28-05-2019, 11:34 PM
“प्यार का झरना-7”
अब आगे....
अब बारिश भी बहोत तेज़ हो रही थी, मेने जानू को पकड़ के बाहर लाया अब हमदोनों बारिश में भीग रहे थे. मेने जानू को मेरी आगोश मेंले लिया और मेरे होठ मेरी जानू के होंठ पर रखकर एकदूसरे को पागलो की तरह चूमने लगे.
उधर काजल हमें देख रही थी और अपने ही हाथो से चूची और चूत को मसल रही थी. मेने आगे बढ़ते हुई जानू की ब्रा निकाल दी और घुमाकर दोनों चूची सीधी कैमरा के सामने कर दिया. अब बारिश की बुँदे सीधी मेरी जानू की नंगी चूची पर गिर रही थी.
मेने पीछे से जकड लिया और फिर दोनों चूची को मसलने लगा. एक तो बारिश का असर और दुशरा मेरे दोनों हाथ चूची के ऊपर जाते ही क्रुपा के मुँह से एक तेज़ शिस्कारी निकाली ओह्ह्ह्हह.......मुह्हह्ह्ह्हह....... अह्हह्ह्ह्ह....... इस्स्स्सस्स्स्स.......उईईईईई.......
अब क्रुपा से रहा नहीं जा रहा था मेने वापस उसे मेरी और घुमाया फिर एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा. बारिश की तेज़ बुँदे आग में घी डालने का काम कर रहीथी.
मेने एक हाथ लेजाकर पेंटी के अंदर डाल दिया और चूत की फांको के ऊपर घूमाने लगा... फिर से मेरी जानू के मुँह से एक तेज़ शिशकी निकली शह्ह्ह्हह्ह...... आइइइइइ.... .... अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.....आममममम....उईईई...
और मेरे सर को उसकी चूची पर बुरी तरीके से दबा दिया... अब उससे सही से खड़ा भी नहीं रहा था
इधर में पुरे जोश में उसकी चूची और चूत का मज़ा ले रहा था. थोड़ी देर बाद मेने वापस उसको कैमरे के सामने घुमा दिया और पेंटी की इलास्टिक में हाथ डालकर उसको निचे कर दिया.
अब बारिश का ठंडा पानी सीधा चूत की फांको परसे निचे गिर रहा था....
काजल भी पूरी नंगी होकर एक हाथ से चूची और दूसरे से चूत की खातिरदारी में लगी हुई थी. मेने जैसे ही पेंटी निचे की काजल ने दोनों हाथो को होंठ की बिच लेकर एक सिटी मारी... और फिर वापस वो चूत में ऊँगली करने लगी.
मेरी जानू को खुले आसमान के निचे बरसती बारिश में चोदने की इच्छा थी जोकि वो आज पूरी होने जा रही थी. आज मेरी बरसो की ख्वाहिश पूरी होने वाली थी. ये सोचते ही मेरे शरीर से रोमांच की एक लहर निकली....
अब मेरा हाथ मेरी जानू की चूत पर था, मेने एक ऊँगली चूत के दाने पर रखकर उसकी मालिश करने लगा... ये उसका बहोत ही सेन्सिटिव भाग हे...
में अभी भी एक चूची की घुंडी को मसल रहा था और दूसरे हाथ से चूत के दाने को रगड़ रहा था. और मेरी जानू तेज़ तेज़ सिसकारियां निकाल रही थी और मुझसे बोल रहीथी प्लीज डार्लिंग अब रहा नहीं जा रहा डाल दोना तुम्हारा लंड मेरी चूत में.
में अभी भी उसको तड़पाना चाहता था, अब मेने वापस घुमाया और एक चूची को मुँह में भरलिया और एक ऊँगली सीधी चूत के अंदर डाल दी और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा...
मेरे इस दो तरफे हमले से अनजान थी...अब वो तेज़ तेज़ सिसकिया ले रही थी और बड़बड़ा रही थी.... अह्हह्ह्ह्ह उईईईईई..... अह्ह्ह्ह शह्ह्ह्हिई उम्म्ममममम..... प्लीसीएएएएए..... आआआअब....
ऑररररररररर मत तड़पाओ ऊऊऊओ.... अह्हह्ह्ह्ह.... ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.... शीइइइइइ.... अह्ह्ह्हहम्म्म्म....
वो बार बार चोदने को कह रही थी पर में अभी भी उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था.
क्रमश:
तो मेरे प्यारे भाइयो और भाभियो कैसा लगा मेरी कहानी का भाग.
आशा करता हु... मेरी ये कहानी पढ़ कर. आप सब के लंड और चूत से पानी निकला होगा
कृपया अपने अपने गंदे सुझाव ज़रूर भेजे मुझे...ताकि में बहोत जल्द एक हॉट और चूत फाडू अपडेट के साथ हाजिर हो शकू.
अब आगे....
अब बारिश भी बहोत तेज़ हो रही थी, मेने जानू को पकड़ के बाहर लाया अब हमदोनों बारिश में भीग रहे थे. मेने जानू को मेरी आगोश मेंले लिया और मेरे होठ मेरी जानू के होंठ पर रखकर एकदूसरे को पागलो की तरह चूमने लगे.
उधर काजल हमें देख रही थी और अपने ही हाथो से चूची और चूत को मसल रही थी. मेने आगे बढ़ते हुई जानू की ब्रा निकाल दी और घुमाकर दोनों चूची सीधी कैमरा के सामने कर दिया. अब बारिश की बुँदे सीधी मेरी जानू की नंगी चूची पर गिर रही थी.
मेने पीछे से जकड लिया और फिर दोनों चूची को मसलने लगा. एक तो बारिश का असर और दुशरा मेरे दोनों हाथ चूची के ऊपर जाते ही क्रुपा के मुँह से एक तेज़ शिस्कारी निकाली ओह्ह्ह्हह.......मुह्हह्ह्ह्हह....... अह्हह्ह्ह्ह....... इस्स्स्सस्स्स्स.......उईईईईई.......
अब क्रुपा से रहा नहीं जा रहा था मेने वापस उसे मेरी और घुमाया फिर एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा. बारिश की तेज़ बुँदे आग में घी डालने का काम कर रहीथी.
मेने एक हाथ लेजाकर पेंटी के अंदर डाल दिया और चूत की फांको के ऊपर घूमाने लगा... फिर से मेरी जानू के मुँह से एक तेज़ शिशकी निकली शह्ह्ह्हह्ह...... आइइइइइ.... .... अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.....आममममम....उईईई...
और मेरे सर को उसकी चूची पर बुरी तरीके से दबा दिया... अब उससे सही से खड़ा भी नहीं रहा था
इधर में पुरे जोश में उसकी चूची और चूत का मज़ा ले रहा था. थोड़ी देर बाद मेने वापस उसको कैमरे के सामने घुमा दिया और पेंटी की इलास्टिक में हाथ डालकर उसको निचे कर दिया.
अब बारिश का ठंडा पानी सीधा चूत की फांको परसे निचे गिर रहा था....
काजल भी पूरी नंगी होकर एक हाथ से चूची और दूसरे से चूत की खातिरदारी में लगी हुई थी. मेने जैसे ही पेंटी निचे की काजल ने दोनों हाथो को होंठ की बिच लेकर एक सिटी मारी... और फिर वापस वो चूत में ऊँगली करने लगी.
मेरी जानू को खुले आसमान के निचे बरसती बारिश में चोदने की इच्छा थी जोकि वो आज पूरी होने जा रही थी. आज मेरी बरसो की ख्वाहिश पूरी होने वाली थी. ये सोचते ही मेरे शरीर से रोमांच की एक लहर निकली....
अब मेरा हाथ मेरी जानू की चूत पर था, मेने एक ऊँगली चूत के दाने पर रखकर उसकी मालिश करने लगा... ये उसका बहोत ही सेन्सिटिव भाग हे...
में अभी भी एक चूची की घुंडी को मसल रहा था और दूसरे हाथ से चूत के दाने को रगड़ रहा था. और मेरी जानू तेज़ तेज़ सिसकारियां निकाल रही थी और मुझसे बोल रहीथी प्लीज डार्लिंग अब रहा नहीं जा रहा डाल दोना तुम्हारा लंड मेरी चूत में.
में अभी भी उसको तड़पाना चाहता था, अब मेने वापस घुमाया और एक चूची को मुँह में भरलिया और एक ऊँगली सीधी चूत के अंदर डाल दी और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा...
मेरे इस दो तरफे हमले से अनजान थी...अब वो तेज़ तेज़ सिसकिया ले रही थी और बड़बड़ा रही थी.... अह्हह्ह्ह्ह उईईईईई..... अह्ह्ह्ह शह्ह्ह्हिई उम्म्ममममम..... प्लीसीएएएएए..... आआआअब....
ऑररररररररर मत तड़पाओ ऊऊऊओ.... अह्हह्ह्ह्ह.... ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.... शीइइइइइ.... अह्ह्ह्हहम्म्म्म....
वो बार बार चोदने को कह रही थी पर में अभी भी उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था.
क्रमश:
तो मेरे प्यारे भाइयो और भाभियो कैसा लगा मेरी कहानी का भाग.
आशा करता हु... मेरी ये कहानी पढ़ कर. आप सब के लंड और चूत से पानी निकला होगा
कृपया अपने अपने गंदे सुझाव ज़रूर भेजे मुझे...ताकि में बहोत जल्द एक हॉट और चूत फाडू अपडेट के साथ हाजिर हो शकू.