बच्चों को ना पता चले और मैं यह बात बखूबी समझ रहा था। फिर भी मैं उसे समझाया और बोला कि चलो जाओ पानी ले के आओ। मंजू समझी लेकिन अभी भी थोड़ी उदासी थी उसके चेहरे पर जिसको मैं देख पा रहा था। मंजू जब तक पानी लायी मैंने हाल में जाकर फ्रिज से कोल्ड्रिंक्स और छत से वाइन की एक छोटी बोतल ले आया।
मंजू जब पानी लेकर अंदर घुसी तो ये सब देखकर पूछी कि क्या है ये सब।
मैं - जो है सामने है देख लो।
मंजू - तुम भी पीओगे क्या?
मैं - हम पीयेंगे आज
मंजू - नहीं, मुझे नहीं पीना
मैं - एक बार टॉई करो, फिर अच्छा ना लगे तो मत पीना।
फिर मैंने एक छोटा पैक मंजू के लिए बनाया और खुद के लिए लार्ज और दोनों ने चियर्स किया।
मंजू ने कमरे में घुसते ही कमरे को अंदर से लॉक किया और मेरे बगल में आकर लेट गई। उसने अपने सर को मेरे कंधे पर रखा और पूछा कि शिल्पी और मनीष को कुछ शक तो नहीं हुआ। मैं मंजू की ओर मुड़ा और उसकी पीठ पर हाथ रखते हुए हसते हुए कहा पता लग भी गया तो क्या हुआ?
मंजू थोड़ी डर गई थी और बोली नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए।
मैं - कुछ नहीं होगा। मैं शिल्पी और मनीष से बात कर लूंगा।
ऐसा बोला कर मैंने मंजू के माथे पर किस किया। मंजू की आँखे बंद हो गई और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और "आई लव यूँ " बोला। मैं भी उसको कस के पकडे रहा और मन ही मन सोच रहा था कि साला मैं दोनों मां बेटी (मंजू और शिल्पी ) को एक साथ चोदना चाहता हूँ और ये है कि इतना डर रही है।
मेरे दिमाग में अब मनीष को और शिल्पी को कैसे मैनेज करना है ये चल रहा था। मंजू भी थोड़ी मन में डरी हुई थी इसलिए मैंने उसे खुद से पकडे रखा। फिर मैंने उससे कहा कि तुम टेंशन ना लो और खुद से अलग किया।
ओ मेरे तरफ उम्मीदभरी नज़रों से देख रही थी और मैं उसको लगातार यह समझाने की कोशिश कर रहा था कि कुछ नहीं होगा। एक औरत के मन में सबसे बड़ा डर यही होता है कि कोई बात उसके पति या बच्चों को ना पता चले और मैं यह बात बखूबी समझ रहा था। फिर भी मैं उसे समझाया और बोला कि चलो जाओ पानी ले के आओ। मंजू समझी लेकिन अभी भी थोड़ी उदासी थी उसके चेहरे पर जिसको मैं देख पा रहा था। मंजू जब तक पानी लायी मैंने हाल में जाकर फ्रिज से कोल्ड्रिंक्स और छत से वाइन की एक छोटी बोतल ले आया।
मंजू जब पानी लेकर अंदर घुसी तो ये सब देखकर पूछी कि क्या है ये सब।
मैं - जो है सामने है देख लो।
मंजू - तुम भी पीओगे क्या?
मैं - हम पीयेंगे आज
मंजू - नहीं, मुझे नहीं पीना
मैं - एक बार टॉई करो, फिर अच्छा ना लगे तो मत पीना।
फिर मैंने एक छोटा पैक मंजू के लिए बनाया और खुद के लिए लार्ज और दोनों ने चियर्स किया।