Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 1 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery प्यार या धोखा
अध्याय 17
मैं जिम में पूरी तैयारी के साथ आयी थी,मेरे टाइट कपड़े मेरे हुस्न को पूरी तरह से दिखा रहे थे,मुझे देखकर गौरव का तो गाला ही सुख रहा था और यही तो मुझे चाहिए था,क्योकि गौरव को देखकर पूर्वी जल भून गई थी,वो भी अपने जलवे दिखाने के लिए अपने जैकेट को उतार कर मैदान में आ गई थी…
लेकिन सारे मर्दों की तो जैसी चांदी ही हो गई थी ,सभी या तो मुझे देख रहे थे या पूर्वी को ,आज सभी घर जाने के बाद हमे इमेजिन करके हिलाने वाले थे..
लेकिन ये सब देखकर गौरव के चहरे में एक बदलाव आया,उसकी आंखों का गुस्सा मैं साफ देख सकती थी ,मलतब साफ था की गौरव हॉट वाईफ नही चाहता,या ये की वाईफ तो हॉट हो लेकिन सिर्फ उसके लिए,यंही घर जाकर दोनों की लड़ाई पक्की थी..
मैं मन ही मन सोच रही थी …
‘अब आएगा मजा .’

****************
यंहा सपना का पॉइंट ऑफ विव्यू खत्म होता है ,स्टोरी अब जिम में आ जाती है ,एक और शख्स है जो कहानी में बेहद इम्पोर्टेन्ट है रोहन...थोड़ा उसका भी विव्यू देख लेते है …
*************
रोहन ओबराय,इस राज्य के तीन सबसे बड़े बिजनेस मेन परिवार में से एक का वारिस...बाकी दो के इकलौते वारिस भी मेरे बचपन के दोस्त ही है ,पूर्वी और सपना ..
मेरे पापा ने मुझे बचपन से एक ही बात सिखाई की मेरे पास एक मौका है जो कभी किसी के पास नही था,वो था तीनो बिजनेस हाउस को एक करने का मौका,इसके लिए जो भी करना पड़े उसके लिए वो तैयार थे,और मुझे भी तैयार कर रहे थे…
सपना को तो मैंने बहुत ही जल्दी अपने सांचे में ढाल लिया था लेकिन पूर्वी …
पूर्वी अलग ही किस्म की लड़की थी,मौज मस्ती तो करती थी लेकिन फिर भी ना जाने कहा से उस लड़की के अंदर संस्कार नाम का एक कीड़ा था,जो उसे कुछ ज्यादा नही करने देता था..
मेरे जीवन का एक ही मकसद रहा की कैसे पूर्वी और सपना को अपने साथ लेकर तीनो बिजनेस हाउस को एक कर दु ,सभी कम्पीटिटर खत्म …
इसका एक सिंपल सा रास्ता था शादी का ,लेकिन साला शादी तो एक ही लड़की से हो सकती थी,सपना से या पूर्वी से मैं हमेशा से ही कंफ्यूज रहा था,क्योकि दोनों ही सुंदर थी ,दोनों ही अमीर थी,
दोनों में से एक मेरी बीवी बनेगी ये मुझे बचपन में ही बता दिया गया था,उनके घर वाले भी यही चाहते थे की मैं उनके घर का दामाद बनू,लेकिन बस एक दिक्कत थी वही शादी किसी एक से ही हो सकती थी,और मुझे दोनों ही चाहिए था…
आपके मकसद में एक बड़ी दिक्कत आपके इमोशंस लाते है ,और मैं भी तो आदमी ही था,मेरे भी इमोशन थे,मेरी दोनों दोस्तो ने मुझे इतना प्यार दिया की मैं उनका बुरा नही सोच पाता था,मेरे मकसद को हमेशा उनके प्यार का सामना करना पड़ता,ना चाहते हुए भी मैं उन दोनों के प्यार में गिर ही गया,एक दोस्त की तरह मैं उन्हें बेहद प्यार करने लगा,लेकिन जब जवानी आयी तो साथ में सेक्स नाम की एक चीज भी ले आयी,जांघो के बीच कुछ ऐसे मचलने लगा की उसे सम्हालना बहुत मुश्किल हो जाता था,
अब जवानी सिर्फ मुझे तो आयी नही थी साथ में पूर्वी और सपना भी जवान हुए,और साले क्या जवान हुए,सारे मर्दों की फेंटेसी बन गए थे दोनों ,साथ ही मेरे भी ,लेकिन कहा ना की जंहा प्यार आ जाता है ना वंहा साला सभी इमोशन को बर्बाद कर देता है,मैं भी उनके बारे में कुछ ऐसा नही सोच पाता था जिससे उन्हें दुख हो ..
लेकिन सपना के साथ मेरा जिस्मानी रिश्ता बन ही गया,लेकिन वो सिर्फ जिस्मानी ही रहा,हमारी दोस्ती अपनी जगह रही जिस्म की प्यास अपनी जगह रही …
बाप से मुझे सिर्फ दौलत नही मिली थी साथ ही मिला था एक अच्छा खासा चेहरा और अच्छी हाइट ,मैंने थोड़ी मेहनत करके अपने जिस्म को ऐसा तो बना ही लिया था की लडकिया एक बार मुड़ कर जरूर देखे ,और इस हुनर को और भी निखारने में मेरी मदद की सपना ने,उसकी मदद से मैंने कई लड़कियों को अपने नीचे किया वही उसे भी कई  मर्दों के नीचे लाने में मैंने उसकी मदद की …
कहा ना मैं मकसद से भटक गया था…
अपनी होने वाली बीवी(शायद ) को ही दुसरो से चुदवाने में हेल्प कर रहा था..
लेकिन अभी कन्फर्म भी तो नही था की कौन मेरी बीवी बनेगी ,
इधर दूसरी होने वाली बीवी (शायद)के साथ कोई जिस्मानी रिश्ता नही बन पा रहा था,कभी कभी पूर्वी पर मुझे गुस्सा भी आता क्योकि वो मुझे इतना ज्यादा प्यार करती की मैं उसके बारे में दोस्ती के अलावा कुछ सोचने में भी असमर्थ रहता..
हम लोग बड़े हो रहे थे,कई कारनामे कर रहे थे(जो उस समय कारनामे लगते थे बाद में वही चुतियापा लगने लगे )
कुल मिलाकर खुश थे ,लेकिन साला फिर से वही बकचोदी ..
इमोशन ...और इस बार किसी और के लिए पूर्वी के लिए इमोशन..
खुद को बहुत समझाया की लौड़े अपने लौड़े मत लगा,दोस्ती तक ही सीमित रह उससे प्यार मत कर ,बीवी तो सपना भी बन जाएगी थोड़ी कामिनी है तो क्या हुआ लेकिन अपने जैसी है,लेकिन साला दिल कहा माने,सपना ने भी मना किया था की प्यार के चक्कर में मत पड़ तेरे लौड़े लग जाएंगे,लेकिन दिल..दिल ..क्या करे इस साले दिल का..
फिर दिमाग ने भी सोचा,एक से तो शादी करनी ही है पूर्वी से ही कर लिया जाए,कम से कम दुसरो से तो नही चूदवायेगी ...लेकिन ये भी सही था की फिर मैं भी किसी को अपने नीचे नही ला पाऊंगा..
मैंने वो सेक्रिफाइस कर दिया,फिर से वही दिल दिल दिल..
अपने जांघो के बीच झूलते हुए मांस के टुकड़े को भी समझा दिया की तू अबसे बस एक ही गुफा में जाएगा,ज्यादा की चाह मत कर और अगर कोई दूसरी गुफा होगी तो वो सपना की होगी ,जो उसके कहने पर ही मिल पाएगी ,यानी साले अब तेरी औकात बस इतनी है की तू इन दोनों लड़कियों की गुलामी करेगा,वो खुश हो जाए तो तुझे गुफा मिल जायेग नही तो ...बस खड़ा रहना..
अब वो भी बेचारा क्या करता,दिल के सामने मैं मजबूर था और मेरे सामने वो …
मैंने पूर्वी को प्रपोज कर दिया ,वो भी मान गई ,साला यकीन ही नही हुआ की सब कुछ ठीक से हो गया,लेकिन सपना के रहते सब कैसे ठीक से हो सकता था,लेकिन मैंने सपना को भी माना लिया,फिर लगा की सब ठीक हो गया,लेकिन दोस्तो जैसे लड़को के जांघो के बीच एक मांस का टुकड़ा होता है जो साला आदमी का दिमाग खराब करके रखता है ,उसी तरह औरतों के जांघो के बीच भी एक मांस से बनी छेद होती है जिसकी खुजली और निकलता पानी उसका दिमाग खराब कर देती है ..
वही हाल सपना का हुआ ,उस पार्टी में जायद पीकर उसने मेरा लौड़ा लेना चाहा,अब मेरा भी दिमाग खराब था जो मैं उसकी बात में आ गया ,ये जानते हुए भी की पूर्वी भी वही है ,लेकिन उसके लौड़े लेने के चक्कर में मेरे लौड़े लग गए,सपना तो पार्ट टाइम थी लेकिन जो फूल टाइम बनने वाली थी वो भी हाथ से निकल गई ..
सब ठीक हो सकता था लेकिन हाथ से निकल कर वो किसी दूसरे के हाथ में चली गई ,क्या झंड जिंदगी हो गई थी मेरी ,एक साला बुड्ढा अधेड़ आदमी कालेज की सबसे हॉट अमीर और सुंदर लड़की जो कभी मेरी थी ,अब वो उसके नीचे आने वाली थी,दोस्तो गांड का जलना क्या होता है तब मुझे समझ में आया था..
लेकिन मेरी प्यारी प्यारी दोस्त सपना ने मुझे सहारा दिया,उम्मीद जगाई ये कह के की वो गौरव धोखेबाज है ,दौलत का लालची..मैं भी था लेकिन था...प्यार और दोस्ती के चक्कर में मैं लालच से बाहर आ गया था और अपनी ही मरा ली थी ..
लेकिन मैंने सपना का साथ देने में ही अपनी भलाई समझी,सपना का साथ दिया,उसे बेनकाब करने में लेकिन जब किस्मत में लिखे हो लौड़े तब कहा से मिलेंगे पकौड़े…
गए थे गौरव को बेनकाब करने और मालती के घर से कुछ ऐसे फाइल मिल गए की सपना का मुड़ ही बदल गया..ना जाने साला उनमें क्या था,मुझे तो बस वो फ़ोटो ही दिखा था जिसे देखकर मेरे गोटे मुह में आ गए थे,लेकिन वंहा कुछ ऐसा भी था जिसे देखकर सपना बहुत कुछ समझ गई थी,कुछ अजीब से ड्राइंगस ..
जैसे केमेस्ट्री में पढ़ते है ना केमिकल बॉन्डिंग वाले फार्मूले वैसे ही कुछ ,अब हमे कौन सा झांट केमेस्ट्री की समझ थी जो हम समझ सकते ,लेकिन सपना को कुछ समझ आ गया,उसका दिमाग कम्प्यूटर से भी तेज जो चलता है(मजाक कर रहा हु )
लेकिन इतना तो मानता हु की हम सबमे सबसे ज्यादा दिमाग वाली सपना ही है ..
और उसकी बात को टालने की हिम्मत मुझमें तो नही है ..
हा आप सब सोचेंगे की जब पूर्वी ने अपने कपड़े मेरे सामने निकालकर मुझे जलील किया था तो मुझे कैसा लगा था,यार जो आदमी उस लड़की को सालों से पाना चाह रहा हो और वो अपना चुद चटवाये,उसे कैसा लगेगा,कसम से बहुत मजा आया,हा अपने किये पर शर्म तो आया था लेकिन ...लौड़ा भी कोई चीज होती है दोस्तो जो खड़ी हो जाए ना ,तो शर्म अपनी माँ चुदाने चली जाती है,
हा पूर्वी ने मुझे जलील किया लेकिन यार जलील होना या ना होना तो मेरे ऊपर था ना,ऐसे चुद को फिर से चाटने मिल जाए तो मैं रोज ही जलील हो जाऊ,ऐसे भी मुझे तो लग रहा था की मैं सच में उसका कुत्ता बन गया हु और अब उसे कुतिया बना के उसकी लूंगा,लेकिन पूर्वी ...साली ने खड़े लंड में जो धोखा किया सबसे ज्यादा उसका ही दुख था मुझे…
और सामने पूर्वी थी ,कोई और रहती तो उसकी माँ बहन कर देता लेकिन ना जाने उससे क्यो डर लगता था,या ये कहु की उसकी इज्जत थी दिल में ,एक प्यार था उसके लिए,उसे दुखी देखकर दुख होता है,उसके हंसता देखकर दिल खिल जाता है ,उसके लिए गलत सही का फर्क करने का जी नही चाहता जो वो बोले बस करदो ऐसा लगता है ,उसके प्यारे से चहरे को बस देखते रहने का दिल करता है,उसके होठो में बस मुस्कान हो और उस होठो को मैं प्यार करू बस यही लगता है,उसके जिस्म के हर कटाव पर अपनी जान लुटा दु कुछ ऐसा लगता है,उसके मासूम से चहरे में बस खो जाऊ थोड़ा ऐसा भी लगता है,पाने की चाह से ज्यादा कुछ देने का मन करता है ...अरे ये क्या हो गया ,मैं तो अपनी कहानी बता रहा था ना..
ओह फिर से ये साला दिल दिल दिल …
ओके कहानी में आते है…
तो मालती के घर से कुछ नही मिला ,लेकिन सपना को जैसे बहुत कुछ मिल गया हो ,सारे फाइल्स की फ़ोटो खिंचकर उसने अपने पास रख लिए,मैं भी उसे रख सकता था लेकिन साला इतना टेंसन था और कोन नया टेंसन पाले …
कुछ दिन बाद ही एक और जबरदस्त न्यूज़ मिली की सपना ने गौरव के सामने अपने कपड़े निकाल दिए लेकिन उसने कोई भाव नही दिया..
साला सच में चूतिया था गौरव ,लेकिन कहते है की चूतिया लोग ही सारे मजे लूट ले जाते है,सपना उसके लिए अपने कपड़े खोल रही थी ,पूर्वी खोलने वाली थी और हम साला बस सपने में ही जी रहे थे..
इसके बाद से सब कुछ बदलने लगा,पूर्वी जैसे बौखला गई और सीधे मेरी बीवी बनने की बजाय उस फटीचर प्रोफेसर की बीवी बन गई ,सपना गंभीर हो गई और पता नही उसे क्या चस्का चढ़ा जो बिजनेस ना सीखकर केमेस्ट्री सीखने लगी ,और मेरा बाप मुझपर फुलटू गुस्सा हुआ,उसके हमेशा का सपना मैंने एक ही पल में तोड़ दिया,ना तो सपना मेरी रही ना ही पूर्वी …
अब मुझे बिजनेस सम्हालने की जिम्मेदारी मिल गई ,जैसे तैसे सब सम्हाल रहा था ,सपना और पूर्वी के पिता जी के कहने पर मैंने पूर्वी को अपने पास जॉब दिया,सच कहु तो मुझे अपनी जिंदगी और बिजनेस दोनों में ही उसकी जरूरत थी,फिलिग्स तो अब भी उसके लिए थी लेकिन दूसरे की बीवी को कितना ही लाइन मरोगे यार ,खासकर जब वो आपकी सबसे अच्छी दोस्त हो,
लेकिन सपना अब भी हार मानने वाली नही थी ,पता नही उसके दिमाग में कहा कहा से एक से एक आईडिया आते रहते थे,वो अब गौरव के साथ काम करने लगी,मुझे फिर से पूर्वी को दिलाने का वादा भी किया,और फिर गौरव को cukold बनाने की बात करने लगी,मुझे लगा की इसका दिमाग ही फिर गया है लेकिन वो सपना थी,कुछ तो सोचा होगा उसने..
उसने अपना आईडिया बताया ,अगर ऐसा हो सकता था तो मैं इसके लिये कुछ भी करने को तैयार था,अब लगा की फिर से शिलाजीत और अशवगंधा खाने का वक्त आ गया है …
मैंने अपने बावर्ची से रोज शिलाजीत और केसर मिलाकर दूध देने को कह दिया था,वो भी साला समझ गया की रोहन इस बेक into फॉर्म…
अब दो किलो की जगह 5 किलो दूध पीने का वक्त आ गया था…
क्योकि अब जिम में ही धमाल मचने वाला था……
Like Reply


Messages In This Thread
RE: प्यार या धोखा - by Chutiyadr - 28-05-2019, 06:18 PM



Users browsing this thread: 14 Guest(s)