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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
#46
मंजू के गाल पर मैंने जोरदार किस तो कर दिया लेकिन अचानक से सब कुछ मानो थम गया हो। वेटर, मनीष और शिल्पी तीनो मुझे आश्चर्य भरी नज़रों से देख रहें थे। मनीष मेरी ओर अजीब से देखा और फिर नज़रे नीचे कर ली तो मैंने सोचा इससे अलग से घर पर निपटूंगा। शिल्पी मेरा माल ये सोच रही थी मंजू के साथ क्या चक्कर है और कहीं मैं उसको धोखा तो नहीं दे रहा हूँ और ओ मादरचोद वेटर यह सोच रहा होगा कि मेरा चक्कर किसके साथ है।

ऐसे ही शान्ति रही तभी शिल्पी अचानक से अपने सीट से उठी और वाशरूम की ओर बढ़ी। उसके उठते ही मैंने मंजू का हाथ अपने हाथ से दबाया और वही बैठे रहने को कहाँ और मैं शिल्पी के पीछे पीछे वाशरूम में गया। शिल्पी गुस्से में मेरी ओर देख रही थी तो मैंने पकड़कर उसके होंठो तो अपने होंठो से लगाने की कोशिश की तो उसने खुद को अलग कर पीछे कर लिया।

मैं - क्या हुआ डार्लिंग
शिल्पी - अभी मम्मी को किस क्यों किया?
मैं - अरे यार इसपे इतना गुस्सा क्यों?
शिल्पी - गुस्सा क्यों नहीं, बोलों जवाब दो
मैं - यार तेरे चुत में अंगूठा अंदर बाहर करते हुए किस हो गया। ध्यान ही नहीं रहा की ओ तू सामने है और बाजू में तेरी मां है। और कुछ भी पूछना है पूछ
शिल्पी - पक्का ना
मैं - ठीक है फिर मत मान
शिल्पी - फिर ठीक है

चल अब तूने मुझ पर शक किया तुझे सजा मिलेगी।

शिल्पी ने ना में सिर हिलाया तो मैंने उसके स्तनों को दबा दिया और बोला कि सजा तो मिलेगी और उसकी सजा है तो अभी से घर तक बिना पैंटी के जाएगी।

शिल्पी इतनी छोटी तो ड्रेस है, अब इसमें पैंटी ना पहनू तो सब कुछ दिखेगा।

मैं - ठीक है, सब कुछ दिखेगा ही तो पूरी ड्रेस ही उतार के चल अभी से घर तक।
शिल्पी ना नुकुर कि तो मैंने बोला कि इसके बाद सजा और बढ़ेगी  और मैं वाशरूम से बाहर निकलने लगा तो शिल्पी ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी पैंटी नीचे उतारने लगी।

मैं चुपचाप खड़ा देखता रहा और फिर जब पैंटी उसने निकाल लिया तो उसे हैंकी जैसे फोल्ड कर मैंने जेब में रख लिया। फिर मैंने उसको कहाँ कि अब तुम सीट पर जाओ मैं आता हूँ।

अब शिल्पी वाशरूम से सीट की ओर धीरे धीरे चलते हुए जा रही थी और मैं पीछे से उसको देख रहा था। उसकी ड्रेस काफी छोटी होने की वजह से उसकी चूतड का एक बड़ा हिस्सा अब दिख रहा था। जब ओ सीट पर आ गई तो पीछे पीछे मैं भी आ गया। अब सीट पर आने के बाद मैंने, शिल्पी और मंजू ने माहौल नार्मल किया और फिर हमलोग डिनर कर घर की ओर निकले। ऐसा लग रहा था मानो अजीब से शान्ति हो गई हो और आगे क्या होने वाला है?
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 31-10-2022, 07:23 PM



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