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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
#47
हमलोग वापिस कार से निकले लेकिन मनीष का मुँह बना हुआ था। मैं, मंजू और शिल्पी आपस में सामान्य बातें कर रहें थे लेकिन मनीष ज्यादा बोल नहीं रहा था। मैंने मनीष को कुछ नहीं कहाँ।

10 मिनट में ही हम लोग घर वापिस पहुँच गए। सबलोग नीचे हाल में आए और मनीष सबसे पहले अपने कमरे में सोने चला गया। अब हम तीनो थे हाल में।

शिल्पी - बहुत थक गई, मैं सोने जा रही हूँ
मैं - अच्छा, ऐसा क्या कर लिया
मंजू - हाँ पूरा दिन घर में बैठे रहें और अभी बाहर से सिर्फ खा कर आ गए
मैं - वही तो
शिल्पी - अच्छा, मुझे नींद आ रही है, सोने जाऊ ये ठीक है
मंजू - हाँ चली जा
मैं - नहीं, अभी नहीं और अपने आगे उसका पैर कर दिया

इसके बाद मैंने शिल्पी को इशारा किया तो शिल्पी ने चुपचाप मेरे जूते खोले। फिर मैंने कहा, अब जा तू सोने और मैं भी चलू अब सोने।

शिल्पी अपने कमरे की ओर आगे बढ़ी और मैं सीढ़ी की ओर छत पर जाने के लिए। लगभग 10 सेकंण्ड्स हुए होंगे, शिल्पी अपने कमरे में अंदर गई और मेरा सीढ़ी से छत पर जाने का नाटक वही रुक गया। मंजू हाल में बैठे बैठे सब देख रही थी।

फिर मैं नीचे उतरा और सीधा मंजू के कमरे में चला गया।

मंजू के कमरे में जा के मैं बेड पर लेट गया। 5-10 मिनट्स के बाद मंजू भी गेट को लॉक कर कमरे में आ गई।
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 01-11-2022, 07:29 AM



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