23-10-2022, 01:39 AM
वरुण ने एक नजर मेरी आँखों मे देखा और हमारी नजरें मिल गई ना वो कुछ बोल रहा था ना मैं । चलती तेज बारिश की वजह से हम दोनों पूरे भीग चुके थे
और एक दूसरे के इतने करीब होने से हमारी साँसों की गरमी एक दूसरे के बदन को रोमांचित करने लगी । वरुण ने एक टक मेरी ओर देखते हुए कहा - " पैर मे दर्द है क्या भाभी ? " मैं कुछ बोल तो नहीं पाई बस उसके इस सवाल पर धीरे से हाँ मे गर्दन हिला दी । इसके बाद वरुण ने कोई सवाल नहीं पुछा , और अपने एक हाथ से मेरी कमर को मजबूती से पकड़ा और दूसरे हाथ को मेरी पीठ , कमर और नितम्बों पर फिराते हुए नीचे ले गया और एक झटके के साथ मुझे अपनी बाँहों मे उठा लिया ।
उस दिन मुझे वरुण के शरीर की ताकत का सही अंदाजा हुआ , उसने मुझे किसी फूल की तरह अपने ताकतवर हाथों मे उठा लिया । वरुण के गोद मे उठाते ही मेरी चूचियाँ उसकी छाती पर दब गई जिससे मेरी हल्की सी आह .. निकल गई जिसे दबाने के लिए मैंने वरुण से कहा - " आह .... वरुण ये क्या ....... "
मैंने इतना ही कहा था कि वरुण ने बीच मे ही मेरी बात काटते हुए कहा - " घबराइए मत भाभी , मुझ पर भरोसा रखिए । " वरुण का इतना कहना मेरे होंठों को सि देने के लिए बोहोत था , मैं चुप हो गई और वरुण मुझे गोद मे लिए हुए ही मेरे घर की तरफ बढ़ने लगा । बारिश मे भीगे हुए हमारे बदन आपस मे रगड़ खा रहे थे , वरुण के साथ अपनी इस हालत को देखकर मेरी दिल की धड़कने तेज होने लगी । वरुण चलते हुए भी मुझे ही देख रहा था और मैं अपनी नजरे नीची किये हुए उसकी गोद मे सिमटी हुई थी , मुझे इस बात का भी डर लग रहा कहीं कोई मुझे इस हालत मे वरुण के साथ देख ना ले । मैंने अपने आस-पास देखा तो वहाँ दूर -2 तक कोई नहीं था सब अपने घरों मे जा चुके थे, जल्दी ही हम भी घर पहुँच गए बारिश के आने की वजह से बिजली भी चली गई थी और पूरे घर मे अँधेरा हो रखा था । वरुण मुझे अपनी गोद मे उठाए हुए सीधे मेरे बेडरूम मे ले गया और धीरे से मुझे मेरे बेड पर लिटाया
इस दौरान वरुण मेरे चेहरे के काफी करीब आ गया इतने कि मैं उसकी साँसों की गरमाई अपने चेहरे पर महसूस कर पा रही थी जो मुझे भी मेरे होंठ खोलने के लिए मजबूर कर रही थी । वरुण की छातियों से रगड़ खाकर मेरी चूचियाँ थोड़े तनाव मे आ गई थी , मुझे लिटाकर वरुण ने धीरे से एक तकिया मेरे सिरहाने लगाया ।
मेरी नजर उसके चेहरे पर जमी हुई थी, मैंने कभी वरुण को इतने करीब से नहीं देखा था पर आज देखकर उसे देखते रहने का ही मन कर रहा था । वरुण मेरे बिस्तर के पास से हटा और दूर जाके खड़ा हो गया बारिश मे भीगा हुआ वो 19 साल का लड़का मुझ 28 साल की औरत को लुभा रहा था अब तक मैंने या वरुण ने एक शब्द भी नहीं कहा था माहोल ही इतना गरम हो चुका था और चारों ओर अँधेरा भी तो था ।
फिर वरुण मेरे पैरों के पास बैठ गया और मेरे पैर पर अपना एक हाथ रखकर बोला - " क्या अभी भी दर्द है ? " मैं धीमी आवाज मे वरुण के सवाल का जवाब दिया - " थोड़ा सा ।" वरुण ने एक बार मेरी ओर देखा फिर कमरे मे चारों ओर देखता हुआ बोला यहाँ कोई बाम है क्या ?" मैंने उसके सवाल के जवाब मे मेज के ड्रावर की ओर इशारा करते हुए कहा - " उसमे है एक । " वरुण बिस्तर से उठा और मेज के पास जाके उसके ड्रावर से बाम की एक छोटी शीशी लेके वापस बिस्तर पर मेरे पैरों के पास आकर बैठ गया । मेरे पैरों मे अभी-भी सैंडल थी वरुण ने धीरे मेरे पैर को पकड़कर उसकी सैंडल को निकालने लगा । सैंडल उसने वही नीचे फर्श पर फेंक दी और अपने हाथ की दो उँगलियों पर बाम लेकर उसे मेरे पैर पर धीरे-2 लगाने लगा । वरुण के हाथों का स्पर्श जैसे -2 मेरे पैरों पर हो रहा था आनंद और सुकून मे मेरी आँखे बंद होने लगी ।
वरुण के हाथ मेरे पैरों की मसाज कर रहे थे पर उसकी नजरे मेरे बदन पर ऊपर से नीचे तक घूम रही थी ,बीच-2 मे वरुण मेरे पैर को थोड़ा सा दबा देता जिससे मेरे जिस्म मे एक हल्की दर्द की लहर मचल जाती और मैं आँखे बंद कीये हुए एक हल्की सी आह .. भर देती , मेरे बदन मे अंदर-ही-अंदर एक मस्ती की तरंग दौड़ने लगी ,
मेरा बदन पूरा भीगा हुआ था पर फिर भी मुझे ठंड नहीं लग रही थी इसकी वजह ये थी के वरुण के हाथ और वो कामोत्तेजक माहौल मेरे जिस्म मे भरपूर गर्मी पैदा कर रहे थे वरुण मेरी हालत को अच्छे से समझ रहा था और वो इसका भरपूर मज़ा भी उठा रहा था , मेरी साड़ी गीली होकर मेरे जिस्म से चिपकी हुई थी जिसकी वजह से मेरे बूब्स पूरे आकार मे वरुण की आँखों के सामने थे जिन्हे वो बड़ी ही बेशर्मी के साथ लगातार घूर रहा था । थोड़ी देर पैर की मालिश करने ने बाद वरुण ने कहा - " अब दर्द कुछ कम हुआ क्या भाभी ? " मैं तो लगभग नशे मे मदहोश ही थी और ऐसे ही आँखे बंद कीये हुए मैंने कहा - " हम्म । "
और एक दूसरे के इतने करीब होने से हमारी साँसों की गरमी एक दूसरे के बदन को रोमांचित करने लगी । वरुण ने एक टक मेरी ओर देखते हुए कहा - " पैर मे दर्द है क्या भाभी ? " मैं कुछ बोल तो नहीं पाई बस उसके इस सवाल पर धीरे से हाँ मे गर्दन हिला दी । इसके बाद वरुण ने कोई सवाल नहीं पुछा , और अपने एक हाथ से मेरी कमर को मजबूती से पकड़ा और दूसरे हाथ को मेरी पीठ , कमर और नितम्बों पर फिराते हुए नीचे ले गया और एक झटके के साथ मुझे अपनी बाँहों मे उठा लिया ।
उस दिन मुझे वरुण के शरीर की ताकत का सही अंदाजा हुआ , उसने मुझे किसी फूल की तरह अपने ताकतवर हाथों मे उठा लिया । वरुण के गोद मे उठाते ही मेरी चूचियाँ उसकी छाती पर दब गई जिससे मेरी हल्की सी आह .. निकल गई जिसे दबाने के लिए मैंने वरुण से कहा - " आह .... वरुण ये क्या ....... "
मैंने इतना ही कहा था कि वरुण ने बीच मे ही मेरी बात काटते हुए कहा - " घबराइए मत भाभी , मुझ पर भरोसा रखिए । " वरुण का इतना कहना मेरे होंठों को सि देने के लिए बोहोत था , मैं चुप हो गई और वरुण मुझे गोद मे लिए हुए ही मेरे घर की तरफ बढ़ने लगा । बारिश मे भीगे हुए हमारे बदन आपस मे रगड़ खा रहे थे , वरुण के साथ अपनी इस हालत को देखकर मेरी दिल की धड़कने तेज होने लगी । वरुण चलते हुए भी मुझे ही देख रहा था और मैं अपनी नजरे नीची किये हुए उसकी गोद मे सिमटी हुई थी , मुझे इस बात का भी डर लग रहा कहीं कोई मुझे इस हालत मे वरुण के साथ देख ना ले । मैंने अपने आस-पास देखा तो वहाँ दूर -2 तक कोई नहीं था सब अपने घरों मे जा चुके थे, जल्दी ही हम भी घर पहुँच गए बारिश के आने की वजह से बिजली भी चली गई थी और पूरे घर मे अँधेरा हो रखा था । वरुण मुझे अपनी गोद मे उठाए हुए सीधे मेरे बेडरूम मे ले गया और धीरे से मुझे मेरे बेड पर लिटाया
इस दौरान वरुण मेरे चेहरे के काफी करीब आ गया इतने कि मैं उसकी साँसों की गरमाई अपने चेहरे पर महसूस कर पा रही थी जो मुझे भी मेरे होंठ खोलने के लिए मजबूर कर रही थी । वरुण की छातियों से रगड़ खाकर मेरी चूचियाँ थोड़े तनाव मे आ गई थी , मुझे लिटाकर वरुण ने धीरे से एक तकिया मेरे सिरहाने लगाया ।
मेरी नजर उसके चेहरे पर जमी हुई थी, मैंने कभी वरुण को इतने करीब से नहीं देखा था पर आज देखकर उसे देखते रहने का ही मन कर रहा था । वरुण मेरे बिस्तर के पास से हटा और दूर जाके खड़ा हो गया बारिश मे भीगा हुआ वो 19 साल का लड़का मुझ 28 साल की औरत को लुभा रहा था अब तक मैंने या वरुण ने एक शब्द भी नहीं कहा था माहोल ही इतना गरम हो चुका था और चारों ओर अँधेरा भी तो था ।
फिर वरुण मेरे पैरों के पास बैठ गया और मेरे पैर पर अपना एक हाथ रखकर बोला - " क्या अभी भी दर्द है ? " मैं धीमी आवाज मे वरुण के सवाल का जवाब दिया - " थोड़ा सा ।" वरुण ने एक बार मेरी ओर देखा फिर कमरे मे चारों ओर देखता हुआ बोला यहाँ कोई बाम है क्या ?" मैंने उसके सवाल के जवाब मे मेज के ड्रावर की ओर इशारा करते हुए कहा - " उसमे है एक । " वरुण बिस्तर से उठा और मेज के पास जाके उसके ड्रावर से बाम की एक छोटी शीशी लेके वापस बिस्तर पर मेरे पैरों के पास आकर बैठ गया । मेरे पैरों मे अभी-भी सैंडल थी वरुण ने धीरे मेरे पैर को पकड़कर उसकी सैंडल को निकालने लगा । सैंडल उसने वही नीचे फर्श पर फेंक दी और अपने हाथ की दो उँगलियों पर बाम लेकर उसे मेरे पैर पर धीरे-2 लगाने लगा । वरुण के हाथों का स्पर्श जैसे -2 मेरे पैरों पर हो रहा था आनंद और सुकून मे मेरी आँखे बंद होने लगी ।
वरुण के हाथ मेरे पैरों की मसाज कर रहे थे पर उसकी नजरे मेरे बदन पर ऊपर से नीचे तक घूम रही थी ,बीच-2 मे वरुण मेरे पैर को थोड़ा सा दबा देता जिससे मेरे जिस्म मे एक हल्की दर्द की लहर मचल जाती और मैं आँखे बंद कीये हुए एक हल्की सी आह .. भर देती , मेरे बदन मे अंदर-ही-अंदर एक मस्ती की तरंग दौड़ने लगी ,
मेरा बदन पूरा भीगा हुआ था पर फिर भी मुझे ठंड नहीं लग रही थी इसकी वजह ये थी के वरुण के हाथ और वो कामोत्तेजक माहौल मेरे जिस्म मे भरपूर गर्मी पैदा कर रहे थे वरुण मेरी हालत को अच्छे से समझ रहा था और वो इसका भरपूर मज़ा भी उठा रहा था , मेरी साड़ी गीली होकर मेरे जिस्म से चिपकी हुई थी जिसकी वजह से मेरे बूब्स पूरे आकार मे वरुण की आँखों के सामने थे जिन्हे वो बड़ी ही बेशर्मी के साथ लगातार घूर रहा था । थोड़ी देर पैर की मालिश करने ने बाद वरुण ने कहा - " अब दर्द कुछ कम हुआ क्या भाभी ? " मैं तो लगभग नशे मे मदहोश ही थी और ऐसे ही आँखे बंद कीये हुए मैंने कहा - " हम्म । "