28-10-2022, 10:34 AM
मजे - लूट लो जितने मिले
सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-27
दक्खिनी मर्द से चुदवाने की चाहत
उसी दिन अब्दुल ने अपनी कश्मीरी बेगम इनायत के साथ श्रीनगर से दिल्ली की फ्लाइट पकड़ ली और जब वह हमारे घर पहुँचे तो इनायत और उसके खाबिन्द अब्दुल का सारा बेगम ने बड़ी गर्म जोशी से स्वागत किया और फिर शाम को जब मैं लौटा तो खूब बाते और हसी मजाक हुआ और दोनों सहेलिया बहुत खुश थी । उन दिनों दिल्ली में मेरे साथ सिर्फ मेरी बेगम सारा थी और बाकी बेगमे हैदराबाद में थी ।
दोनों सहेलिया आपस की बातचीत में मस्त हो गयी थी और अब्दुल मेरे साथ अकेला था वह जल्दी ही मुझसे इधर उधर की बात करने लगा। फिर उसने सारा के इमरान के साथ निकाह, उसके साथ का इमरान फिर तलाक और मेरे साथ हलाला वाले किस्से को दोहराया और बोला की अब सारा बाजी आपके साथ बहुत खुश लग रही है ।
अब विषय औरतो की तरफ मुड़ गया था और उसने पुछा पूछा कि क्या मुझे कश्मीरी औरते पसंद हैं। मैंने कहा कि मैंने जरूर पसंद हैं और मेरी तीन कश्मीरी पत्नियाँ हैं और मेरे अम्मी भी कश्मीरी है और-और फिर मैंने उससे कहा कि मेरी बीबी मुझे बहुत ज्यादा प्यार करती है।
इस पर अब्दुल बोला आप सही फरमा रहे हो इसी कारण से शायद वह आपके साथ निकाह के बाद एक बार भी कश्मीर नहीं आयी है और यहाँ तक की अपनी सहेली के निकाह में भी नहीं आयी थी । तो मैंने कहा उन दिनों मुझे कुछ काम था इसलिए नहीं आ सके थे और उससे माफ़ी मांगी ।
उधर सारा अपने अंतरंग सहेली को मेरे बारे में बता रही थी की वह मेरे साथ बहुत खुश है । मैं उसे खूब प्यार करता हूँ और खुश रखता हूँ और वह मुझे एक रात के लिए भी नहीं छोड़ती। वह अपने पीरियड्स में भी चुदाई करवाती है।
उधर अब्दुल ने मुझे बताया कि उसकी पत्नी भी मेरे जैसे दक्खिनी पुरुषों को बहुत पसंद करती है और फिर आपकी तीन पत्नियाँ हैं और मजाक में कहा कि आजकल के महंगाई के जमाने में एक बीबी की देखभाल करना भी एक विलासिता है और आपके पास पहले से ही 3 है। तो आप वास्तव में बहुत अच्छा समय बिता रहे होंगे और कैसे सबको खुश रखते हो? वह आगे बोला आप दुसरे दक्खिनी या मालाबारी पुरुषों की तुलना में कम आक्रामक लग रहे हो ।
और उसके बाद उन्होंने मुझे अपनी बेगम कश्मीरा, इनायत के बारे में बताया की उसे दक्खिनी मालाबारी पहलवानो की कुश्ती देखने का बहुत शौक है ।
वह मेरे औजार के आकार के बारे में अपनी शंकाओं को दूर करना चाहता था। वह अपनी बीवी के लिए छोटे लंडवाले मालाबारी को चुनना चाहता था तो उसने घुमा फिरा कर मालाबारी लंड के आकार के बारे में चर्चा की तो मैं हँसा और उससे कहा कि सारा मुझसे बहुत प्यार करती है और मुझे चिंता करने की कोई बात नहीं है, क्योंकि मुझे लगता है कि एक मालाबारी के हिसाब से मेरा औजार छोटा ही है पर मेरी बेगमे मुझसे बहुत खुश रहती है।
तभी सारा और इनायत जहाँ हम बाते कर रहे थे वहाँ आ गयी और मैंने पहली बार इनायत को गौर से देखा तो मेरा लंड जो अब हमेशा खड़ा रहता था इनायत के बदन के सैक्सी कटाव और इनायत की सारा से भी बड़ी-बड़ी टाईट चूचियाँ देख थोड़ा और कड़ा हो गया और इनायत ने मेरे पायजामे में उभार को लंबे समय तक देखा, जो अब काफी बड़ा हो गया था।
फिर रात हुई देर तक गप शप हुई और हसी मजाक हुआ और हम अपने-अपने कमरों में सोने चले गए । अब्दुल और इनायत हमारे साथ वाले कमरे में थे और मैंने सोरे से पहले सारा की चुदाई की और हमारी चुदाई की आवाजे और सारा की जोर-जोर की कराहो की आवाजे साथ के कमरे में आये हुए महमानो तक पहुँची और उन्हें सुन कर इनायत गर्म हो गयी और इनायत ने अब्दुल को चूमना शुरू कर दिया और उसका पजामा खोल दिया और नीचे खींचकर अब्दुल के ऊपर चढ़ गयी और उसने अब्दुल की पांच अंगुलियों का लंड अपने अंदर ले लिया। वह लंबे समय तक नहीं टिक सका और जल्द ही झड़ गया।
अगले दिन वह घबराते हुए थोड़ा-थोड़ा मुझसे खुलने लगा और बोला की रात को काफी शोर हो रहा था
मैंने कहा हाँ यहाँ पहाड़ो जितनी शान्ति नहीं होती है । शहर की सड़को पर दिन रात ट्रेफिक चलता रहता है तो वह बोला नहीं ये कुछ और ही आवाजे थी तो मैं समझ गया अब्दुल कौन से आवाजों की बात कर रहा है । फिर वह थोड़ी हिम्मत करके बोला की आप की और सारा बाजी की आवाजे उनके कमरे में साफ सुन रही थी और बोला उसकी बेगम इनायत को इन दिनों दूसरो की चुदाई देखने का शौक लग गया है। फिर उसने मुझे बताया पहले उसकी बीबी दो पुरुषो को एक साथ एक महिला को चौदते हुए देखना चाहती थी । फिर एक बार उनके शिकारे पर कुछ विदेशी मेहमान आये जिनमे दो पुरुष और एक महिला थी और उसने छिप कर उन्हें चुदाई करते हुए देखा और वह बुखार उत्तर गया ।
अब इनायत एक मालाबारी पुरुष को एक कश्मीरी महिला को चोदते हुए देखना चाहती है और एक बार उसने अगर एक दक्खिनी आदिमी को एक कश्मीरी महिला को चोदते हुए देख लिया तो उसकी ये बिमारी ठीक हो जाएगी। मैंने उससे कहा हाँ यह बिल्कुल चॉकलेट केक जैसा है जिसे कुछ युवा लड़कियाँ चखना चाहती थीं। एक बार जब उन्होंने इसे चखा, तो उनकी उत्सुकता खत्म हो गई। उसे समझ आया और, इसलिए उसने मन में फैसला किया कि मैं उसकी बेगम के शौक को पूरा करने के लिए सही आदमी हूँ।
जारी रहेगी
सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-27
दक्खिनी मर्द से चुदवाने की चाहत
उसी दिन अब्दुल ने अपनी कश्मीरी बेगम इनायत के साथ श्रीनगर से दिल्ली की फ्लाइट पकड़ ली और जब वह हमारे घर पहुँचे तो इनायत और उसके खाबिन्द अब्दुल का सारा बेगम ने बड़ी गर्म जोशी से स्वागत किया और फिर शाम को जब मैं लौटा तो खूब बाते और हसी मजाक हुआ और दोनों सहेलिया बहुत खुश थी । उन दिनों दिल्ली में मेरे साथ सिर्फ मेरी बेगम सारा थी और बाकी बेगमे हैदराबाद में थी ।
दोनों सहेलिया आपस की बातचीत में मस्त हो गयी थी और अब्दुल मेरे साथ अकेला था वह जल्दी ही मुझसे इधर उधर की बात करने लगा। फिर उसने सारा के इमरान के साथ निकाह, उसके साथ का इमरान फिर तलाक और मेरे साथ हलाला वाले किस्से को दोहराया और बोला की अब सारा बाजी आपके साथ बहुत खुश लग रही है ।
अब विषय औरतो की तरफ मुड़ गया था और उसने पुछा पूछा कि क्या मुझे कश्मीरी औरते पसंद हैं। मैंने कहा कि मैंने जरूर पसंद हैं और मेरी तीन कश्मीरी पत्नियाँ हैं और मेरे अम्मी भी कश्मीरी है और-और फिर मैंने उससे कहा कि मेरी बीबी मुझे बहुत ज्यादा प्यार करती है।
इस पर अब्दुल बोला आप सही फरमा रहे हो इसी कारण से शायद वह आपके साथ निकाह के बाद एक बार भी कश्मीर नहीं आयी है और यहाँ तक की अपनी सहेली के निकाह में भी नहीं आयी थी । तो मैंने कहा उन दिनों मुझे कुछ काम था इसलिए नहीं आ सके थे और उससे माफ़ी मांगी ।
उधर सारा अपने अंतरंग सहेली को मेरे बारे में बता रही थी की वह मेरे साथ बहुत खुश है । मैं उसे खूब प्यार करता हूँ और खुश रखता हूँ और वह मुझे एक रात के लिए भी नहीं छोड़ती। वह अपने पीरियड्स में भी चुदाई करवाती है।
उधर अब्दुल ने मुझे बताया कि उसकी पत्नी भी मेरे जैसे दक्खिनी पुरुषों को बहुत पसंद करती है और फिर आपकी तीन पत्नियाँ हैं और मजाक में कहा कि आजकल के महंगाई के जमाने में एक बीबी की देखभाल करना भी एक विलासिता है और आपके पास पहले से ही 3 है। तो आप वास्तव में बहुत अच्छा समय बिता रहे होंगे और कैसे सबको खुश रखते हो? वह आगे बोला आप दुसरे दक्खिनी या मालाबारी पुरुषों की तुलना में कम आक्रामक लग रहे हो ।
और उसके बाद उन्होंने मुझे अपनी बेगम कश्मीरा, इनायत के बारे में बताया की उसे दक्खिनी मालाबारी पहलवानो की कुश्ती देखने का बहुत शौक है ।
वह मेरे औजार के आकार के बारे में अपनी शंकाओं को दूर करना चाहता था। वह अपनी बीवी के लिए छोटे लंडवाले मालाबारी को चुनना चाहता था तो उसने घुमा फिरा कर मालाबारी लंड के आकार के बारे में चर्चा की तो मैं हँसा और उससे कहा कि सारा मुझसे बहुत प्यार करती है और मुझे चिंता करने की कोई बात नहीं है, क्योंकि मुझे लगता है कि एक मालाबारी के हिसाब से मेरा औजार छोटा ही है पर मेरी बेगमे मुझसे बहुत खुश रहती है।
तभी सारा और इनायत जहाँ हम बाते कर रहे थे वहाँ आ गयी और मैंने पहली बार इनायत को गौर से देखा तो मेरा लंड जो अब हमेशा खड़ा रहता था इनायत के बदन के सैक्सी कटाव और इनायत की सारा से भी बड़ी-बड़ी टाईट चूचियाँ देख थोड़ा और कड़ा हो गया और इनायत ने मेरे पायजामे में उभार को लंबे समय तक देखा, जो अब काफी बड़ा हो गया था।
फिर रात हुई देर तक गप शप हुई और हसी मजाक हुआ और हम अपने-अपने कमरों में सोने चले गए । अब्दुल और इनायत हमारे साथ वाले कमरे में थे और मैंने सोरे से पहले सारा की चुदाई की और हमारी चुदाई की आवाजे और सारा की जोर-जोर की कराहो की आवाजे साथ के कमरे में आये हुए महमानो तक पहुँची और उन्हें सुन कर इनायत गर्म हो गयी और इनायत ने अब्दुल को चूमना शुरू कर दिया और उसका पजामा खोल दिया और नीचे खींचकर अब्दुल के ऊपर चढ़ गयी और उसने अब्दुल की पांच अंगुलियों का लंड अपने अंदर ले लिया। वह लंबे समय तक नहीं टिक सका और जल्द ही झड़ गया।
अगले दिन वह घबराते हुए थोड़ा-थोड़ा मुझसे खुलने लगा और बोला की रात को काफी शोर हो रहा था
मैंने कहा हाँ यहाँ पहाड़ो जितनी शान्ति नहीं होती है । शहर की सड़को पर दिन रात ट्रेफिक चलता रहता है तो वह बोला नहीं ये कुछ और ही आवाजे थी तो मैं समझ गया अब्दुल कौन से आवाजों की बात कर रहा है । फिर वह थोड़ी हिम्मत करके बोला की आप की और सारा बाजी की आवाजे उनके कमरे में साफ सुन रही थी और बोला उसकी बेगम इनायत को इन दिनों दूसरो की चुदाई देखने का शौक लग गया है। फिर उसने मुझे बताया पहले उसकी बीबी दो पुरुषो को एक साथ एक महिला को चौदते हुए देखना चाहती थी । फिर एक बार उनके शिकारे पर कुछ विदेशी मेहमान आये जिनमे दो पुरुष और एक महिला थी और उसने छिप कर उन्हें चुदाई करते हुए देखा और वह बुखार उत्तर गया ।
अब इनायत एक मालाबारी पुरुष को एक कश्मीरी महिला को चोदते हुए देखना चाहती है और एक बार उसने अगर एक दक्खिनी आदिमी को एक कश्मीरी महिला को चोदते हुए देख लिया तो उसकी ये बिमारी ठीक हो जाएगी। मैंने उससे कहा हाँ यह बिल्कुल चॉकलेट केक जैसा है जिसे कुछ युवा लड़कियाँ चखना चाहती थीं। एक बार जब उन्होंने इसे चखा, तो उनकी उत्सुकता खत्म हो गई। उसे समझ आया और, इसलिए उसने मन में फैसला किया कि मैं उसकी बेगम के शौक को पूरा करने के लिए सही आदमी हूँ।
जारी रहेगी