Poll: Kya ek auraat ko bahut saare maardon ke saat sex karana accha nahi hain?
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Sirf pati ke saat sex kare, sati savitri
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Aurat ko har type ke maard ka swad lena chahiye
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Kisi maard ko mana nahi kare
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Apne pasand ke saab mard ke sat sex kare
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bina umar, rishta, ajnabi ya kisi cheej ka lihaaj na karate saab ke saat sex kare
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Adultery मैँ बहक जाती हूँ - पार्ट ३६ - मेरे पति मौसाजी के कुक (Part 2) !
#96
पार्ट २६: मेरी सुहागरात (पार्ट २)

अनीश ने मेरा चेहरा अपने दोनों हातों से पकड़ लिया ओर ऊपर कर के मेरी ओंठो पर उनके ओंठ रख दिये. वह बहुत प्यार से धीरी से मीर ओंठ चूस रहे थे. 
अनीश: संध्या तू कितनी सुन्दर हो. मुझे विश्वास ही नहीं होता की तुम मेरी बीवी हो. अच्छा तुम्हे मैं पसंद हूँ ना. हमारी शादी इतनी जल्दी हो गयी हम लोग आपस मैं कुछ बात भी नहीं कर पाये.
मैं: हां अनीश आप मुझे पसंद हो. हाँ  यह बात भी सच हैं  की हम एक दूसरे को जान नहीं पाये. सब जल्दी हो गया. आप इतने हैंडसम हो . आपकी तो बहुत गर्लफ्रेंड होगी. 
अनीश: नहीं संध्या..कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी.  टाइम ही नहीं मिला पढाई के चक्कर में. चलो जो भी हुआ अच्छा हुआ.आगे जो होगा वो भी अच्छा होगा.
अनीश फिर से मेरे ओंठ चूसने लगा और मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी. उसने मेरी चोली खोल दी ओर ब्रा भी निकाल डाला. वह प्यार से मेरे आम निहारने लगा. उसने धीरे से मेरे आम चाटने लगा ओर प्यार से पप्पी लेने लगा. वह मेरी चूचियों को सहलाने लगा. 
मैंने: आह...ओह.. (कर दिया)
अनीश: क्या हुआ संध्या..दर्द होता है क्या ?  (मैं समज गयी.. बंदा सच में  कुंवारा है..) 
मैं: नहीं दर्द नहीं होता.. अच्छा लगता हैं अनीश. !
अनीश मेरे मम्मों के साथ  खेलने लगा. मैंने भी अपना एक हात उसके कुर्ते के अंदर डालकर uske  पेट पर रखा दिया. एकदम ६ पैक एब्स थे.. स्मूथ बिना बालों के..जिम बिल्ट बॉडी थी.  
मैं: अनीश आपने के तो एकदम जिम बॉडी बना रखी है.
अनीश: हाँ रोज २ घंटे जिम जाता हूँ. रुको तुम्हे मेरी बॉडी दिखता हूँ..(बोल कर उन्होंने कुर्ता ओर बनियान निकाल दिया. फिर मुझे उनके बाइसेप्स दिखाने लगे. बहुत अच्छी बॉडी बनायीं थी. मेरी चूत उनको ऐसे देखकर गीली हो गयी) बोलो कैसी लगी मेरी बॉडी? (मोर जैसे मोरनी को रिझाने अपना पिसारा फैलता है, वैसे अनीश मुझे अपनी बॉडी दिखा कर उत्तेजित कर रहे थे ओर वो कामयाब भी हो रहे थे. उनकी सुन्दर मसलदर शरीर देखकर मेरी चूत ने पाणी छोड़ना चालू लिया था )
मैं: बहुत अच्छी..हैं.
अनीश: पर तेरी बॉडी से कम सुन्दर..तुम्हारे स्तन बहुत सुंदर है संध्या.
ओर वह फिर से मेरे स्तन बच्चों की तरह धिरे से चूसने लगा...सहलाने लगा..सिर्फ एक मादक प्यार...कोई आक्रमकता नहीं, कोई हवस नहीं.. वासना नहीं.
वह मेरे मम्मों को चूसते हुए निचे की तरफ गया ओर मेरी नाभि चूमने ओर चाटने लगे. एक हात से उसने मेरा पेटीकोट खोलना चाहा पर उसे समज नहीं रहा था. मैंने खुद मेरी पेटीकोट का नाडा खोल दिया. वैसे उसने मेरी साड़ी ओर पेटीकोट निकाल दिया. अब में  सिर्फ एक लाल रंग के पैंटी मैं थी.  मैंने सुहाग राt के दिन साब लाल रंग का पहना था..साडी , चोली. पेटीकोट, पैंटी..सब लाल...अनीश मेरे जांघों से खेलने लगा. मैंने भी उसकी पायजामा का नाडा खोल दिया..वैसे उसने उसका पयजामा उतार दिया. उसने एक प्रिंटेड  नील रंग की ब्रीफ पहनी थी..उसमे उसके लण्ड का आगे का उभार...ओर मोटी तगड़ी जांघें ओर गांड साफ़ दिखाई दे रही थी. कोई ग्रीक गॉड जैसे. एकदम बिग बॉस विनर सिद्धार्थ शुक्ल जैसे. अनीश मेरी जांघ ओर पैंटी के आजु बाजु चूमने लगा..मेरी गांड दबाने लगा...आह संध्या ! तुम्हारी गांड कितनी बड़ी ओर खूबसूरत है. अनीश ने मेरी पैंटी निकलने के लिए हात बढ़ाया. मैंने उसे रोक दिया.
मैं: ना.. प्लीज मुझे शर्म आती है..
अनीश: जान अब तू मेरी पत्नी है..शर्मा के कैसे चलेगा..ठीक हैं मैं ही नंगा हो जाता हूँ..
(अनीश ने अपनी ब्रीफ उतार दी. उसकी गोटिया बहुत बड़े आकर की थी..गेंद की तरह. उसका लण्ड कुछ ५ इंच का था  पर मोटा था. उसका लण्ड फनफना कर उठ गया ओर झूम कर नाच रहा था. मैंने मेरी जिंदगी में  इतना छोटा लण्ड कभी नहीं देखा था. मैं थोड़ी मायूस हो गयी..पर क्या कर सकती थी. जो भाग में हैं, उससे काम चलाना पड़ेगा. अनीश  ने मेरे दोनों हाथ अपने लण्ड पर रख दिए ओर मेरे मुँह के पास लेकर आया. मैं समज गयी..क्या करना है. मैंने प्यार से उसका लण्ड अपने मुँह में ले लिया. अनीश जोर  जोर से  सांसे लेने लगा. मैने उसका ५ इंच का गोरा गुलाबी लण्ड आसानी से मुँह मैं ले लिया.. वैसे वो बेकाबू हो गया. उसने अपना लण्ड मेरे मुँह से निकाला...ओह रुको संध्या...मेरा नीकल जायेगा. उसका लण्ड उछल उछल कर उत्पात मचा रहा था. 

अब उसने मेरी पैंटी निकालने के लिए फिर से हात  बढ़ाया.. तब मैंने फिर से रोक दिया..
मैं: अनीश मुझे बहुत शर्म आ रही..प्लीज लाइट बंद कर दो..
अनीश: ठीक हैं संध्या...(उसने लाइट बंद कर दी..कमरे में सिर्फ जीरो बल्ब की रोशनी  थी)
जैसे अनीश ने मेरी पैंटी पूरी निकाल दी..मैंने उसको खींचकर अपने ऊपर ले लिया ओर अपनी टांगे उसके कमर पर कास दी..
अनीश का लण्ड मेरी चुत को ऊपर से घिस रहा था..
मैं:  आह ! अनीश धीरे..उफ़.. दर्द हो रहा...पर तुम रुको मत..
अनीश पहली बार सेक्स कर रहा था..वो कुंवारा था..मुझे अब अपना खेल खेलना था...
मैंने उसके लण्ड का सूपड़ा अपनी चुत के द्वार पर कस के जकड लिया .
मैं.. आह अनीश ठीक हैं..अब थोड़ा ओर धक्का दो..अंदर चला जायेगा..
अनीश धक्के दे रहा था. मैंने अपनी चुत को कस लिया था..पर मेरी चुत गीली थी..ज्यादा देर तक रोक नहीं पायी..ओर अनीश का लण्ड सिर्र...सिर.. करता मेरी चुत में पूरा घुस गया.
मैं: उह माँ..मर गयी...यह.. प्लीज निकाल दो...मैं मर जाउंगी..
अनीश: वैसे ही थम गया..उसने मुझे प्यार से चूमा..ओर मेरे आम चूसने लगा..
मैंने छटपटाने का नाटक किया..ओर फिर धीरे धीरे शांत  होने लगी. वैसे अनीश ने अब मेरी चुत में धक्के मारना शुरू किया. अनीश पूरा पसीना पसीना हो रहा था. यह सेक्स का उसका पहला अनुभव था. मैं कुछ समज पाती.. तभी..
अनीश: आह संध्या तेरी कुंवारी चुत कितनी कसी हुई है..मेरा पाणी नीकल जायेगा ..
अनीश का शरीर कांपने लगा.. उसने  कमर को कई झटके दिये.. ओर थोड़ी देर में उसका लण्ड अपने आप मेरी चुत से बहार नीकल गया. उसके लण्ड के साथ उसका पाणी भी मेरी चुत से पूरा बहार नीकल गया.
वह मेरे ऊपर मेरे स्तनों पर सर रखकर लेट गया . मैं भी उसके बालों को प्यार से सहलाने लगी. कुछ देर बाद अनीश सो गया थाओर खर्राटे ले रहा था. 
मैं  वहां पड़ी पड़ी सोच रही थी.. कहा यह इतना भोला ओर सच्चा, कुंवारा  मर्द ,ओर कहा मैं घाट घाट का पाणी पीकर सेक्स में माहिर औरत. क्या अनीश का लण्ड मुझे मेरी चुत के अंदर महसूस भी हुआ ? ८-१० इंच के लण्ड आसानी से लेने वाली मेरी चुत को कुछ भी महसूस नहीं हुआ. ना अनीश का लण्ड, ना उसका पाणी. अनीश का पाणी..मेरी चुत में ऊपरी भाग में गिरकर आधे रस्ते से पूरा उसके लण्ड के साथ बाहर नीकल  गया था. ओर मेरा उन्माद..मेरा पाणी..मेरी चुत..वैसे ही प्यासी रह गयी थी. अनीश का यह पहला अनुभव था. हो सकता की वक्त के साथ वो भी माहिर हो जाये. पर क्या उसका लण्ड का आकार मेरी चुत के लिये काफी था? क्या मुझे बंटी का शाप लग गया.. मैं कभी सुखी नहीं रहूंगी ? मैंने उसका दिल तोडा था. उसका दिल सच्चा था, उसका प्यार सच्चा था.

मैं मायूस दिल से सोते हुए अनीश को बाजू लेट गयी. बिस्तर पर जहा अनीश का वीर्य गिरा था , उस पर थोड़ा लाल सिंदूर डाल दिया...ओर गीले टॉवल से पोछ डाला. साफ करने  के लिये.. इससे वीर्य के साथ बेडशीट पर थोड़ा लाल रंग भी फैल गया. मैंने अपनी चुत पर एंटीसेप्टिक लगा दी..जैसे की वो फट गयी हो..ओर जख्मी हो.. ओर अनीश के पास  नंगी लेट गयी. थकी होने की वजह से जल्दी सो गयी. 

सुबह आँख खुली..मैं अनीश के बाँहों में नंगी थी..वह मुझे प्यार से देख रहा था. मैं भी मुस्कुरा दी..
अनीश: संध्या तुम बहुत खूबसूरत हो..तुम खुश हो ना..? तुम्हे ज्यादा दर्द तो नहीं हुआ.
मैं: हां अनीश मैं बहुत खुश हु..  दर्द तो हुआ..पर अब ठीक है..मैंने रात को एंटीसेप्टिक क्रीम लगा दी थी. चलो अब जल्दी उठो. माँ रसोई मैं मेरा इंतजार कर रही होगी. मुझे नहाकर जल्दी जाना है. 
हम दोनों उठ गये..मैं बाथरूम नहाने जाने लगी. अनीश की नजर बिस्तर पर लगे दाग पर गयी. उसके चहरे पर मुस्कराहट आ गयी. मैं सुहागरात की इम्तहान  में  अव्वल नंबर से पास हो गयी थी. 

मैं नाहा-धोकर अच्छी सी साड़ी पहन कर निचे गयी. निचे अनीश की माँ, बाबूजी ओर उसका छोटा भाई आकाश चाय पी रहे थे. 
आकाश: वाह भाभी आप एकदम फ्रेश लग रही हो. भैया को कहा छोड़ कर अकेले आ गयी. 
मैं शर्मा कर: वो आ रहे नहा कर. माँ बताओ क्या करना है..
मैं मेरी सास के पास जा कर हेल्प करने लगी.
आकाश: भैया रोज सबसे पहले उठकर जिम जाते थे. आपने क्या जादू कर दिया..पहेली बार लेट हो गये.
मैं: उम् देवर जी आपको बड़ी फ़िक्र हो रही है अपने भैया की..खुद लेकर आ जावो. (हम सब हंसी मजाक कर रहे थे)
आकाश: हाँ फिकर तो हो रही हैं..सही सलामत है ना मेरे भैया..(ओर उसने मुझे आँख मार दी)
मैं हंसकर :देखो माँ..पहले दिन से मुझे छेड़ रहा..मेरा प्यारा देवर.. 
अनीश फर्स्ट ईयर इंजीनियरिंग में पढ़ रहा था. दिखने में सांवला...साधारन था.. ऊंचाई में  भी कम था..५-६ ,  पर वह भी अपने भाई के साथ जिम जाता था. अनीश जैसे खूबसूरत मर्द का भाई इतना साधारन दिखता था. दोनों को देखकर कोई बोल नहीं सकता था की दोनों भाई हैं. आकाश बहुत मजाकिया स्वाभाव का था ओर पहले दिन से मुझसे घुलमिल गया.

थोड़ी देर में अनीश भी निचे आ गये. वह बड़े खुश लग रहे थे. नाश्ते के वक्त माँ ने बताया: अनीश ओर संध्या.. कल  रात को तुम दोनों को पम्मी मौसी के घर खाने पर बुलाया है. 
अनीश ने कहा - ठीक हैं माँ .. चले जायेंगे.
मैं: माँ , कल पम्मी मौसी  के घर जाते वक्त मैं क्या पहनू?
माँ: चलो तुम्हारे कमरे में , तुम्हे समझाती हूँ (इसमें  समझाने वाली क्या बात थी.. ? मैं माँ के सात कमरे में  चली गई. माँ ने दरवाजा बंद किया )
माँ गंभीर होकर बताने लगी: संध्या तुम्हे जो पसंद हैं वही पहन लो. पर मैं तुम्हे पहले से सचेत करना चाहती हूँ. पम्मी मेरी छोटी बहन बहुत अच्छी ओर सीधी है. पर उसका पती धर्मेश बहुत आवारा ओर लफड़ेबाज़ किसम का आदमी है. तुम बस संभल कर रहना.
मैं: हां माँ ..सब समज गयी..पर आप ऐसे क्यों कह रहे.. आप ने कुछ देखा क्या?
माँ: धर्मेश दिखने में बहुत सुन्दर ओर खूबसूरत है. बॉलवुड स्टार धर्मेंद्र की तरह. उसी का वो फ़ायदा उठाता हैं. कॉलेज के दिन अपने कमरे में लड़किया बुलाता था. २-३ बार हॉस्टल में नंगी लड़कियों के साथ पकड़ा गया ओर निकाला गया. कोई भी सुन्दर औरत को आसानी से पटा लेता है. पम्मी को भी वैसे ही पटा लिया था. रिश्ते ओर आस पड़ोस की काफी औरतों से सम्बन्ध  है. अपनी मीठी बातें,  प्यार, या ब्लैकमेल, या खूबसूरती से आसानी से हर औरत को फंसा लेता है. 
मैं: ठीक हैं माँ मैं ध्यान रखूंगी. अच्छा हुआ आप ने मुझे आगाह कर दिया.

पर मेरी चुत अपने आप गीली हो गयी थी. धर्मेश चाचा के किस्से सुनकर वह उनको मिलने के लिये बेताब थी. गरम होकर पानी बहा रही थी. 
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RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 09:06 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 30-03-2023, 07:52 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by hirarandi - 30-09-2022, 09:50 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:17 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 01-10-2022, 02:04 AM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by luvnaked12 - 30-09-2022, 11:12 PM
RE: Kya Karu.. behaak jaati hoon - by imles4le - 08-12-2022, 03:58 PM
मैँ बहक जाती हूँ -पार्ट २६: मेरी सुहागरात (पार्ट २) ! - by luvnaked12 - 31-10-2022, 09:47 PM



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